Friday, June 30, 2017

बारिश के मौसम में क्या खाएं और क्या नहीं खाएं

तेज गर्मियों के मौसम के बाद हम मानसून के मौसम का स्वागत करते हैं। रिम झिम बारिश कितनी सुहानी लगती है लेकिन मानसून कुछ स्वास्थ्य समस्याओं को उत्पन्न करता है। बरसात के मौसम में हमारे शरीर में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक होती हैं क्योंकि मानसून हमारे शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति कम कर देता है। मानसून के कारण हमारा शरीर एलर्जी, संक्रमण, अपच जैसी समस्याओं से प्रभावित हो जाता है। इसलिए इस मौसम के दौरान हमें अपने शरीर को ऐसे रोगों से बचाना चाहिए। इस मौसम में वातावरण में आर्द्रता अधिक होती है जिसके परिणामस्वरूप शरीर में पाचन क्षमता कम हो जाती है। इसलिए इस मौसम में अधिक तेल युक्त भोजन, सड़क किनारे मिलने वाले भोजन और एक साथ बहुत अधिक मात्रा में पकाए हुए भोजन के सेवन से बचना चाहिए। ये अभी आपके पेट को खराब कर सकते हैं।

तो चलिए जानते हैं कि बारिश के मौसम में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए - 

मानसून के मौसम में नमी और गंदगी के कारण कई प्रकार के रोग पैदा होते हैं जैसे डेंगू, मलेरिया, नेत्रश्लेष्मलाशोथ, टाइफाइड, वायरल बुखार, निमोनिया, गैस्ट्रो आंतों की गड़बड़ी, दस्त और पेचिश आदि। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो आप इन रोगों से तुरंत ग्रसित हो जाते हैं। इसलिए इस मौसम में स्वस्थ आहार का सेवन करना बहुत जरूरी है नहीं तो गम्भीत बीमारियों से बचने के लिए आपको दवाओं का सहारा लेना पद सकता है। 



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क्या आप भी सदा जवान बने रहना चाहते हैं? तो ज़रूर अपनाएं ये नेचुरल डाइट प्लान

जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शरीर का स्वस्थ वजन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है क्योंकि शरीर की चयापचय हार्मोन सहित विभिन्न प्रक्रियाएं भी धीमा हो जाती है। हम जो भोजन करते हैं वह हमारे शरीर के प्रकार और त्वचा को बहुत प्रभावित करता है। इसलिए युवा दिखने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि आप प्राकृतिक भोजन खाएं। उदाहरण के लिए, यह एक तथ्य है कि मसालेदार भोजन अक्सर कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा होता है।

प्राकृतिक स्रोतों जैसे कि फलों, सब्जियां और नट्स में शक्तिशाली उम्र को कम करने वाले रसायन होते हैं जो आपकी त्वचा की उम्र को कम दिखाते हैं। नट और अखरोट फैटी एसिड का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं जो स्वस्थ सेल झिल्ली बनाए रखने के लिए ज़िम्मेदार हैं। ये बदले में आपके कोशिकाओं में प्रवेश करके विषाक्त पदार्थों को रोक सकते हैं। उम्र के साथ हमारी स्किन ड्राई हो जाती है और अपनी लोच खो देती है। इसलिए त्वचा को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक आहार का सेवन करें। तो आइए जानते हैं इसके बारे में -



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घाव को जल्दी भरने के लिए घरेलू उपचार - Home Remedies to Heal Wounds in Hindi

मामूली घाव एक प्रकार की चोट है जिसमें त्वचा कट, फट या छील जाती है। इसमें कट, खरोंच, चीरें, पंक्चर घाव, फटना, मामूली जलन और दबाने पर दर्द वाले फोड़े शामिल हैं। दुर्घटनाएं या चोटें इस प्रकार के घावों का सबसे आम कारण हैं। कुछ जोखिम कारक जो एक व्यक्ति को घावों से ग्रस्त होने की प्रत्याशा बढ़ा देते हैं, उनमें आयु, बीमारी, स्टेरॉयड का उपयोग, विकिरण व कीमोथेरेपी, मधुमेह और अत्यधिक धूम्रपान शामिल हैं। घावों के साथ होने वाले कुछ लक्षण रक्तस्राव, लालिमा, सूजन, जलन, मवाद, दर्द और सुकुमारता इत्यादि हैं। सभी घावों को संक्रमण से बचाने के लिए केयर किए जाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक उपचार से घर पर छोटे घावों को ठीक किया जा सकता है। लेकिन गंभीर, गहरे या संक्रमित घावों के लिए डॉक्टर की देखभाल की आवश्यकता होती है।
यहां छोटे घावों को ठीक करने के शीर्ष 10 तरीके दिए जा रहे हैं।



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मानसून में अच्छी सेहत के लिए टिप्स

मानसून आ चुका हैं और बारिश विशेष रूप से गर्मी के बाद बहुत बड़ी खुशी देती है। लेकिन मौसम के बदलने, भोजन और पानी के प्रदूषण और खड़े पानी में मच्छरों के प्रजनन के कारण मानसून भी कई बीमारियां लाता है। मानसून के दौरान कई लोग बीमार हो जाते हैं क्योंकि नम और गंदे हालात कीड़े और रोगजनक सूक्ष्म जीवों को एक अच्छा मौका देते हैं। डेंगूमलेरियाटाइफाइड, वायरल बुखार, सामान्य सर्दी, गैस्ट्रो-आंतों की गड़बड़ी जैसी बीमारियां उत्पन्न होने लगती है। तो आइये जानते हैं मानसून में बिमारियों से बचने के लिए किन सावधानियों को बरतना चाहिए -

  1. इस मौसम में भरपूर पानी पीना जारी रखें क्योंकि हर समय शरीर को हाइड्रेटेड रखना महत्वपूर्ण है। जल जनित रोगों को रोकने के लिए साफ पानी को उबाल कर पिएं।
  2. बाहर जाते समय अपना छाता और रेनकोट साथ लेकर जाएँ। (और पढ़ें - मानसून में कैसे करें त्वचा और बालों की देखभाल)
  3. बारिश में गीले होने से बचें।
  4. सोते समय पूरी बाजुओं की शर्ट, पैंट और मोजे पहनें।
  5. शरीर पर मच्छर से बचाने वाली क्रीम का प्रयोग करें।
  6. मानसून के दौरान कच्चे खाद्य पदार्थ खाने से बचें। इस सीजन में बिना पके फलों और सलाद से बचें, क्योंकि इस प्रकार के खाद्य पदार्थों में कीटाणु पाए जाने की संभावना बहुत अधिक होती है।
  7. सब्जियों और फलों के सेवन से पहले साफ पानी से धो लें। सभी फलों और सब्जियों, विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्जियों और फूलगोभी को धो लें क्योंकि इनमें कीड़े और लार्वा और सड़कों की बहुत अधिक धूल होती है।
  8. जब भी आप बारिश में गीले होते हैं तो घर पर वापस आने के बाद स्नान जरूर करें। यह हमारे शरीर के तापमान को सामान्य करने में मदद करता है।
  9. गर्म पानी या हर्बल चाय का सेवन करें। सर्दी और खाँसी से बचने के लिए अपने शरीर को सूखा और गर्म रखें।
  10. गीले बालों और नम कपड़े के साथ वातानुकूलित कमरे में प्रवेश न करें।
  11. अपने शरीर को गर्म रखें क्योंकि शरीर के तापमान ठंडा होने के बाद, वायरस शरीर पर आसानी से हमला कर सकते हैं।
  12. यदि आप अस्थमा और मधुमेह से पीड़ित हैं, तो गीली दीवारों के पास रहने से बचें क्योंकि यह अधिक हानिकारक हो सकता है जिससे कवक के विकास में वृद्धि हो सकती है।
  13. आपके भोजन में लहसुनकाली मिर्चअदरकहल्दीजीरा पाउडर और धनिया भी शामिल करें क्योंकि यह अपच समस्याओं को कम करने में मदद करता है और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।
  14. इस मौसम में मधुमेह के रोगियों के लिए विशेष रूप से सुझाव दिया जाता है कि गीली जूते या नंगे पाँव न चलें।
  15. दूध उत्पाद, नट्स और सोया उत्पादों को बढ़ाएं जो आपके बालों को प्राकृतिक रू से स्वस्थ रखते हैं।
  16. सामान्य स्वच्छता बनाए रखें और सड़क के किनारे से लेकर खाने से बचें क्योंकि इस प्रकार के भोजन आसानी से बैक्टीरिया और कवक से प्रभावित हो जाते हैं।
  17. अपने पैरों को ड्राई करें जब भी वे गीले हो जाते हैं।
  18. अपने बच्चों को स्थिर पानी या पानी से भरे गड्ढे के पास खेलने की अनुमति न दें।
  19. धूम्रपान न करें और शराब पीने से बचें क्योंकि इससे आपकी प्रतिरक्षा कम हो जाएगी।
  20. खाने से पहले और टॉयलेट से आने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धो लें।
  21. इस मौसम में ताजा भोजन खाना सबसे अच्छा होता है और फ्रिज से कोई भी खाना सीधा निकल कर न खाएं, पहले उसे गर्म करें फिर ही खाएं।
  22. दिन के समय सोने और बहुत अधिक शारीरिक व्यायाम करने से बचें, लेकिन फिट और स्वस्थ रहने के लिए अपने व्यायाम को नियमित करना न भूलें। (और पढ़ें - मानसून में होने वाली बीमारियां, लक्षण और सावधानियां)


