Friday, November 30, 2018

इन गलतियों की वजह से आती है उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां

झुर्रियों की समस्या आजकल किसी भी उम्र में हो सकती है। व्यस्त जीवनशैली की वजह से आप इस परेशानी पर ज्यादा ध्यान भी नहीं दे पाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी अनजाने में की हुई कुछ गलतियों की वजह से उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियां दिखाई देने लगती है। इस लेख में हमने आपको कुछ ऐसी गलतियों के बारें में बताया है, जिन्हें आप रोजाना दोहरा रहे हैं।

(और पढ़ें - झुर्रियों का इलाज)

तो चलिए जानते हैं आपकी ऐसी कौनसी गलतियां हैं जिनकी वजह से चेहरे पर झुर्रियां पड़ रही हैं –

1. कॉफी -

कॉफी में कैफीन होता है। कैफीन से आपके शरीर को भरपूर उर्जा मिलती है, लेकिन इससे आपकी त्वचा रूखी हो जाती है और झुर्रियों की समस्या भी शुरू होने लगती है। अगर आप झुर्रियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो रोजाना कॉफी की जगह ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं, जिससे आपकी त्वचा हाइड्रेट रहे। इसके साथ ही साथ रोजाना फल भी जरूर खाएं।

(और पढ़ें - चेहरे की झुर्रियों के कारण)

2. मेकअप -

रोजाना बाहर से आने के बाद रात को अगर आप बिना मेकअप हटाए सोने के लिए चल देते हैं तो ऐसा न करें, क्योंकि आपकी त्वचा को भी ताजी हवा की जरूरत होती है। मेकअप के साथ-साथ आपके चेहरे पर धूल-मिट्टी भी चिपक जाती है, जिसकी वजह से आपके छिद्र बंद हो जाते हैं और इस वजह से त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। अगर आप उम्र से पहले चेहरे की झुर्रियों से परेशान हैं तो बाहर से घर पर आने के बाद अपने चेहरे को अच्छे से क्लींजर से जरूर धोएं।

(और पढ़ें - सर्दियों में त्वचा की देखभाल कैसे करें)

3. पर्याप्त नींद न लेना -

दिनभर की थकान के बाद पर्याप्त नींद लेना बेहद जरूरी है और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपको उम्र से पहले चेहरे पर झुर्रियों की समस्या हो सकती है, त्वचा बेजान लग सकती है और छिद्र बंद होने की वजह से मुहांसों की परेशानी शुरू हो जाती है। इसलिए त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद जरूर लें।

(और पढ़ें - अच्छी गहरी नींद आने के घरेलू उपाय)

4. धूम्रपान व शराब का सेवन -

यह तो आप सभी जानते हैं कि धूम्रपान करना आपकी त्वचा के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और अगर आप धूम्रपान करने वाले व्यक्ति के साथ में खड़े होते हैं तब भी आपकी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। तंबाकू में मौजूद केमिकल के कारण आपकी त्वचा लटक सकती है और झुर्रियों की परेशानी भी बढ़ सकती हैं। साथ ही शराब का सेवन करने से आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इस वजह से त्वचा रूखी और बेजान हो जाती है। जितनी त्वचा रूखी होगी उतनी तेजी से चेहरे पर झुर्रियों की समस्या बढ़ेगी।

(और पढ़ें - झुर्रियां हटाने की क्रीम)

5. अधिक गर्म पानी का इस्तेमाल -

गर्म पानी से नहाने में आपको बेहद अच्छा लगता होगा, लेकिन अगर आप इससे रोज नहाते हैं और लंबे वक्त तक नहाते हैं तो इससे आपकी त्वचा ड्राई हो सकती है। ड्राई होने के बाद त्वचा पपड़ीदार होने लग जाती है। अगर गर्म पानी में आपकी त्वचा लाल हो जाती है और खुजली होने लगती है तो तभी गर्म पानी से नहाना बंद कर दें। अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो उसकी देखभाल ज्यादा से ज्यादा करें, क्योंकि ड्राई स्किन के कारण झुर्रियों की समस्या तेजी से बढती है।

