Monday, April 30, 2018

टाइफाइड के घरेलू उपाय

टाइफाइड बुखार को मोतीझरा या मियादी बुखार के रूप में भी जाना जाता है। टाइफाइड का बुखार पाचन तंत्र और रक्तप्रवाह में बैक्टीरिया संक्रमण के कारण होता है। यह बुखार साल्मोनेला टाइफी (Salmonella typhi) जीवाणु के कारण होता है। जब यह बैक्टीरिया दूषित भोजन, पेय या पानी के साथ शरीर में प्रवेश करता है तो यह कई गुना होकर आंतों से खून में फैलने लगता है।

टाइफाइड का निदान करने हेतु डॉक्टर जीवाणुओं को मारने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव देते हैं। संक्रमण की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के पूरे कोर्स को पूरा करना बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन कुछ घरेलू उपचार टाइफाइड लक्षणों से राहत प्रदान कर सकते हैं और क्विक रिकवरी को बढ़ावा दे सकते हैं।



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बाबा रामदेव से जानें कैसे योग करता है सांस की बीमारियों की रोकथाम

हमारा श्वसन तंत्र यह सुनिश्चित करता है कि शरीर के प्रत्येक भाग में आक्सीजन पहुँचे। यह शरीर से खराब चीज़ों को हटाता है और संक्रामक एजेंटों को भी दूर करता है। श्वसन तंत्र में खराबी कई सांस की समस्याओं को जन्म देती है। आज कल हवा के दूषित होने के कारण फेफड़े संबंधित कई बीमारियाँ हों रही हैं जैसे दमा, ब्रोंकाइटिस, फाइब्रोसिस आदि। इनसे ना सिर्फ बड़े, बल्कि बच्चे भी ग्रसित हो रहे हैं। इन बीमारियों को होने से रोकने के लिए बहुत ही उपयोगी है योग। योग न केवल आपके श्वसन तंत्र को सशक्त करेगा, अपितु किसी भी सांस की बिमारी को होने से रोकेगा। जानिए रामदेव जी से कि कैसे कऱ सकते हैं आप इन सांस की बीमारियों की रोकथाम। (और पढ़ें - ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपचार)

 



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Sunday, April 29, 2018

ओट्स (जई) के फायदे और नुकसान

ओटमील के सेवन के साथ अपना दिन शुरू करने का एक स्वस्थ तरीका है। ओट्स को हिंदी में "जई" कहा जाता है। ओट्स का वैज्ञानिक नाम ऐवेना सैटिवा (Avena sativa) है। यह अनाज सबसे पहले स्कॉटलैंड में उगाया गया था और यह स्कॉटलैंड का एक प्रमुख आहार था। ओटमील का सेवन केवल मनुष्यों द्वारा ही नहीं बल्कि पशुओं के लिए भी उपयोग किया जाता है। इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन का सही मिश्रण होता है, जो आपको ऊर्जा देते हैं। हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि दिन में एक कटोरा ओटमील का सेवन आपको डॉक्टर से दूर रख सकता है। ओट्स फाइबर से भरे हुए होते हैं और सिर्फ एक कप ओट्स में 10 ग्राम प्रोटीन होता है।



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Saturday, April 28, 2018

आसान वर्कआउट ने किया श्रुति का 13 किलो वजन कम

अगर कड़ी मेहनत और दृढ़ता हो तो आप किसी भी लक्ष्य को पार कर सकते हैं। 28 साल की श्रुति ने भी कुछ ऐसा ही किया। वजन कम करना उनके लिए कोई मुश्किल बात नहीं थी क्योंकि उनके अंदर ये दो खूबियां कूट-कूट कर भरी हुई हैं। वो कभी अपनी वर्कआउट ट्रेनिंग को छोड़ती नहीं थी और कभी बाहर का खाना भी नहीं खाती थी।

श्रुति का कहना है कि वो कभी अपने वजन पर गौर नहीं करती थीं। लेकिन जब उनके बढ़ते वजन को लेकर उन्हें लोग ताने मारने लगे, तो उन्होंने अपने वजन की तरफ ध्यान देना शुरू किया। वजन कम करने के लिए उन्होंने जिम जाना शुरू किया और महज तीन महीने में 13 किलो वजन घटा लिया। 

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं श्रुति के वजन कम करने की कहानी –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मुझे जहां तक याद है, मैं हमेशा मोटी लड़की रही हूँ। लेकिन जब तक मैं बड़ी नहीं हुई तब तक मुझे ऐसी कोई चीजें प्रभावित नही करती थी। जैसे-जैसे मैं बड़ी हुई मेरे आसपास के लोग मेरा मजाक बनाने लगे। बॉडी को लेकर मजाक मेरे लिए बेहद शर्मनाक चीज थी। फिर मैंने वजन घटाने का फैसला लिया। मैंने जिम जाना शुरू किया जिससे मेरा आत्म-विश्वास बढ़ सके, बिना झिझक के लोगों का सामना करने की हिम्मत आये और खुद के लिए विश्वास जगे।

(और पढ़ें - pet ki charbi kam karne ke liye diet

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता - सुबह मैं चिकन, ओट्स, फल या सब्जियां खाती थी।
  • दोपहर का खाना - चिकन, मछली या हरी सब्जियां खाती थी।
  • रात का खाना - चिकन, मछली या हरी सब्जियां खाती थी।
  • डाइट से हटकर क्या खाती थी - मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स, कॉर्नफ्लेक्स या सैंडविच खाया करती थी। लेकिन ऐसा मैं बहुत ही कम करती थी।
  • कम कैलोरी वाला मनपसंद खाना - चिकन सलाद और सब्जियों से बना सलाद।

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khana chahiye)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं एक घंटा एक्टिव वेट ट्रेनिंग किया करती थी। इसके अलावा मैं ज्यादा से ज्यादा पानी पीती थी। रोजाना वेट ट्रेनिंग के साथ-साथ कार्डियो भी किया करती थी। 

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मेरे ट्रेनर और छोटे-छोटे बदलावों ने मेरी बेहद मदद की। मैंने तीन से पांच हफ्ते तक डाइट और वर्कआउट रूटीन का पालन किया। साथ ही, वजन घटने के दोरान लोगों से अपने बारे में अच्छी बाते सुनकर भी मैं प्रेरित रहती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगे नहीं?

व्यस्त जीवनशैली होने के बावजूद भी मैं कभी अपनी वर्कआउट नहीं छोड़ती थी। इस प्रकार मैं हमेशा अपने लक्ष्य के साथ डटी रही। आप भी अपने रूटीन को गंभीरता से लें और डाइट को अच्छे से खाएं।

(और पढ़ें - हिप्स कम कैसे करें)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से लोग मेरी बॉडी को लेकर मजाक बनाते थे और वो समय मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा होता था।   

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

फिटनेस मेरे लिए लाइफस्टइल बन चुकी है और मुझे यह पता है कि यह मेरे साथ हमेशा रहेगी। फिटनेस मेरी जिंदगी है।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

मैंने अपनी जीवनशैली में सही डाइट का चयन किया और सही समय पर सोने का भी फैसला लिया। ये दो बेहद महत्वपूर्ण बदलाव थे जो मैंने अपनी जीवनशैली में किये।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

कभी-कभी मेरा बहुत अधिक खाने का मन होता था, लेकिन मैं नही खाती थी। इतनी बंदिशों की वजह से कभ-कभी मुझे रोना आ हाय करता था।

(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

वजन कम करने के बाद मेरा आत्म-विश्वास बेहद बड़ा है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

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आशा करते हैं कि आपको श्रुति के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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ओमेगा 3

शरीर में वसा कई रूपों में मौजूद होती है। ओमेगा 3 फैटी एसिड इन्हीं का ही एक प्रकार है। यह आपके मस्तिष्क और आंखों के लिए आवश्यक होता है। मस्तिष्क का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा फैटी एसिड से बना होता है। मां के गर्भ में बच्चे के दिमाग के निर्माण में ओमेगा 3 महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अलावा ओमेगा 3 आपको हृदय संबंधी रोग व अन्य कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता होता है। इसकी उपयोगिता के कारण आपको ओमेगा 3 के बारे में विस्तार से बता रहें हैं। इस लेख में आगे आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड क्या है, ओमेगा 3 के लाभ, ओमेगा 3 के नुकसान और ओमेगा 3 के स्त्रोत के बारे में बताया जा रहा है। 

(और पढ़ें - विटामिन के फायदे)



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Friday, April 27, 2018

नाभि खिसकने (धरण) के लक्षण, कारण, इलाज, उपाय, योगासन

नाभि खिसकना / उतरना / ऊपर चढ़ना (धरण) क्या है?

नाभि खिसकने की समस्या के बारे में आपने सुना ही होगा। कई लोग इसको नाभि का डिगना, धरण और धरण गिरना के नाम से भी जानते हैं। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में स्वास्थ्य के लिए नाभि को महत्त्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन पश्चिमी चिकित्सा (एलॉपथी) में इसकी कोई चर्चा या महत्त्व नहीं है।

आयुर्वेद के अनुसार, जैसे रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन आ सकता है, उस ही तरह नाभि और पेट की मांसपेशियों में भी मरोड़ या अन्य दिक्कत आ सकती है। ऐसा होने पर नाभि अपनी जगह से हट जाती है। इसके अधिकतर मामलों में नाभि ऊपर या नीचे की तरफ चली जाती है। नाभि अक्सर किसी भारी वजन को उठाने, अचानक झुकने और यौन गतिविधियों को करने से खिसक (धरण) जाती है।

नाभि खिसकने से कई परेशानियाँ हो सकती हैं जैसे पेट में तेज दर्द, कब्ज, उल्टी और जी मिचलाना। इसके अलावा नाभि खिसकने से महिलाओं में माहवारी के समय अधिक रक्तस्त्राव और दर्द होता है।

(और पढ़ें - पीरियड्स में दर्द)

पश्चिमी चिकित्सा नाभि खिसकने का कोई इलाज मौजूद नहीं हैं, लेकिन आयुर्वेद, योग और कुछ घरेलू इलाज से इससे राहत पायी जा सकती है।

इस लेख में आगे जानेंगे कि नाभि का खिसकना क्या है, नाभि खिसकने के क्या लक्षण होते हैं, नाभि डिगने (धरण गिरना) के कारण, नाभि खिसकने के उपचार और घरेलू उपाय क्या हैं।

 

(और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)



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ये 6 तरह के आहार करते हैं मदद तेजी से वेट लॉस करने में

