Thursday, November 30, 2017

एलर्जी के घरेलू उपाय

ज़्यादातर लोगों के लिए सभी तरह के मौसम में अलग अलग एलर्जी और इरिटेशन की समस्याएं होती हैं।

बसंत के मौसम में कई तरह की एलर्जी से परेशान होना पड़ता है। जबकि गर्मी के मौसम में अन्य एलर्जी की समस्याएं तेज़ी से बढ़ती रहती हैं। उसी प्रकार पतझड़ के मौसम में धूल मिटटी की वजह से एलर्जी होती हैं और सर्दियां आते आते प्रदूषण की वजह से एलर्जी की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। मौसम के अलावा एलर्जी के कई अन्य कारण हो सकते हैं।  

(और पढ़ें - एलर्जिक राइनाइटिस)

एलर्जी के सामान्य लक्षण हैं जैसे बहती हुई नाक, गले में खराश, कफ, आंखों  में खुजली और स्किन रैशेज। जो लोग मौसम के अनुसार एलर्जी से परेशान रहते हैं वो अपना बचाव ये समस्या शुरू होने से पहले कर सकते हैं। हालाँकि अगर आपको एलर्जी के लक्षण दिखाई देते हैं तो आप इस समस्या से बचने के लिए आसान और प्रभावी घरेलू उपाय को भी आजमा सकते हैं।

तो आइये आपको बताते हैं एलर्जी के घरेलू उपाय –



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एड़ी में दर्द के घरेलू उपाय

एड़ी में दर्द बेहद आम समस्या है जो आपकी सामान्य गतिविधियों में रुकावटे पैदा करती है। यह दर्द एड़ी के ऊपरी हिस्सों में या फिर एड़ी के पिछले भाग की तरफ महसूस होने लगता है। अक्सर इस तरह के दर्द कभी कभी होते हैं और ये ज़्यादातर सुबह के समय अधिक महसूस होते हैं। फ्लैट चप्पल पहनने से भी ये दर्द और भी ज़्यादा गंभीर हो जाता है। चोट, मोच, फ्रैक्चर आदि एड़ी में दर्द का कारण बनते हैं। किसी कठोर जगह पर गलती से एड़ी रगड़ जाना, ज़्यादा वज़न और बिना किसी साइज के शूज पहनना भी एड़ी में दर्द का कारण बनता है।

यह कई चिकित्सीय स्थितियों के कारण भी होता है जैसे अकिलीस टेन्डिनाइटिस (Achilles tendinitis), बर्साइटिस (bursitis), फाइब्रोमाएल्जिया (fibromyalgia), गाउट, हील स्पर्स (heel spurs), प्लांटर फेसाइटिस (plantar fasciitis), आर्थराइटिस, टेन्डिनाइटिस (Tendinitis) आदि। जो भी व्यक्ति इस समस्या से पीड़ित है वो इसके दर्द और असहजता से सावधान रहे। हालांकि इससे किसी भी तरह का स्वास्थ्य खतरा नहीं है।

एड़ी के दर्द के लिए आप कुछ घरेलू उपाय अपनाकर और जीवनशैली में बदलाव लाकर इससे छुटकारा पा सकते हैं। अगर आपके एड़ी में दर्द बेहद गंभीर है और आपको एक भी कदम चलने में ज़्यादा परेशानी हो रही है तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं।



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मोटापा कम करने के घरेलू उपाय

मोटापा वह स्थिति होती है जब व्यक्ति का वज़न आवश्यकता से अधिक हो जाता है और शरीर पर बहुत अधिक मात्रा में चर्बी जमा हो जाती है। मोटापे को व्यक्ति के बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के द्वारा मापा जाता है जो आपके वज़न और लम्बाई के हिसाब से बताता है कि आपकी शरीर में कितनि चर्बी जमा हो रखी है। आपका बीएमआई ये बताता है कि आप किस वजन श्रेणी में आते हैं: 18.5 से 25 बीएमआई वाले व्यक्ति सामान्य वजन,  25 से 29.9 बीएमआई वाले अधिक वजन और 30 से ज्यादा बीएमआई वाले व्यक्ति मोटापे से ग्रस्त माने जाते है। (अपना BMI जानने के लिए यहाँ क्लिक करें)

मोटापे के कारण कई बीमारियाँ जैसे मधुमेह, दिल की बीमारी, कई प्रकार के कैंसर, स्ट्रोक आदि होने की संभावना रहती है। मोटापा किसी भी उम्र में हो सकता है। अधिक वसा वाले भोजन का सेवन करना तथा निष्क्रिय जीवन शैली मोटापे के दो प्रमुख कारण होते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए स्वस्थ जीवन शैली में परिवर्तन को अपनाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, आप अपना वजन कम करने के प्रयासों के साथ कुछ आसान और प्रभावी प्राकृतिक घरेलू उपचारों का उपयोग भी कर सकते हैं।



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पित्ती के घरेलू उपाय

पित्ती को अर्टिकारिया (urticaria) भी कहा जाता है जिसमे त्वचा पर बहुत ज़्यादा लाल दाने हो जाते हैं। पित्ती किसी चीज़ को खाने या अन्य कारणों की वजह से पनपती है।

ये एक तरह का एलर्जी रिएक्शन होता है और एलर्जी रिएक्शन की वजह से आपका शरीर एक प्रोटीन को रिलीज़ करता है जिसे हिस्टामीन (histamine) कहते हैं। हिस्टामीन बाद में खुजली, सूजन, लालिमा और अन्य लक्षणों को उतपन्न करने लगता है। पित्ती के कुछ समान्य कारण जैसे खाद्य पदार्थ (नट्स, चॉक्लेट, मछली, टमाटर, अंडे, ताज़ा बेरी और दूध), लेटेक्स, केमिकल्स, पोलेन, जानवरों की रूसी, संक्रमण, दवाइयां और कीड़े के काटने या डांक मारने से। 

इसके अलावा अगर आप गर्मिओं में एकदम से ठंडा खा या पी लेते हैं या फिर बहुत तनाव महसूस कर रहे हों, तो उसकी वजह से भी आपको पित्ती हो सकती है। ज़्यादातर मामलों में पित्ती इडियोपैथिक (idiopathic) होती है जिसका अर्थ हैं कि इसका कोई सटीक कारण नहीं मालूम चलता।

पित्ती को उनके अलग अलग आकार, रूप और अधिक खुजली जैसी समस्या से जोड़कर देख सकते हैँ। ये कुछ ही मिनट में गायब भी हो जाती है या दो घंटों से ज़्यादा भी रहती है। कुछ सरल घरेलू नुस्खे इससे राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। तो आइये आपको बताते हैं पित्ती के कुछ घरेलू उपाय - 



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Wednesday, November 29, 2017

छाती (सीने) में दर्द के घरेलू उपाय

छाती में दर्द की शिकायत बेहद आम है। सीने में दर्द का कारण ह्रदय तक रक्त का प्रवाह कम होना जिसे एनजाइना कहते हैं। लोगों को इसमें कसा हुआ, भारीपन, जलन और ब्रेस्टबोन पर दबाव महसूस होता है।

छाती में दर्द के साथ अन्य जगह भी दर्द देखने को मिलता है जैसे पेट में दर्द (आम तौर से पेट के ऊपरी हिस्सों में), कमर दर्द, गर्दन में दर्द, जबड़ा में दर्द या कंधे में दर्द साथ ही साथ मतली होना, थकान, सांस लेने में तकलीफ, पसीना और चक्कर आना। 

सीने के दर्द के मुख्य जोखिम कारक धूम्रपान, शुगर, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई बीपी, एक गतिहीन (sedentary) जीवन शैली और हृदय रोग हैं। 

अगर आपकी छाती में दर्द है तो उसके इलाज के लिए आप अपने डॉक्टर से ज़रूर बात करें। इसके साथ ही आप कुछ घरेलू उपायों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इनके उपयोग से आपको छाती में दर्द से राहत मिल सकती है -



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गर्दन में दर्द के घरेलू उपाय

गर्दन की गतिशीलता और संरचना को बनाये रखने के लिए ज़रूरी है कि इसके कार्य और मूवमेंट करने की स्थिति को स्वस्थ रखें। जब हमारी गर्दन में दर्द होता है तो इसे कही भी घुमा पाना बेहद मुश्किल होता है और ये किसी भी कार्य को करने में रुकावटें पैदा करती है क्योंकि हमारा सारा ध्यान वही घूमता रहता है।

गर्दन, कंधों और आसपास की मांसपेशियों में दर्द सामान्य या गंभीर होता है। इससे सिर में दर्द, सुन्नता, कठोरता, अकड़ जाना, झुनझुनी, कुछ भी निगलने में दर्द होना और सूजन आदि जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गर्दन में दर्द कई कारणों से होता है। सबसे मुख्य कारण है गलत अवस्था के कारण मांसपेशियों में तनाव और खिचाव आना, बिना ब्रेक लिए घंटों तक काम करते रहना, सोते समय गर्दन की अवस्था गलत हो जाना और व्यायाम के समय गर्दन में मोच आ जाना आदि शामिल हैं।

अन्य कारण जैसे पोषक तत्वों की कमी, गर्दन की चोट, सर्विकल स्पोंडिलोसिस आदि शामिल हैं। कही कही मामलों में ये समस्या स्पाइन के संक्रमित होने के कारण और स्पाइन में कैंसर होने की वजह से भी होती है। ज़्यादातर समय में गर्दन में दर्द कोई गंभीर समस्या नहीं होती इसे घरेलू उपायों के इस्तेमाल से भी ठीक किया जा सकता है।   

तो आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके इस्तेमाल से आप गर्दन के दर्द की शिकायत नहीं करेंगे।



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कैसे मैंने 33 किलो वजन 10 इंच कमर कम की

जब मैंने वजन कम करने के सफ़र की शुरूआत की तब मेरा वजन 82 किलो था। आज मेरा वजन 49 किलो है। आइये बताती हूँ आपको मैंने ये कैसे किया। 

(और पढें - कैसे इस आम व्यक्ति ने 68 किलो वजन घटाया 16 महीने में बस ये दो चीज़ करके

शुरू में मैंने डाइटिंग की मदद से कुछ वजन कम किया और इसके बाद जिम जाना शुरू किया। ख़ुद में जोश भरने के लिए कम समय के लिए  छोटे-छोटे लक्ष्य तय करती और उन लक्ष्यों को पूरा करती। उदाहरण के लिए 1 महीने में 5 से 7 किलो वजन कम करने का लक्ष्य। इससे मैं और अधिक वजन कम करने के लिए प्रेरित होती थी।

(और पढ़ें - वजन घटाने के उपाय)

जब मैंने जिम जाना शुरू किया उस समय मेरा वजन 82 किलो था और मेरी कमर का साइज़ 38 इंच था। आख़िरकार अब मैं 49 किलो की हूँ, और मेरी कमर का साइज़ 28 इंच हो गया। अब मैं अपने आप पर और इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करती हूं।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)



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बच्चे को बुखार

आये दिन मेरे क्लिनिक में बहुत सारे बच्चे बुखार के कारण आते है। ज़्यादातर माता-पिता को बुखार से इतना डर लागता है, कि वे आपत्कालीन (emergency) चेकउप का निवेदन करते है। और ज़्यादातर माता-पिता को बुखार के वक़्त बरतने की सावधानिया की जानकारी भी नही होती।

तो आज मै आपको, इस परेशानी का छोटा सा उपाय और बरत्ने की सावधानियो के बारे में जानकारी दूंगी।

यह जानकारी सिर्फ 3 महिने से ज़्यादा उम्र के बच्चों के लिए लागू होती है। 3 महीने से छोटे बच्चों मे बुखार गंभीर समस्या हो सकती है, तो उन्हें तुरंत बालरोगतज्ञ (pediatrician) से चेकउप करवाने के लिए ले जाएं।



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इस आसान तकनीक से आप कई किलो वजन कम कर सकते हैं

यदि आप वजन कम करने के तरीक़े ढ़ूढ़ रहें हैं, तो इस रिसर्च के बारे में जानिए।

एक नये अध्ययन के मुताबिक मेडिटेशन (ध्यान रखना) वजन कम करने का एक बेहतर बढ़िया तरीका है। कनाडा के मैकगिल विश्यविद्याल के शोधकर्ताओं के अनुसार, मेडिटेशन से अधिक वजन वाले लोग मोटापा काम कर सकते हैं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)

इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोधकर्ताओं नें एक दशक के आरसे में किये गए 19 अध्ययनों की जांच की। इन अध्ययनों को तीन भागों में बांटा गया -