(और पढ़ें - झुर्रियों के लिए फेस पैक)



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इन नेचुरल तरीकों से ब्लैकहेड्स हो जायेंगे छूमंतर

ब्लैक हेड्स एक आम समस्या है। यह समस्या आमतौर पर चेहरे और नाक पर दिखाई देती है। ब्लैक हेड्स नाक पर सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं, जिसकी वजह से चेहरा बेहद भद्दा दिखाई देता है। इस लेख में हम आपको ब्लैक हेड्स हटाने के कुछ प्राकृतिक उपाय बता रहे हैं जिनकी मदद से आपके ब्लैक हेड्स छूमंतर हो जाएंगे।

(और पढ़ें - ब्लैक हेड्स के इलाज)

तो चलिए जानते हैं ब्लैक हेड्स हटाने के प्राकृतिक उपाय –

1. बेकिंग सोडा -

बेकिंग सोडा ब्लैक हेड्स की समस्या से छुटकारा दिलाने में बेहद लाभकारी होता है।

सामग्री -

  1. एक से दो बड़े चम्मच बेकिंग सोडा।
  2. पेस्ट तैयार करने के लिए पानी।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले बेकिंग सोडा को पानी में मिला दें।
  2. अब पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और लगाने के बाद पांच मिनट तक उस क्षेत्र पर मसाज करें।
  3. अब प्रभावित क्षेत्र को गुनगुने पानी से धो दें।
  4. हफ्ते में दो बार से ज्यादा इस उपाय का इस्तेमाल न करें।

(और पढ़ें - ब्लैक हेड्स हटाने के घरेलू नुस्खे)

2. ग्रीन टी -

ग्रीन टी में कई विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। ग्रीन टी के इस्तेमाल से चेहरे पर जमा तेल साफ हो जाता है और सूजन भी कम हो जाती है।

सामग्री -

  1. एक बड़ा चम्मच सूखी ग्रीन टी की पत्तियां।
  2. पेस्ट बनाने के लिए पानी।

(और पढ़ें - सुंदरता बढ़ाने के लिए कैसे करें ग्रीन टी इस्तेमाल)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले ग्रीन टी की पत्तियों को पानी में मिला लें।
  2. अब एक गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें।
  3. अब पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और लगाने के बाद 20 मिनट तक पेस्ट को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. फिर पेस्ट को गुनगुने पानी से धो लें।  

(और पढ़ें - हमेशा के लिए ब्लैक हेड्स को करें अलविदा)

3. आटा और शहद -

ये मिश्रण प्रभावित क्षेत्र के लिए बेहद प्रभावी है और ब्लैक हेड्स को साफ करने में भी मदद करता है।

सामग्री -

  1. एक से दो बड़ा चम्मच आटा।
  2. एक बड़ा चम्मच शहद

(और पढ़ें - हल्दी और शहद के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले आटे को शहद के साथ मिला दें।
  2. अब इस पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और लगाने के बाद कुछ मिनट तक मसाज करें।
  3. अब 20 मिनट तक पेस्ट को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. फिर प्रभावित क्षेत्र को गुनगुने पानी से धो दें और अगर जरूरत पड़े तो आप फिर से इस पेस्ट को लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - ब्लैकहेड्स हटाने के लिए तेल)

4. दालचीनी पाउडर -

दालचीनी ब्लैक हेड्स को साफ करती है और त्वचा संबंधी अन्य समस्याओं को भी कम करती है।

सामग्री -

  1. एक बड़ा चम्मच दालचीनी पाउडर। (और पढ़ें - दालचीनी और शहद के फायदे)
  2. एक बड़ा चम्मच नींबू का जूस।
  3. एक चुटकीभर हल्दी

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले दालचीनी पाउडर और नींबू के जूस को मिला दें।
  2. अब इसमें हल्दी भी मिला लें।
  3. पूरे पेस्ट को अच्छे से मिलाने के बाद इसे 15 मिनट के लिए प्रभावित क्षेत्र पर लगे रहने दें।
  4. अब पेस्ट को पानी से धो लें।