वजन कम करने के लिए लोग खाना खाकम कर देते हैं, जो कि बिल्कुल भी सही नहीं है। इस तरह आप खुद को आवश्यक पोषक तत्वों से वंचित रखने लगते हैं।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

अगर आप इस सफर में जंक फूड, कोक-पेप्सी जैसे पेय पदार्थ और प्रोसेस्ड फूड से भी दूर रहते हैं, तो एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए यह कदम काफी अच्छा है, परन्तु आपको खाने से वंचित होने की जरूरत नहीं है। बस आप सही आहार खाएं और अपने अधिक वजन को कम करें।

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khaye)

तो आइये आपको बताते हैं छः तरह के ऐसे आहार जिनसे आपका वजन आसानी से कम होगा और शरीर भी स्वस्थ रहेगा –

फाइबर से समृद्ध आहार -

आपको 20 ग्राम फाइबर सब्जियों, फल और साबुत अनाज में खा सकते हैं। जिससे आपका पूरा दिन पेट भरा हुआ रहे। पेट भरे रहने से आप बाहर के जंक फूड को हाथ तक नहीं लगाएंगे और बाहर के खाने से हमेशा दूर रहेंगे।

(और पढ़ें - फाइबर के फायदे और फाइबर युक्त आहार)

कैल्शियम और विटामिन डी से समृद्ध आहार –

अमरीका की "जोंस हॉपकिंस" यूनिवर्सिटी में की गयी एक स्टडी के मुताबिक, कैल्शियम और विटामिन डी से समृद्ध आहार खाने से पेट की वसा और वजन कम होता है। इसके अलावा विटामिन डी युक्त आहार आपको स्मरण शक्ति की क्षति (memory loss), ह्रदय की बीमारी और अन्य पुराने दर्द से बचाते हैं। 

(और पढ़ें - कैल्शियम के फायदे और कैल्शियम युक्त आहार)

स्वस्थ वसा से समृद्ध आहार –

स्वस्थ युक्त आहार जैसे एवोकाडो, ओमेगा 3 फैटी एसिड, मेवा, तेल और मछली खाने से भूख को नियंत्रण करने में मदद मिलती है। कम वासा वाली स्वस्थ डाइट, जिसमें अखरोट जैसे मेवा शामिल हों, वजन कम करने में मदद करती है। इससे आपकी भूख रुकती है और मेटाबॉलिज्म भी बढ़ता है। ये डाइट कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है और आपके ह्रदय को भी स्वस्थ रखती है।

(और पढ़ें - वसा के स्रोत)

प्रोटीन से समृद्ध आहार –

प्रोटीन से समृद्ध आहार खाएं, जैसे कुछ प्रकार की मछली, चिकन ब्रेस्ट, अंडे, उबले आलू आदि। यह आहार आपका वजन कम करने में मदद करेंगे, खासकर पेट की चर्बी को कम करेंगे। प्रोटीन कई प्रकार के हार्मोन्स के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा उच्च मात्रा में प्रोटीन से समृद्ध आहार आपको और अधिक संतुष्ट रखते हैं। इस तरह भूख बढ़ाने वाले हार्मोन्स भी संतुलित रहते हैं।

(और पढ़ें - प्रोटीन के फायदे)

पानी -

पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों और अशुद्धियों को बाहर निकालने में मदद करता है। साथ ही पानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और भूख को कम करता है। तो आज से अधिक से अधिक पानी पीना शुरू कर दें, क्योंकि जितना पानी आप पिएंगे वो पसीने के रूप में निकलेगा और वजन भी फिर आसानी से कम होगा।

(और पढ़ें - पानी कब कितना और कैसे पीना चाहिए)

ग्रीन टी -

ग्रीन टी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और शरीर को डिटॉक्सीफाई करती है। ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो फैट को बर्न करने में मदद करते हैं। ग्रीन में मौजूद केटकिन्स शरीर में वसा को जमा होने से रोकते हैं और शरीर का तापमान बढ़ाते हैं। इस तरह वजन को कम करने में मदद मिलती है।

(और पढ़ें - ग्रीन टी के फायदे)



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फाइबर युक्त आहार

फाइबर आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है। फाइबर से पेट भी एकदम स्वस्थ रहता है। इसे खाने से आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया जाते हैं और स्वास्थ को एकदम ठीक रखते हैं। फाइबर से वजन को कम करने में मदद मिलती है, ब्लड शुगर का स्तर कम रहता है और कब्ज की समस्या भी ठीक होती है। महिलाओं को रोजाना 25 ग्राम और पुरुषों को 38 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। हालांकि ज्यादातर लोग प्रति दिन 15 से 17 फाइबर ग्राम ही खाते हैं।

(और पढ़ें - फाइबर के प्रकार)

तो आइये आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे आहार जिन्हें आप रोजाना उनकी मात्रा को ध्यान में रखकर ले सकते हैं –



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फाइबर युक्त आहार

फाइबर आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है। फाइबर से पेट भी एकदम स्वस्थ रहता है। इसे खाने से आपके शरीर में अच्छे बैक्टीरिया जाते हैं और स्वास्थ को एकदम ठीक रखते हैं। फाइबर से वजन को कम करने में मदद मिलती है, ब्लड शुगर का स्तर कम रहता है और कब्ज की समस्या भी ठीक होती है। महिलाओं को रोजाना 25 ग्राम और पुरुषों को 38 ग्राम फाइबर का सेवन करना चाहिए। हालांकि ज्यादातर लोग प्रति दिन 15 से 17 फाइबर ग्राम ही खाते हैं।

(और पढ़ें - फाइबर के प्रकार)

तो आइये आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे आहार जिन्हें आप रोजाना उनकी मात्रा को ध्यान में रखकर ले सकते हैं –



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Wednesday, April 25, 2018

टीवी एक्ट्रेस दीपिका सिंह बता रही हैं कैसे माँ बनने के बाद उन्होंने वजन घटाया

छोटे पर्दे की लोकप्रिय अभिनेत्री दीपिका सिंह बच्चे को जन्म देने के बाद मां होने का आनंद ले रही हैं। दीपिका अपने मातृत्व जीवन में खुश तो हैं ही, लेकिन उसके साथ उनके प्रेगनेंसी के बाद तेजी से वजन कम करने की चर्चा हर जगह हो रही है।

दीपिका से जब पूछा गया कि उन्होंने कैसे डिलीवरी के बाद अपने बढ़ते वजन को तेजी से कम किया, तो उनका कहना था कि "इसका पूरा श्रेय उनके बेटे सोहम को जाता है, क्योंकि एक मां होने की वजह से आपका पूरा दिन मैराथन की तरह गुजरता है।" 

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

इसके अलावा, दीपिका ने स्तनपान के महत्व के बारे में भी बताया और यह भी बताया कि कैसे एक मां अपनी जीवनशैली में बदलाव करके गर्भावस्था के बाद वजन घटा सकती है।

(और पढ़ें - स्तनपान के फायदे)

दीपिका का कहना है कि, "स्तनपान आपके लिए और आपके बच्चे के लिए बेहद जरूरी है। यह एक पारंपरिक मिथक है कि स्तनपान के कारण आपकी फिगर बिगड़ती है। लेकिन ऐसा नहीं है, स्तनपान आपके लिए, आपके बच्चे के लिए और आपके वजन को घटाने के लिए बेहद अच्छी चीज है। ब्रेस्ट मिल्क को सफेद खून (white blood) भी कहा जाता है और मैं अभी भी अपने बच्चे को स्तनपान कराती हूँ।"

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद वजन कैसे कम करें​)

उन्होंने बताया कि गर्भावस्था के दौरान उनका इतना वजन नहीं बढ़ा था जितना वजन उनका गर्भावस्था के बाद बढ़ने लगा था। वो हर प्रकार का पौष्टिक आहार खाती थीं, जिससे उनके बच्चे को सभी जरूरी पोषक तत्व मिलते रहें। गर्भावस्था के बाद, उनका पांच किलो वजन बढ़ गया था। इसके बाद उन्होंने योग अभ्यास करना शुरू किया। उनके लिए मुश्किल भरा हिस्सा तब था जब उन्हें अपने बच्चे को लेकर घूमना पड़ता था, जिसकी वजह से वो बेहद थक जाया करती थीं। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी के बाद पेट कम करने का उपाय)

उनकी कमर में बहुत दर्द रहने लगा था और वह सुस्त भी बहुत हो गयी थीं। तब उनके डॉक्टर ने उन्हें बताया कि अधिक वजन की वजह से उनको यह परेशानियां हो रहीं हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में कमर दर्द और डिलीवरी के बाद कमर दर्द)

दीपिका कहती हैं "मुझे बढ़ते वजन को लेकर जल्द ही कोई फैसला लेना था। वजन घटाने के लिए मैंने अपनी डाइट में कुछ बदलाव किये, जैसे मैंने फास्ट फूड पर नियंत्रण लगाया। उसकी जगह कई फल व सब्जियां खाने और ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की आदत डाल ली। मैं योग के साथ सही आहार खाती थी और रोजाना पैदल भी चला करती थी। मुझे पहले ओडिसी डांसिंग का भी शौक था और फिर अपनी जीवनशैली में मैंने इसे भी शामिल कर लिया।"

(और पढ़ें - बच्चे के जन्म के बाद माँ को क्या खाना चाहिए

दीपिका का कहना है "लोगों को जल्द से जल्द परिणाम चाहिए होता है, जो कि बिल्कुल भी सही चीज नहीं है। कुछ भी जल्दबाजी में की गयी चीजें लम्बे समय तक नही चलती। मैं कभी कोई सप्लीमेंट्स नही लेती थी, हमेशा ऑर्गेनिक का ही चयन करती थी। आपको कुछ वक़्त चाहिए। बल्कि मुझे खुद अपने पुराने कपड़े फिट आने में सात से आठ महीने लगे। धैर्य रखें, क्योंकि आप नौ महीने की गर्भावस्था से गुजरी होती हैं। वजन कम होने में थोड़ा तो समय लगेगा। इसके अलावा, भावनात्मक और शारीरिक के बीच के अंतर को भी जानना बेहद जरूरी है।"  

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

कुछ अन्य जरूरी बातें जिनका दीपिका ने जिक्र किया -

  • फिटनेस रूटीन बनायें और उसका पालन हफ्ते में तीन से चार बार करें। (और पढ़ें - डिलीवरी के बाद एक्सरसाइज)
  • 7 बजे से पहले खाना खाने की कोशिश करें। अगर आपको रात में भूख लग रही है तो शेक या फिर स्मूथी पी सकती हैं।
  • खुद को कभी अपनी पसंदीदा चीज़ों से वंचित न रखें जैसे दीपिका ने कभी पराठा और पूरी खाना नही छोड़ा। लेकिन उन्होंने इनको संतुलित आहार का भाग बनाया।