  1. पहले भाग में उन अध्यनों को रखा गया जिसमें प्रतिभागी मेडिटेशन में निपुण थे। 
  2. दुसरे भाग में उन अध्यनों को रखा गया जिसमें प्रतिभागी ज़्यादा मेडिटेशन नहीं कर रहे थे पर खाने-पीने पर काबू रख रहे थे। 
  3. तीसरे भाग में उन अध्यनों को रखा गया जिसमें प्रतिभागी उपर्लिखित दोनों तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे थे (मैडिटेशन और डाइट पर काबू)।

इस अध्ययन में ये पाया गया कि पहले पहले तो मेडिटेशन से ज़्यादा जीवनशैली में परिवर्तन वजन कम करने में प्रभावी है। लेकिन ऐसा नहीं है कि मोटापा कम करने में ध्यान रखने बिलकुल असमर्थ था।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

हालांकि शोध में पाया गया कि मेडिटेशन ट्रेनिंग वाले प्रतिभागियों का वजन समय के साथ कम होता रहा। शुरूआत में जितना वजन था, उस वजन के 3.5 प्रतिशत की औसत से। लेकिन दूसरे तरफ, समय के साथ जीवनशैली में परिवर्तन वाले प्रतिभागियों का वजन घटने की बजाय बढ़ गया।

(और पढ़ें - वजन कम करने के तीन सबसे अच्छे तरीके)

मैगिल विश्वविद्यालय के किमबेर्ली करियरे कहती हैं, "वजन कम करने के लिए मेडिटेशन ट्रेनिंग के परिणाम बहुत उत्साहजनक हैं। इसलिए वजन घटाने के इस मेडिटेशन ट्रेनिंग को लोगों तक पहुंचाएं।"

इसके अलावा,  कई शोध अध्ययनों से पता चला कि मेडिटेशन को नियमित रूप से करने से आपको वजन कम करने के साथ-साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं, जैसे



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Tuesday, November 28, 2017

कॉर्न (गोखरू) के घरेलू उपाय

कभी कभी आपने गौर किया होगा, आपके पैरों और हाथों में एक ही जगह पर कॉर्न (corn, गोखरू) हो जाते होंगे। हालाँकि ये खतनाक नहीं होते लेकिन कॉर्न्स जैसी समस्याएं आपको दुखी कर देती हैं। ये कठोर त्वचा आपके हाथों और पैरों की खूबसूरती को छीनती जाती हैं। लेकिन घबराने वाली बात नहीं है क्योंकि कॉर्न के दर्द और उससे छुटकारा पाने के लिए आप कई तरह के घरेलू उपाय का इस्तेमाल कर सकते हैं।

तो चलिए आपको बताते हैं पैरों से कॉर्न हटाने के घरेलू उपाय –



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योनि में गांठ (फुंसी)

सिस्ट या फुंसी एक कोष जैसी गांठ होती है, जिसमें हवा, तरल पदार्थ या अन्य पदार्थ भरे होते हैं। ज्यादातर मामलों में, अल्सर न हानिकारक होते हैं और न ही दर्दनाक। अल्सर, आकार में बहुत छोटे होते हैं। ये गांठें योनि या पूरे शरीर में कहीं भी हो सकती हैं। योनि में गांठ या फुंसी, बच्चे के जन्म के समय योनि में चोट लगने या योनि में सौम्य ट्यूमर या तरल पदार्थ के जमने के कारण होता है। आइये जानते हैं इस लेख द्वारा योनि में होने वाली फुंसी के लक्षण कारण और इलाज के तरीके।

(और पढ़ें - योनि के बारे में जानकारी)



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सर्दियों में इस वजह से बढ़ता है वजन और उसके उपाय

भारत में अधिकांश लोग उष्णकटिबंधीय (ट्रापिकल) या उप-उष्णकटिबंधीय (सब-ट्रापिकल) ग्रीसकाल वाले क्षेत्र में रहते हैं। इसके अलावा गर्मी के महीनों में हम सब जिम न जाने के तरह-तरह के बहाने भी बनाते हैं जैसे बहुत गर्मी है, उमस हो रही है, गर्मी की वजह से चिड़चिड़ाहट भी हो रही है, मैं बहुत थका हुआ हूं, ये बहुत डिहाइड्रेट वाला मौसम है। लेकिन हमें कम से कम सर्दियों में अपने फिटनेस और स्वस्थ पर ज़रूर ध्यान रखना चाहिए।

(और पढ़ें - ये 11 काम करते हैं फिट लोग)

हम सभी गुलाब जामुन, गुझिया का ख़ूब मज़ा लेते हैं लेकिन उस अनुपात में कैलोरी बर्न करने के लिए वर्कआउट नहीं करते हैं। साथ ही हम अपने दोस्तों से, अपने आप से वादा करते हैं कि इस सर्दी में मैं हर हाल में अपना वजन कम करके कम करूंगा।

लेकिन जब सर्दियों का महीना आता है, तो हम वापस अपने फिटनेस रूटीन में नहीं आ पाते हैं। कुछ लोग जो वापिस वर्कआउट करना शुरू कर देते हैं, उनको अपनी अपेक्षाओं के अनुरूप परिणाम नहीं मिलता है और फिर वो कुछ बहाने ढ़ूढ़ने लगते हैं और कहने लगते हैं कि अगली सर्दियों में ज़रूर वजन कम करूंगा।

तो इसमें हैरानी की बात नहीं की सर्दियों में आपका वजन तेज़ी से बढ़ जाता है 

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

इन बातों का ध्यान रखें तो सर्दियों में वजन नहीं बढ़ेगा-

1. कम खाएं - 

सर्दियों में कम खाएं, थोड़ा-थोड़ा करके खाएं और स्वस्थ चीज़े खाएं। जब आपके आस-पास के लोग मूंगफली, गुड़, गुड़ पट्टी, गजक का मज़ा ले रहे हों, तो थोड़ी मात्रा में आप भी इन सबका मज़ा ले सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रहें कि अधिक मात्रा में न खाएं। 

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)

2. थोड़ा मुश्किल है फिर भी एक्सरसाइज़ करें -

सर्दियों में गर्म रजाई से बाहर निकलना इतना आसान नहीं होता है। सर्दियों के कोहर, छोटे दिन और बड़ी रातें दिनचर्या को और बोझिल बना देती हैं। हड्डियों तक पहुंचने वाले ठंड के मौसम में जिम, योगा क्लास और लंबी मॉर्निंग वॉक पर जाना कौन पसंद करेगा।

(और पढ़ें - सर्दियों में पेट की चर्बी खत्म करने के लिए बेस्ट नाश्ता)

3. तनाव वाले और कम उर्जा वाले मौसम में लोग अधिक खाते हैं -

सर्दियों के मौसम में दोस्तों के साथ बाहर घूमने जाएं। ये वजन कम करने एक एक बहुत बढ़िया नुस्खा है। इसके साथ ही ऊपर बताई गई सारी बातें बहाने थें अगर आप चाहें, तो सर्दियों में वजन कम कर सकते हैं। इस बात का आपको पता होना चाहिए कि आपकी पाचन शक्ति बेहतर है या नहीं। सर्दियों में आपकी पाचन शक्ति बढ़ जाती है और आपका शरीर तेज़ी से फैट बर्न करता है। यही वजह है कि हम सर्दियों में अधिक गर्म महसूस करते हैं और हमारी कुछ आवश्यक गतिविधियां भी बेहतर हो जाती हैं जैसे श्वसन क्रिया, रक्त प्रवाह आदि। जितनी मात्रा में भोजन करें, उसके हिसाब से वर्कआउट के माध्यम से कैलोरी भी बर्न करें। इन दोनों में संतुलन बना कर रखें।

(और पढ़ें - बिना जिम जाये सर्दियों में वजन कम करने के नुस्खे)

अपने आप से वादा करें कि 1 महीने में आप 4 किलो वजन कम करेंगे। इस हिसाब से आपको हफ्ते में 3500 कैलोरी और एक दिन में 500 कैलोरी बर्न करना होगा क्योंकि सर्दियों में हमारी पाचन शक्ति अधिक सक्रिय होती है। इसलिए पूरे दिन में आप 500 कैलोरी आसानी से बर्न कर सकते हैं। आधी कैलोरी आप कम खाकर कर सकते हैं और 300 कैलोरी एक्सरसाइज़ के माध्यम से बर्न कर सकते हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)

4. सर्दियों में इनडोर एक्सरसाइज़ से तेज़ी से करें कैलोरी बर्न - 

अगर आपका वजन 60 से 70 किलो है, तो मान लीजिए यदि आप 1 घंटा ज़ुम्बा डांस करते हैं, तो 350 से 650 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। यदि आप पूरे सर्दी के मौसम में एक घंटा प्रभावी तरीक़े से रोज़ाना ज़ुम्बा डांस करें तो। रस्सी कूद कर आप 700 से 800 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। साथ ही आप ट्रेड मील पर 1 घंटे चल कर 600 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। इसके अलावा यदि आप घर से बाहर जा कर, एक घंटे स्विमिंग करें, तो भी 700 कैलोरी बर्न कर सकते हैं। आप आपने डाइट के माध्यम से भी कुछ कैलोरी कम कर सकते हैं। साथ ही अपने तरीक़े से रोज़ाना एक्सरसाइज़ भी करें। चाहे वो कोई भी व्यायाम हो। ये वजन कम करनें में मदद करेंगे।

(और पढें - 30 मिनट का यह होम वर्कआउट करे ढेर कैलोरी बर्न)



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शिल्पा शेट्टी से सीखें बच्चों के लिए हेल्दी पिज्जा रेसिपी

आज हम आपके लिए लेकर आए हैं एक ख़ास वीडियो। इस वीडियों में शिल्पा शेट्टी बता रहीं हैं बच्चों के लिए घर में पिज्जा बनाने की रेसिपी। ये रेसिपी बहुत आसान है और इसे कोई भी अपने घर पर बना सकता है। इसके अलावा इस पिज्जा कि सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि ये बच्चों के लिए सेहतमंद है और आप इसे अपने बच्चों के साथ मिल कर भी बना सकते हैं। 



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Monday, November 27, 2017

पैरों में सूजन के घरेलू उपाय

पैरों में सूजन की समस्या बहुत आम है और ये परेशानी हर किसी के साथ देखने को मिलती है। यह एक प्रकार की बीमारी नहीं है लेकिन ये किसी परेशानी का लक्षण ज़रूर हो सकता है।

आमतौर पर यह समस्या तब होती है जब ऊतकों में तरल पदार्थ बढ़ने लगता है जिसकी वजह से सूजन बढ़ना शुरू हो जाती है। इसे एडेमा (edema) कहा जाता है। ये कई कारणों से हो सकती हैं जैसे अधिक वज़न बढ़ने से, लम्बे समय तक बैठे या खड़े रहने से, बुढ़ापा, गर्भावस्था, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS), पोषण की कमी, शारीरिक व्यायाम की कमी और खराब रक्त परिसंचरण आदि।

टांग, टखने, पैरों में चोट या सर्जरी होने की वजह से भी पंजों में सूजन उतपन्न होने लगती है। जिन लोगो को शुगर, ह्रदय की समस्या, किडनी रोग या लीवर से संबंधित बीमारियां होती हैं उन्हें भी पंजों में सूजन की परेशानी रहती है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी पंजों में सूजन की शिकायतें रहना आम है। जैसे जैसे सूजन बढ़ती जाती है वैसे वैसे पीड़ा भी बढ़ती रहती है और इस वजह से आपको चलने उठने-बैठने में दिक्कते आती हैं।

लेकिन घबराने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि आप घर बैठे बैठे भी कुछ प्रभावी टिप्स और घरेलू उपाय की मदद से सूजन कम कर सकते हैं। हालाँकि अगर सूजन तब भी ठीक नहीं होती तो आप अपने डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें। ये ह्रदय, किडनी या लीवर की समस्या के चिन्ह हो सकते हैं जिनका समय पर उपचार कराना आवश्यक है। 

तो आइये आपको बताते हैं पंजों की सूजन के घरेलू उपाय –



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योनि में दर्द

महिलाओं में योनि, गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) से योनिमुख (Vulva) तक का मार्ग है। योनि में दर्द या असुविधा अक्सर मेडिकल या मनोवैज्ञानिक समस्या का परिणाम होता है। सही समय पर उपचार आपको राहत तो पहुंचाता ही है साथ ही जटिलताओं (Complications) के होने के जोखिम को भी कम करता है।