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अगर हिप्स और जांघों स्लिम बनाना चाहते हैं तो करें ये आसन

स्लिम हिप्स और स्लिम जांघ हर महिला का सपना होता है पर दैनिक कामों से समय नहीं निकाल पाने के कारण वे जिम जाकर एक्सरसाइज करने का समय नहीं निकाल पाती हैं। आप के लिए भी शायद यह बात सच होगी। इसलिए हम आपको कुछ ऐसे योग अभ्यासों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आप घर में ही अपने हिप्स और जांघों की स्लिम बना सकते हैं।

 



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मानसून में कैसे करें त्वचा और बालों की देखभाल - How to Take Care of Skin and Hair in Monsoon in Hindi

मानसून के आते ही लोग खूब एन्जॉय करने लगते हैं लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि मानसून कई समस्याएं भी लेकर आता है। वैसे तो मानसून में हर जगह ताजगी दिखाई देती है लेकिन इसी मौसम में लोगों को त्वचा और बालों की कई तरह की परेशानियां होने लगती है।

इसके अलावा मानसून में होने वाले संक्रमणों की वजह से शरीर का प्रतिरोध स्वाभाविक रूप से कम हो जाता है। इनमें आम सर्दी, फ्लू, अपच की समस्याएं, पीलिया, खाँसी, पेचिश, टाइफाइड आदि शामिल होते हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने खाने पीने की अच्छे से देखभाल करें। आप एक्जिमा जैसे त्वचा रोग से भी प्रभावित हो सकते हैं। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही टिप्स के बारे में जो इस मानसून आपके बालों और त्वचा की देखभाल में मदद करेंगे।



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मानसून में होने वाली बीमारियां, लक्षण और सावधानियां

मानसून आते ही हर कोई खुश हो जाता है क्योंकि मानसून के आने से सबको गर्मी से राहत मिल जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मानसून का मौसम आपके स्वास्थ्य के लिए खतरा साबित हो सकता है क्योंकि बारिश के साथ कई प्रकार की बीमारियां भी आती है।



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Thursday, June 29, 2017

गर्दन में अकड़न से निजात के लिए करें ये उपाय - Home Remedies to get rid of stiff neck in hindi

गर्दन में अकड़न एक आम समस्या है। यह अक्सर तब होता है जब आप अजीब स्थिति में सोते हैं, किसी कंप्यूटर के सामने लंबे समय तक बैठते हैं या गलत शारीरिक स्थिति में बैठने के कारण मांसपेशियों में तनाव अथवा भारी वजन उठाने से कंधो पर दबाव पड़ता है। अन्य कारणों में चिंता और तनाव जो गले की मांसपेशियों में परेशानी पैदा करते हैं, आघात या चोट जो गर्दन को प्रभावित करें और रुमेटाइड आर्थराइटिस, दिमागी बुखार या कैंसर जैसी कुछ बीमारियों शामिल हैं। मुख्य लक्षण पीड़ा, दर्द और गर्दन को घुमाने में कठिनाई होती है, विशेषकर जब आप सिर साइड में घुमाने की कोशिश कर रहे होते हैं। कई बार, गर्दन की अकड़न सिरदर्द, कंधे की पीड़ा या बांह के दर्द का कारण हो सकती है। गर्दन में अकड़न आम तौर पर एक गंभीर चिकित्सा समस्या का संकेत नहीं है, लेकिन यह आपकी दैनिक गतिविधियों को बाधित कर सकती हैं और आपका सोना कठिन बना सकता हैं। नींद का अभाव चीजों को बदतर बना सकता है। यह समस्या आमतौर पर कुछ दिनों या एक सप्ताह के बाद ठीक हो जाती है। हालांकि, आप दर्द और अकड़न को कम करने के लिए कुछ सरल जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपचार का उपयोग कर सकते हैं। अगर आपकी स्थिति एक सप्ताह के भीतर बेहतर नहीं होती है या यदि यह तेज बुखार के साथ होती है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

यहाँ गर्दन में अकड़न के दर्द से छुटकारा पाने के शीर्ष 10 तरीके दिए गए हैं।



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अगर आप भी हैं अपने बढ़ते वजन से परेशान तो ये है वजन नियंत्रित करने का सरल समाधान

ज़्यादातर लोगों के लिए वज़न कम करने से ज़्यादा आसान वजन बढ़ाना हैं। भोजन का अधिक सेवन करने से हमारा वजन बढ़ सकता है लेकिन अस्वास्थ्य जंक फूड के सेवन से बढे वजन से हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि अधिकांश लोगों का वजन अधिक होता है और वो अपना वजन कम करना चाहते है। कुछ लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं क्योंकि उनका वजन बहुत कम होता है। पतले लोग जो अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं उन्हें सही तरीके से अपना वजन बढ़ाना चाहिए क्योंकि गलत तरीके से वजन बढ़ाने से वे घातक रोगों को आमंत्रित कर सकते हैं।

कम वजन वाले व्यक्तियों को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए जो त्वचा के नीचे और मांसपेशियों में वसा को बढ़ाने में मदद कर सके। उन्हें पेट में फैट बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए। सिर्फ आहार ही नहीं आपके जीवन शैली भी आपके पूरे स्वास्थ्य को निर्धारित करता है। (और पढ़ें – वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?)

तो चलिए जानते हैं आप कैसे स्वस्थ तरीके से अपने वजन को बढ़ा सकते हैं और इसे बनाए रख सकते हैं।



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असामान्य मासिक धर्म के लक्षण - Symptoms of Abnormal Periods in Hindi

पीरियड्स के बारे में महिलाओं से बात करना कठिन होता है, क्योंकि हमारे समाज में मासिक धर्म के बारे में बात करना एक निषेध विषय माना जाता है। लेकिन स्त्री स्वास्थ्य की समस्याओं के बारे में चर्चा करना आपके शरीर को बेहतर समझने और यह सुनिश्चित करने के लिए पहला कदम है कि आप पूरी तरह स्वस्थ हैं या नहीं।

उदाहरण के लिए, कई स्त्रियां वास्तव में पीरियड्स के लक्षणों के बीच अंतर को पूरी तरह से समझ नहीं पाती हैं कि ये लक्षण सामान्य है या असामान्य। जो एक गंभीर चिकित्सा समस्या का भी संकेत है। तो आइये जानते है कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में जिनसे यह पता लगता है कि आपके पीरियड्स सामान्य नहीं है -



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गर्मियों में त्वचा की देखभाल - Skin Care in Summer in Hindi

गर्म तापमान का मतलब है कि आपके लिए त्वचा देखभाल की नियमितता को बदलने का समय आ गया है। गर्मी आपकी त्वचा पर बहुत कठोर हो सकती है अगर आप अपनी अच्छे से देखभाल नहीं करते हैं। गर्मियों के शुरू होते ही त्वचा से जुडी कई तरह की समस्याएं शुरू हो जाती है। मुँहासे, स्किन रशेज़ और त्वचा का खुरदरापन इन दिनों आम हो जाता है। लेकिन आप रोजमर्रा के स्किनकेयर आहार में कुछ सरल बदलाव करके इन सब समस्याओं से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।



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चोट की सूजन का इलाज करें ये घरेलु उपचार - Home Remedies for Swelling due to Injury in Hindi

सड़क पर चलते हुए अचानक आपके टखने में मोच आ सकती हैं या भारी बैग उठाने की कोशिश करते हुए आपके हाथ को चोट लग सकती हैं। चोटों के इस तरह के उदाहरण बहुत हैं। हर तरह की सावधानियों के बावजूद चोट लगना बहुत आम हैं। बहुत बार, चोट वाली जगह पर अचानक दर्द और काफी तेजी से सूजन आ जाती हैं। सूजन शरीर को लगने वाली चोट की प्रतिक्रिया होती है और इसका सुरक्षात्मक मूल्य हैं। हालांकि, जब सूजन अत्यधिक होती है तो यह दर्द में बदल सकती हैं और अन्य जटिलताओं को जन्म देती हैं। आप तत्काल उपचार शुरू करके अत्यधिक सूजन को रोक सकते हैं। चोट के कारण सूजन को रोकने या कम करने के लिए कई प्राकृतिक उपचार का इस्तेमाल किया जा सकता हैं।

चोट से सूजन के लिए शीर्ष 10 घरेलु उपचार यहां दिए गए हैं।



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वजन घटाने के लिए अपनाएँ ये मजेदार लाइफस्टाइल टिप्स

कई लोग वजन कम करने के लिए कई तरह से कोशिश करते हैं। अच्छी बॉडी शेप पाने के लिए और स्वस्थ मानसिक और शारीरिक स्थिति को प्राप्त करने के लिए अच्छा आहार, एक्सरसाइज के साथ साथ टाइम मैनेजमेंट भी जरूरी होता है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे ही अद्धभुत तरीकों से वज़न कम करने के बारे में -