(और पढ़ें - हिप्स कम करने के उपाय

दीपिका के तीन टिप्स -

  • सुबह जल्दी उठना और रात को जल्दी सोना सीखें। इससे आपका शरीर स्वस्थ रहेगा और दिमाग तेज बनेगा। (दीपिका कहती हैं कि वो 9 बजे तक सो जाया करती थी)।
  • रोजाना सुबह टहलने के लिए जाएं।
  • हमेशा घर का खाना ही खाएं (घर का बना हुआ पराठा बाहर के बर्गर से काफी बेहतर होता है)।

(और पढ़ें - सुबह की सैर करने के फायदे



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Tuesday, April 24, 2018

38 किलो कम करने का चमत्कारी सफर इनका

34 साल के सौरभ के लिए वजन कम करना बेहद जरूरी हो गया था क्योंकि उसकी वजह से उनके स्वास्थ पर बेहद प्रभाव पड़ने लगा था। अधिक मोटापे की वजह से उन्हें कमर में दर्द रहता था और इस वजह से वो 15 मिनट के लिए भी ठीक से खड़े नहीं हो पाते थे। उनके जीवन में अधिक वजन सबसे बड़ी बाधा बन चुका था। सौरभ शराब भी ज्यादा पीते थे।

(और पढ़ें - शराब पीने के नुक्सान)

उनके डॉक्टर ने उन्हें एक बार चेतावनी भी दी कि "अगर आपने अपना वजन कम नहीं किया तो आप उम्र भर फिर दवाइयों पर जीते रहेंगे"। इस चेतावनी को सौरभ ने काफी गंभीरता से लिया और 134 किलो वजन को व्यायाम और सही आहार की मदद से घटाकर महज छः महीने में 96 किलो कर लिया।   

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं सौरभ की वेट लॉस की कहानी उन्हीं की जुबानी –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

अधिक वजन की वजह से मेरे स्वास्थ पर असर पड़ने लगा था और कई समस्याएं भी बढ़ने लगी थीं जैसे शुगर, पेट का दर्द, अत्यधिक पसीना आना आदि। मेरे डॉक्टर ने मुझे एक बार कहा कि अगर मैं जीवनभर दवाइयों पर नहीं रहना चाहता तो अपने वजन को कम कर लूँ। तो मेरे पास वजन कम करने के अलावा कोई और रास्ता नही बचा था, इसलिए मैंने वजन कम करने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - pet ki charbi kam karne ke liye diet) 

आप क्या खाते थे?

  • मेरा नाश्ता - कम चीनी वाली चाय और कम मक्खन वाला ब्राउन ब्रैड, पोहा, उपमा, स्प्राउट्स, काले चने, सेवई, मूंग या रवा उत्तपम नाश्ते में खाया करता था।
  • दोपहर का खाना - दो कटोरी सब्जी या दो कटोरी गाढ़ी दाल के साथ सलाद और दही खाया करता था।
  • शाम का खाना - कम चीनी वाली चाय, कम मक्खन लगा हुआ ब्राउन ब्रैड, दाल चीला या फिर मूंग चीला खाया करता था।
  • रात का खाना - पांच उबले अंडे या चार अंडों से बना ऑमलेट, चिकन टिक्का, मछली टिक्का, गाढ़ी दाल, दो बड़ी कटोरी सलाद, एक कटोरी सब्जी, भुना चना (100 ग्राम) रात के खाने में खाया करता था।
  • खाद्य पदार्थ जिन्हें मैं नहीं खाता था - सोडा, कोल्ड ड्रिंक, चीनी आधारित ड्रिंक, रोटी, चावल, गेहूं आधारित खाद्य पदार्थ, मैदा, तैलीय खाद्य पदार्थ नहीं खाता था।
  • डाइट से हटकर क्या खाते थे - दाल बाटी, पिज़्ज़ा, समोसा और कचोरी।
  • कम कैलोरी वाला आहार - स्प्राउट्स या उबले काले चने जो हल्के मक्खन में तले होते थे। इन चनों में मैं प्याज, हरी मिर्च और टमाटर डालकर खाया करता था।  
  • टिप - बर्फ का ठंडा पानी बिल्कुल न पियें। हो सके तो गर्म पानी पियें। 

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khana chahiye)

क्या आप वर्कआउट करते थे?

मैं हफ्ते में छः बार वेट ट्रेनिंग करता था। साथ ही एक घंटे कार्डियो भी किया करता था, जिसमें शामिल थे - 

  • एलिप्टिकल ट्रेनिंग - आधा घंटा
  • स्पिनिंग - आधा घंटा।

आपको मैं बता दूं वेट लॉस कोई बड़ी बात नहीं है, बस आपको अपने लक्ष्य से हटना नही है। हमेशा कम कैलोरी वाला आहार खाने की कोशिश करें और रोजाना हाई इंटेंसिटी एक्ससरसाइस करें। 

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहे?

वजन कम करने के बाद जो तारीफें मुझे अपने दोस्तों और परिवार वालो से मिलती थी, उससे मुझे बेहद प्रेरणा मिलती थी। इस तरह मैं आगे बढ़ता गया और खुद ही अपने लिए नयी चुनौतियाँ तये कर लिया करता था।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगे नहीं?

आप यह ठान लें कि कहीं भी और कभी भी वर्कआउट करने के लिए तैयार हैं। अगर आप किसी वजह से जिम नहीं जा पा रहे हैं तो कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा चलें या फिर सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। 

(और पढ़ें - हिप्स कम करने के उपाय)  

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से मुझे कई समस्याएं झेलनी पड़ती थी। मुझे मेरे आकार की वजह से सही कपड़े नहीं मिलते थे, जो कि मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा हिस्सा होता था। इसके अलावा, अधिक वजन की वजह से मैं आधा किलोमीटर तक भी नहीं चल पाता था और मैं भूल गया था कि बिना कमर दर्द की ज़िन्दगी कैसी होती है, क्योंकि मोटापे की वजह से मुझे हमेशा कमर दर्द रहता था।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?

जैसा अभी हूँ और इससे ज्यादा मस्कुलर होना चाहता हूँ।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या-क्या किया?

मुझे शराब की बहुत लत लगी हुई थी और मेरे लिए शराब छोड़ना बहुत मुश्किल हो गया था। पहले मैं पांच से छः पेग व्हिस्की रोजाना पिया करता था। लेकिन जबसे मैंने वर्कआउट करना शुरू किया है, तब से शराब को आधे से भी कम कर दिया है। साथ ही, मैं आठ घंटे की नींद जरूर लेता हूँ और सुबह जल्दी उठता हूँ।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

एक समय था जब मैं अधिक वजन और कमर दर्द की वजह से 15 मिनट के लिए भी सही से खड़ा नहीं हो पाता था। इसकी वजह से मुझे अपनी दशा पर बेहद दुख होता था।

(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

आप अपने जीवन में कुछ भी पा सकते हैं। खुद को रोजाना एक घंटा जरूर दें और इस प्रकार आप अपने पूरे जीवन में खुश और स्वस्थ रहेंगे। कभी भी उमींद न छोड़ें।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

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आशा करते हैं कि आपको सौरभ के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Saturday, April 21, 2018

इस 35 वर्षीय मां ने ऐसे घटाए 14 किलो

35 साल की पूजा वशिष्ट के लिए वजन कम करना बेहद जरूरी हो गया था क्योंकि उसकी वजह से उनके स्वास्थ पर प्रभाव पड़ने लगा था। छोटे शहर की रहने वाली पूजा ने जब से अपनी फिटनेस पर ध्यान देना शुरू किया तब से लोग उन्हें बहुत ताने मारते थे। लेकिन उनकी निष्ठा, कड़ी मेहनत और उनके पति के समर्थन ने उन्हें पतला होने में बेहद मदद की। पूजा ने एक साल में 14 किलो वजन कम कर लिया। यानी पूजा का वजन पहले 60 किलो था और अब उनका वजन 44 किलो हो गया है।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं पूजा के वजन कम करने की कहानी उन्हीं की जुबानी - 

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मेरा दूसरा बच्चा होने के बाद, मोटापे की वजह से मुझे स्वास्थ्य समस्याएं आने लगी थी। ऐसे समय में, मेरी बहन ने मुझे एक फिटनेस ग्रुप से मिलवाया, जिसने मुझे हमेशा प्रेरित रहने में वास्तव में बेहद मदद की। इस तरह मैंने वजन कम करने और फिट रहने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - pet ki charbi kam karne ke liye diet

आप क्या खाती थी?

  1. मेरा नाश्ता - ओट्स मैं किसी भी रूप में खाती थी जैसे पैनकेक्स, दलिया, उपमा और अंडे। (और पढ़ें - वजन घटाने के लिए डाइट प्लान)
  2. दोपहर का खाना - ब्राउन राइस या वाइट राइस को दाल और दही के साथ खाती थी।
  3. रात का खाना - ज्यादातर सब्जियों में पनीर या टोफू मिलाकर ऊपर से नमक और काली मिर्च डालकर खाती थी।
  4. डाइट से हटकर क्या खाती थीं - डाइट से हटकर मैं ज्यादातर चीज़केक या ब्राउनी खाया करती थी। लेकिन ऐसा बहुत ही कम करती थी।
  5. कम कैलोरी वाला मनपसंद खाना - चावलों को फ्राइड करके उसमें अंडे या पनीर डालकर खाती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या क्या खाना चाहिए)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं हफ्ते में चार बार वर्कआउट ट्रेनिंग और दो दिन हाई-इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग किया करती थी। मैं कभी प्रोसेस्ड फ़ूड नहीं खाती थी। मैंने कभी अपना नाश्ता नहीं छोड़ा और हमेशा प्रोटीन से समृद्ध आहार खाती थी। मैं ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाती थी, खासकर ब्रोकोली। साथ ही अधिक से अधिक पानी भी पीती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मेरी प्रेरणा को आगे बढ़ाने में मेरे बच्चों ने मेरी बहुत मदद की, क्योंकि वो भी मेरे साथ-साथ एक स्वस्थ जीवनशैली जी रहे थे। दूसरी चीज़ थी मेरा पेशा, एक ट्रेनर होने की वजह से मेरे लिए स्वस्थ रहना बेहद जरूरी था। केंद्रित रहने के लिए, मैंने पूरे हफ्ते के लिए पहले से ही सब प्लैन किया हुआ था (डाइट और वर्कआउट) और उसका पालन भी रोज करती थी। 