(और पढ़ें - योनि को साफ और स्वस्थ कैसे रखें)



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वजन बढ़ने का हैरान कर देने वाला कारण और उसका उपाय

संतुलित आहार लेने वाला अच्छी तरह जानता है कि स्वस्थ भोजन और नियमित व्यायाम वजन घटाने का सबसे सफल तरीका है। इसलिए ये पेट की चर्बी कम करने के उपाय के रूप में भी बहुत कारगर है। साथ ही ये आंतों के लिए भी बहुत लाभदायक है। इसके अलावा इस उपाय में कैलोरी के नियंत्रण की भी कोई ज़रूरत नहीं होती है। इसका मतलब आप अपना वजन अपने मन मुताबिक कम कर सकते हैं। इसके लिए आपको डाइटिंग की भी ज़रूरत नहीं है और न जिम जाने की। हां ये सच है आप माने या न माने।

(और पढ़ें - वजन बढ़ाने के लिए डाइट प्लान)

नींद और वजन बढ़ने के बीच में सम्बन्ध पर विज्ञान के तर्क -

कई रिसर्च स्टडीज से पता चला है कि पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, वजन कम करने के लिए और हमें स्वस्थ रखने में बेहद लाभदायक है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

"एन्नाल्स ऑफ़ इंटरनल मेडिसिन" द्वारा प्रकाशित एक रिसर्च में बताया गया कि जो लोग पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं उन्हें डाइटिंग का पर्याप्त लाभ नहीं मिलता है। साथ ही इस अध्ययन में इस बात का भी पता चला कि जो लोग भरपूर नींद नहीं लेते हैं, उन्हें अधिक भूख लगती है और खाने के बाद भरपूर संतुष्टि भी नहीं होती हैं। इसके अलावा उनके पास एक्सरसाइज़ के लिए अधिक उर्जा भी नहीं होती है। इसप्रकार जो लोग भरपूर नींद लेते हैं, वो लोग वजन कम करने में 55 प्रतिशत अधिक सक्षम होते हैं, उनकी तुलना में जो पर्याप्त नींद नहीं लेते हैं।

(और पढ़ें - कम सोने के नुकसान)

नीदं की समस्या के विशेषज्ञों का कहना है कि, जो लोग एक रात में 6 घंटे से कम नींद लेते हैं, वो लोग स्वस्थ आहार और बेहतर दिनचर्या के बाद भी अपने आप को नुक़सान पहुंचा रहें हैं।

अमेरिका की "नेशनल स्लीप फाउंडेशन" के मुताबिक, नींद के दौरान हमारे शरीर से कुछ हार्मोंस स्त्रावित होते हैं, जो शरीर की क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को ठीक कर देते हैं। ये हार्मोंस मांसपेशियों को उत्तेजित करते हैं और प्रोटीन के अवशोषण को भी बढ़ावा देते हैं। वजन कम करने की इस प्रक्रिया को लिपोलिसिस कहा जाता है। ये हार्मोंस रात को सबसे अधिक स्त्रावित होते हैं। यदि आप रात में भरपूर नींद नहीं ले रहे हैं, इसका मलतब कि आप वजन कम करने की प्रक्रिया की गति को धीमी कर रहे हैं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि रात को केवल 4 से 5 घंटे नींद लेने से मोटापा भी हो सकता है। रात को छह घंटे से कम की नींद लेने से न केवल आपकी कमर चौड़ी होती है बल्कि ये कई प्रकार के बिमारियों को भी जन्म देती है। जैसे शुगर की बीमारी (डायबिटीज), कैंसर, डिप्रेशन, ह्रदय रोग आदि।

वजन कम करने के लिए रखें इस बात का ध्यान -

सामान्य तौर पर शरीर की फैट को बर्न करने के लिए वयस्क लोगों को रात में 7 से 9 घंटे नींद की सलाह दी जाती है। इससे, जब वो सो कर उठते हैं, तो अधिक ताज़गी महसूस करते हैं और पूरे दिन फुरतीले रहते हैं। भरपूर नींद शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए बहुत लाभदायक  है।

din me kitna sona chahiye

(और पढ़ें - उम्र के हिसाब से एक दिन में कितने घंटे सोना चाहिए)

 



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Saturday, November 25, 2017

जानिए बाबा रामदेव का डाइट प्लान - Baba Ramdev ka Diet Plan hindi me

हमने आपको बाबा रामदेव के द्वारा बताए गए कई उपचार और इलाज स्वस्थ जीवन के लिए, कई लेखों के माध्यम से सुझाए हैं। उनकी सूची निम्मलिखित है -

स्वस्थ जीवन के लिए बाबा रामदेव खुद क्या खाते हैं?

आज हम आपको बताएंगे बाबा रामदेव फिटनेस का राज़। बाबा रामदेव सबको फिटनेस का मंत्र सिखाते हैं। सबको योग के बारे में बाताते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि बाबा रामदेव के स्वस्थ और सेहतमंद जीवन का रहस्य क्या है? वो फिट रहने के लिए क्या खाते हैं? हम आपको आज बताएंगे कि वो फिट रहने के लिए क्या-क्या खाते हैं और कितना खाते हैं -
  1. सुबह का नाश्ता - बाबा रामदेव उठने के बाद एक गिलास गर्म पानी में आंवला और एलोवेरा का जूस मिला कर पीते हैं। उसके बाद नाश्ते में मुनक्का, अंजीर खाते हैं। साथ ही 5 से 7 बादाम और 2 से 3 अखरोट के पानी में भिगोकर नाश्ते में लेते हैं। इसके अलावा आधा कटोरी अंकुरित अनाज भी लेत हैं।
  2. दोपहर का भोजन - दोपहर के भोजन के में हरी सब्जियां और एक कटोरी दही भी लेते हैं।
  3. रात का भोजन - बाबा रामदेव रात में फल के साथ 1 गिलास दूध लेते हैं।
रामदेव बाबा कहते है कि अगर आप ज़िन्दगी में हमेशा स्वस्थ रहना चाहते  हैं, तो हमेशा ख़ुश रहें, सकारात्मक सोचें और अपने आत्मविश्वास को कभी भी कमज़ोर न पड़ने दें।

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शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक मिलाने के नुकसान - Side effects of mixing alcohol with energy drinks in Hindi

लोग शराब कई तरीकों से पीते हैं, लेकिन क्या आपको पता है शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक को मिक्स करना बहुत ही खतरनाक होता है? एनर्जी ड्रिंक शराब के प्रभाव को और भी ज़्यादा बड़ा देता है जिससे आपके शरीर की क्षमता और अत्यधिक पीने लायक बन जाती है। शराब को एनर्जी ड्रिंक के साथ पीने का अर्थ है कि आप शुगर, कैलोरी और कैफीन का बहुत ज़्यादा सेवन कर रहे हैं। सिर्फ शराब हमारे शरीर को इतना प्रभावित नहीं करता जितना एनर्जी ड्रिंक के साथ पीने से शरीर को नुकसान पहुँचता है। दोनों के मिश्रण से आपको शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हाल के वर्षों में एनर्जी ड्रिंक की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है। भारत के अलावा पूरी दुनिया में भी शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का मिश्रण प्रसिद्ध होता जा रहा है। उदहारण के तौर पर इंग्लैंड में 2008 के मुक़ाबले आज एनर्जी ड्रिंक्स की बिक्री लगभग 10% अधिक है। इसी के साथ साथ शराब और एनर्जी ड्रिंक का मिश्रण भी लोकप्रिय होता गया। पब और क्लब में शराब और एनर्जी ड्रिंक का मिश्रण बहुत आम हो गया है। इसके अलावा आप इस मिश्रण का लुत्फ़ घर में लाकर भी उठाते हैं। लेकिन हाल के शोध में पाया गया है कि सिर्फ शराब पीने से ज़्यादा हानिकारक एनर्जी ड्रिंक और शराब का मिश्रण शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। (और पढ़ें - शराब की लत से छुटकारा पाने के असरदार तरीके) हमने हमारे चिकित्सकीय विशेषज्ञों से शराब और एनर्जी ड्रिंक के मिश्रण से होने वाली समस्याओं के बारे में बात की। आइए बताएं हमने क्या पाया -
  1. शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का अधिक सेवन - Drinking more alcohol with energy drinks in Hindi
  2. शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दुष्प्रभाव - Physical and psychological side effects of alcohol with energy drink in Hindi
  3. एनर्जी ड्रिंक में कैफीन मौजूद होने के दुष्परिणाम - Side effects of caffeine in energy drinks in Hindi
  4. शराब और एनर्जी ड्रिंक में कैलोरी और शुगर की अधिक मात्रा का सेवन - Calorie and sugar in alcohol and energy drinks in Hindi
  5. शराब और एनर्जी ड्रिंक को साथ में पीने के कुछ टिप्स - Tips for drinking alcohol and energy drinks together in Hindi

शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का अधिक सेवन - Drinking more alcohol with energy drinks in Hindi

शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का अधिक सेवन - Drinking more alcohol with energy drinks in Hindi
शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक पीने से आपका मस्तिष्क ऐसी स्तिथि में आ जाता है जिसे शोधकर्ता "वाइड अवेक ड्रंक" (wide awake drunk) के नाम से बुलाते है। वाइड अवेक ड्रंक का मतलब है कि पीने वाला शराब के नशे में भी है, और होश में भी। और यही कारण है कि लोग इन दोनों को मिक्स करते हैं जिससे कि वो पूरी रात जागकर इसका सेवन करते रहें। आप इस मिश्रण को तब तक पीते रहते हैं जब तक आपको अपने शरीर में होने वाले प्रभाव महसूस नहीं हो जाते। जिस वजह से संतुलन खो बैठने से आपके खतरे की संभावना बढ़ जाती है जैसे कि बाहर जब निकलते हैं तो सड़क दुर्घटना हो जाना, किसी से झगड़ा हो जाना आदि। शराब और एनर्जी ड्रिंक का मिश्रण विभिन्न तरीकों से काम करता है। शराब तनाव के लिए जाना जाता है जिसका अर्थ है यह दिमाग के कार्य करने की क्षमता को धीमा और शांत कर देता है। ज़्यादा सेवन करने से आपके शब्द बेकाबू हो सकते हैं साथ ही शरीर आपका ऊर्जा भरा नहीं रहेगा। एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन मौजूद होने से आपका शरीर उत्तेजित हो जाता है और अगर आप दोनों को मिलाकर पीते हैं तो आपके शरीर की उत्तेजना और भी अधिक बढ़ जाती है।

शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दुष्प्रभाव - Physical and psychological side effects of alcohol with energy drink in Hindi

शराब के साथ एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने के मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दुष्प्रभाव - Physical and psychological side effects of alcohol with energy drink in Hindi
अगर आप शराब और एनर्जी ड्रिंक को मिलाकर पीते हैं तो आपको शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दुष्प्रभावों का अनुभव होने लगता है। इसमें दिल की धड़कने तेज़ होने लगती हैं, सोने में तकलीफ होती है, हमेशा चिंता और तनाव में आप रहने लगते हैँ। यह सभी समस्याएं एनर्जी ड्रिंक में अधिक मात्रा में कैफीन मौजूद होने से होती हैं। हालांकि कैफीन आपको सुला तो देती है लेकिन बीच रात में आपको आपकी नींद से उठा भी देती है। तो जो लोग दोनों को मिलाकर उसका सेवन करते हैं उन्हें बीच रात में उठने की समस्या हो सकती है जिसे अनिंद्रा रोग कहते हैं।

एनर्जी ड्रिंक में कैफीन मौजूद होने के दुष्परिणाम - Side effects of caffeine in energy drinks in Hindi

एनर्जी ड्रिंक में कैफीन मौजूद होने के दुष्परिणाम - Side effects of caffeine in energy drinks in Hindi
युवा लोग विशेष रूप से कैफीन के सेवन के आदि होते हैं जो उनकी सेहत के लिए बिलकुल भी अच्छा नहीं होता। अधिक कैफीन का सेवन करने से आप बहुत चिंतित महसूस कर सकते हैं साथ ही आपको पैनिक अटैक भी आना संभव है। 250 मिलीग्राम एनर्जी ड्रिंक की बोतल में लगभग 80 मिलीग्राम कैफीन पाया जाता है। मेडिकल विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चे या कुछ लोग कैफीन के प्रति संवेदनशील होते हैं तो ध्यान रहे इसका सेवन आप संतुलित तरीके से ही करें। गर्भवती महिलाओं को दिन में 200 मिलीग्राम से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए।