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Wednesday, June 28, 2017

आपके दिन के 10 मिनट आपके पेट की चर्बी को कर सकते हैं खत्म

चर्बी रहित पेट कौन नहीं चाहता है। इससे न केवल हम अत्युत्तम दीखते है बल्कि हम स्वस्थ भी रहते हैं। लेकिन लोगों का सवाल रहता है कि हम इसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं? सही व्यायाम और स्वस्थ आहार के माध्यम से हम चर्बी रहित पेट प्राप्त कर सकते हैं। इस वीडियो में विशेषज्ञ आपको फ्लैट एब्स और गढ़े हुए कंधों के लिए सर्वोत्तम अभ्यास करना शिखा रहे हैं। इस अभ्यास को आप सप्ताह में 10 मिनट के लिए 3-4 बार कर सकते हैं। शुरुआत में इसे 2 दिन के अंतराल पर करें और फिर एक सप्ताह में 3 से 4 बार कर सकते हैं। यदि आप इस अभ्यास के बाद मांसपेशियों में किसी भी तरह की तरह का दर्द या दिक्कत महसूस करते हैं तो एक से दो दिन आराम करें। हम आशा करते हैं कि यह वर्कआउट आपके फिटनेस और आत्मविश्वास को बढ़ाएगा और आपको आकर्षक दिखने में मदद करेगा।



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वजन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies for Weight Loss in Hindi

मोटापा आज की जीवन शैली की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है और यह पूरी दुनिया में एक महामारी की तरह फैल रहा है। स्वाद और सुस्त रहने की स्थिति के कारण, मोटापे से ग्रस्त होना और अधिक वजन सभी को प्रभावित कर रहा है।

वज़न के साथ मुख्य समस्या यह है कि यह न केवल व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता (किसी का मजाक बनाना) को प्रभावित करता है बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों के लिए एक कारण भी बनता है।



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गर्मियों में क्या खाना चाहिए और क्या खाना चाहिए

गर्मी का मौसम अपने साथ तेज धुप और गर्म माहौल लेकर आता है जिसके कारण हम स्वास्थ्य समस्याएं जैसे सूरज की क्षति, निर्जलीकरण, हीट स्ट्रोक और खराब पाचन से ग्रसित हो सकते हैं। यदि हम अपने आपको इन समस्याओं से मुक्त रखना चाहते हैं तो हमें अपने आहार में कुछ स्वस्थ विकल्प चुनने होंगे। गर्मियों के मौसम में बाजार में भरपूर मात्रा में ताजा, स्वादिष्ट और स्वस्थ फल और सब्जियां पाई जाती हैं। गर्मियों में मिलने वाले ये ताजा और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ ना केवल आपके शरीर को पोषण देते हैं बल्कि गर्मियों की अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से भी छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। 

तो चलिए जानते हैं ऐसे ही कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में जो गर्मियों की स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने में हमारी मदद करते हैं। 



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वजन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय - Ayurvedic Remedies for Weight Loss in Hindi

मोटापा आज जीवन शैली की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक है और यह पूरी दुनिया में एक महामारी की तरह फैल रहा है। स्वाद और सुस्त रहने की स्थिति के कारण, मोटापे से ग्रस्त होना और अधिक वजन सभी को प्रभावित कर रहा है।

वज़न के साथ मुख्य समस्या यह है कि यह न केवल व्यक्ति के आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता (किसी का मजाक बनाना) को प्रभावित करता है बल्कि कई अन्य गंभीर बीमारियों के लिए एक कारण भी बनता है।



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पीरियड्स मे क्या खाएं और क्या ना खाएं

किसी भी उम्र की महिला के लिए पीरियड्स का टाइम बहुत ही चुनौतीपूर्ण होता है। एक महिला मूड स्विंग्स से लेकर पेट में दर्द और ऐंठन तक सबकुछ सहन करती है। इसलिए इन दिनों आपको सॉफ सफाई के साथ साथ अपने ख़ान पॅयन का भी ध्यान रखना चाहिए। पीरियड्स के दौरान शरीरक कमज़ोरी महसूस होती है जिसके लिए ज़रूरी है पौशक तत्वों से भरपूर भोजन का सेवन करना। इसलिए ये हमेशा ध्यान रखें की आपको मासिक धर्म के समय किन खाड़ी पड़द्रतों का सेवन करना चाहिए और किनके उपयोग से बचना चाहिए।



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जलने पर करें ये घरेलू उपचार - Home Remedies for Burns in Hindi

मामूली जलन वह हैं जो त्वचा की केवल ऊपरी परतों को नुकसान पहुँचाती हैं, जिससे वह क्षेत्र लाल और दर्दनाक हो जाता है। उन्हें अक्सर पहली डिग्री का जलना या सतही जलने के रूप में जाना जाता है। वे गर्म तरल पदार्थ या वस्तुओं, भाप या तेज धुप के संपर्क के कारण हो सकते हैं। यदि समय पर इलाज नहीं किया जाता है तो मामूली जलने से दर्दनाक छाले विकसित हो सकते हैं। कई प्राकृतिक उपचार है जो इसका इलाज करके दर्द को कम कर सकते हैं। मामूली जलन कुछ दिनों के भीतर या तीन सप्ताह तक में आपको ठीक कर देती हैं।

यहाँ मामूली जलने के लिए शीर्ष 10 होम उपचार दिए जा रहे हैं जिनका उपयोग करके आप ऐसी जलन की पीड़ा से राहत पा सकते हैं।



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बाल सफ़ेद होने के कारण और रोकने के उपाय

हर कोई सुंदर, चमकदार और लंबे को पाना चाहता है। किसी व्यक्ति की खूबसूरती में बालों का भी योगदान होता है। लेकिन कई बार इस सुंदरता में सफेद बालों के कारण ग्रहण लग जाता है। बालों के सफ़ेद होने को बढ़ती उम्र से जोड़ा जाता हैं। बालों का उम्र से पहले सफ़ेद होना एक आम समस्या बन गया है। बालों के सफ़ेद होने के कारण हो सकते हैं जैसे कुछ दवाएं, पोषण तत्वो की कमी जैसे की विटामिन बी 12 की कमी होना और धुम्रपान भी बालों के सफ़ेद होने के कई कारणों में से एक हैं। तो आइये जानते हैं बालों के सफ़ेद होने के कारण और इनको सफ़ेद होने से कैसे रोका जाएँ।

बालों का सफ़ेद होना एक रासायनिक प्रक्रिया की वजह होता है जिसे मेलेनिन कहते हैं। मेलेनोसैट्स के कारण बालों को स्वाभाविक रूप से रंग दिया जाता है, यह एक मेलेनिन बनाने वाली कोशिका है जो आपकी त्वचा को भी अपना रंग देती है। जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है फॉलिकल में मेलेनोसाइट्स भी पहले से प्रभावी रूप से कार्य करना बंद कर देता है जिसके कारण आप "ग्रेइंग" के लक्षण देखना शुरू करते हैं।



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Tuesday, June 27, 2017

Test

test body



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सर्दियों के मौसम में जोड़ों के दर्द से हैं परेशान तो ये आयुर्वेदिक तेल करेंगे इसका समाधान

ज्यादातर सर्दियों में तापमान कम होने के कारण जोड़ों के दर्द सहित विभिन्न प्रकार की बिमारियों की समस्या होने लगती है। हालांकि इस स्थिति का इलाज करने के लिए बहुत सारी दवाइयां हैं। लेकिन दुष्प्रभावों के बिना आयुर्वेद में इन समस्याओं के लिए स्थायी इलाज है। तो चलिए जानते हैं सर्दियों के मौसम में दर्द से राहत पाने के लिए आप आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग कैसे कर सकते हैं।

सर्दियों के मौसम में हवा, ठंड और शुष्कता के कारण वात दोशा की विशेषताएं बढ़ जाती हैं। इसलिए मौसम के प्रभाव के कारण विशेष रूप से जोड़ों में वात दोष की गतिविधिया बढ़ जाती हैं। वात बढ़ने के कारण हमारे जोड़ों में स्नेहन तरल पदार्थ अवशोषित होता है। इससे जोड़ों में दर्द, कठोरता और सूजन की समस्या हो जाती है।

आयुर्वेदिक चिकित्सा उन ऊतकों से छुटकारा दिलाती है जो ऊतकों में एम्बेडेड होती हैं, और साथ ही साथ रक्त परिसंचरण के लिए द्रव्यमान में मदद भी करती है। यह दर्द को कम करने में भी मदद करती है। गर्म तेल मालिश शरीर के लिए सुखदायक और कायाकल्प होता है और वात दोष के कारण हुए असंतुलन को कम करने में सहायता करता है। (और पढ़ें – गठिया या संधि शोथ का आयुर्वेदिक इलाज)

तो चलिए जानते हैं कौन से आयुर्वेदिक तेल हैं जो जोड़ों के दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।