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से मैं अपने बच्चों का ध्यान नहीं रख पाती थी क्योंकि मोटापे की वजह से मुझमे ऊर्जा की कमी रहती थी। मैं अपने ही शरीर के साथ सहज नहीं थी और अपने परिवार वालों के साथ कभी बाहर नहीं जाती थी। इस वजह से मैं और ज्यादा तनाव में रहती थी।

(और पढ़ें - हिप्स कम करने के उपाय

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

अब मैं अनुशासन के साथ एक सवस्थ जीवनशैली जी रही हूँ। साथ ही, मैं अब किसी भी लक्ष्य को प्रप्त करने में बेहद विश्वास रखती हूँ।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

दस साल बाद, मैं खुद को मस्कुलर बॉडी के साथ एक एथलीट के रूप में देखना चाहती हूँ।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

यहां मैं छोटी जगह से आयी हूँ। शादी के बाद और बच्चे होने से आप फिटनेस के लिए समय नही निकाल सकते। तो अधिक मोटापे की वजह से मुझे बहुत ताने मिलते थे। लेकिन शुक्र है, मेरे पति मेरे साथ थे और उन्होंने मेरा सपना पूरा करने में मेरी बेहद मदद की है।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

फिट रहना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस आपको थोड़ी निष्ठा दिखानी होगी और कड़ी मेहनत करनी होगी। 

(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)

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आशा करते हैं कि आपको पूजा के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

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गर्भावस्था में फोलिक एसिड

गर्भावस्था में फोलिक एसिड की अहम भूमिका होती है। डॉक्टर प्रेग्नेंसी के लिए प्रयास करने वाली महिलाओं को फोलिक एसिड खाने की सलाह देते हैं। इसको विटामिन बी9 के नाम से भी जाना जाता है। गर्भ में बच्चे के विकास और उसके अंगों के निर्माण के लिए फोलिक एसिड को जरूरी माना जाता है। इससे आपका बच्चा मस्तिष्क और मेरुदंड संबंधी जन्म से होने वाली परेशानियां से सुरक्षित रहता है। इसके साथ ही फोलिक एसिड से महिलाओं में लाल रक्त कोशिकाएं बनती हैं। गर्भावस्था के दौरान कई तरह की सब्जियों और फलों के माध्यम से आप फोलिक एसिड को ग्रहण कर सकती हैं।

(और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के लक्षण)

आगे जानेंगे कि गर्भावस्था में फोलिक एसिड का महत्व क्या है, प्रेग्नेंसी में फोलिक एसिड लेना कब से शुरू करें, कितनी मात्रा में लें और फोलिक एसिड युक्त आहार कौन से होते हैं।

(और पढ़ें - Pregnancy in Hindi)



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Friday, April 20, 2018

स्लिप डिस्क के लिए योग

स्लिप डिस्क योग पीछे की ओर झुकने वाले आसन, प्राणायाम और योगी विश्राम पोज़ पर आधारित है। स्लिप डिस्क ज़्यादातर ख़राब जीवन शैली और ख़राब तरीके से बैठने उठने से संबंधित होती है। मानव शरीर में 33 कशेरुकाएं (vertebrae) हैं जिनमे कि 5 सेक्रम (sacrum) के रूप में जुडी हुई है और 4 टेलबोन (tailbone) के रूप में। डिस्क 2 कशेरुकाओं के बीच एक रेशेदार पदार्थ है। इसकी बाहरी परत कठोर होती है और भीतरी परत जेली प्रकार की होती है। रीढ़ की हड्डी में मौजूद स्लिप डिस्क अपनी सामान्य स्थिति से खिसक जाती है जिस कारण ये सारा दबाव रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है और दर्द होना शुरू हो जाता है। (और पढ़ें - स्लिप डिस्क के लक्षण, कारण, उपचार और दवा



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कब्ज के लिए योग

योग के कई लाभ हैं। प्रेग्नेन्सी के बाद होने वाले अवसाद को कम करने से लेकर दिल की बीमारियों के मरीजों को मदद करने तक योग के बहुत फायदे हैं। आपकी पैर की उंगलियों से आपके सिर तक योग शरीर के हर हिस्से को कुछ ना कुछ लाभ देता है। और हाँ, इसमें आपका पेट भी शामिल है। कब्ज, गैस, और अन्य पेट की परेशानियों का सबसे आम कारण हमारे अस्वास्थ्यकर, तेज गति वाले जीवन शैली से जोड़ा जा सकता है। खराब खाना, तनाव, और व्यस्त दिनचर्या आपके पाचन तंत्र में कठोर मल (या फिर दस्त) या फिर कब्ज के रूप में प्रकट हो सकते हैं। (और पढ़ें - पेट मे गैस का घरेलू उपचार)



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कमजोर याददाश्त के लिए योग

अवचेतन मन को वेदांत में 'चित्त' कहा जाता है। आपकी उप-चेतना ऐसे अनुभवों और यादों से भरी होती है जो अस्थायी रूप से पृष्ठभूमि में डाल दिए गये होते हैं लेकिन उन्हे फिर ताज़ा करना मुमकिन है। जैसे जैसे आपकी आयु बढ़ती है तो याददाश्त खोने के लक्षण दिखने लगते हैं। पहला लक्षण आमतौर पर होता है नामों को याद रखने में मुश्किल। आपको शायद अब भी स्कूल में पढ़ी बहुत चीज़ें याद होंगी, लेकिन अब शायद आपको एक नया नाम भी याद करना मुश्किल लगता है।   इसका कारण यह है कि दिमाग़ ने अपनी धारणा-शक्ति को खो दिया है। मस्तिष्क की कोशिकायं धीरे धीरे कम कारगर होने लगती हैं। जो अधिक मानसिक काम करते हैं, और जो बहुत चिंता, तनाव आदि से पीड़ित हैं, वे जल्द ही अपनी धारणा-शक्ति खो देते हैं।   केवल 10 प्रतिशत मानसिक क्रियाएं चेतना के क्षेत्र में आती हैं। हमारे मानसिक जीवन में कम से कम 90 प्रतिशत अवचेतन है। कई बार ऐसा होता है कि हम बैठते हैं और किसी समस्या को हल करने की कोशिश करते हैं, पर विफल हो जाते हैं। अचानक एक विचार आता है जो समस्या के समाधान की ओर ले जाता है। ऐसा क्यों होता है? क्योंकि अवचेतन प्रक्रियाएं काम पर थीं। अवचेतन मन आपका निरंतर साथी और ईमानदार दोस्त है। यह जवाब अवचेतन मन से बिजली के कौंधने की तरह आता है। यहां तक कि नींद में अवचेतन मन रुके बिना काम करता है। यह आपकी सोच को व्यवस्थित करता है, सभी तथ्यों और आंकड़ों को वर्गीकृत करता है, उनकी तुलना करता है, और एक उचित संतोषजनक समाधान तैयार करता है।



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दमा (अस्थमा) के लिए योग

अस्थमा (दमा) विभिन्न एलर्जी से होने वाली श्वास की नालियों या वायुमार्ग में होने वाली बीमारी है। इसका परिणाम वायुमार्गों के संकुचित होना होता है और जिस से श्वास-रहितता, खाँसी और घबराहट हो सकती है। राहत पाने के लिए आज दवायें मौजूद हैं किंतु इन से अस्थमा का उपचार नहीं होता, केवल अस्थमा के अटेक को रोका जाता है।



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तनाव के लिए योग

तनाव की परेशानी आज ज़्यादातर लोगों को है। तनाव के कई कारण हो सकते हैं जैसे की काम, वित्तीय, व्यक्तिगत या पारिवारिक संबंधी कारण। इस आम परेशानी से राहत पाने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। हम यहाँ आपको कुछ ऐसे आसन बताएँगे जो आप रोज़ केवल 10 मिनिट भी करेंगे तो तनाव से आराम महसूस करेंगे।



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माइग्रेन के लिए योग

माइग्रेन सामान्य सिरदर्द की तुलना में अधिक तीव्र होता है। आम तौर से माइग्रेन सिर के एक तरफ एक धड़कते दर्द के रूप में होता है। और माइग्रेन अक्सर मतली, चक्कर आना, और प्रकाश व ध्वनि के प्रति संवेदनशीलता के साथ होते हैं। यह कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक रह सकते हैं।



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शुगर (मधुमेह) कम करने के घरेलू उपाय

आधुनिक जीवनशैली ने कई रोगों को जन्म दिया है। प्राचीन काल में, लोग स्वस्थ भोजन करते थे, स्वच्छ हवा में साँस लेते थे और सबसे महत्वपूर्ण बात, वे खुद को कई शारीरिक गतिविधियों में शामिल करते थे। लेकिन लेकिन आजकल हम लगातार कंप्यूटर के सामने काम करने लगे हैं, घर पर बने स्वस्थ भोजन खाने के बजाय लोग बाहर का अस्वस्थ जंक फूड खाना पसंद करते हैं। अपना समय पार्कों में अभ्यास या योग करने के बजाय अधिकांश लोग डोमोनोस, मैक डोनाल्ड, कैफे और डाइनिंग रेस्तरां आदि में अपना समय व्यतीत करना पसंद करते हैं। शारीरिक गतिविधियों, तनाव और अच्छे भोजन की कमी ने कई रोगों को जन्म दिया है। हाल के वर्षों में मधुमेह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को अपना शिकार बना रही है। शुगर (मधुमेह) एक आजीवन बीमारी है और रासायनिक प्रक्रियाओं वाली गोलियां या पूरे जीवन के लिए दवाएं लेने से कई दुष्प्रभाव और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि हम मधुमेह को कम करने वाली जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं जो कि आपके ग्लूकोज को विनियमित और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।



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शुगर (मधुमेह) का आयुर्वेदिक इलाज

आयुर्वेद में शुगर की बीमारी को मधुमेह कहा जाता है। आयुर्वेद के अनुसार मधुमेह मुख्य रूप से तब होता है जब शक्कर, फैट, चावल, आलू, डेयरी उत्पाद आदि के उच्च सेवन के कारण कफ दोष बढ़ जाता है। आयुर्वेद कफ दोष को संतुलित करके इस रोग का उपचार करता है। आयुर्वेदिक दवाएं स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में बहुत प्रभावी होती हैं जिससे आपको एक स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है। तो आइये जानते हैं मधुमेह के लिए कुछ आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में -