(और पढ़ें - 7 दिनों में दूर करें ब्लैक हेड्स)

5. सेंधा नमक -

सेंधा नमक ब्लैकहैड के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इसके उपयोग से त्वचा की सूजन कम हो जाती है और ब्लैकहेड्स साफ हो जाने के बाद त्वचा मुलायम लगने लगती है।

सामग्री -

  1. एक बड़ा चम्मच सेंधा नमक।
  2. एक बड़ा चम्मच आयोडीन नमक
  3. पेस्ट बनाने के लिए जरूरत अनुसार पानी।

(और पढ़ें - काले नमक के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले सेंधा नमक और आयोडीन नमक को एक साथ मिला दें।
  2. अब इसमें पानी मिलाकर एक गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें।
  3. अब पेस्ट को प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं और लगाने के बाद दस मिनट के लिए पेस्ट को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. फिर पेस्ट को पानी से धो दें।

(और पढ़ें - ये फेस पैक सफ़ेद दानों को दूर करेंगे)



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इडली बनाने की विधि - Idli recipe in hindi

इडली, दक्षिणी भारत की एक बहुत ही प्रसिद्ध डिश है जो अब पूरे भारत में शौक से खाई जाने लगी है। ये चावल, उड़द की दाल और मेथी के बीज का बैटर तैयार करके बनाई जाती है। इडली खाने में केवल स्वादिष्ट ही नहीं होती, बल्कि ये स्वास्थ्य के लिए भी बहुत अच्छी होती है और इसे बनाना भी बहुत ही आसान होता है। ये नाश्ते, लंच, डिनर या स्नैक्स के समय कभी भी खाई जा सकती है। इडली को अधिकतर सांबर और नारियल की चटनी के साथ परोसा जाता है। इस लेख में हमने आपको इडली की एक आसान सी रेसिपी बताई है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 30 मिनट
खमीर आने में लगने वाला समय 8 से 9 घंटे
बनाने का समय 20 मिनट
कितने लोगों के लिए है ये सामग्री 4 लोग
कब खाएं इडली को आप कभी भी खा सकते हैं
कहां की है ये डिश दक्षिण भारत
टाइप वेज (शाकाहारी)
कैलोरी 58Kcal (एक इडली में)

(और पढ़ें - ब्रेकफास्ट रेसिपी)



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अगर हैं अपने दोमुंहे बालों से परेशान तो ये रहा इसका समाधान

इन दिनों दोमुहें बालों की समस्या आम है, जो बालों की बाहरी परत के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण होती है। बहुत ज्यादा गर्मी से बालों को स्टाइलिश बनाने वाले उपकरण का प्रयोग भी दोमुहें बालों का कारण हो सकता है। अगर आप दोमुहें बालों से परेशान हैं तो इस लेख में हमने आपको दोमुहें बालों के कुछ उपाय बताएं हैं, यह उपाय आपकी दोमुहें बालों की समस्या का समाधान करेंगे।

(और पढ़ें - दोमुंहे बालो के कारण)

तो चलिए आपको बताते हैं दोमुहें बालों का कैसे करें समाधान -  

1. अंडे का मास्क –

अंडा प्रोटीन और आवश्यक ओमेगा 3 से समृद्ध होता है। अंडे का मास्क दोमुहें बालों की समस्या को दूर करता है और बालों को मुलायम बनाता है।

अंडे का मास्क बनाने का तरीका -

सामग्री -

  1. एक अंडे की जर्दी। 
  2. दो से तीन बड़े चम्मच जैतून का तेल
  3. एक बड़ा चम्मच शहद

बनाना व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले सभी सामग्रियों को एक कटोरे में मिला लें।
  2. अब बालों को कंघी करें, जिससे बाल आसानी से सुलझ जाएं।
  3. अब बालों में अंडे का मास्क लगाएं, ज्यादातर बालों की छोर पर ध्यान दें।
  4. आधे घंटे तक अंडे के मास्क को ऐसे ही लगाया हुआ छोड़ दें।
  5. फिर शैम्पू की मदद से बालों को धो लें।