शराब और एनर्जी ड्रिंक में कैलोरी और शुगर की अधिक मात्रा का सेवन - Calorie and sugar in alcohol and energy drinks in Hindi

शराब और एनर्जी ड्रिंक में कैलोरी और शुगर की अधिक मात्रा का सेवन - Calorie and sugar in alcohol and energy drinks in Hindi
शराब में बड़ी मात्रा में कैलोरी और एनर्जी ड्रिंक में उच्च मात्रा में चीनी पायी जाती है जिससे रोज़ इनका सेवन करने से आपका वज़न बढ़ सकता है। रोज़ शराब और एनर्जी ड्रिंक का सेवन करने से आपको शुगर से जुडी बीमारी भी हो सकती है। एनर्जी ड्रिंक की छोटी बोतल का सेवन करने से आपके शरीर में 30 ग्राम चीनी की मात्रा और बढ़ सकती है। शराब की 50 मिलीलीटर की बोतल को अगर आप एनर्जी ड्रिंक के साथ मिलाकर पीते हैं तो आप 126 कैलोरी का सेवन कर रहे होते हैं।

शराब और एनर्जी ड्रिंक को साथ में पीने के कुछ टिप्स - Tips for drinking alcohol and energy drinks together in Hindi

शराब और एनर्जी ड्रिंक को साथ में पीने के कुछ टिप्स - Tips for drinking alcohol and energy drinks together in Hindi
ज़रूरी है कि शराब और कैफीन मिश्रण के प्रभाव पर ज़्यादा से ज़्यादा शोध और अध्ययन किया जाये। शराब और एनर्जी ड्रिंक के सेवन से दौरे, अचानक मौत आदि स्थिति पैदा हुई है। इसलिए काफी देशो ने बिक्री और मार्केटिंग को सीमित कर दिया है। अगर आप दोनों मिश्रण करते भी हैं तो ध्यान रहे कि दोनों बराबर मिलाएं या कोशिश करें कि दोनों को कम मात्रा में ही लें। हालांकि हम शराब और एनर्जी ड्रिंक को पीने के लिए बढ़ावा नहीं दे रहे हैं लेकिन अगर आप चाहते हैं दोनों को एक साथ मिलाकर पीना तो इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें जिससे किसी भी प्रकार की समस्या आपके साथ उत्पन्न न हो।
  1. इस बात का ध्यान रखें कि आप कितना इसका सेवन कर रहे हैं - पीने से ज़्यादा इस बात का ध्यान रखें कि आप कितना इसका सेवन पूरे दिन में कर रहे हैं। एक रात में एक से अधिक बार पीने की कोशिश न करें।
  2. अपने दोस्तों पर ध्यान रखें - दोस्तों के साथ पीते समय अपने पीने की गिनती पर तो ध्यान रखें ही साथ ही दोस्तों को भी एक से अधिक बार पीने न दें।
  3. भोजन - भरा पेट होने की वजह से शराब आपके शरीर में अवशोषित नहीं होती है। जिससे वो जल्दी सिर में नहीं चढ़ती। इसलिए पेट भर खाना खाएं जिससे आप इनका सेवन अधिक न कर पाएं।
  4. कैफीन और चीनी सामग्री की जांच रखे - एनर्जी ड्रिंक्स में कैफीन और चीनी दोनों उच्च मात्रा में पाए जाते हैं जो आपके स्वस्थ, वज़न के लिए हानिकारक है। तो अगर आपको अपने पेय पदार्थों में मौजूद कैलोरी, चीनी और कैफीन सामग्री के बारे में जानकारी है तो उसे अधिक लेने की कोशिश न करें।
  5. बिस्तर पर जाने से पहले पीने से बचें - शराब और एनर्जी ड्रिंक दोनों ही अनिंद्रा के कारण हैं तो दोनों को बिस्तर पर जाने से पहले न पियें।


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आँखों और पलकों के फड़कने के कारण, उपचार, मतलब और अन्धविश्वास

आँख या पलकों का फड़कना बहुत आम है। डॉक्टर की भाषा में इसे "मायोकीमिआ" (Myokymia) कहते हैं। आंख की मांसपेशियों का फड़कना आमतौर पर एक आंख की केवल निचली पलक में होता है लेकिन ये कभी कभी ऊपर की पलकों में भी हो सकता है। ज़्यादातर आंख फड़कती है और अचानक फड़कना बंद कर देती है लेकिन कभी कभी ये परेशानी सप्ताह या महीनों तक चलती रहती है। तो चलिए आज हम आपको बताएंगे आंख फड़कने के कारण, उपचार और इससे जुडी कुछ अंधविश्वास, जिन्हें जानने में आपको भी बहुत मज़ा आएगा।
  1. आंख और पलकों के फड़कने का कारण - What causes eye and eyelid twitching in Hindi
  2. आंख और पलकों के फड़कने का कैसे करें इलाज - How to treat eyelid and eye twitching in Hindi
  3. आँखों और पलकों के फड़कने का अर्थ और अंधविश्वासी सोच - Twitching eye and eyelid meaning and superstitious thinking in Hindi

आंख और पलकों के फड़कने का कारण - What causes eye and eyelid twitching in Hindi

आंख और पलकों के फड़कने का कारण - What causes eye and eyelid twitching in Hindi
शुरुआत में पलकें बहुत ही हल्का हल्का फड़कना शुरू करती हैं। जिसका मतलब ये होता है कि कोई भी गंभीर या चिकित्सा से सम्बन्धित बात नहीं है। सामान्य आंखों के फड़कने का कारण न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से संबंधित नहीं होता। जो कारण आँखों की पलकों को प्रभावित करते हैं वो हैं ब्लेफरोस्पासम (blepharospasm) और हेमिफेशियलस्पासम (hemifacialspasm)। ये परिस्थिति ज़्यादा देखने को नहीं मिलती लेकिन अगर होती है तो चिकित्सक द्वारा उसका निदान और उपचार किया जा सकता है। आमतौर पर कुछ जीवन शैली से जुडी चीज़े आँखों और पलकों के फड़कने का कारण बनती है जैसे – तनाव - जब भी हम तनाव में होते हैं तो हमारा शरीर अलग-अलग ढंग से प्रतिक्रिया करता है। आँखों का फड़कना तनाव का सबसे पहला लक्षण मन जाता है। थकान - अच्छे ढंग से न सो पाना फिर चाहे वो तनाव या किसी अन्य कारणों की वजह से हो। आँखों या पलकों के फड़कने का कारण बनता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं) आंख पर जोर पड़ना - आँखों से जुडी समस्याएं फड़कने का कारण बन सकती हैं। यहां तक कि अगर मामूली सी भी आँखों से जुडी परेशानी है तब भी ये समस्या आपको हो सकती है। आँखों से जुडी परेशानियों को दूर करने के लिए ज़रूरी है आप निर्धारित समस्य पर अपनी आँखों का टेस्ट करवाते रहें। (और पढ़ें - आँखों की थकान को दूर करने के सात सरल उपाय) कैफीन - बहुत ज़्यादा कैफीन का सेवन आँखों के फड़कने का कारण बनता है। एक हफ्ता या दो दिन के लिए कॉफी, चाय, चॉकलेट और सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करना छोड़ दें। छोड़ने के बाद आप देखेंगे कि आपकी आँखों और पलकों का फड़कना गायब हो गया है। (और पढ़ें - कैफीन के फायदे और नुकसान) शराब - शराब का सेवन करना छोड़ दें क्यूंकि शराब भी पलकों या आँखों के फड़कने का कारण बनती है। (और पढ़ें - शराब की लत से छुटकारा पाने के असरदार तरीके) ड्राई आंखें - कई वयस्कों को ड्राई आँखों का सामना करना पड़ता है। खासकर ड्राई आँखें 50 वर्ष की उम्र के बाद देखने को ज़्यादा मिलती है। जो लोग निश्चित दवाइयां, कांटेक्ट लेन्सेस, कैफीन, शराब या ज़रूरत से ज़्यादा कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं उनमें भी ड्राई आँखों की शिकायते पायी जाती है। यदि आप थके हुए हैं और तनाव में हैं तो यह भी ड्राई आँखों का कारण बनते हैं। (और पढ़ें - आँखों के सूखेपन (ड्राई आईज) के घरेलू उपाय) असंतुलित पोषण - एक रिपोर्ट के अनुसार कुछ पोषक तत्वों की कमी से ऑंखें या पलकें फड़क सकती हैं। जैसे कि मैग्नीशियम की कमी से ये स्थिति बन सकती है। एलर्जी - जिनकी आँखों में एलर्जी होती है उन्हें खुजली, सूजन और पानी निकलने की समस्या होने लगती है। जब आँखों को मला जाता है तो हिस्टामाइन (histamine) नाम का पदार्थ पलकों के टिश्यू और आंसुओं में मिल जाता है। जिस कारण हिस्टामाइन से ऑंखें और पलकें फड़क सकती हैं। (और पढ़ें - खुजली दूर करने के घरेलू उपाय)

आंख और पलकों के फड़कने का कैसे करें इलाज - How to treat eyelid and eye twitching in Hindi

आंख और पलकों के फड़कने का कैसे करें इलाज - How to treat eyelid and eye twitching in Hindi
आँखों और पलकों के फड़कने की समस्या कुछ देर या दिन में चली जाती है। यदि ये परेशानी खत्म नहीं होती तो आप संभावित कारणों से इसे समाप्त या घटाने का प्रयास कर सकते हैं। पलकों और आँखों के फड़कने का सबसे पहला कारण है तनाव, थकान और कैफीन। अगर आप आँखों और पलकों के फड़कने को कम करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए निम्न प्रयासों को करें। तनाव - जैसा कि हमने ऊपर बताया तनाव आँखों और पलकों के फड़कने का पहला कारण है तो इससे छुटकारा पाने के लिए आप योग या श्वास व्यायाम कर सकते हैं। इसके अलावा मनोरंजन के लिए आप मित्रों, परिवार वालों के साथ वक़्त बिताएं जिससे आपका तनाव दूर होगा और ये परेशानी भी आपको छुएगी नहीं। ड्राई आंखें - अगर आपकी ऑंखें और पलकें फड़क रही हैं या आपकी आँखों में कुछ किरकिरा रहा है तो अपने आंखों के चिकित्सक से संपर्क करें। चिकित्सक को दिखाने के बाद आपकी ड्राई आँखों में नमी आ जाएगी और भविष्य में आँखों के फड़कने की समस्या नहीं होगी। असंतुलित पोषण - अगर आप चिंतित हैं कि आपके द्वारा खाया गया आहार शरीर को पूरी तरह से पोषक तत्व नहीं दे पा रहा है तो डॉक्टर से इस बारें में सलाह लें। सलाह से लिया गया आहार आपकी आँखों और पलकों की परेशानी को भी दूर करेगा। एलर्जी - आँखों और पलकों के फड़कने की समस्या से निकलने के लिए आँखों के डॉक्टर आपको हिस्टमीन रोधी आई ड्रॉप या गोलियां देंगे जिससे इस परेशानी को खत्म करने में आपको मदद मिलेगी। एक अच्छी नींद लें - एक अच्छी नींद लेने से आपको थकान और तनाव नहीं होगा जिससे आपकी आँखों और पलकों के फड़कने की समस्या भी दूर हो जाएगी। (और पढ़ें - नींद ना आने के आयुर्वेदिक उपाय) गर्म कपडे का प्रयोग - जब भी आंखे या पलकें फड़कें तो आँखों पर हल्का गर्म कपडा लगाएं इससे फड़कने की समस्या कम हो जाएगी। बोटुलिनम टोक्सिन (botox) इंजेक्शन कभी कभी ब्लेफरोस्पासम के उपचार के लिए भी किया जाता है। कुछ महीने के लिए इस इंजेक्शन का इस्तेमाल आपकी आँखों के फड़कने को कम कर सकता है। हालाँकि आप इस इंजेक्शन के अलावा किसी और इंजेक्शन का भी उपयोग डॉक्टर की सलाह लेकर कर सकते हैं। ज़्यादा गंभीर समस्या होने से इसमें सर्जरी का भी उपयोग किया जाता है। सर्जरी के समय पलकों की कुछ मांसपेशियों और नसों को हटाया जाता है। जीवन शैली उपचार की मदद से भी आँखों और पलकों के फड़कने को कम किया जा सकता है। Coenzyme Q10 एक उपचार है लेकिन किसी भी प्रकार का उपचार करने से पहले डॉक्टर की सलाह ले लें। इनके अलावा और प्रकार के उपचार भी शामिल हैं-
  1. एक्यूपंक्चर
  2. बायोफीडबैक (biofeedback)
  3. मसाज थेरेपी
  4. पोषण थेरेपी
  5. योग और अन्य मैडिटेशन तकनीक (और पढ़ें - ध्यान या मेडिटेशन कैसे करें?)