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गठिया (आर्थराइटिस) के लिए योग

गठिया के सबसे आम प्रकार को ऑस्टियोआर्थराइटिस कहा जाता है। यह एक जोड़ों का रोग है जिसमें स्वस्थ उपास्थि जो जोड़ों में हड्डियों को कुशन करता है, धीरे धीरे ख़तम होने लगता है। इससे जोड़ों में कठोरता, दर्द, सूजन, रेंज ऑफ मोशन भी कम हो जाती है। योग दर्द प्रबंधन को बढ़ा सकता है, जिससे अंगों की कार्यकौशलता में सुधार होता है।



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साइनस के लिए योग

पश्चिमी चिकित्सा में साइनसाइटिस को एलर्जी का नतीजा माना जाता है।



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Thursday, April 19, 2018

बदला मैंने डिनर का समय और कम हो गया मेरा वजन

आप अभी भी पुरानी संस्कृति को अपनाते होंगे कि पहले सभी परिवार वाले घर आ जाएं, तब साथ में बैठकर खाना खाएंगे। खाना खाने का यह समय 9 बजे से पहले शुरू नहीं होता होगा। प्रतीक सिंह ने भी इसी संस्कृति का पालन करते हुए अपने अनुभवों के बारे में आज हमें बताया है। उनका कहना है कि इसकी वजह से उनका वजन बढ़ता चला गया था। लेकिन फिर उन्होंने एक बदलाव करके अपने वजन को कम कर लिया।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आसान तरीके)

तो आइये प्रतीक से पूछते हैं कि कैसे उन्होंने अपना वजन कम किया –

आप कब से इस संस्कृति का पालन कर रहे हैं?

इंडियन फैमिली में हमेशा डिनर मेल मिलाप का समय समझा जाता है। रात के खाने का मतलब "फैमिली टाइम" और आप इसे बिल्कुल भी नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं। मैं हमेशा से एक आज्ञाकारी लड़का रहा हूँ और इस संस्कृति का मैंने काफी लम्बे समय तक पालन किया। लेकिन तब तक, जब तक मैं बड़ा नहीं हुआ था। बड़ा होने के बाद ऑफिस मेरा दूसरा घर बन गया।  

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए डाइट चार्ट)

कब से आप बाहर का खाना खाने लगे थे?

मेरी कोशिश होती थी कि मैं अपना काम समय पर पूरा करूँ और अपने बॉस को खुश कर दूँ। लेकिन, आखिर में मेरा काम हमेशा लेट हो जाता था। इस तरह न तो मैं अपने बॉस को खुश रख पाता था और न ही अपने स्वास्थ का ध्यान रख पाता था। मेरा रोजाना रात का खाना छूटने लगा था और इसकी वजह से मुझे बाहर का तला हुआ खाना पड़ता था। ऐसे में मेरे खाने का समय हमेशा दस बजे के बाद का होने लगा था। इस प्रकार मैं रात का खाना, खाना नहीं मानता था क्योंकि मुझे जब भी भूख लगती थी मैं तभी कुछ न कुछ खा लिया करता था।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)

आपने कब समय पर खाने का फैसला लिया?

मैंने समय पर खाने का फैसला तब लिया, जब मुझे मेरी पैंट फिट नहीं आई। फिर मैं उस दिन समझ गया कि मेरा वजन अब बढ़ गया है। मैंने अधिक साइज की पैंट खरीदी और उन्हें पहनना शुरू किया। इसके अलावा मेरे पास और कोई चारा नही था। अपना वजन बढ़ता हुआ देख मैंने घर से खाना ले जाना शुरू कर दिया। मेरे रात के खाने में रोटी, दाल, चावल, पराठा या फिर मल्टी ग्रेन सैंडविच होते थे। जिस दिन मैं टिफिन नहीं ला पाता था, उस दिन मैं रात का खाना सात बजे ऑफिस के ही कैफेटेरिया में खा लिया करता था। लेकिन मैं किसी भी समय खाना नहीं खाता था, सिर्फ और सिर्फ रोजाना सात बजे ही खाया करता था। 

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

देरी से खाना खाने और समय से खाना में आपको क्या अंतर देखने को मिला?

जब मैं पहले दस बजे के बाद बाहर का तला हुआ खाना खाता था तो हमेशा मेरा पेट भारी-भारी रहता था। लेकिन जब मैंने 7 बजे सही आहार लेना शुरू किया तो मेरा पेट हमेशा हल्का रहता था। साथ ही मैं ऊर्जा से भी भरपूर रहता था।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए क्या खाएं)

सही समय पर खाना खाने से आपकी नींद में क्या परिवर्तन आया?

जब से मैंने सही समय पर खाना शुरू किया है तब से मुझे नींद बेहद अच्छी आती है। मुझे रोजाना 11 बजे के आसपास नींद आ जाती है। समय पर खाना खाने से और समय पर सोने से मुझे देर रात भूख का कभी एहसास नहीं हुआ। 

(और पढ़ें - उम्र के हिसाब से कितने घंटे सोना चाहिए )

आपका दो किलो वजन कैसे घटा?

रात का खाना समय पर खाने से मुझे दो किलो वजन घटाने में मदद मिली। मेरा वजन पहले 65 किलो था और 20 दिनों के भीतर मेरा वजन 63 किलो हो गया। यह शायद इसलिए हुआ क्योंकि मैं अपना रात का खाना 7 बजे खाने लगा था।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज)

समय पर खाना खाने से क्या आपकी नींद पूरी होती थी?

पहले मैं 11 बजे तक कुछ भी खा लेता था। इस प्रकार मैं सही ढंग से सो भी नही पाता था और रोजाना सुबह मूड खुश नहीं रहता था। लेकिन जब से मैंने 7 बजे खाना खाना शुरू किया, तब से मैं हमेशा ताजा लगता था और सुबह उठने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता था।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

समय पर खाने से आपको क्या कभी पेट की समस्या नही हुई?

सही आहार न खाने से और हमेशा बाहर का खाते रहने से सबसे बड़ी पेट की परेशानी कब्ज और बदहजमी की रहती थी। लेकिन जब से मैंने घर में रात का खाना शुरू किया तो ये परेशानी दस दिनों के भीतर एकदम गायब हो गयी। रात को 7 बजे खाना खाने की जीवनशैली एक ऐसी जीवनशैली है, जिसके साथ मैं हमेशा रहना चाहता हूँ।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)



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स्मरण शक्ति (याद शक्ति) बढ़ाने के उपाय और तरीके

इस डिजटल युग में स्मरण शक्ति कमजोर होना बहुत सामान्य बात है। आज के दौर में यह चलन है कि जो भी आपके दिमाग से निकल जाएं, उसे गूगल कर लो। हालांकि, यह अच्छी बात नहीं है कि कोई चीज आपके दिमाग से निकली और आप उसे गूगल में ढ़ूढ़ लिए। गूगल में ढ़ूढ़ने की बजाय आपको अपने दिमाग पर जोर डालना चाहिए। ऐसा करने से अपका दिमाग अधिक सक्रिय और अनुशासित रहेगा। इसके साथ ही साथ एकाग्रता भी बढ़ेगी। आप अपने दिमाग में किस तरह की बातों को याद रखते हैं, इससे आपके सोचने के तरीके का पता चलता है।

(और पढ़ें - कमजोर याददाश्त)

इसके अलावा स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने के लिए तनाव कम करें और अपने खाने-पीने पर अधिक ध्यान दें। इसके साथ ही साथ आप अपने सोचने के तरीके में परिवर्तन लाकर भी अपने स्मरण शक्ति को बेहतर बना सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे किन-किन चीजों को खाने से स्मरण शक्ति मजबूत होती है। इसके अलावा स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय के बारे में भी इस लेख में जानेगें।

(और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)



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माका रूट के फायदे और नुकसान

माका एक प्रकार का पौधा है, जिसका वैज्ञानिक नाम लेपिडियम मेइन्नी है। इसके अलावा इसे पेरुवियन जिन्सेंग के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा पेरू नामक देश के एंडीज पर्वत श्रृखला के लगभग 4000 मीटर के ऊंचाई में पाया जाता है। यह ब्रोकली, गोभी और पत्ता गोभी जैसी ही एक प्रकार का सब्जी है। पेरू में इसका इस्तेमाल सदियों से दवाई के रूप में किया जा रहा है।

माका के जड़ का इस्तेमाल खाने के लिए किया जाता है, जो जमीन के भीतर बढ़ता है। यह कई रंग का होता है। हालांकि, अधिकांश रूप से लाल और काले रंग का होता है। माका का जड़ मुख्य रूप से सूखा होता है और इसे पाउडर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसका कैप्सूल भी बाजार में मिलता है और यह तरल रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है।

माका के जड़ के पाउडर का स्वाद कुछ लोगों को बुरा लग सकता है। बहुत से लोग इसमें स्मूदी, ओटमील और मीठा चीज मिलाकर खाते हैं। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि माका के बारे में कोई वृहद् शोध अभी पूरा नहीं हुआ है। हालांकि, इससे संबंधित कुछ अध्ययन जानवरों पर किया गया है। 

(और पढ़ें - ओट्स के फायदे)



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स्मरण शक्ति (याद शक्ति) बढ़ाने के उपाय और तरीके

इस डिजटल युग में स्मरण शक्ति कमजोर होना बहुत सामान्य बात है। आज के दौर में यह चलन है कि जो भी आपके दिमाग से निकल जाएं, उसे गूगल कर लो। हालांकि, यह अच्छी बात नहीं है कि कोई चीज आपके दिमाग से निकली और आप उसे गूगल में ढ़ूढ़ लिए। गूगल में ढ़ूढ़ने की बजाय आपको अपने दिमाग पर जोर डालना चाहिए। ऐसा करने से अपका दिमाग अधिक सक्रिय और अनुशासित रहेगा। इसके साथ ही साथ एकाग्रता भी बढ़ेगी। आप अपने दिमाग में किस तरह की बातों को याद रखते हैं, इससे आपके सोचने के तरीके का पता चलता है।

(और पढ़ें - कमजोर याददाश्त)

इसके अलावा स्मरण शक्ति को बेहतर बनाने के लिए तनाव कम करें और अपने खाने-पीने पर अधिक ध्यान दें। इसके साथ ही साथ आप अपने सोचने के तरीके में परिवर्तन लाकर भी अपने स्मरण शक्ति को बेहतर बना सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे किन-किन चीजों को खाने से स्मरण शक्ति मजबूत होती है। इसके अलावा स्मरण शक्ति बढ़ाने के उपाय के बारे में भी इस लेख में जानेगें।