धन्वंतराम एक आयुर्वेदिक तेल जो शरीर में अतिरिक्त वात के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद करता है। यह रयूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis), अस्थिसंध्यार्ति या ऑस्टियो आर्थराइटिस (Osteoarthritis), स्पोंडिलोसिस (Spondilitis),  सिरदर्द और न्यूरो-पेशी की समस्याओं में भी मदद करता है। यह तेल बाला, यवा, कोला और कुलथा जैसी जड़ी बूटियों के संयोजन से बना है। इसका इस्तेमाल प्रतिदिन किया जा सकता है।

कोट्टम चुक्कड़ी तेल किसी व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक वात के कारण होने वाले बीमारियों के इलाज के लिए भी प्रयोग किया जाता है। यह मुख्य रूप से जोड़ों में दर्द और सूजन को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है और विशेष रूप से कटिस्नायुशूल (पीठ के निचले हिस्से), गठिया और स्पोंडिलोसिस से पीड़ित लोगों के लिए उपयोगी है। यह तेल अदरक, वासंबू, लहसुन, मारीआआ, सरसों, तिल का तेल, दही और इमली का रस जैसे सामग्री से बना है। यह तेल नियमित रूप से इस्तेमाल करने पर लम्बे समय तक राहत देने में मदद करता है।

पेंदा थाईलाम एक ठंडा तेल है जिसे आमतौर पर गठिया संबंधी विकारों के लिए बनाया गया है। यह जोड़ों में दर्द और सूजन से राहत देने के लिए अत्यंत प्रभावी है । विशेषकर इसे पित्त के उच्च स्तर वाले लोगों के लिए बनाया गया है। यह तेल हड्डियों के क्षरण को कम करने तथा गठिया और जोड़ों के रोगों की प्रगति को धीमा करने में मदद करता है।

वालिया नारायण तेल विलवा, अस्वगंधा, बृहती और तिल के बीज को मिला कर बनाया जाता है। यह तेल गठिया (Arthritis) के कारण जोड़ों के दर्द से राहत प्रदान करने में मदद करता है। यह शरीर में वात और पित्त के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। साथ ही यह आंखों और तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकारों के इलाज में भी उपयोगी है।



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कमर दर्द के लिए योगासन - Yoga Asanas for Back Pain in Hindi

आजकल पीठ दर्द की समस्या बहुत ही आम और बढ़ती जा रही है। यह समस्या किसी को भी किसी भी उम्र में हो सकती है। वास्तव में इसके पीछे का मुख्य कारण मांसपेशियों में तनाव और जोड़ों में खिंचाव होना है। इसके अतिरिक्त अधिक वजन बढ़ना, रॉंग सीटिंग पोस्चर और शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। कुछ लोगों को कमर दर्द केवल अस्थायी रूप से होता है जबकि कुछ लोगों को बहुत परेशान कर देता है।

कुछ गंभीर मामलों में, मेडिकल अटेंशन आवश्यक हो सकता है, लेकिन यदि आपका दर्द कम गंभीर है तो आप कुछ योगासन अपनाकर अपनी पीठ को मजबूत, स्ट्रेचिंग और रीढ़ और नसों के संचलन में सुधार करने में मदद कर सकते हैं। तो आइये जानते है कुछ ऐसे ही योग पोस्चर्स के बारे में -



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गर्मियों की समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाएं आम का रायता रेसिपी

यदि आप गर्मियों से परेशान हैं और आइस क्रीम या ठंडे पेय का सेवन नहीं करना चाहते हैं तो यहां एक नया आम रायचा नुस्खा आपके लिए बहुत ही फायदेमंद हो सकता है। आम स्वादिष्ट होने के अलावा पोषक तत्वों से भरा हुआ है। गर्मी के स्ट्रोक को रोकने और थकावट को दूर करने में आम बहुत प्रभावी होता है। यदि आप विटामिन सी की कमी से पीड़ित हैं या आपके आहार में विटामिन ए की कमी है तो इन विटामिन की आवश्यकता को स्वाभाविक रूप से पूरा करने के लिए आपको आम खाना चाहिए। इसके साथ दही भी आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है क्योंकि ये विटामिन और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो गर्मी के दौरान अल्सर, एलर्जी और गर्मी के फोड़े को शांत करने में मदद करता है। (और पढ़ें – इन गर्मियों की सब्जियां का सेवन बचाएगा शरीर को हीट स्ट्रोक से)

सामग्री -

डेढ़ कप ताजा दही
डेढ़ कप आम के टुकड़े 
एक चौथाई छोटा चम्मच इलायची पाउडर

विधि -

सबसे पहले एक बड़ी कटोरी लें। अब इस कटोरी में दही और इलायची पाउडर को डाल कर अच्छी तरह मिला लें। अब आम को डाल कर अच्छी तरह मिला लें। अब आप इसे कम से कम 30 मिनट के लिए फ्रिज में रखें और ठंडा करें।  (और पढ़ें - गर्मी में लू से बचने के आसान उपाय)



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क्या आप भी हैं बदलते मौसम में जोड़ों में दर्द के शिकार तो अपनाएँ ये आसान से कुछ सुझाव

क्या आपके जोड़ों ने मौसम की भविष्यवाणी की है? सामान्य तौर पर यह बरसात और ठंड के दिनों में होता हैं। कई लोगों के साथ जो किसी भी तरह की परेशानी के बिना काम कर रहे होंगे, एक दिन बिना कुछ खास कारणों से जोड़ो में दर्द और परेशानी शुरू हो जाती हैं। आमतौर पर, यह मौसम के पैटर्न में बदलाव के साथ जुड़ा होता हैं। हालाँकि, कई लोगों का मानना ​​है कि मौसम जोड़ों को प्रभावित कर सकता हैं, किन्तु साइंस में अभी भी इसको लेकर पूरी तरह आत्मविश्वास नहीं हैं कि क्या मौसम सचमुच जोड़ो के दर्द को प्रभावित करता है?



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ये फेस पैक सफ़ेद दानों (व्हाइटहेड्स) को दूर कर लाएंगे चेहरे पर एक अद्धभुत चमक

व्हाइटहेड्स (चेहरे पर सफ़ेद दाने) तैलीय और कॉम्बिनेशन त्वचा वाले लोगों के लिए एक आम त्वचा समस्या है। अपने चेहरे को दैनिक रूप से क्लींजिंग करें इससे आपको व्हाइटहेड्स से छुटकारा मिलेगा। यहाँ कुछ प्राकृतिक फेसपैक हैं जो आप व्हाइटहेड्स से छुटकारा पाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।



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ये फेस पैक सफ़ेद दानों को दूर कर लाएंगे चेहरे पर एक अद्धभुत चमक

व्हाइटहेड्स (चेहरे पर सफ़ेद दाने) तैलीय और कॉम्बिनेशन त्वचा वाले लोगों के लिए एक आम त्वचा समस्या है। अपने चेहरे को दैनिक रूप से क्लींजिंग करें इससे आपको व्हाइटहेड्स से छुटकारा मिलेगा। यहाँ कुछ प्राकृतिक फेसपैक हैं जो आप व्हाइटहेड्स से छुटकारा पाने के लिए उपयोग कर सकते हैं।



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अगर करना है वजन को कम तो कीजिए शुरुआत इस आसान कार्डियो एक्सरसाइज से

यदि आप बिगिनर हैं, तो उच्च-प्रभाव वाले वर्कआउट करना आपके के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। इस सरल, त्वरित और कुशल कार्डियो रूटीन को अपने वर्कआउट में शामिल करना एक साथ आपके शरीर के कई मांसपेशियों को टारगेट करेगा और कैलोरी को जलाएगा। इसके अलावा, यह वर्कआउट आपके चयापचय को बढ़ावा देगा। यह आपके शरीर को ढीला करने में भी मदद करेगा और यह तनाव और चिंता को छोड़ने का एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। यदि आप वर्कआउट के साथ बहुत सहज महसूस करते हैं, तो आप हमेशा इसकी तीव्रता (intensity) को अधिक कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं लो इम्पैक्ट वर्कआउट कैसे किया जाता है।

यह बिगिनर्स के लिए रूल नंबर 1 है। कभी भी, वार्म अप के बिना व्यायाम ना शुरू करें। वार्म अप शरीर को शारीरिक और मनोवैज्ञानिक एक्सरसाइज के लिए तैयार करता है, विभिन्न मांसपेशियों के रक्त के संचलन को बढ़ाता है और लचीलेपन में सुधार करता है जिससे घायल हो जाने की संभावना को कम होती है। यह इन गतिविधियों के लिए आपके दिल को भी तैयार करता है और आपके रक्तचाप को अचानक बढ़ने से रोकता है। सेलिब्रिटी फिटनेस ट्रेनर रमोना ब्रागांजा इससे सहमत हैं कि 'कसरत से पहले वार्मिंग अप महत्वपूर्ण है यह शरीर को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से तैयार करता है, दिल की गति को बढ़ाता है, मांसपेशियों के लिए कार्य करता है। जबकि वार्मिंग अप न करने के खतरों में गतिविधि के दौरान सीमित गति शामिल होती है जिससे चोट लग सकती है। जब मांसपेशियों को ठंडा होती है और लचीली नहीं होती हैं तो उनकी गति सीमित होती है। इसलिए कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले वार्मअप बहुत जरूरी होता है। (और पढ़ें - कार्डियो या वेट ट्रेनिंग – क्या है वजन कम करने का बेहतर तरीका?)