आँखों और पलकों के फड़कने का अर्थ और अंधविश्वासी सोच - Twitching eye and eyelid meaning and superstitious thinking in Hindi

आँखों और पलकों के फड़कने का अर्थ और अंधविश्वासी सोच - Twitching eye and eyelid meaning and superstitious thinking in Hindi
उलटी आंख फड़कने का अर्थ अगर आपकी उलटी आँख फड़के तो इसका क्या अर्थ है? सीधी आंख फड़कने का अंधविश्वासी कारण होता है अच्छा भाग्य। इसका अर्थ है कि किसी चीज़ से संबन्धित आपको कोई अच्छी खबर सुनने को मिलेगी, कही से पैसा प्राप्त होने वाला है या आप जिस चीज़ से उम्मीद कर रहे हैं वो पूरी होगी। दुर्भाग्य से उलटी आंख फड़कने का अंधविश्वासी कारण होता है कि आपके साथ कुछ अपशगुन होने वाला है। कुछ लोगों का मानना है कि उलटी आंख फड़कना अच्छी किस्मत की निशानी होती है। आंख फड़कने का लक्षण आपके भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत देता है। ये सभी धारणाएं आपकी संस्कृति और समाज की परंपराओं पर निर्भर करती है। भारत में सीधी आंख फड़कने का अर्थ भारतीय के अनुसार आँखों और पलकों के फड़कने का अर्थ लिंग, किस तरफ की आंख है और कौन सी पलक है उसपर निर्भर करता है। भविष्यवाणी करने के लिए समय को नहीं देखा जाता। सीधी आंख फड़कने का अंधविश्वासी कारण है अच्छा भाग्य होना। सीधी आंख फड़कने से भारतीय मानते हैं कि आपको जीवन में शुभ समाचार सुनने को मिलेगा साथ ही उपलब्धि भी हासिल होगी। इसके अलावा आंख का फड़कना लिंग पर भी निर्धारित करता है। महिलाओं के लिए उल्टी आँख फड़कना अच्छा संकेत देती है और पुरुषों के लिए अपशकुन माना जाता है। आंख का अगर कोई भी हिस्सा फड़के तो तब भी अंधविश्वास माना जाता है। अगर उल्टी आंख की पुतली फड़कती है तो एक अच्छी खबर आने का संकेत होता है। भारतीय मानते हैं कि आँखों के बीच फड़कने से धन की वृद्धि होती है। अगर आपकी उलटी आँख की पलके फड़कती हैं तो इसका मतलब हैं कि आपके साथ कुछ गलत होने वाला है। उलटी आँख की निचली पलकें अगर फड़कती हैं तो इसका मतलब है कि आपको धन से सम्बन्धित नुकसान होगा। उलटी भौंह फड़कने का अर्थ होता है कि आपके घर किलकारी गूंजने वाली है या फिर कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिलेगा।


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दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय और क्या खाये - Home Remedies and What to Eat to boost Brain Power in Hindi

जब से हम पैदा हुए हैं हमारा मस्तिष्क लगातार काम कर रहा है। आपका शरीर सोते समय आराम कर भी लेता है लेकिन मस्तिष्क कभी आराम नहीं करता वो उस समय भी सोचता है, जिस कारण आप सपने देख पाते हैं। मस्तिष्क बहुत सारे काम जैसे सोचना, संख्याओं को याद रखना, लिखने के लिए शब्द देना आदि करता है। बहुत से काम करने के लिए मस्तिष्क का स्थिर होना बहुत ज़रूरी है। आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कम समय में अधिक काम करने के लिए दिमाग का सही समय पर सही प्रतिक्रिया देना आवश्यक है। तो आइये जानते हैं कुछ तरीके जो आपके मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाने में आपकी मदद करेंगे।
  1. दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय - Home Remedies to boost Brain Power in Hindi
  2. दिमाग तेज करने के लिए क्या खाना चाहिए - What to Eat to boost Brain Power in Hindi

दिमाग तेज करने के घरेलू उपाय - Home Remedies to boost Brain Power in Hindi

  1. दिमाग़ बढ़ाने के लिए करें ध्यान - Meditation increases brain power in Hindi
  2. बाएं हाथ से काम करने से होता है बुद्धि का विकास - Using non dominant hand increases intelligence in Hindi
  3. दिमाग़ तेज़ करने के लिए करें ताकत वाले व्यायाम - Strengthening exercises improve memory in Hindi
  4. स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पियें ग्रीन टी - Green tea for brain power in Hindi
  5. टेट्रिस (ब्लॉक जोड़ना) है याददाश्त बढ़ाने का अचूक मंत्र - Tetris increase brain efficiency in Hindi
  6. याददाश्त तेज करने के लिए करें जॉगिंग - Jogging boosts brain power in Hindi
  7. झपकी लेने से होता है बुद्धि का विकास - Napping boosts brain power in Hindi
  8. स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं विटामिन - Vitamins increase memory power in Hindi
  9. पानी पीने से बढ़ता है दिमाग का प्रतिक्रिया समय - Drinking water boosts your brain's reaction time in Hindi
  10. दिमाग़ तेज़ करने के लिए तनाव से दूर रहें - Keep away from stress to enhance brain power in Hindi

दिमाग़ बढ़ाने के लिए करें ध्यान - Meditation increases brain power in Hindi

दिमाग़ बढ़ाने के लिए करें ध्यान - Meditation increases brain power in Hindi
मस्तिष्क एक जटिल संरचना है। लोगों को लगता है कि मस्तिष्क को हम प्रभावित नहीं कर सकते। लेकिन एक शोध में मस्तिष्क की पैतृक बनावट (inherent plasticity) के बारे में दिखाया गया है जिसमें हमारा मस्तिष्क न्यूरॉन्स (एक कोशिका जो मस्तिष्क को सन्देश भेजती है) बना सकते हैं। ध्यान हर प्रकार से आपकी दिमागी शक्ति बढ़ाता है। यह तनाव कम करने में मदद करता है, आपकी स्मरण शक्ति और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को भी बढ़ता है। मानव इंसुलिन साइंस में फ्रंटियर जर्नल के एक अध्ययन के अनुसार, कसरत या व्यायाम करते समय भी मस्तिष्क कार्य करता है जिससे आप दर्द और भावनाओं को सहने के लिए सक्षम बनते हैं। (और पढ़ें - ध्यान या मेडिटेशन कैसे करें?)

बाएं हाथ से काम करने से होता है बुद्धि का विकास - Using non dominant hand increases intelligence in Hindi

बाएं हाथ से काम करने से होता है बुद्धि का विकास - Using non dominant hand increases intelligence in Hindi
बायें हाथ का प्रयोग आपके मस्तिष्क के तंत्रिका तंत्र को मज़बूत करता है और नए न्यूरॉन्स भी बनाता है। जिस प्रकार व्यायाम करने से शरीर में मज़बूती और स्फूर्ति आती है ठीक उसी प्रकार हमारा मस्तिष्क भी बायें हाथ के प्रयोग से अधिक ऊर्जावान बनता है। कुछ अधययनों में यह सामने आया है कि जब आप अधिक उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क का एक ही गोलार्ध (hemisphere) काम करता है। लेकिन जब आप कम उपयोग होने वाले हाथ से काम करते हैं तो मस्तिष्क के दोनों गोलार्ध कार्यशील होते हैं क्योंकि आपके मस्तिष्क का बायां गोलार्ध दाएं हाथ से और दायां गोलार्ध बायें हाथ से जुड़ा होता है।

दिमाग़ तेज़ करने के लिए करें ताकत वाले व्यायाम - Strengthening exercises improve memory in Hindi

दिमाग़ तेज़ करने के लिए करें ताकत वाले व्यायाम - Strengthening exercises improve memory in Hindi
व्यायाम सेहत के लिए हर प्रकार से लाभदायक है। 20 मिनट बिना किसी रूकावट के ताकत बढ़ाने वाले व्यायाम करने से आपके मस्तिष्क की मांसपेशियां भी मज़बूत होती हैं जिससे दिमाग तेज़ चलता है। व्यायाम से आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी होती है जिससे उन रोगों के होने की सम्भावना भी कम होती है जिनसे स्मरण शक्ति कम होती है जैसे शुगर (मधुमेह) और हृदय रोग आदि। ताकत वाले व्यायाम मस्तिष्क रसायनों के प्रभाव को बढ़ाते हैं और तनाव दूर करते हैं। कसरत का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह नए न्यूरॉनल कनेक्शनों को उत्तेजित करके नए न्यूरॉन्स की बनावट को बढ़ावा देते हैं। निष्क्रिय लोगों की तुलना में जो लोग व्यायाम करते हैं उनमें मस्तिष्क की गति बढ़ाने वाले प्रोटीन (BDNF protein) 32 प्रतिशत अधिक पाया जाता है जो निर्णय लेने, उच्च सोच और सीखने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय – सुबह या शाम)

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पियें ग्रीन टी - Green tea for brain power in Hindi

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए पियें ग्रीन टी - Green tea for brain power in Hindi
थियेनाइन (Theanine) एक ऐमिनो अम्ल है जो ग्रीन टी की पत्तियों में पाया जाता है। यह अम्ल तनाव बढ़ाने वाले कारकों को निष्क्रिय करता है। एक जापानी रिसर्च के अनुसार, यह चिंता को कम करने और ध्यान केंद्रित करने में सहायक है। ग्रीन टी के फायदे अनेक हैं, उनमें से एक है थकान को दूर करना क्योंकि इसमें कैफीन होता है जो आपको दिनभर चुस्त और फुर्तीला बनाये रखने में मदद करता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं)

टेट्रिस (ब्लॉक जोड़ना) है याददाश्त बढ़ाने का अचूक मंत्र - Tetris increase brain efficiency in Hindi

टेट्रिस (ब्लॉक जोड़ना) है याददाश्त बढ़ाने का अचूक मंत्र - Tetris increase brain efficiency in Hindi
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक शोध के अनुसार, कुछ देर ब्लॉक जोड़ने वाला खेल (Tetris) खेलने से मस्तिष्क में पाए जाने वाले ग्रे द्रव्य (gray matter) में बढ़ोतरी होती है। जिससे चीज़ों को अधिक समय तक याद रखने में आसानी होती है। मस्तिष्क के अधिकतर न्यूरॉन्स इसी ग्रे द्रव्य में पाए जाते हैं। न्यूरॉन्स, मांसपेशियों की तरह होते हैं जिन्हें वजन के साथ मज़बूत किया जा सकता है। टेट्रिस खेल की मदद से आप अपने मस्तिष्क की इन मांसपेशियों को मज़बूत बना सकते हैं जो स्मरण शक्ति के विकास में सहायक है।

याददाश्त तेज करने के लिए करें जॉगिंग - Jogging boosts brain power in Hindi

याददाश्त तेज करने के लिए करें जॉगिंग - Jogging boosts brain power in Hindi
एक अध्ययन के मुताबिक, जॉगिंग से रक्त प्रवाह बढ़ता है जिससे आपके मस्तिष्क की ऑक्सीजन और पोषक तत्व अच्छी तरह से मिलते हैं जो किसी भी कार्य को तेज़ी से करने के लिए आवश्यक होते हैं। इस अध्ययन में पाया गया कि अधिकतर लोग जॉगिंग शुरु करने के कुछ दिन बाद अधिक फुर्ती से काम करने लगे थे। नियमित रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि आपकी याददाश्त बढ़ाने में मदद करती है। (और पढ़ें - दौड़ना या जॉगिंग करना कैसे शुरू करें)

झपकी लेने से होता है बुद्धि का विकास - Napping boosts brain power in Hindi

झपकी लेने से होता है बुद्धि का विकास - Napping boosts brain power in Hindi
एक जर्मन रिसर्च के अनुसार, जो लोग थोड़ी देर के लिए झपकी लेते रहते हैं उनकी स्मरण शक्ति अन्य लोगों की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक होती है। अल्पावधि वाली स्मरण शक्ति मस्तिष्क के 'हिप्पोकैम्पस' वाले क्षेत्र में मौजूद होती है। झपकी लेने की आदत इस स्मरण शक्ति को किसी तरह नियोकॉर्टेक्स (मस्तिष्क का वो भाग जिसमें देखने और सुनने की शक्ति मौजूद रहती है) में स्थानांतरित कर देता है जहां ये अधिक समय के लिए सुरक्षित रहते हैं।