(और पढ़ें - याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय)



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Tuesday, April 17, 2018

ज्यादा नींद आना

अधिक नींद आना या हाइपरसोमनिया (Hypersomnia) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें किसी व्यक्ति को इतनी नींद आती है कि वह दिन के समय भी जागकर नहीं बिता सकता। जो लोग हाइपरसोमनिया की समस्या से पीड़ित होते हैं वे कहीं भी सो सकते हैं। उदाहरण के लिए काम के समय और यहां तक कि ड्राइविंग आदि करते समय भी वे सो सकते हैं। उनको नींद से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे ऊर्जा में कमी और स्पष्ट रूप से सोचने में कठिनाई महसूस होना। इस समस्या से पीड़ित लोग 24 घंटे के समय में 9 घंटे से भी ज्यादा समय सोकर बिताते हैं। अधिक नींद आने की वजह से रात के समय इनकी नींद बधित नहीं होती और ये रात के समय बार-बार नहीं उठते।

इसके लक्षणों का इलाज करने के लिए आमतौर पर उत्तेजक दवाओं (Stimulants) का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ये दवाएं अधिक नींद आने की समस्या के मुकाबले नार्कोलेप्सी (एक प्रकार का निद्रा रोग) रोग के लिए अधिक प्रभावी रूप से काम करती हैं। उपचार के दौरान बेहतर स्वच्छता अपनाने और कैफीन (चाय-कॉफी आदि) या अल्कोहल (शराब आदि) आदि से बचने की सलाह दी जाती है।

(और पढ़ें - अनिद्रा का उपचार)



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महिलाओं के लिए सबसे जरूरी लैब टेस्ट

भारत की अधिकतर महिलाएं आज भी बिना किसी बीमारी के डॉक्टर के पास और लैब टेस्ट के लिए जाना जरूरी ही नहीं समझती है। उनको लगता है ऐसा करना समय और पैसों दोनों की ही बर्बादी है। लेकिन समय रहते बीमारी का पता लगने पर आप कई तरह के रोगों से बच सकती हैं। इसलिए डॉक्टर सभी को समय-समय पर लैब टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। बीमारी कभी भी और किसी भी समय हो सकती है।

इतना ही नहीं महिलाओं को स्वस्थ महसूस होने पर भी अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए। अधिकतर महिलाएं घर और ऑफिस के काम में इतना व्यस्त हो जाती हैं कि उनको अपनी सेहत पर ध्यान देने का समय ही नहीं मिल पाता है, जबकि ज्यादातर महिलाओं को जांच के अभाव में बढ़ती उम्र में रक्तचाप, थायराइड व कई अन्य रोग कब हो जाते हैं पता ही नहीं चलता। इस कारण हर महिला को समय-समय पर अपने स्वास्थ्य की जांच के लिए कुछ टेस्ट जरूर करवाने चाहिए।

(और पढ़ेें - थायराइड के लिए डाइट चार्ट और ​थायराइड का टेस्ट)

आगे जानते हैं महिलाओं के लिए सबसे जरूरी लैब टेस्ट कौन से हैं।



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मानसिक मंदता

मानसिक मंदता क्या है?

मानसिक मंदता एक विकास संबंधी समस्या है, जो किसी बच्चे में उसके विकास वर्षों (यानी 0-18 साल का) के दौरान प्रकट होती है। यह एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें किसी बच्चे का बुद्धि स्तर और अनुकूलन क्षमता उसके साथ के बच्चों के औसतन स्तर के मुकाबले काफी कम हो जाती है। ऐसी स्थिती में लोगों की बुद्धि क्षमता औसत स्तर से कम हो जाती है, जो उनके सामान्य रूप से कार्य करने की क्षमता को सीमित कर देती है। यह स्थिति जो बचपन से मौजूद होती है, उसके कई कारण हो सकते हैं। इसकी प्रभावित करने की सीमा सामान्य से गंभीर तक हो सकती है। जो लोग मानसिक रूप से मंद होते हैं, उनको कई कार्यों में समस्याएं हो सकती है, जैसे -

  • किसी के साथ बात करना,
  • खुद की देखभाल करना,
  • दैनिक जीवन,
  • सामाजिक कौशल,
  • सामुदायिक संपर्क,
  • खुद का संचालन करना,
  • स्वास्थ्य और सुरक्षा
  • स्कूल संबंधित गतिविधियां
  • खाली समय की गतिविधियां
  • अन्य काम करना आदि।

एक बच्चे में मानसिक मंदता का परीक्षण पेशेवर मूल्यांकन से मनोविज्ञानी (Psychologists) या बच्चों के डॉक्टर (Paediatricians) द्वारा किया जाता है। मानसिक मंदता का कोई इलाज नहीं है। रोगियों के प्रबंधन क्षमता को विकसित करना ही इसके इलाज का प्राथमिक लक्ष्य होता है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग के घरेलू उपाय)



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Monday, April 16, 2018

चक्कर आने पर करें ये घरेलू उपाय

चक्कर आना एक ऐसी चीज़ है जिसका अनुभव हर किसी को अपनी ज़िन्दगी में कभी न कभी ज़रूर होता है। इसमें सिर हल्का लगने लगता है, अस्थिरता या संतुलन बिगड़ने से आप गिर जाते हैं।

चक्कर आना कोई बिमारी नहीं है। ये कुछ स्वास्थ से जुडी स्थितियों का एक लक्षण है जैसे लो ब्लड प्रेशर, ह्रदय की मांसपेशियों की बिमारी (heart muscle disease), न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (neurological disorder), एनीमिया, एलर्जी, लो ब्लड शुगर, टिनिटस (tinnitus), कान का संक्रमण, स्ट्रोक, आँख सम्बन्धहि विकार (vision-related disorders), माइग्रेन, चिंता और सिर में चोट। 

ये डीहाइड्रैशन, मोशन सिकनेस, तनाव, ज़्यादा व्यायाम, शरीर में हॉर्मोन्स के बदलने और किसी भी दवाई के नुकसान की वजह से ये समस्या हो सकती है।

कभी कभी चक्कर आने की वजह से कानों में झुनझुनाहट सी महसूस होने लगती है, सीने में दर्द, कमज़ोरी, मतली, उल्टी, पीलापन लगना या संतुलन खोने लगते हैं। 

अगर आपको चक्कर कभी कभी आते हैं या उनके लक्षण महसूस होते हैं तो आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालाँकि अगर लक्षण बहुत जल्दी जल्दी आते हैं तो आप अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।

(और पढ़ें - चक्कर आना

तो आइये आपको बताते हैं चक्कर आने के कुछ घरेलू उपाय -     



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इस डॉक्टर ने सिर्फ 6 महीने में 15 किलो कम कर दिखाया इस तरह से

यह कहानी अभिरूचि गौतम की है जो पेशे से एक डॉक्टर हैं। उन्होंने अपना वजन महज छः महीने में 15 किलो कम कर लिया। यानि पहले अभिरूचि का वजन 75 किलो था, लेकिन अब उनका वजन 60 किलो हो चुका है। यह सब सिर्फ और सिर्फ उनकी डाइट की मदद से हुआ है। अभिरूचि की डाइट पराठा और पिज़्ज़ा हुआ करती थे और यह ऐसे आहार हैं जिन्हें हम वजन कम करने के दौरान एकदम नज़रअंदाज़ करते हैं। लेकिन अभिरूचि यही डाइट लिया करती थी।

यकीन नहीं आता, तो आइये सुनते हैं अभिरूचि की वेट लॉस की कहानी उन्हीं की जुबानी –

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैंने वजन घटाने का फैसला तब लिया जब लोग मुझे बोलते थे कि डिलीवरी के बाद वजन घटाना बेहद मुश्किल है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पैदल चलें)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता - चाय या कॉफी के साथ दो उबले अंडे या फिर पराठा बिना घी या मक्खन के साथ खाती थी। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान)
  • मेरा दोपहर का स्नैक - नाश्ते के दो घंटे बाद एक फल जरूर खाती थी। मेरे पास हमेशा संतरा रहता था, क्योंकि यह मेरा पसंदीदा फल है।
  • मेरा दोपहर का खाना - दोपहर के खाने में एक कटोरा चावल सब्जी, दाल, दही और सलाद के साथ खाती थी।
  • मेरा शाम का स्नैक - शाम के स्नैक में मैं नट्स खाया करती थी।
  • मेरा रात का खाना - ग्रिल्ड चिकन सलाद के साथ खाया करती थी।
  • चीट डेस (डाइट से हटकर कुछ खाना) के समय - चीट डेस मैं हफ्ते में एक बार किया करती थी। इस दिन मैं फ्रेंच फ्राइज या कभी-कभी पिज़्ज़ा खाती थी।
  • कम कैलोरी वाला खाना – कम कैलोरी वाले खाने में मैं डार्क चॉकलेट हर दो दिन में एक बार जरूर खाया करती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या क्या खाना चाहिए)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं रोजाना 45 मिनट तक कार्डियो, क्रंचेस, सिटअप्स और लेग रेज (तीन सेट में 30 बार इन व्यायामों को दोहराती थी) किया करती थी। इसके अलावा, इस बात को भी ध्यान में रखें कि आपको जिस भी लक्ष्य को प्राप्त करना है, हमेशा उसे अपना केंद्र बनाये रखें। उन लोगों की बिल्कुल भी न सुने जो आपको नकारात्मक सलाह देते हैं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग और मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

वेट लॉस में स्व-प्रेरणा (Self-motivation) पहली चीज है जो आपको ध्यान में रखनी है। फिटनेस मेरे लिए आदत नही थी, लेकिन एक धर्म जरूर बन चुकी थी। जिसका मैं अपने दिल और निष्ठा के साथ पालन करती थी।  

(और पढ़ें - खाने में कितनी कैलोरी होती हैं)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं अधिक उम्र वाली महिलाओं की फिटनेस वीडियो देखकर उनसे प्रेरणा लेती थी। बच्चे होने के बाद भी वो महिलायें हमेशा फिट रहती थी। कुछ इसी तरह, मलाइका अरोरा खान मेरी प्रेरणा का स्रोत हैं। उनके फिटनेस विडियो मैं रोज देखा करती थी। 

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता था जब मुझे अपने पुराने कपड़े फिट नही आते थे। साथ ही, जब लोग मेरे मोटापे की वजह से मुझे घूर-घूर कर देखा करते थे।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

मैं खुद को अब बीच बॉडी (beach body) के आकार में देखना चाहती हूँ, लेकिन अभी यह नहीं मालूम कि इस आकार में आने के लिए मुझे कितना समय लगेगा।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या-क्या किया?