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जल्दी प्रेग्नेंट होने के टिप्स – Tips to Get Pregnant Fast and Easily in Hindi

मां बनना हर एक महिला का सपना होता है। कई महिलाएं तो आसानी से मां बन जाती हैं लेकिन कुछ महिलाओं के लिए मां बनना एक सपना हो जाता है। कुछ महिलाओं को मां बनने में दिक्‍कत नहीं होती है, जबकि कुछ को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।अगर आपको भी गर्भवती होने में किसी प्रकार की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आप भी इन टिप्स पर ध्यान दे सकती हैं।



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Monday, June 26, 2017

ज्यादा खाना खाने के नुकसान - Side Effects Of Overeating In Hindi

आपने अपने जन्मदिन या दोस्त की शादी को कैसे सेलिब्रेट करते हैं? इसके लिए चाहे आप सारी रात पार्टी करते हैं या अपने परिवार या दोस्तों के साथ एक सुखद शाम का आनंद लेते हैं। चाहे कोई भी सेलेब्रेशन्स हो बिना भोजन के तो कभी पूरी ही नहीं हो सकती है। हमारा कोई भी सेलेब्रेशन्स बिना स्वादिष्ट भोजन के अधूरा है। लेकिन शादी या पार्टी में बहुत अधिक भोजन और पेय पदार्थ होते हैं और हम उत्साह में जितनी हमें जरूरत है उस से कही अधिक भोजन का सेवन कर लेते हैं। सरल शब्दों में, आप जितनी कैलोरी खर्च करते हैं उससे अधिक कैलोरी का सेवन कर लेते हैं। जब आप खाने पर नियंत्रण खो कर अधिक मात्रा में खाते हैं तो उसे ठूस ठूस कर खा जाता है। जब आप कम समय में बहुत अधिक शराब का सेवन करते हैं, बेकाबू हो कर खाना कपुलसीवे ओवरईटिंग डिसऑर्डर (compulsive overeating disorder) का लक्षण हो सकता है। तो चलिए जानते हैं अधिक भोजन करने से क्या नुकसान हो सकता हैं।



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दालचीनी दूध के फायदे – Cinnamon (Dalchini) Milk Benefits in Hindi

दालचीनी न केवल अविश्वसनीय स्वाद देती हैं, बल्कि इसमें जीवाणुरोधी, एंटीवायरल और एंटिफंगल गुण भी हैं। दूध के साथ इस अविश्वसनीय मसाले को मिलाकर एक अद्भुत औषधि तैयार की जा सकती हैं, जो कई रोगों का इलाज कर सकती हैं और आप बेहतर नींद लें सकते हैं और आराम कर सकते हैं। दालचीनी दूध वास्तव में सबसे अच्छा पेय हैं जो आप कभी भी पी सकते हैं क्योंकि इसमें कई स्वास्थ्य और सौंदर्य लाभ हैं।



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स्तनपान से जुड़ी समस्याएं और उनके समाधान

अक्सर यह माना जाता है कि स्तनपान नई माताओं और शिशुओं में स्वाभाविक रूप से आता है। लेकिन क्या आप विश्वास कर सकते हैं कि कई नए माताओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग कठिन हो सकती है। स्तनपान से जुड़ी समस्याएं न केवल बच्चे को प्रभावित करती है, बल्कि इससे माता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। तो आइये जानते हैं नई माताओं में स्तनपान से जुड़े कुछ सामान्य कारणों और उनके उपायों के बारे में -



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वजन कम करने के लिए कैसे करें खाने की मात्रा को नियंत्रित - Portion Control Tips for Weight Loss in Hindi

आप कितनी बार सुपरमार्केट या किसी जंक फूड रेस्टुरेंट पर जाते हैं और फ्राइज़ या सॉफ्ट ड्रिंक के बड़े पैक के विकल्प को चुनते हैं क्योंकि छोटे और बड़े साइज की कीमत के बीच का अंतर बहुत ज्यादा नहीं है? या आप सामान्य की बजाय पॉप कॉर्न का एक बड़ा टब खरीदते हैं क्योंकि उसमें आपको पैसो की बचत होती हैं? यदि आपको लगता है कि आप भी ऐसा करते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि कुछ रुपये बचाने के प्रयास में, आप वास्तव में अपने स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पंहुचा रहे हैं।

यह आपके खाने की मात्रा को नियंत्रित करने का समय है यदि आप लंबे समय तक स्वस्थ रहना चाहते हैं। हम सभी की अलग-अलग कैलोरिफिक आवश्यकताएं है। यह हमारी उम्र, लिंग, वजन, ऊंचाई, गतिविधि स्तर आदि पर निर्भर करता है। पोरशन साइज सर्विंग साइज से अलग होता है। पोरशन साइज भोजन की मात्रा होती है जिसे आप अपनी प्लेट में खाने के लिए डालते हैं। अपने खाने के हिस्से पर नियंत्रित करने से आपको अपनी वजन की समस्या को प्रबंधित करने और स्वस्थ शरीर को प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी। तो आइये जानते हैं खाने की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए किन टिप्स और ट्रिक्स का पालन करना चाहिए -



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Sunday, June 25, 2017

हनुमान फल के फायदे और नुकसान - Hanuman Phal (Soursop) Benefits and Side Effects in Hindi

हनुमान फल / लक्ष्मण फल / ग्राविओला जैसे नामों से जाना जाने वाला यह फल मैक्सिको, कैरिबियन और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एनोना मूरिकाटा (Annona Muricata) हैं। इस फल का स्वाद स्ट्रॉबेरी और अनानास का एक स्वादिष्ट संयोजन है और दुनिया के इन हिस्सों में बहुत लोकप्रिय हैं। अफ्रीका और कभी-कभी दक्षिण-पूर्वी एशिया में और यहां तक ​​कि फ्लोरिडा में भी इसकी खेती की जाती हैं। यह फल Annona फेमिली के अन्य फलों जैसे सीताफल, रामफल इत्यादि जैसा ही फल हैं और इस फेमिली में सबसे बड़े फलों में से एक हैं। इस फल के मुलायम पल्प और फाइबर का उपयोग पेय पदार्थ, डेसर्ट, शक्कर और कैंडी बनाने के लिए तथा साथ ही दुनिया के कई हिस्सों में प्रचलित पारंपरिक चिकित्सा उपचारों में भी किया जाता हैं।

स्वादिष्ट होने के साथ साथ इस फल में काफी मात्रा में विटामिन और पोषक तत्व पाए जाते हैं, प्रमुख रूप से विटामिन सी, विटामिन बी और कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक इत्यादि। इस फल के रस का उपयोग शरीर पर लगाने के लिए किया जाता हैं, जबकि इसके बीज का उपयोग पीस कर तथा इसकी पत्तियों का उपयोग काढ़ा बनाकर प्राकृतिक उपचार के लिए किया जाता हैं। इसके बीज और पत्तियों को एक साथ उपयोग करके आप एक स्ट्रांग चाय भी बना सकते हैं, जिसके हमारे शरीर में कई बेहतरीन लाभ होते हैं।



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Saturday, June 24, 2017

डायरी लिखने के फायदे - Psychological Benefits of Diary Writing In hindi

जब हम अपनी दुविधाओं के बारे में डायरी में लिखते है तो यह हमें समानार्थक बनाता है। हालांकि हम में से बहुत से लोग इस आदत को छोड़ देते हैं क्योंकि हम वयस्कता में इसे आसान समझते हैं। पर डायरी लिखने के बहुत सारे फायदें है। इसे जर्नलिंग भी कहा जाता है। 

तो चलिए जानते हैं डायरी लिखना किस तरह हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है 



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मेयोनेज़ का स्वाद लगता तो है बड़ा अच्छा लेकिन स्वास्थ्य के लिए बन सकता खतरा

शायद आपको पता होगा कि मेयोनेज़ बिल्कुल स्वस्थ ड्रेसिंग नहीं है लेकिन शायद आपको यह पता नहीं होगा कि इसमें वसा और अन्य हानिकारक पोषक तत्व कितने अधिक होते हैं। यदि आप अपने आहार से मेयोनेज़ को पूरी तरह नहीं छोड़ना चाहते हैं तो आप कम वसा वाले मेयोनेज़ का अपने आहार में उपयोग कर सकते है जो आपके लिए थोड़ा कम अस्वस्थ हैं। लेकिन आपको इसका सेवन जितना संभव हो उतना कम करना चाहिए। 