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं विटामिन - Vitamins increase memory power in Hindi

स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए खाएं विटामिन - Vitamins increase memory power in Hindi
चाहे आप अल्जाइमर रोग से पीड़ित हों या आपके पास स्मृति से जुड़ी समस्याएं हो, कुछ विटामिन और फैटी एसिड आपकी इस समस्या के समाधान के लिए बने हैं। विटामिन बी-12, और ओमेगा-3 फैटी एसिड इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हरी सब्ज़ियां, अंडे, मीट और मछली में विटामिन-बी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ऑक्सफ़ोर्ड अध्ययन के अनुसार, मछली खाने से होमोसिस्टीन एमिनो एसिड से क्रिया होती है जिसके फलस्वरूप उम्र के साथ मस्तिष्क के विकास में आने वाली रुकावट कम हो जाती है। बादाम (कई नट्स और बीज) विटामिन ई से भरपूर होते हैं जो याददाश्त कमज़ोर होने से बचाता है। ब्लू बैरीज़ (Blueberries) में फ्लेवोनोइड पाया जाता है जो आपकी स्थान सम्बन्धी स्मृति को सुरक्षित रखती हैं। चॉकलेट में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट भी याददाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं। मनोभ्रम (dementia) की सम्भावना कम होती है। इसलिए आज से ही अपने आहार में विटामिन युक्त चीज़ें शामिल कीजिये।

पानी पीने से बढ़ता है दिमाग का प्रतिक्रिया समय - Drinking water boosts your brain's reaction time in Hindi

पानी पीने से बढ़ता है दिमाग का प्रतिक्रिया समय - Drinking water boosts your brain's reaction time in Hindi
पानी पीने से मस्तिष्क अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया करता है। प्यासे लोगों की तुलना में, पानी से तृप्त लोगों में 14 प्रतिशत अधिक तेज़ी से प्रतिक्रिया होती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप किसी ज़रूरी काम से जा रहे हैं या किसी परीक्षा में बैठे हैं तो पहले पानी पी लीजिये क्योंकि इससे आप चीज़ें भूलते नहीं। जर्नल ऑफ पोषण रिसर्च के अनुसार, थोड़ा निर्जलीकरण (dehydration) होने पर शरीर आपके मस्तिष्क से पानी की कमी पूरी करता है। आपके मस्तिष्क के जीवित रहने के लिए भी पानी बहुत ज़रूरी है। शरीर में पानी की मात्रा आपके मूत्र से पता की जा सकती है। अगर आप काफी घंटों से मूत्र त्यागने नहीं गए हैं या आपके मूत्र का रंग अत्यधिक पीला है तो आपको पानी पीने की ज़रूरत है। (और पढ़ें - खाली पेट पानी पीने के 9 बड़े फायदे)

दिमाग़ तेज़ करने के लिए तनाव से दूर रहें - Keep away from stress to enhance brain power in Hindi

दिमाग़ तेज़ करने के लिए तनाव से दूर रहें - Keep away from stress to enhance brain power in Hindi
कभी कभी आप छोटी छोटी चीज़ें भूल जाते हैं जैसे चाभी कहाँ रखी थी या सुबह नाश्ता किया या नहीं आदि। ये अल्पावधि के लिए चीज़ें भूलने का कारण तनाव हो सकता है। आपके आस पास दिन में लाखों चीज़ें होती हैं और सबको याद रखना मुमकिन नहीं है लेकिन जब ज़रूरी चीज़ों को याद रखना मुश्किल हो जाता है तो मस्तिष्क को उस समय एक चीज़ से दूसरी चीज़ में अदला बदली करने में परेशानी होती है। ऐसा तनाव के कारण होता है। इसलिए जितना हो सके ध्यान करके, मधुर संगीत सुनकर और अपने आपको व्यस्त रखकर तनाव से दूर रहें।

दिमाग तेज करने के लिए क्या खाना चाहिए - What to Eat to boost Brain Power in Hindi

आपके दिमाग का लगातार काम करना और अच्छी हालत में रहना आपके आहार, रक्त शर्करा और ऑक्सीजन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति पर निर्भर करता है। ऐसे कई आहार हैं जो आप अपने दैनिक आहार में शामिल कर सकते हैं और अपनी मानसिक शक्ति को बढ़ा सकते हैं।
  1. दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi
  2. दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi
  3. दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi
  4. दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi
  5. दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi

दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi

दिमाग तेज करने का सबसे आसान उपाय है दालचीनी और शहद - Cinnamon and honey for brain in hindi पाँच से आठ ग्राम दालचीनी पाउडर शहद में मिलाकर रोज़ लेने से दिमाग की कमज़ोरी दूर होती है और दिमाग तेज़ होता है। (और पढ़ें – शहद के फायदे)

दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi

दिमाग तेज करें ब्राह्मी से - Brahmi benefits for brain in hindi ब्राह्मी दिमागी शक्ति के बहुत ही प्रसिद्ध जड़ीबूटी है। एक चम्मच ब्राह्मी का रस रोज़ लेने से या द्दह से सात ब्राह्मी के पत्ते रोज़ चबाने से दिमाग और तेज़ होता है।

दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi

दिमाग तेज करने का घरेलु उपाय है अखरोट और किशमिश - Walnuts and raisins for brain power in hindi बीस गर्म अखरोट के साथ दस ग्राम किशमिश खाने से दिमागी शक्ति तेज़ होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – अखरोट के गुण)

दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi

दिमाग की कमजोरी का इलाज है अलसी के बीज - Flax seeds for brain health in hindi अलसी के बीज में प्रोटीन और फाइबर होता है इसलिए यह भी दिमाग के लिए फायदेमंद है। इन्हें नियमित रूप से खाएं और तेज़ दिमाग पाएं।

दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi

दिमाग की शक्ति बढ़ाने का उपाय है तिल और गुड़ - Sesame and jaggery for brain health in hindi बीस ग्राम तिल में थोड़ा गुड़ मिलाकर खाने से दिमागी शक्ति बढ़ती है। (और पढ़ें – तिल के तेल का उपयोग)

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आपका ब्लड टाइप आपके बारे में क्या बताता है - What does your blood type say about you in Hindi

राशि को हमेशा मज़े के लिए पढ़ा जाता है। लेकिन अपना भविष्य जानने के लिए सितारों की ओर देखने की बजाए आप स्वयं के भीतर एक तत्व से अपने बारे में बहुत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं - जैसे आपका किस प्रकार का व्यवाहर है, क्या चीज़ आपको पसंद आती है आदि। तो क्या है यह आपके शरीर के अंदर का तत्व जो आपको यह सब बताता है? वो तत्व है आपका ब्लड टाइप! कोरियाई और कई पूर्वी एशियाई देशों में ऐसा माना जाता है कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं वो सब आपके ब्लड ग्रुप के द्वारा पता चल सकता है। ब्लड के चार विभिन्न प्रकार हैं - ए, बी, एबी, और ओ। ब्लड के प्रकार आपके व्यक्तित्व, प्राथमिकता, काम और यहां तक कि भोजन का भी निर्धारण करते हैं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आपके व्यक्तित्व के बारे में कौन सा ब्लड ग्रुप क्या कहता है -
  1. ब्लड टाइप ए के लोगों का व्यक्तित्व - Blood type A personality traits in Hindi
  2. ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों का स्वभाव - Blood type B personality traits in Hindi
  3. ब्लड टाइप एबी वाले लोगों का स्वभाव - Blood type AB personality traits in Hindi
  4. ब्लड टाइप ओ वाले व्यक्तियों का व्यवाहर - Blood type O personality traits in Hindi

ब्लड टाइप ए के लोगों का व्यक्तित्व - Blood type A personality traits in Hindi

ब्लड टाइप ए के लोगों का व्यक्तित्व - Blood type a personality traits in Hindi
ब्लड टाइप ए के व्यक्तियों में एक अच्छा रोल मॉडल देखने को मिलता है क्यूंकि वे सफलता तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। उनमे दया और विनम्र व्यवहार के भी गुण होते हैं। हालांकि ब्लड टाइप ए के व्यक्ति बहुत आसानी से तनाव में चले जाते हैं और किसी भी बात पर बहुत ज़्यादा सोचने लगते हैं। ब्लड टाइप ए के व्यक्ति साथ साथ चलने में विश्वास रखते हैं यानि वो किसी के भी लिए कुछ भी करने को तैयार रहते है। फिर चाहे वो मुसीबत में पड़ें दोस्तों की बात हो या अपने करीबियों की। ब्लड टाइप ए के गुण - ब्लड टाइप ए के व्यक्ति पूर्णतावादी (perfectionist), विश्लेषणात्मक (analytical), संगठित, जिम्मेदार, सूक्ष्म (meticulous), दयालु, ईमानदार, रचनात्मक, समझदार, धैर्यवान, शांत, तमीज़दार होते हैं। ब्लड टाइप ए के अवगुण - ब्लड टाइप ए के लोग जिद्दी, संवेदनशील, चिंताजनक, जुनूनी, शर्मीली, तनावग्रस्त होते हैं और अकेलापन पसंद करते हैं। ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों की सामाजिक, कार्य और प्यार से जुडी कुछ बातें - सामाजिक जीवन - ब्लड टाइप ए के व्यक्ति भरोसेमंद और दयालु होते हैं। वो आपकी परवाह एक दम माँ जैसी करते है लेकिन वो विरोध करने से बचते हैं क्यूंकि उनकी आदत झगड़ा करने की नहीं होती। नतीजतन, जब टाइप ए के व्यक्ति नाराज़ होते हैं या उनके दिल को चोट पहुँचती है तो वो ऐसे समय पर आक्रामक हो जाते हैं। ब्लड टाइप ए को पार्टीज करना ज़्यादा पसंद नहीं होता वो इन पार्टीज से अलग ही रहते हैं। कार्य जीवन - ब्लड टाइप ए के व्यक्ति बहुत विश्वसनीय होते हैँ। ये बहुत पूर्णतावादी (perfectionist) होते हैं इसलिए इनका काम हमेशा सर्वश्रेष्ठ रहता है । हालांकि, इस ब्लड टाइप के व्यक्ति कुछ बातों को गंभीरता से ले लेते हैं जिस वजह से वे जल्दी तनाव में चले जाते हैं। जो लोग ब्लड टाइप ए के व्यक्तियों की सोच को समझ नहीं पाते उन्हें इनके साथ काम करने में बहुत परेशानी होती है। लव लाइफ - टाइप ए के व्यक्ति आसानी से घुलते मिलते नहीं हैं क्यूंकि वे संकोची और शर्मीले होते हैं। टाइप ए के व्यक्ति जीवन में प्यार को अच्छे से निभाते और चलाते हैं। इस तरह के व्यक्ति चयनात्मक (selective) होते हैं। अगर टाइप ए के व्यक्ति आपको अपने पार्टनर के रूप में चुनते हैं तो जीवनभर आपका साथ कभी नहीं छोड़ेंगे। ब्लड टाइप ए के लोगों का एबी और ओ ब्लड टाइप के व्यक्तियों से मेल  एबी और ओ भरोसेमंद व्यक्ति होते हैं। कभी कभी ब्लड टाइप ए के व्यक्ति ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों के साथ मेल नहीं खाते और कभी कभी तो अन्य के साथ भी नहीं। जैसे ब्लड टाइप बी की सहजता टाइप ए को अस्थिर कर सकती है। और अगर दोनों ए प्रकार के पार्टनर हैं तो तकरार होना मुमकिन है।

ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों का स्वभाव - Blood type B personality traits in Hindi

ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों का स्वभाव - Blood type b personality traits in Hindi
ब्लड टाइप बी के व्यक्ति आक्रामक होते हैं जिन्हे आसानी से समझाया नहीं जा सकता। ब्लड टाइप बी के व्यक्ति भावुक और प्रेरित होते हैं। ब्लड टाइप बी के व्यक्ति जिंदगी के साथ कदम से कदम चलाने वालों में से होते हैं। इस तरह के व्यक्ति बहुत महत्वाकांक्षी भी होते हैं। हालांकि इस ब्लड टाइप के व्यक्ति कठोर और ज़िद्दी भी होते हैं। ब्लड टाइप बी के व्यक्ति सच बोलने पर विश्वास रखते हैं उन्हें दुनिया क्या कहेंगी इस बात की बिल्कुल परवाह नहीं होती। ब्लड टाइप बी के गुण - ब्लड टाइप बी के व्यक्ति भावुक, सक्रिय (active), महत्वाकांक्षी, कल्पनाशील, रचनात्मक, मज़ेदार, भावनात्मक रूप से मजबूत, आशावादी, विचारधारा, स्वतंत्र होते हैं। ब्लड टाइप बी के अवगुण - ब्लड टाइप बी के लोग स्वार्थी, गैरजिम्मेदार, माफ न करने वाला, अनियमित, जिद्दी, कुंद, कठोर, गर्म स्वभाव वाले होते हैं। ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों की सामाजिक, कार्य और प्यार से जुडी कुछ बातें - सामाजिक जीवन - ब्लड टाइप बी के व्यक्ति मज़ेदार तरीके से ज़िंदगी जीना पसंद करते हैं। हालांकि कभी कभी इस व्यवाहर से मुश्किलें पैदा हो सकती हैं क्यूंकि वे ज़िद्दी होते हैं और अपने तरीके से ज़िंदगी जीने की चाह रखते हैं। कार्य जीवन - हालांकि टाइप बी वाले व्यक्तियों का लक्ष्य उनके लिए सबसे पहले होता है। वे ज़िद्दी प्रकार के इंसान होते हैं जिनके लिए सहयोग से काम करना मुश्किल है। इन्हे अपने तरीकों से काम करना अच्छा लगता है। प्रेम जीवन - पार्टनर हमेशा बी प्रकार के व्यक्तियों के साथ मज़ेदार तरीके से रहते हैं। लेकिन उनके गर्म मिजाज़ और गैर-जिम्मेदार व्यवहार के साथ साथ धैर्य भी रखना ज़रूरी है। पार्टनर्स को हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि बी टाइप के व्यक्ति कठोर तो होते हैं लेकिन जो वो गुस्से में कहते हैं उनके कहने का मतलब कभी भी गलत नहीं होता। क्यूंकि वे आपकी भलाई के लिए ही बोल रहे होते हैं। एबी और ओ से मेल  एबी और बी दोनों रचनात्मक प्रकार के व्यक्ति होते हैं इसलिए दोनों को एकदूसरे के साथ रहना अच्छा लगता है। ब्लड टाइप ओ के व्यक्ति लचीले होते हैं और बी वालों के लिए वे एक मज़ेदार रूप में सामने आते हैं। बी टाइप का व्यक्ति अपनी अस्तव्यस्त जीवन शैली और अपरंपरागत आदतों की वजह से ए टाइप के व्यक्ति को बना देता है। जबकि दोनों बी टाइप के लोग अपनी खुद की चीज़े करना पसंद करते हैं।

ब्लड टाइप एबी वाले लोगों का स्वभाव - Blood type AB personality traits in Hindi

ब्लड टाइप एबी वाले लोगों का स्वभाव - Blood type ab personality traits in Hindi
ब्लड टाइप एबी के व्यक्ति बहुत चुलबुले और विचित्र किस्म के होते हैं। टाइप एबी के व्यक्ति कई विभिन्न प्रकार के लक्षणों को दिखाते हैं जैसे शर्मीले से बातूनी, विचारशील से तर्कहीन और शांत से पागलपन। एबी टाइप के व्यक्ति की ऊर्जा हमारी सोच से बाहर है। ऐसे इंसान बहुत दिलचस्प होते हैं। ब्लड टाइप एबी के गुण - ब्लड टाइप एबी के व्यक्ति मित्रतापूर्ण, अनुकूलनीय (adaptable), दिलचस्प, मनमौजी, कल्पनात्मक, विचित्र, बुद्धिमान, तर्कसंगत, व्यावहारिक, दार्शनिक होते हैं। ब्लड टाइप एबी के अवगुण - ब्लड टाइप बी के लोग दुविधा में पड़ने वाले, भुलक्कड़, मूडी, अलगाव, भावनात्मक, अविश्वसनीय, नाजुक, स्वार्थी होते हैं। ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों की सामाजिक, कार्य और प्यार से जुडी कुछ बातें - सामाजिक जीवन - एबी टाइप के व्यक्ति मनोरंजक दोस्त बनते हैं। वे बहुत विचित्र और मज़ेदार होते हैं लेकिन वे बहुत बुद्धिमान भी होते हैं और ज्ञान की बाते करते हैं। कभी कभी वे थोड़ा सा भावनात्मक और अप्रत्याशित (unpredictable) हो जाते हैं। कुछ का मानना है कि एबी टाइप के व्यक्ति भरोसेमंद और अपने दोस्तों के प्रति वफादार नहीं होते। कार्य जीवन - वे कार्यस्थल पर मनोरंजन प्रदान करते हैं, वे किसी भी प्रकार से किसी पर भी निर्भर नहीं रहते। प्रेम जीवन - एबी टाइप के व्यक्तियों के साथ संबंध रखना मनोरंजक होता है। इनके साथ आपको किसी भी तरीके का उबाऊपन (boring) महसूस नहीं होगा। हालाँकि ऐसे व्यक्ति संवेदनशील होते हैं और कभी-कभी भावनात्मक हो जाते हैं। कभी कभी वे अपने शब्दों से लोगों को चोट भी पंहुचा देते हैं। एबी टाइप के व्यक्तियों को समझने की ज़रूरत है और उन्हें स्थति को समझने के लिए थोड़ा समय भी दें। सभी के साथ मेल एबी टाइप के व्यक्ति ए टाइप के व्यक्ति के साथ विचारशील और शांत रहते हैं। बी और ओ के साथ इनका रचनात्मक और मज़ेदार मेल बैठता है। हालाँकि एबी वाले व्यक्ति ज्ञानी होते हैं तो ए टाइप के व्यक्ति के साथ अलग अलग समझ की वजह से तालमेल नहीं बैठ पाता।

ब्लड टाइप ओ वाले व्यक्तियों का व्यवाहर - Blood type O personality traits in Hindi

 ब्लड टाइप ओ वाले व्यक्तियों का व्यवाहर - Blood type o personality traits in Hindi
ओ ब्लड टाइप के लोगों की कोशिश होती है कि वो हर स्थिति में हीरो बनें। इस ब्लड ग्रुप के लोग सच्चे होते है और इनमे लीडर बनने के गुण भी होते हैं। वे लचीले, खुले दिमाग वाले और सहज होते हैं। इनका ये व्यवाहर एक अच्छा साथी बनाता है। ओ ब्लड टाइप के गुण - ब्लड टाइप ओ के व्यक्ति आत्मविश्वास, प्रतिस्पर्धी, कड़ी मेहनत, ईमानदार, अर्थपूर्ण (expressive) , मैत्रीपूर्ण, क्षमाशील, आशावादी, मजबूत-इच्छुक, सहज, उत्सुक, उदार होते हैं। ओ ब्लड टाइप के अवगुण - ब्लड टाइप ओ के लोग आक्रामक, अभिमानी, आत्म-केंद्रित, गैरजिम्मेदार, नाटकीय, व्यर्थ, जुनूनी, आसानी से विचलित होने वाला व्यक्तित्व होता है। ब्लड टाइप बी के व्यक्तियों की सामाजिक, कार्य और प्यार से जुडी कुछ बातें - सामाजिक जीवन - ओ ब्लड टाइप के लोग विश्वसनीय दोस्त बनाते हैं। इस ब्लड ग्रुप के लोग हर चीज़ में सबसे आगे रहते हैं। ऐसे लोग लचीले होते हैं और बिना निसंदेह न्याय करने में विश्वास रखते हैं। इस प्रकार के लोग बहुत जल्दी परेशान हो जाते हैं। आकर्षण का केंद्र बनना इन्हे अच्छा लगता है। कार्य जीवन - ओ ब्लड टाइप के लोगो के सिर पर सफलता का जूनून होता है। ये मेहनती व्यक्ति होते हैं। ये बहुत जल्दी किसी भी चीज़ से उब जाते हैं। लव लाइफ - ओ ब्लड टाइप के लोग पुरे दिल से प्यार और स्नेह देते हैं। लेकिन इनके पार्टनर को ध्यान रखना चाहिए कि उतना ही बराबरी का प्यार ओ ब्लड टाइप के लोगो को दें क्यूंकि जितना प्यार ये आपको देते हैं उतना ही प्यार बदले में इन्हे चाहिए होता है। सभी के साथ मेल ओ ब्लड टाइप के लोग ए ब्लड टाइप लोगो के साथ अच्छी तरह से काम करते हैं। ओ ब्लड टाइप के व्यक्ति लोगो को खुश रखने में विश्वास रखते हैं इसलिए वे ए ब्लड टाइप के लिए चीजों को कम तनावपूर्ण बनाने का प्रयास करते हैं। ओ ब्लड टाइप के लोगों को बी, एबी, और अन्य ओ के साथ पार्टी करना अच्छा लगता है।


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प्याज के फायदे और नुकसान - Onion (Pyaj) Benefits and Side Effects in Hindi

प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium cepa) है। प्याज में कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो मानव शरीर में मौजूद मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में बहुत प्रभावी होते हैं। प्याज औषधीय प्रयोजनों के लिए मनुष्यों द्वारा कई सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। 7,000 से अधिक वर्षों से प्याज मनुष्यों के प्रमुख आहार में से एक है। प्याज विश्व स्तर पर विकसित और खेती वाले पौधे में से एक है। इतिहास के दौरान कुछ संस्कृतियों में प्याज द्वारा भी पूजा की जाती थी जैसे मिस्र। प्याज प्राचीन काल से उपचारात्मक लाभों के लिए जाने जाते हैं। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पुष्टि की है कि प्याज कम भूख वाले और एथरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि प्याज पुराने अस्थमा, एलर्जी ब्रोंकाइटिस, आम सर्दी से संबंधित खांसी और ठंडे सिंड्रोम वाले रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा इलाज होते हैं। प्याज में कई मूल्यवान औषधीय गुण होते हैं क्योंकि पोषक तत्वों, विटामिन, खनिज और आर्गेनिक यौगिक मौजूद होते हैं। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, सेलेनियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं और वे विटामिन सी, विटामिन बी 6 और आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।

प्याज के फायदे - Pyaj ke Fayde in Hindi

प्याज ऐसे अनुकूली पौधों में से एक है जो हमारे शरीर की जरूरतों के लिए अधिकतम आवश्यक पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है। तो आइये जानते हैं प्याज के सबसे मूल्यवान और प्रसिद्ध स्वास्थ्य लाभों के बारे में -
  1. प्याज के फायदे मौखिक स्वास्थ्य के लिए - Onion for Oral Health in Hindi
  2. प्याज के लाभ करें प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत - Onion for Immune System in Hindi
  3. प्याज के गुण रखें दिल को स्वस्थ - Pyaj ka Fayda for Heart in Hindi
  4. प्याज का प्रयोग मधुमेह को करें नियंत्रित - Onion Good for Diabetes in Hindi
  5. प्याज के रस के फायदे बचाएं इन्सेक्ट बाईट से - Onion for Insect Bites in Hindi
  6. प्याज के औषधीय गुण करें कैंसर का इलाज - Onion for Cancer Cure in Hindi
  7. प्याज के रस के गुण हैं कान दर्द में लाभकारी - Onion Juice for Earache in Hindi
  8. प्याज का रस लगाएं त्वचा पर - Onion for Skin Care in Hindi
  9. प्याज का रस बालों के लिए - Onion Juice for Hair in Hindi
  10. प्याज का उपयोग करता है खाँसी को दूर - Onion for Cough in Hindi
  11. अनियन खाने के फायदे बढ़ाएं सेक्स ड्राइव - Onion Boosts Sexual Drive in Hindi
  12. प्याज का सेवन है एनीमिया का इलाज - Onions Good for Anemia in Hindi
  13. पेट की खराबी को करें प्याज से दूर - Onions for Stomach Problems in Hindi
  14. मूत्र पथ के संक्रमण के लिए प्याज है फायदेमंद - Onion for Urinary Tract Infection in Hindi
  15. प्याज के अन्य फायदे - Other Benefits of Onion in Hindi

1. प्याज के फायदे मौखिक स्वास्थ्य के लिए - Onion for Oral Health in Hindi

प्याज का उपयोग अक्सर दाँत क्षय और मुँह के संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है। कच्चे प्याज को 2 से 3 मिनट चबाने से मुँह के क्षेत्र के साथ साथ गले और होंठ के आसपास के स्थानों में मौजूद रोगाणुओं को संभावित रूप से नष्ट किया जा सकता है। (और पढ़ें - पुदीने के पत्ते है मौखिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद)