मैंने हमेशा खाते रहने की आदत को बंद कर दिया। बाहर के खाने को बिल्कुल भी हाथ नहीं लगाती थी और खुद के लिए एक घंटा रोजाना जरूर निकालती थी।

(और पढ़ें - हिप्स को कम करने के उपाय)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मुझे ऐसी कोई निराशाजनक बात याद नही है।

(और पढ़ें - पैदल चलने के लाभ)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

जब आप फिट और स्वस्थ रहेंगे तो अपने आप ही आपके आसपास खुशी का माहौल रहेगा। तो हमेशा फिट और स्वस्थ रहने की कोशिश करें।

(और पढ़ें - एब्स बनाने के तरीके

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आशा करते हैं कि आपको अभिरूचि के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Friday, April 13, 2018

पेट के कीड़े

मानव पेट के कीड़े या आंतों के कीड़े एक प्रकार के परजीवी होते हैं। ये परजीवी मानव की आंतों में रहते हैं, आंतो की सामग्री खाते हैं और आंतो की परतों से खून चूसते हैं। ये आतों के परजीवी मानव की आंतों से पोषण प्राप्त करते हैं। ये कीड़े आंतों के अंदर जीवित रह सकते हैं, लेकिन प्रजनन नहीं कर सकते।

परजीवी एक ऐसा जीव होता है जो किसी दूसरे जीव पर आश्रित रहता है। परजीवी अपने जीवन चक्र को चलाने के लिए मेजबान (आतिथेय/ Host) के संसाधनों का उपयोग करता है। पेट के कीड़े गंभीर और जीवन के लिए हानिकारक संक्रमण स्थिति पैदा कर देते हैं, जो मुख्य रूप से बच्चों में होती है। जानवरों के मल या दूषित पानी के संपर्क में आने से व्यक्ति इनसे संक्रमित हो सकते हैं।

पेट के कीड़ों को आतों के कीड़े और परजीवी कीड़े के नाम से भी जाना जाता है। कुछ सामान्य प्रकार के पेट के कीड़े जिनमें निम्न शामिल है:

  • फ्लैटवॉर्म (Flatworms) जिनमें शामिल हैं:
    • टेपवॉर्म (Tapeworms)
    • फ्लूक (Flukes)
  • राउंडवॉर्म्स (Roundworms) जिनमें शामिल हैं:
    • एस्कारियासिस (Ascariasis)
    • पिंगवॉर्म (Pinworm)
    • हुकवॉर्म संक्रमण (Hookworm infections)

इनके समूहों की विभिन्न प्रजातियां आंतों के विभिन्न भागों में रह सकती है, जिससे लक्षण पैटर्न भी अलग-अलग हो सकते हैं। जिन लोगों में पेट के कीड़े कम हैं, हो सकता है उनमें कोई लक्षण दिखाई ना दे। किसी भी व्यक्ति को अगर उसके पेट में कीड़े हैं, तो उनसे छुटकारा पाने के लिए उसे इलाज की आवश्यकता होगी।

(और पढ़ें - परजीवी संक्रमण का इलाज



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मवाद

मवाद या पस (Pus) एक गाढ़ा द्रव होता है, जिसमें मरे (नष्ट) हुऐ ऊतक, कोशिकाएं और बैक्टीरिया होते हैं। शरीर मवाद को अक्सर तब बनाता है जब यह किसी संक्रमण के खिलाफ लड़ता है, खासकर बैक्टीरिया के कारण होने वाला संक्रमण।

मवाद कई रंगों का हो सकता है यह संक्रमण के प्रकार और वह किस जगह हुआ है इस पर निर्भर करता है, इसके रंगों में पीला, हरा और ब्राउन आदि शामिल हैं। कभी-कभी मवाद से बदबू भी आ सकती है और कभी-कभी यह बिना बदबू वाला भी हो सकता है।

मवाद, गुहा (कैविटी) के अंदर जमा होता है और एक फोड़े को जन्म देता है। अगर संक्रमण ठीक ना हो पाए और मवाद बाहर ना निकल पाए तो कैविटी का आकार बढ़ता रहता है। मवाद की विशिष्ट विशेषताएं संक्रमण पैदा करने वाले एजेंट की प्रकृति पर निर्भर करती है।

मवाद सामान्य होता है और यह संक्रमण के खिलाफ आपके शरीर द्वारा दी गई प्राकृतिक प्रतिक्रिया का सामान्य उप-उत्पाद होता है। कुछ मामूली संक्रमण जैसे विशेष रूप से आपकी त्वचा की ऊपरी सतह पर होने वाला संक्रमण आमतौर पर बिना उपचार के अपने आप ठीक हो जाता है। अधिक गंभीर संक्रमण को आमतौर पर इलाज की जरूरत पड़ती है। इलाज में ड्रेनेज ट्यूब (एक ट्यूब या नली द्वारा पस को निकालना) और एंटीबायोटिक आदि शामिल होती हैं।

(और पढ़ें - बैक्टीरियल संक्रमण का इलाज)



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20 किलो कम करके पहन पाती हैं सोनल अपनी फेवरेट ड्रेसेस

जब आपका वजन बढ़ता चला जाता है तो उससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के आलावा वजन कम करने की चिंता सताने लगती है। कुछ ऐसा ही सोनल प्रज्ञा के लिए भी था। उन्हें अपने बढ़ते वजन को लेकर असहज महसूस होता था। आखिर में उन्होंने वजन घटाने का फैसला लिया और महज छः महीने में 20 किलो वजन घटा लिया। यानि पहले सोनम का वजन 69.5 था और अब उनका वजन 49 हो चुका है। सोनल ने अपने रोजाना के रूटीन में कुछ बदलाव किये और धीरे-धीरे वजन घटाया। अब सोनम बेहद खुश रहती हैं क्योंकि उन्हें उनके पसंदीदा कपड़े फिट आते हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

तो आइये आपको बताते हैं सोनल ने कैसे किया 20 किलो वजन कम –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैंने वजन घटाने का फैसला तब लिया जब मुझे एहसास हुआ कि मेरा वजन बहुत अधिक बढ़ता चला जा रहा है।

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए डाइट चार्ट)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता - ओट्स, उपमा, सूजी, उत्तपम या ओट्स के साथ बिना चीनी वाला दूध या चीला (दाल या फिर बेसन) खाती थी। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान)
  • दोपहर का खाना - रोटी और उसके साथ कुछ भी प्रोटीन वाला आहार (दाल या दही)
  • मेरा रात का खाना - सूप या फलों का सलाद या चीला 8 बजे से पहले खा लिया करती थी।
  • डाइट से हटकर क्या खाती थी - डाइट से हटकर मैं डार्क चॉकलेट खाया करती थी।
  • कम कैलोरी वाला खाना - कम कैलोरी वाले खाने में मैं ओट्स और उपमा खाती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या क्या खाना चाहिए)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

हाँ मैं रोजाना एरोबिक्स किया करती थी।

(और पढ़ें - पैदल चलने के लाभ)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

जब मुझे एक्सएल (XL) साइज के कपड़ों की जगह स्माल (S) साइज के कपड़े आने लगे तो मुझे बेहद अच्छा लगता था। इस तरह मैं खुद को और अधिक प्रेरित करती रहती थी।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मेरी ट्रेनर मिली कपूर मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत थी। वो मुझे हमेशा कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करती रहती थी। उनकी कीमती सलाह मेरे लिए हमेशा लाभदायक होती थी।

(और पढ़ें - हिप्स को कम करने के उपाय)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता था जब मैं कुछ भी पहनती थी और पहनने के बाद मुझे अच्छा महसूस नहीं होता था। इस तरह मुझे खुद के लिए असहज महसूस लगता रहता था। हालाँकि वेट लॉस होने के बाद अब जो चाहूँ मैं वो अपनी पसंद का पहन सकती हूँ।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग और मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

जिस वजन को घटाने में मैंने इतनी मेहनत की है, उस वजन को मैं आगे तक भी बनाये रखूंगी। 

(और पढ़ें - खाने में कितनी कैलोरी होती हैं)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या-क्या किया?

पहली और सबसे जरूरी चीज़, वजन घटाने के लिए मैं रात का खाना 8 से 8:30 के बीच में खाने लगी थी। मैंने छः महीने तक मीठा खाना पूरी तरह से बंद कर दिया था। सुबह-सुबह वर्कआउट के लिए उठना यह भी बहुत बढ़ा बदलाव था।

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मुझे मीठा खाना बेहद पसंद है और मीठे को छोड़ना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती भी थी। लेकिन ऐसे में मेरी ट्रेनर ने मेरी बहुत मदद की। वजन घटाने के लिए मैंने कुछ वक़्त तक चीनी की जगह गुड़ खाना शुरू कर दिया था।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

वजन कम होने से मुझमें आत्म-विश्वास जगा है। यह आत्म-संतुष्टि वाला एहसास है जिसका अनुभव सभी को लेना चाहिए। अब बिना कोई असहजता महसूस किये मैं जो भी पहनती हूँ सभी कपड़ों में अच्छी लगती हूँ।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)

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आशा करते हैं कि आपको सोनल के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

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Thursday, April 12, 2018

गर्भावस्था में सर्दी-जुकाम और खांसी

गर्भावस्था का समय महिलाओं के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय महिलाओं में शारीरिक और मानसिक रूप से कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण ही महिलाओं के शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता प्रभावित होती है। जिसकी वजह से उनके शरीर में कई तरह के रोग उत्पन्न हो जाते हैं। इन समस्याओं में सर्दी-जुकाम और खांसी होना भी एक आम बात है। सामान्यतः सर्दी-जुकाम और खांसी होने पर लोगों के द्वारा खुद ही इसको दूर करने के लिए दवा ले ली जाती है, लेकिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान किसी भी तरह की दवा को बिना डॉक्टरी सलाह के लेने से बचना चाहिए। गर्भावस्था के समय सर्दी-जुकाम और खांसी के बारे में आगे आप जानेंगे कि यह समस्या क्यों होती है, इसके लक्षण क्या है, क्या इससे बच्चे के स्वास्थ्य पर कोई असर पड़ता है और प्रेग्नेंसी में सर्दी-जुकाम और खांसी का उपचार कैसे किया जा सकता है।