लेकिन फिर भी मन में एक सवाल है क्या मेयोनेज़ वाकई में एक अस्वस्थ खाद्य पदार्थ है? अंडे, तेल, और सिरके से बने इस मसाले में कुछ तो अच्छा होगा। मेयोनेज़ में लगभग 80 प्रतिशत वनस्पति तेल होता है। इसका मतलब यह है कि इसमें 80 प्रतिशत शुद्ध वसा होता है। 100 ग्राम मेयोनेज़ में लगभग 700 कैलोरी होती है। यानि एक चम्मच मेयोनेज़ में लगभग 90 कैलोरी। मेयोनेज़ कुछ पॉलीअनसेचुरेटेड वसा और मोनोनसस्यूटेटेड वसा के साथ संतृप्त वसा और ट्रांस वसा का मिश्रण है। इसमें पोटेशियम के साथ कोलेस्ट्रॉल और सोडियम भी पाया जाता है। पर सबसे अच्छी बात है कि इसमें विटामिन ई और विटामिन K पाया जाता है जो हमारे त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट है जो हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनता है। इसमें मौजूद विटामिन K हड्डियों को मजबूत बनाने और रक्त जमावट (blood coagulation) के लिए आवश्यक है। पर इसके बावजूद भी यह हमारे स्वस्थ के लिए हानिकारक होता है।    

तो चलिए जानते हैं मेयोनेज़ क्यों एक अस्वस्थ खाद्य पदार्थ है -



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अगर आपको भी हैं बालों को बार बार रंगने का शौक तो हो जाएँ सावधान क्योंकि इससे हो सकते हैं ये नुकसान

आजकल ब्राइट रेड, हॉट पिंक और ब्लू कलर का रुझान है जो कपड़े के मुकाबले लोगों के बालों पर ज्यादा दिखाई देते हैं। अपने बालों को डाई करना कोई नई चीज नहीं है, क्योंकि आपने देखा भी होगा कि कैसे आपकी माँ और दादी माँ अपने सफ़ेद बालों को कवर करने के लिए काले रंग की डाई का उपयोग करती थी। अब सिर्फ इतना है कि इस्तेमाल किए गए रंगों की टाइप और गुणवत्ता समय के साथ बदल गई है। हालांकि, नए रंग परंपरागत बालों की डाई से सुरक्षित है लेकिन इन रासायनिक रंगों का अधिक उपयोग आपके बालों को गलत तरीके से प्रभावित करता है और आपको कई प्रकार की त्वचा की गंभीर समस्या हो सकती है।



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डांस एक कला ही नहीं बल्कि आपकी हेल्थ को बनाएं रखने का एक शानदार तरीका भी हैं

डांस मूवमेंट एक्सरसाइज का एक चिकित्सीय रूप है जो न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत बढ़िया है बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छा है। संगीत खुद भी बहुत शक्तिशाली हो सकता है। यह यादों और अन्य भावनात्मक अनुभवों को ट्रिगर करके हमारे मूड और हमारी दशा को प्रभावित कर सकता है। जब डांस या किसी भी मूवमेंट को म्यूजिक के साथ सेट किया जाता है तो यह तनाव से मुक्त, आनंददायक कर सकता है। कभी-कभी उन लोगों के उपचार में मदद कर सकता है जिनके मस्तिष्क में एंडोर्फिन की वृद्धि या रिलीज़ होता है। विशेष जरूरतों वाले व्यक्तियों का इलाज करने के लिए कई लाभ होते हैं। तो आइये जानते है डांस थेरेपी से होने वाले लाभों के बारे में -



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फिटनेस गुरु मिक्की मेहता के इन टिप्स को अपनाएँ, अपने बढ़ते वजन को आप करें गुड बाय

फिटनेस गुरु मिक्की मेहता का हेल्थ और फिटनेस को लेकर 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है। और उन्होंने शशि रूइया और कुमार मंगलम बिरला जैसे उद्योगपतियों से लेकर प्रियंका चोपड़ा, प्रीति जिंटा, बिपाशा बसु, लारा दत्ता जैसी कई बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ काम किया है। आज वो वजन को कम करने के लिए कर रहे हैं डाइट और एक्सरसाइज के रहस्यों का खुलासा। तो आइये जानते हैं उनके द्वारा बताए गये इन टिप्स के बारे में -



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Friday, June 23, 2017

आंवला तेल के फायदे, नुकसान और बनाने की विधि - Amla Oil Benefits, Side Effects and How to Make in Hindi

आंवला को इंडियन गूस्बिरी (Indian Gooseberry) के नाम से जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम फाइलैन्थस एम्बलिका (Phyllanthus emblica) है। आवंले के पेड़ की खेती पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में की जाती है, लेकिन अब इससे बने उत्पाद (आंवले का मुरब्बा, तेल, अचार आदि) दुनिया भर में फैल हुए हैं। यह पौधे व्यापक रूप से आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग किया जाता है। आंवले का तेल को आंवले के फल से निकाला जाता है। आंवले का तेल मुख्य रूप से बालों की चमक, सुंदरता और रूसी से छुटकारे के साथ साथ त्वचा के लिए भी किया जाता है।

आँवला तेल में विटामिन सी, पॉलीफेनिक यौगिक और टैनिन की उच्च सामग्री पाई जाती हैं जो न केवल बालों और त्वचा के लिए बल्कि शरीर के बाकी हिस्सों के लिए भी लाभकारी होती है। इसे व्यापक रूप से एक इलाज के रूप में भी प्रयोग किया जाता है और विभिन्न बीमारियों पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। तो आइए जाने आँवला तेल के लाभों के बारे में -



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चावल की भूसी के तेल के फायदे और नुकसान - Rice Bran Oil Benefits And Side Effects In Hindi

चावल की भूसी का तेल तेजी से लोकप्रिय होने वाला वनस्पति तेल है जो कई फायदे प्रदान करता है। चावल सबसे व्यापक रूप से उपलब्ध और लोकप्रिय खाद्य पदार्थों में से एक है। चावल की भूसी का तेल रोगाणु (germ) और चावल के गुठलियों या गुद्दे के भूसे से निकाला जाता है। It has a very high smoke point  वजह है कि इसका उपयोग उच्च तापमान पर खाना बनाने जैसी स्तिर फ्राइंग और डीप फ्राइंग (stir frying and deep frying) में किया जाता है। चावल की भूसी का तेल मूंगफली के तेल की तरह ही होता है लेकिन मूंगफली के तेल की तुलना में इसके कुछ फायदे हैं।

चावल की भूसी का तेल एशियाई कल्चर्स में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है जिसमें जापान और चीन शामिल हैं। क्योंकि यह के व्यंजनों में चावल एक प्रमुख भोजन है। हालांकि इसके स्वास्थ्य लाभ और कम मूल्य के कारण दुनिया के दूसरे हिस्सों में भी इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। 

इस तेल में विटामिन ई, संतुलित फैटी एसिड, एंटीऑक्सीडेंट क्षमता होने के साथ साथ कोलेस्ट्रॉल बहुत कम होता है। तो आइए जानते हैं चावल की भूसी के तेल के कुछ स्वास्थ्य लाभों के बारे में -



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अगर आप भी हैं मासिक धर्म से जुड़ी कुछ जरूरी बातों से अनजान तो ये हाइजीन टिप्स आएँगे आपके काम

हम में से आज भी ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स से जुडी कई जरूरी बातों से अनजान हैं। जबकि कुछ महिलाओं को इस विषय पर बात करने में भी असहज महसूस होता है जिसके कारण मासिक धर्म स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं देती है। लेकिन अगर स्वच्छता की ओर ध्यान नहीं दिया जाएँ तो ऐसे में कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं। कई बार हम पूरे दिन के लिए एक ही नैपकिन का उपयोग करते हैं। जबकि आज भी कुछ महिलाएं पीरियड्स के दौरान इस्तेमाल किए हुए कपड़े को दोबारा उपयोग करती हैं। पीरियड्स में महिलाओं को कई चीजों से दूर रखा जाता है जिससे वे स्वच्छता की और ध्यान नहीं दे पाती हैं। इसका मुख्य कारण है कि कई जगहों पर पीरियड्स के दौरान महिअलों को अपवित्र माना जाता है। तो आइये जानते हैं मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता बनाए रखने के के लिए इन टिप्स के बारे में -



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फिटनेस और फिगर बनाए रखने के लिए साउथ ब्यूटी काजल अग्रवाल के ये टिप्स आएँगे बड़े काम

काजल अग्रवाल एक भारतीय अभिनेत्री हैं। इनका का जन्म 19 जून 1985 को मुंबई में हुआ था। काजल अग्रवाल दक्षिण भारतीय फिल्मों में बहुत प्रसिद्ध हैं और तमिल और तेलुगू में कई फिल्में कर चुकी हैं। उनकी पहली बॉलीवुड फिल्म "क्यों हो गया ना" थी लेकिन बॉलीवुड में सही पहचान मिली अजय देवगन के साथ आई फिल्म "सिंघम" फिल्म से। काजल बॉलीवुड की बजाए साउथ इंडियन फिल्मों में अधिक सक्रिय रहती हैं। काजल ने अपने करियर में अभी तक 40 से अधिक फिल्मों में काम किया है। जिसमें कुछ बॉलीवुड फ़िल्में भी शामिल है। इन्हें साउथ फिल्मों की सबसे हॉट और फिट सेलिब्रिटी के रूप में जाना जाता है। काजल अपनी सुंदरता और फिटनेस को लेकर बहुत ही सक्रिय रहती हैं। काजल के अनुसार फिगर को मेंटेन रखने के लिए वर्कआउट और पौष्टिक आहार का सेवन बहुत ही जरुरी होता है। तो आइए जानते हैं काजल के सौंदर्य और फिटनेस रहस्यों के बारे में –