2. प्याज के लाभ करें प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत - Onion for Immune System in Hindi

प्याज में बहुत अचिक मात्रा में फाइटोकेमिकल्स (phytochemicals) मौजूद होते हैं जो शरीर के अंदर विटामिन सी को बढ़ाने का काम करते हैं। जब आप प्याज का सेवन करते हैं तो आपके शरीर में विटामिन सी की मात्रा बढ़ जाती है जिसके कारण आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत हो जाती है। क्योंकि विटामिन सी आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को विषाक्त पदार्थों और विभिन्न प्रकार के बाहरी हानिकारक तत्वों से बचाता है। ये विषाक्त पदार्थ और बाहरी हानिकारक तत्व बीमारी का कारण बन सकते हैं। (और पढ़ें - प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ)

3. प्याज के गुण रखें दिल को स्वस्थ - Pyaj ka Fayda for Heart in Hindi

प्याज शरीर में रक्त को जमने से रोकने का काम करता है इसलिए प्याज को ब्लड थिनर भी कहा जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को एक जगह इकट्ठा होकर जमने से रोकता है जिसके कारण धमनिया ब्लॉक हो सकती है। धमनियों के ब्लॉक होने और रक्त के थक्कों के कारण हृदय विकार या हृदय रोग हो सकते हैं। इसके साथ-साथ यदि प्रतिदिन प्याज उपयोग करते हैं तो प्याज कोलेस्ट्रॉल (जो कि दिल की समस्याओं का कारण बनता है) को कम या पूरी तरह ख़त्म करने में भी मदद कर सकता है। (और पढ़ें – स्विमिंग के फायदे हैं कार्डियोवास्कुलर हेल्थ के लिए)

4. प्याज का प्रयोग मधुमेह को करे नियंत्रित - Onion Good for Diabetes in Hindi

प्याज में क्रोमियम होता है (क्रोमियम अधिकतर सब्जियों में नहीं पाया जाता है जिनका हम दैनिक रूप से इस्तेमाल करते हैं)। क्रोमियम शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और हमारी मांसपेशियों और शरीर की कोशिकाओं को धीरे-धीरे ग्लूकोज मिलता है। इसलिए प्याज खाने से आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है, जो मधुमेह रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है।

5. प्याज के रस के फायदे बचाएं इन्सेक्ट बाईट से - Onion for Insect Bites in Hindi

मधुमक्खी के डंक से होने वाले दर्द को कम करने के लिए आप प्याज के रस का उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ-साथ ताजा प्याज का रस या पेस्ट बिच्छू के डांक और अन्य कीट के काटने पर बाहरी रूप से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। प्याज की गंध कीड़े को भगाने भगाने में भी मदद करती है। (और पढ़ें - टी बैग के उपयोग हैं इन्सेक्ट्स बाइट्स के लिए)

6. प्याज के औषधीय गुण करें कैंसर का इलाज - Onion for Cancer in Hindi

प्याज कई प्रकार के यौगिकों से समृद्ध होते हैं जो कैंसर कोशिकाओं के विकास और प्रसार को सफलतापूर्वक रोकते हैं। क़ुएरसेटीं (Quercetin) एक बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट यौगिक है जो कैंसर के प्रसार की रोकथाम के लिए जाना जाता है। प्याज में एक महत्वपूर्ण मात्रा में क़ुएरसेटीं होता है। विटामिन सी भी एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट है जिससे शरीर में मुक्त कणों की मौजूदगी और प्रभाव कम हो सकता है। मुक्त कण सेलुलर चयापचय के रासायनिक उप-उत्पाद (byproducts) हैं और वे कैंसर कोशिकाओं को स्वस्थ कोशिकाओं में बदल कर सकते हैं। इसलिए एंटीऑक्सिडेंट से समृद्ध कोई भी खाद्य पदार्थ हर किसी के लिए फायदेमंद होते हैं। क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण इस आंतरिक हमले के लिए अतिसंवेदनशील होता है। इसलिए एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थ इन मुक्त कणों को बेअसर करते हैं।

7. प्याज के रस के गुण हैं कान दर्द में लाभकारी - Onion Juice for Earache in Hindi

प्याज के रस की कुछ बूँदें वास्तव में कान दर्द से ग्रस्त व्यक्तियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती हैं। इसके लिए रूई के एक टुकड़े के माध्यम से कान में हो रही सनसनाहट को दूर करने के लिए प्याज के रस का उपयोग किया जा सकता है। इस उपाय से कान दर्द में राहत मिलती है। (और पढ़ें - कान में दर्द के घरेलू उपाय)

8. प्याज का रस लगाएं त्वचा पर - Onion for Skin Care in Hindi

शहद या जैतून का तेल के साथ प्याज के रस का मिश्रण मुँहासे के उपचार के लिए सबसे अच्छा इलाज माना जाता है। प्याज सूजन को कम करने वाली सब्जियों में से एक है। इसलिए प्याज में मौजूद सक्रिय यौगिक मुँहासे की वजह हुई लालिमा और सूजन को कम कर सकते हैं।

9. प्याज का रस बालों के लिए - Onion Juice for Hair in Hindi

जूँ और बालों के झड़ने से छुटकारा पाने के लिए बालों या स्कैल्प पर प्याज के रस का प्रयोग करें। यह बालों के लिए प्याज का सबसे प्रमुख लाभ है। प्याज के रस को बालों में लगायें और उंगलियों से मालिश करें – फिर थोड़ी देर में अपने बालों कों अच्छी तरह से धो लें – इससे आपके बालों का झड़ना कम हो जाएगा। साथ ही इससे रूसी दूर होगी और बालों का प्राकृतिक रंग बना रहेगा। यह प्राकृतिक कंडीशनर के रूप में भी काम करता है। (और पढ़ें - बालों को झड़ने से रोकने के लिए जूस रेसिपी)

10. प्याज का उपयोग करता है खाँसी को दूर - Onion for Cough in Hindi

प्याज के रस और शहद को बराबर मात्रा में मिक्स कर लें। इस मिश्रण का सेवन खराब गले और खाँसी के लक्षणों को दूर कर सकता है। (और पढ़ें - सिर्फ दस मिनट में कफ और खांसी से पाएं छुटकारा)

11. अनियन खाने के फायदे बढ़ाएं सेक्स ड्राइव - Onion Boosts Sexual Drive in Hindi

प्याज एक स्वस्थ सेक्स जीवन की इच्छा को बढ़ाने के लिए जाना जाता है। एक चम्मच अदरक के रस के साथ एक बड़ा चम्मच प्याज का रस दिन में तीन बार लें। यह कामेच्छा और सेक्स ड्राइव को बढ़ा सकता है। (और पढ़ें - यौन-शक्ति को बढ़ाने वाले आहार)

12. प्याज का सेवन है एनीमिया का इलाज - Onions Good for Anemia in Hindi

यहां तक कि एनेमिक कंडीशंस में गुड़ और पानी के साथ प्याज खाने से सुधार किया जा सकता है। क्योंकि यह शरीर में लोहा जैसे खनिज को बढ़ाता है। लोहा लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन का एक आवश्यक हिस्सा है। इसलिए एनीमिया को लोहे की कमी के रूप में भी जाना जाता है। एनीमिया के लक्षण को आपके आहार में उचित मात्रा में प्याज के सेवन से रोका जा सकता है। (और पढ़ें - रागी के व्यंजन एनीमिया के लिए हैं उत्कृष्ट)

13. पेट की खराबी को करें प्याज से दूर - Onions for Stomach Problems in Hindi

प्याज में सूजन को कम करने वाले और जीवाणुरोधी गुण हैं जो पेट की खराबी और उससे संबंधित गैस्ट्रिक सिंड्रोम से राहत देता है। इसके अलावा कब्‍ज की समस्‍या होने पर कच्चे प्‍याज का सेवन करना बहुत ही अच्छा होता है। प्‍याज में मौजूद फाइबर पेट के अंदर के चिपके हुए भोजन को बाहर निकाल देता है जिससे पेट साफ हो जाता है।

14. मूत्र पथ के संक्रमण के लिए प्याज है फायदेमंद - Onion for Urinary Tract Infection in Hindi

पेशाब के दौरान जलन से पीड़ित लोगों के लिए, प्याज काफी राहत प्रदान कर सकता है। इस स्थिति से पीड़ित लोगों को 6 से 7 ग्राम प्याज के साथ उबला हुआ पानी पीना चाहिए।

15. प्याज के अन्य फायदे - Other Benefits of Onion in Hindi

  1. अगर आप प्याज को माथे पर रखते हैं तो प्याज का एक छोटा टुकड़ा बुखार के दुष्प्रभावों के खिलाफ काम कर सकता है। (और पढ़ें – बुखार के घरेलू उपचार)
  2. प्याज का एक छोटा सा टुकड़ा साँस, नाक के माध्यम से रक्तस्राव को रोक या धीमा कर सकता है।
  3. एक प्याज अनिद्रा या स्लीपिंग डिसऑर्डर का इलाज कर सकता है। यह निश्चित रूप से आपको अच्छी नींद देगा। (और पढ़ें - अनिद्रा के घरेलू उपचार)
  4. प्याज पाचन तंत्र में सुधार कर सकता है यदि आपको कोई पाचन समस्या है, तो प्याज पाचन रस को बढ़ाकर इसे ठीक कर सकता है।
  5. जोड़ों में गठिया से हुई सूजन को प्याज से ठीक किया जा सकता है।
  6. शरीर के दर्द से कुछ राहत पाने के लिए प्याज के साथ एक छोटी सी ट्रिक है। प्याज को तिल या अरंडी के तेल में तले और किसी भी दर्द को ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
  7. काली प्याज के बीज में एक एंटीऑक्सिडेंट होता है जिसे थियोमोक्विनोन कहते हैं। इसे न्यूरोटॉक्सिक  प्रभावों से निपटने के लिए जाना जाता है। थियोमोक्विनोन मस्तिष्क को लीड विषाक्तता के कारण होने वाले नुकसान से बचाता है। जिसके बदले में काली प्याज के बीज लीड की वजह से मस्तिष्क क्षति को रोकने में मदद करते हैं।

प्याज के नुकसान - Pyaj ke Nuksan in Hindi

  1. प्याज शुगर के स्तर को कम करता है, इसलिए शुगर रोगियों को इसके सेवन से पहले अपने शुगर की जांच करनी चाहिए क्योंकि यह अपने शुगर के स्तर को बहुत कम कर सकता है।
  2. हालांकि कई जठरांत्र संबंधी विकारों के इलाज में प्याज का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसका अधिक खपत गैस्ट्रिक जलन, उल्टी, मतली का कारण हो सकती है। यदि आप प्याज के उपयोग से नियमित रूप से ऐसी किसी भी स्थिति का अनुभव करते हैं, तो आपको डॉक्टर (advisable) से संपर्क करने के लिए सलाह दी जाती है
  3. त्वचा पर प्याज का रस लगाने पर चेहरे या त्वचा पर जलन और चकत्ते का अनुभव हो सकता है। इसलिए इसे अपनी त्वचा पर लगाने से पहले अपनी त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर परीक्षण करने के लिए सलाह दी जाती है। यह जोड़ों के दर्द और गठिया जैसी स्थितियों के सूजन को कम करने में भी मदद करता है।
  4. गर्भवती और नर्सिंग महिलाओं को प्याज की खपत को सीमित करना चाहिए क्योंकि यह अक्सर इन चरणों के दौरान जलन का कारण बनता है।
  5. प्याज के अनियंत्रित सेवन के कारण जलन हो सकती है। इस प्रकार, यह दिल की बीमारियों वाले लोगों को प्रतिकूल प्रभाव पैदा कर सकता है ऐसी स्थिति में त्वरित चिकित्सा की आवश्यकता होती है।
  6. इसकी मजबूत सुगंध के कारण प्याज की खपत अक्सर सल्फर की उच्च सामग्री के लिए जिम्मेदार हो सकती है।
  7. प्याज सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप को कम कर सकता है। इस प्रकार, जो रक्तचाप के लिए दवाइयां लेते हैं, उन लोगों को इसके सेवन के समय सावधानी बरतनी चाहिए।
  8. प्याज से एलर्जी होने वाले लोगों को एस्पिरिन और प्याज नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे प्याज की संवेदनशीलता बढ़ जाती है।
  9. प्याज का सेवन करते समय किसी भी लिथियम की दवाएं लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना उचित है।


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