(और पढ़ें - Pregnancy in Hindi)



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गर्भावस्था में बालों का झड़ना

बालों का झड़ना एक सामान्य प्रक्रिया है। बालों को धोते और कंघी करते समय हर किसी के बाल झड़ते ही हैं। बालों के बढ़ने और गिरने का क्रम निरंतर चलता रहता है।

गर्भावस्था में बालों के झड़ने से महिलाओं को चिंता होना स्वाभाविक है। यदि गर्भावस्था के समय आपके बाल लगातार कम हो रहें हैं, तो घबराएं नहीं। कई बार गर्भावस्था के बाद इस तरह की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। सामान्यत: वैसे तो गर्भावस्था में बाल झड़ने की समस्या महिलाओं में कम देखने को मिलती है। प्रेग्नेंसी के समय महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर अधिक होने से बालों का झड़ना कम होता है। जबकि डिलीवरी के बाद एस्ट्रोजन का स्तर सामान्य होने पर, गर्भावस्था के दौरान रुके हुए बाल गिरने लगते हैं। यह सभी महिलाओं के शरीर में होने वाले बदलावों के कारण होता है। वहीं आपको गर्भावस्था के समय ही बाल झड़ने की समस्या हो रही हो, तो यह कई अन्य कारणों पर भी निर्भर करती है।

(और पढ़ें - chinta se mukti kaise paye)

प्रेग्नेंसी में बालों का झड़ना, चिकित्सीय जगत में टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen effluvium) के नाम से भी जाना जाता है। इस लेख में हम आगे बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में बाल क्यों गिरते हैं। इसके अलावा इस लेख में गर्भावस्था में बाल झड़ने के कारण, प्रेग्नेंसी में बालों को गिरने से बचाने के तरीके, घरेलू उपाय और टिप्स भी बताए जाएंगे।

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गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स)

गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन देखने को मिलते हैं। कई मामलों में यह परिवर्तन महिलाओं के लिए परेशानी का कारण भी बन जाते हैं। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कई महिलाएं पेट फूलना, मतली और मल में खून आने की समस्याओं को अनुभव करती हैं। मल में खून आने की समस्या को बवासीर (Piles/ Haemorrhoids) के रूप में जाना जाता है। गर्भवती महिलाओं में यह समस्या आम रूप से देखने को मिलती है। मलाशय (गुदा/ Rectal) से रक्तस्राव के कारण ऐसा होता है और कई बार यह आपके लिए परेशानी का कारण भी बन जाता है। इस स्थिति में महिलाओं को खुजली और दर्द होता हैं, लेकिन इस समस्या को इलाज से दूर किया जा सकता है। इस लेख में आप आगे जानेंगे कि गर्भावस्था में बवासीर क्यों होती हैं और इस समस्या के लक्षण, कारण, परीक्षण, इलाज और घरेलू इलाज क्या हैं। 

(और पढ़ें - Pregnancy in Hindi)



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गर्भावस्था में बालों की देखभाल

गर्भावस्था महिला के जीवन का अभिन्न हिस्सा होता है। लेकिन इस समय महिला को बच्चे के जन्म के साथ ही कई अन्य विषयों पर विचार करना होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होना शुरु हो जाते हैं। इस तरह के बदलाव का असर महिला के स्वास्थ्य पर तो पड़ता ही है, साथ ही उनके बालों पर भी पड़ता है। इस समय बालों को स्वस्थ रखना काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। इस समय कई महिलाओं के बाल पतले, घुंघराले एवं रूखे होकर झड़ने लगते हैं, जबकि शरीर में हार्मोनल बदलाव से कई महिलाओं के बाल मोटे और स्वस्थ भी हो जाते हैं। आगे जानते हैं प्रेग्नेंसी के समय महिला को अपने बालों में किस तरह की समस्या देखने को मिल सकती है और उनको गर्भावस्था में किस तरह से अपने बालों की देखभाल करनी चाहिए। 

(और पढ़ें - उलझे बालों को सीधा करने का तरीका)



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Wednesday, April 11, 2018

याददाश्त बढ़ाने के घरेलू उपाय

एक तेज याददाश्त वाले व्यक्ति को बुद्धिमान माना जाता है, वहीँ कम याददाश्त वाले व्यक्ति को आलसी और सुस्त कहा जाता है। आनुवंशिकता से लेकर खराब पोषण, चोट या बीमारी आपकी याददाश्त की शक्ति को प्रभावित सकते हैं। कारण जो भी हो यदि आप खुद का ख्याल रखते हैं, तो आप धीरे-धीरे अपनी याददाश्त को सुधार सकते हैं। आज हम आपको स्मृति शक्ति में सुधार करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपचार के बारे में बता रहे हैं।



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नाश्ते में न करे ये 5 गलतियां, अगर बनना है स्लिम और ट्रिम

यह तो आपने अक्सर सुना होगा कि नाश्ता पूरे दिन का सबसे अहम भोजन होता है। सुबह का भोजन आपका पूरा दिन बना भी सकता है और बिगाड़ भी सकता है। आप सभी नाश्ता अपने-अपने क्षेत्र और संस्कृति के अनुसार खाते होंगे। उदाहरण के लिए पंजाबी घी से बना पराठा खाना पसंद करते हैं, वही मुंबई निवासी नाश्ते में वड़ा पाव खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह खाना कितना स्वस्थ होता है? शायद नहीं। तो आज हमने आपके लिए नीचे कुछ अस्वस्थ नाश्ते बताये हैं, जिन्हें आप खाना बेहद पसंद करते हैं, लेकिन इनसे वजन तेजी से बढ़ता है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आसान तरीके)

तो आइये बताते हैं –

1. पराठा मक्खन के साथ -

भारत में पराठा नाश्ते में बहुत बनाया जाता है। ज्यादातर घरों में, दिन की शुरुआत अलग-अलग प्रकार के भरमा पराठों से होती है, जिनपर खूब सारा मक्खन लगा होता है। पराठों को आप दही के साथ ही खाना पसंद करते हैं। लेकिन जब बात स्वास्थ्य की आती है तो यह अच्छा विकल्प नहीं है। आपका नाश्ता प्रोटीन, कार्ब्स, फाइबर और स्वस्थ वसा से मिश्रित होना चाहिए। पराठे में सिर्फ वसा और कार्ब्स अधिक मात्रा में होते हैं। साथ ही यह तला भी खूब होता है। हालाँकि, अगर आपको अपना पराठा स्वस्थ तरीके से बनाकर खाना है तो मल्टीग्रेन आटे से बना पराठा खाएं, पराठे को तले नहीं और मक्खन का इस्तेमाल न करें। इसके बजाए आप घर का बना घी तैयार करके खा सकते हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए नाश्ता)

2. वाइट ब्रेड टोस्ट या पाव भाजी -

अभी तक आप अपने ब्रेड पर लिखी जानकारी को ध्यान से नहीं पढ़ते होंगे। संभावना है कि आपके ब्रेड में अगर 100% मैदा नही है तो 70% मैदा तो जरूर उसमें मिला होता है। वाइट ब्रेड में फाइबर की मात्रा कम होती है और यह विकल्प नाश्ते के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है। आप वाइट ब्रेड की जगह व्होल व्हीट ब्रेड (whole wheat bread) खा सकते हैं। इसी प्रकार, भाजी के साथ खाया जाने वाला पाव भी एक अस्वस्थ आहार है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए क्या खाएं)

3. तला खाना -

तला हुआ खाना जैसे - पकोरा, पूरी, भटूरा, वड़ा आदि। यह सभी विकल्प नाश्ते के लिए बिल्कुल भी सही नहीं हैं। आप अगर इन्हें खाते हैं तो अभी के अभी इन्हें खाना बंद कर दीजिये, क्योंकि ये विकल्प आपका वजन कम होने से रोकेंगे। इसके अलावा तला हुआ नाश्ता करने से सुबह-सुबह आपको सीने में जलन और एसिडिटी भी हो सकती है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

4. बाहर का खाना -

बाहर का खाना जैसे मैगी, पिज़्ज़ा, बर्गर या अन्य फास्ट फूड न खाएं। इसमें कोई दो राये नही है कि ये आहार अस्वस्थ होते हैं। लेकिन, जब आप इन्हे नाश्ते में लेते हैं तो यह आपके पूरे दिन को बेकार बना सकते हैं क्योंकि इनसे आपके शरीर को किसी भी तरह से ऊर्जा नहीं मिलती। साथ ही, इनको खाने से पेट में दर्द, सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या होने लग जाती है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)

5. नाश्ता न करना -

नाश्ते को छोड़ने से आपका पूरा दिन सुस्त हो सकता है। इस तरह आपका किसी भी कार्य पर ध्यान नहीं लगेगा और नाश्ता न खाने से मेटाबॉलिज्म का स्तर भी कम हो जाएगा। नींद के दौरान, आपकी पाचन क्रिया धीमी हो जाती है।

(और पढ़ें - नाश्ता न करने के नुकसान)

अगर आप नाश्ता नही खाएंगे तो भूख लगने पर आप अधिक भोजन कर लेंगे और इस तरह आपके शरीर में खाना ऊर्जा न देकर वसा के रूप में जमा होने लगेगा।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योगासन)



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Tuesday, April 10, 2018

सेफ पीरियड: मासिक धर्म के बाद सुरक्षित अवधि

महिलाओं को हमेशा से ही इस बात को जानने की उत्सुकता रहती है कि उनके लिए शारीरिक संबंध बनाने के लिए मासिक धर्म के बाद कौन सा समय प्रेग्नेंट न होने के लिए सुरक्षित होता है। यहां पर हमारा सेफ पीरियड से मतलब है जिस समय महिला के प्रेग्नेंट होने की संभावनाएं कम होती है। महिलाओं के शरीर में हर माह कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों का कारण मासिक धर्म होता है।

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मासिक धर्म दो चरण से जाना जाता है।

  1. प्रजनन चरण (Proliferating phase) : यह अवधि मासिक धर्म के पहले दिन से शुरू होता है।
  2. स्रावी चरण (Secretory phase) : यह 14 दिनों की एक निरंतर अवधि होती है, जो मासिक धर्म होने से 14 दिनों पहले से गिनी जाती है।

सेफ पीरियड आपको गर्भवस्था से बचाता नहीं हैं, इस दौरान भी आप संभोग करने से प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया को शुरू कर सकती हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि पुरुष का स्पर्म महिला के अंदर सात दिनों तक रह सकता है।

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