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ब्रेस्ट पम्पिंग से जुड़ें कुछ मिथक

जो मां अपने बच्चे को स्तनपान कराना चाहती हैं लेकिन नौकरी या काम से बाहर जाना पड़ता है उनके लिए ब्रेस्ट पम्पिंग एक वरदान है। आप अपने बच्चे के लिए दूध पंप और स्टोर कर सकती है जिससे आपका बच्चा आराम से फीड कर सकता है बेशक आप कहीं दूर ही क्यों न हों। लेकिन इसके विभिन्न लाभों के बावजूद ब्रेस्ट पम्पिंग का बहुत अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। क्योंकि इसके उपयोग के बारे में अभी भी जागरूकता की कमी है और इसका मुख्य कारण है चारों ओर फैले कुछ मिथक। तो आइए जानते हैं इन मिथकों के बारे में -

बोतल युक्त ब्रेस्ट मिल्क पीने से बच्चे को पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं मिलते हैं

कुछ महिलाओं को लगता है कि बच्चे द्वारा बोतल युक्त ब्रेस्ट मिल्क को पीने से बच्चे को पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं मिलते हैं। जब शिशु स्तनपान करता है तो उसकी लार माँ की त्वचा के संपर्क में आती है। यह बच्चे से मां के लिए रोगाणुओं को स्थानांतरित करता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो स्तन के दूध में एंटीबॉडी बनाने में मदद करती है और बच्चे की प्रतिरक्षा को बढ़ाती है। लेकिन जब आप ब्रेस्ट मिल्क को बोतल से पिलाती है तो आप त्वचा से त्वचा के संपर्क के फायदे से बाहर निकल जाते हैं। हालांकि, स्तनपान कराने के अलावा त्वचा से त्वचा के संबंध के कई तरीके हैं जैसे कडलिंग, गले लगाना, चुंबन यह भी मां के शरीर की जरूरतों को पूरा करने और उसके लाभ के लिए स्तन के दूध में एंटीबॉडी तैयार करने में मदद करता है।

स्टोर ब्रेस्ट मिल्क माँ के दूध के समान ताजा नहीं हो सकता है

कुछ लोगों को लगता है कि स्टोर किया गया ब्रेस्ट मिल्क माँ के दूध जितना ताजा नहीं हो सकता है। प्राकृतिक नर्सिंग और बोतल से पिलाये गए दूध के बीच अंतर है। पंप किए गए दूध को स्टोर करने के लिए  माता को सावधानी बरतने की ज़रूरत है। कुछ सावधानियां जैसे कि स्टेरलाइज़ गिलास या बीपीए मुक्त बोतल का उपयोग करने से कन्टैमनैशन (contamination) की संभावना कम हो सकती है। इसके अलावा, कमरे के तापमान पर पंप किए गए दूध को बहुत लंबे समय तक रखना उचित नहीं है। ठंडे वातावरण में, आप इसे कमरे के तापमान पर चार से पांच घंटे तक रख सकते हैं और गर्म और आर्द्र जलवायु में, दो से तीन घंटे तक। यदि आप इसे लंबे समय तक स्टोर करने की योजना बनाते हैं, तो इसे ठण्डा करें और शेल्फ के पीछे रखें। दरवाजे में या अलमारियों के सामने पंप किए दूध को न रखें। इसका उपयोग करने से पहले दूध को कमरे के तापमान पर रखें या कुछ मिनट के लिए गुनगुने पानी के कटोरे में दूध की एक ठंड बोतल को डुबो सकते हैं। कभी भी ब्रेस्ट मिल्क को गर्म या माइक्रोवेव न करें। इन छोटी चीजों के बाद दूध को ताजा रखने और इसके अधिकांश पोषक तत्वों को संरक्षित करने में मदद मिल सकती है।

पंपिंग एक दर्दनाक प्रक्रिया है

कई महिलाओं को लगता है कि पंपिंग एक दर्दनाक प्रक्रिया है। आप पहले ही दिन से पम्पिंग करने में समर्थ नहीं होंगे। इसे इस्तेमाल करने के लिए कुछ अभ्यास करने की जरूरत होती है। जब तक आप इसे गलत तरीके से नहीं करती हैं तब तक आपको पंपिंग से स्तन दर्द नहीं हो सकता है। कुछ माताएं एक पुरे ब्रेस्ट से पंप शुरू करती हैं जिससे दर्द हो सकता है। आदर्श रूप से, शैलो पम्पिंग शुरू कर देना चाहिए और यह पहले 30 सेकंड के लिए करना चाहिए। फिर धीरे-धीरे इसकी अवधि बढ़ा दें। हालांकि, क्रैकेड या सोर निपल्स के साथ पम्पिंग में कुछ दर्द हो सकता है।

स्तन पंप का प्रयोग करने से स्तन ढीले होते हैं

कुछ महिलाओं को लगता है कि स्तन पंप का प्रयोग करके आपके स्तनों में शिथिलता (sag) आती है। लेकिन ऐसा नहीं है। यह गर्भावस्था का खतरा है जिसके लिए आप स्तन पंप को दोष नहीं दे सकते हैं। गर्भावस्था हार्मोन आपके स्तनों को शिथिल कर देते हैं। एक बार जब आपका बच्चा पूरी तरह से दूध पीना बंद कर देता है तो आपके स्तन कुछ लोच प्राप्त करते हैं। स्तन मालिश उन्हें वापिस पहले जैसी शेप में ला सकती है। हालांकि, वे कभी भी अपने पूर्व-गर्भावस्था की स्थिति में वापस नहीं जाएंगे।

पम्पिंग मां और बच्चे के बंधन को बाधित करती है

कुछ लोगों का मानना है कि पम्पिंग मां और बच्चे की बॉन्डिंग को बाधित करती है। स्तनपान को माता और बच्चे के बंधन को बढ़ाने का सबसे स्वाभाविक तरीका माना जाता है। लेकिन यह एकमात्र तरीका नहीं है। ऐसे अन्य चीजें हैं जो आप अपने शिशु के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए कर सकते हैं जैसे कि कडलिंग, स्नान, साथ में सोना, त्वचा से त्वचा संपर्क को प्रोत्साहित करने वाली कोई भी चीज। इसके अलावा, पंपिंग केवल बोंडिंग में नहीं है इससे माता-बच्चे की जोड़ी कई मायनों में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, यदि बच्चा स्तनपान करने में सक्षम नहीं है, तो दूध की बोतल से फीड कराना एक महान विकल्प हो सकता है। यह अभी भी माता-बच्चे के बंधन को मजबूत बनाए रखेगा।

यदि आप पम्पिंग कर रहे हैं तो आप स्तनपान नहीं करा सकते हैं 

कई माताओं का मानना है कि यदि आप पम्पिंग करते हैं, तो आप अपने बच्चे को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। ऐसा माना जाता कि यदि आप एक बार अपने स्तनों को पंप करते हैं तो दोबारा दूध के उत्पादन के लिए कम से कम दो घंटे का समय लगता हैं और उस अवधि के दौरान अपने बच्चे को फीड कराने में मुश्किल हो सकती है। हालांकि, आप पंप और स्तनपान बार बार से कर सकते हैं। 15 मिनट के लिए पंप और फिर अपने बच्चे को एक फ़ीड प्रदान करें। यदि आप विशेष रूप से पम्पिंग कर रहे हैं, तो इसे हर दो घंटे करना उचित है।

पम्पिंग से दूध का अधिक उत्पादन होता है जिससे स्तनों से रिसाव हो सकता है

कुछ महिलाओं को लगता है कि पम्पिंग से अधिक दूध का उत्पादन होता है जिससे स्तनों से रिसाव हो सकता है। पंपिंग जैसे दूध पिलाने, आपके मस्तिष्क को अधिक दूध बनाने का संकेत देता है। यदि यह स्तनों के टपकावट की ओर जाता है तो एक मां इस समस्या को व्यक्त कर सकती है या स्तन पैड का इस्तेमाल कर सकती है।

पम्पिंग एक कठिन प्रक्रिया है

कुछ लोगों को लगता है कि पम्पिंग एक कठिन प्रक्रिया है। यह मानसिकता का प्रश्न है। यदि आप इसे कठिन पाते हैं, तो पम्पिंग के लिए एक कार्यक्रम बनाएं जिससे नियमित रूप से आपके लिए दूध का पालन करना और एकत्र करना आसान हो सकता है। यदि आप स्तनपान करने में असमर्थ हैं तो हर तरह से पंप का उपयोग करना एक बुद्धिमान निर्णय है।



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डाइटिंग और एक्सरसाइज के बिना लगातार घटता वजन कहीं किसी बीमारी का संकेत तो नहीं

डाइटिंग और एक्सरसाइज करके वजन कम करना एक आम बात है। लेकिन यह परेशानी का संकेत है यदि जीवन शैली में किसी भी बड़े बदलाव के बिना वजन का कम होना। लेकिन अचानक से या अस्पष्टीकृत वजन कम होना ख़ुशी की बात नहीं है। वास्तव में, एक वर्ष से भी कम समय में आपके शरीर के वजन का 5 प्रतिशत से अधिक वजन कम होना किसी बीमारी ओर संकेत कर सकता है।

जीवन में किसी भी समय तीव्र वजन घटने को गंभीर संकेत के रूप में लिया जाना चाहिए और आपको कारण निर्धारित करने के लिए तुरंत एक चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। हमेशा याद रखें कि पहले बीमारी की खोज की जाती है जिसके बाद ही अधिक सफल उपचार होने की संभावना है। तो आइये जानते हैं अचानक से वजन कम होने के पीछे कौन कौन सी बीमारी कारण हो सकती है -



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Thursday, June 22, 2017

महिलाओं में पुरुषों से अधिक गठिया के खतरों के पीछे छिपे हैं ये कारण

आपको जानकर यह आश्चर्य होगा कि गठिया के ज्यादातर मामले महिलाओं में ही होते हैं। इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण है। तो चलिए जानते हैं, क्या कारण है कि गठिया से ज्यादातर महिलाएं ही गठिया से ग्रस्त होते हैं।



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बालों से जुड़ी किसी भी समस्या से ना हो परेशान क्योंकि फेमस शेफ संजीव कपूर के पास है समाधान

अस्वस्थ आहार आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है और जिसका असर आपके चेहरे के साथ साथ आपके बालों पर भी दिखाई देता है। कुछ खाद्य पदार्थ बालों की स्वस्थ जड़ों को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, इसलिए इन खाद्य पदार्थों के सेवन में वृद्धि करने से बालों के झड़ने की समस्या कम हो सकती है। तो आइये जानते हैं फेमस शेफ संजीव कपूर से बालों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए किन खाद्य पदार्थों का सेवन है ज़रूरी -



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पर्यावरण और अपने स्वास्थ्य को प्रदूषण से दूर रखने के लिए अपनाएं ये सरल उपाय

क्या आप जानते हैं कि आप अपनी जीवन शैली में कुछ बदलाव करके प्रदूषण को कम कर सकते हैं और हमारे प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा कर सकते हैं? आपको ऐसा क्यों करना चाहिए? क्योंकि आपका स्वास्थ्य पृथ्वी से जुड़ा हुआ है। उदाहरण के लिए यदि आप शौचालय में अपनी दवाओं को फ्लश करते हैं तो पीने योग्य जल स्रोत दूषित होने की संभावना अधिक होती है। इसी तरह आप अनजाने में पृथ्वी को प्रदूषित कर सकते हैं। लेकिन अगर आप अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन करेंगे और प्रदूषण को दूर करने का निर्णय लेंगे तो आपकी पृथ्वी प्रदूषित होने से बच सकती है। तो चलिए जानते हैं आप कैसे अपने स्वास्थ्य और पृथ्वी की रक्षा कर सकते हैं -



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एंटीबायोटिक दवा लेने से पहले ज़रूर रखें इन बातों का ध्यान

जब हम कोई संक्रमण होता है तो हम में से अधिकांश एंटीबायोटिक दवाइयां लेते हैं। ऐसा नहीं है कि ये  बैक्टीरिया के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं, लेकिन इनसे बहुत सारे साइड इफेक्ट्स भी होते हैं जैसे ब्लोटिंग, दस्त और कब्ज आदि। इसलिए आपको कुछ चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए अगर आप एंटीबायोटिक्स ले रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में –



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खाना पकाने में अगर हो गई है कोई चूक तो माँ द्वारा बताए गये ये सीक्रेट्स टिप्स करेंगे उसको ठीक

हम सभी जानते हैं माँ के पास व्यंजनों का एक खजाना होता है साथ ही कुछ ऐसे टिप्स होते हैं जिनसे एक डिश चमत्कार कर सकती है। तो आइये जानते हैं कुछ ऐसे टिप्स के बारे में जो खाना बनाते समय हुई चूक को ठीक कर दें और साथ ही आपके खाने के स्वाद को बढ़ाएं।

  1. क्या आपकी पूड़ी, पकोड़े या फ्राइज़ बहुत ज्यादा तेल सोखते हैं? फ्राइंग से पहले गर्म तेल में आधा चम्मच नमक का मिलाएं। ऐसा करने के बाद आपको अतिरिक्त तेल को हटाने के लिए किसी टिश्यू की जरूरत नहीं है। यह तो आपको बताने की जरूरत नहीं है कि कम तेल आपके कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और आपको स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
  2. फ्राई करने से पहले 10-15 मिनट के लिए घर पर बने कटलेट को फ्रिज में रखें। इस तरह ब्रेड के टुकड़े या अन्य सामग्री कम तेल को अवशोषित करते हैं और इससे सामग्री बाहर नहीं आएगी। इस तरह, आपको भारी और फूला हुआ महसूस नहीं होगा। और आप आराम से आयल फ्री कटलेट का आनंद ले सकते हैं।
  3. कितनी बार आपने करी (कढ़ी) को फेंका हैं क्योंकि उसमें बहुत नमक हो गया था? लेकिन अब ऐसा करने के जरूरत नहीं है क्योंकि इसके लिए भी हमारे पास एक टिप है। इसके लिए आपको आटे से 3-4 छोटी छोटी लोइयां बनानी है और उन्हें करी, दाल या किसी अन्य सब्जी में मिलाएं जिसमें नमक अधिक हो गया है। इसे 4-5 मिनट के लिए उबालें और उसके बाद हटा दें। आटा सभी अतिरिक्त नमक को अवशोषित करेगा और आपकी करी का स्वाद बरकरार है। अत्यधिक नमक काफी स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता और उच्च रक्तचाप वाले व्यक्तियों के लिए बिलकुल भी सही नहीं है। तो अपने नमक के सेवन पर चेक लगाएँ।
  4. क्या आप भी नरम और फुले हुए परांठे चाहते हैं? आटा गूंधते समय उसमें एक चम्मच दही मिलाएं। आप स्वाद को बढ़ाने के लिए कसूरी मेथी (सूखी मेथी की पत्तियां) भी मिला सकते हैं। दही कैल्शियम का एक बड़ा स्रोत है और पाचन में सहायक होती है। यह भोजन में मौजूद खनिज और पोषक तत्वों को भी अवशोषित करने में मदद करती है।
  5. ज्यादातर लोग मूंग दाल से दूर रहते हैं क्योंकि यह पकने के बाद ठोस हो जाती है। उबलने से पहले दाल को थोड़े से तेल में धोएं और अंतर देखें। मसूर की दाल फाइबर और प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है। यह ट्रिक मूंग दाल को आपके आहार का एक नियमित हिस्सा बना सकती है।
  6. पहले घरों में नॉन-स्टिक पैन नहीं होते थे, लेकिन फिर भी माँ के पास नियमित पैन को नॉन-स्टिक डोसा पैन में कनवर्ट करने की ट्रिक होती थी। आधे प्याज का एक टुकड़ा लें और घोल डालने से पहले पैन पर प्याज रगड़ें और उसके बाद पैन पर तेल की एक बूंद न डालें। यह ट्रिक वास्तव में काम करती है। डोसा और इडली प्रोटीन और फाइबर का एक बड़ा स्रोत है और यदि वे तेल के बिना बने होते हैं, तो यह आपके लिए एक बोनस है।
  7. कुछ लोगों को गोभी की गंध के कारण इसे खाना पसंद नहीं करते हैं। गंध को बंद करने के लिए गोभी पकाने के दौरान एक बे पत्ती को मिलाएं। गोभी मधुमेह को नियंत्रित करने में प्रभावी है, वजन कम करने में सहायक है और गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी है। गंध से छुटकारा पाने के बाद, परिवार में सभी लोग इस स्वस्थ सब्जी को आराम से खा सकते हैं।
  8. यदि आप लंबे समय तक अपनी हरी सब्जियों को रखना चाहते हैं तो उन्हें धो लें, उन्हें स्वाभाविक रूप से सूखने दें और टिशू पेपर को लगाकर एयरटाइट कंटेनर में रखें। इस तरह धनिया, पुदीना या अन्य साग एक हफ्ते तक ताजा और हरे रंग के रहेंगे। फाइबर की एक स्वस्थ खुराक प्राप्त करने के लिए यह टिप सप्ताह के किसी भी समय उपयोग करने के लिए तैयार है।
  9. प्याज को हल्का भूरा होने तक तलने का मतलब बहुत सारा तेल। तेल को कम करने का एक आसान तरीका है, बिना किसी तेल के 2-3 मिनट के लिए प्याज को तलने देना, जब तक कि वे अपनी नमी नहीं खो देते हैं। फिर उन्हें हल्का भूरा करने के लिए थोड़ा तेल मिलाएं। इस तरह आप अपने सभी दैनिक व्यंजनों में अतिरिक्त तेल को कम कर सकते हैं जिससे आप स्वस्थ रह सकते हैं।


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