(और पढ़ें - दोमुंहे बालों के आसान देसी नुस्खे)

2. बियर -

बियर बालों को प्रोटीन देने में मदद करती है और बालों की रोम को खराब होने से बचाती है। लेकिन ध्यान रखें कि बियर में गैस (फिज) न हो, क्योंकि फिज वाली बियर आपके बालों को नुकसान पहुंचा सकती है। 

बीयर का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. फ्लैट बीयर (गैस निकली हुई बियर)।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक ग्लास में बीयर डालें और फिर कुछ घंटे तक इसे ऐसे ही रखे रहने दें। इस तरह बीयर से गैस निकल जाएगी।
  2. बालों को शैम्पू से धोने के बाद, बीयर से धोएं। बीयर को ज्यादातर दोमुहें बालों में डालें।
  3. बीयर डालने के बाद बालों और सिर की त्वचा में दो से तीन मिनट तक मसाज करें।
  4. अब बालों को पानी से धो लें।

(और पढ़ें - बाल टूटने से कैसे रोकें)

3. एलोवेरा -

एलोवेरा बालों का रूखापन दूर करता है और दोमुहें होने से भी बचाता है।

सामग्री -

  1. एक या दो एलोवेरा या बालों के अनुसार एलोवेरा जेल लें।  

बनाने व लगाने का तरीका -  

  1. सबसे पहले एलोवेरा की एक या दो पत्तियां लें और फिर उनमें से जेल निकाल लें।
  2. अब जेल को दोमुहें बालों में लगाएं।
  3. लगाने के बाद आधे घंटे के लिए जेल को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. फिर बालों को शैम्पू से धो लें। 

(और पढ़ें - रूखे बालों की देखभाल)

4. नारियल तेल -

नारियल तेल में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो बालों को खराब होने से बचाते हैं और दोमुहें बालों की समस्या को कम करते हैं।

नारियल के तेल का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. आधा कटोरी नारियल तेल।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक कटोरी में नारियल तेल निकाले और उसे हल्का गुनगुना कर लें।
  2. अब इस गुनगुने तेल को बालों व सिर की त्वचा में लगाएं। ज्यादातर बालों के छोर पर ध्यान दें।
  3. लगाने के बाद एक से दो घंटे तक नारियल तेल को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अब बालों को पानी से धो लें।

(और पढ़ें - उलझे बालों को कैसे सुलझाएं)

5. दही -

दही बालों के लिए प्राकृतिक कंडीशनर है जो बालों को हाइड्रेट रखता है और दोमुहें नहीं होने देता।

दही का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

  1. तीन से चार बड़े चम्मच दही।

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक कटोरी में दही लें।
  2. अब बालों में दही लगाएं। बालों की छोर पर दही अधिक मात्रा में लगाएं।
  3. लगाने के बाद कुछ देर मसाज करें और फिर आधे घंटे तक दही को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अब बालों को शैम्पू से धो दें।
  5. इस उपाय को हफ्ते में एक बार जरूर दोहराएं। जब आपको बाल सही लगने लगे तो फिर दो से तीन हफ्तों में एक बार लगाएं।

(और पढ़ें - बालों की देखभाल कैसे करें



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इन टिप्स को अपनाएं और पार्टी में जाने से पहले चमकती त्वचा पाएं

अगर आप किसी पार्टी या फंक्शन में जा रहे हैं, लेकिन जाने से पहले आपकी त्वचा बेजान लग रही है तो यह लेख आपकी त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करेगा, वो भी महज कुछ ही मिनटों में। इन उपायों को अपनाने से आप बिल्कुल ऐसी लगेंगी जैसे अभी पार्लर से तैयार होकर आई हैं।

तो चलिए देर किस बात की आपको बताते हैं कि कैसे कुछ ही मिनटों में त्वचा को चमकदार बनाया जाता है –

1. मॉइचराइजर और बेकिंग सोडा -

सामग्री -

  1. दो से तीन बड़े चम्मच चेहरे पर लगाया जाने वाला मॉइस्चराइजर
  2. एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा

(और पढ़ें - चमकदार त्वचा के उपाय)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले मॉइस्चराइजर को बेकिंग सोडा के साथ मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और आराम-आराम से दो मिनट तक चेहरे पर मसाज करें।
  3. पांच से दस मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो दें और फिर मॉइस्चराइजर लगाएं।
  4. इससे आपकी त्वचा मुलायम और चमकदार लगने लगेगी।

(और पढ़ें - 7 दिन में चमकदार त्वचा पाने के लिए गाइड)

2. हल्दी -

सामग्री -

  1. एक से दो छोटे चम्मच हल्दी पाउडर।
  2. चार से पांच बड़े चम्मच बेसन
  3. दूध या पानी।

(और पढ़ें - चेहरे पर कच्चे दूध लगाने के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले हल्दी को बेसन के साथ मिला दें।
  2. अब इसमें एक बड़ा चम्मच दूध या पानी मिलाएं, जिससे एक मुलायम पेस्ट तैयार हो सके।
  3. अब इस पेस्ट को चेहरे और गर्दन पर लगा लें।
  4. लगाने के बाद 15 से 20 मिनट तक पेस्ट को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  5. अब त्वचा को पानी से धो लें।
  6. इस उपाय को हफ्ते में एक या दो बार करें।  

(और पढ़ें - चेहरे पर चमक लाने के उपाय)

3. नींबू, शहद और ब्राउन शुगर –

सामग्री -

  1. एक छोटा चम्मच नींबू
  2. एक बड़ा चम्मच शहद
  3. एक बड़ा चम्मच ब्राउन शुगर

(और पढ़ें - त्वचा को सॉफ्ट, स्मूथ, मुलायम बनाने के तरीके)

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले एक कटोरी में ब्राउन शुगर डालें और फिर उसमें शहद व नींबू को भी मिला दें।
  2. अब अच्छे से पूरे मिश्रण को मिला दें, जिससे स्क्रब तैयार हो सके।
  3. फिर मिश्रण को त्वचा पर लगाएं और लगाने के बाद पांच से सात मिनट तक उससे स्क्रब करें।
  4. स्क्रब करने के बाद पेस्ट को अगले पांच मिनट के लिए ऐसे ही लगा हुआ रहने दें।
  5. फिर त्वचा को गुनगुने पानी से धो दें।
  6. अच्छा परिणाम पाने के लिए आप इस उपाय को हफ्ते में दो बार दोहरा सकते हैं।

(और पढ़ें - खूबसूरत त्वचा के लिए आहार)

4. खीरा -

सामग्री -

  1. एक छोटा खीरा
  2. तीन से चार बड़े चम्मच दही

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले खीरे को छील लें और फिर उसे कद्दूकस पर घिस लें।
  2. अब खीरे में दही डालें।
  3. अच्छे से पूरे मिश्रण को मिला लें और फिर इसे चेहरे व गर्दन पर लगाएं।
  4. लगाने के बाद पांच मिनट के लिए पेस्ट को त्वचा पर ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  5. अच्छा परिणाम पाने के लिए इस उपाय को तीन से चार दिन में एक बार जरूर दोहराएं।

(और पढ़ें - गोरा होने के उपाय)

5. पपीता -

सामग्री -

  1. जरूरत अनुसार पपीता
  2. एक बड़ा चम्मच गुलाब जल

बनाने व लगाने का तरीका -

  1. सबसे पहले जरूरत अनुसार पपीते को काट लें।
  2. अब उसका गूदा निकालकर एक कटोरी में डाल लें।
  3. फिर कुछ मात्रा में गुलाब जल मिलाएं।
  4. अब इस मिश्रण को चेहरे और गर्दन पर लगा लें।
  5. फिर पांच मिनट के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो दें।
  6. इससे आपकी त्वचा को बेहतर निखार मिलेगा।

(और पढ़ें - फेस पैक लगाने का तरीका



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बच्चों में दौरे आना - Seizures in babies in Hindi

बच्चों के कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती है और बच्चों में दौरे आना इन्हीं में एक आम समस्या मानी जाती है। शिशु में दौरे आने के लक्षण अन्य बड़े बच्चों की अपेक्षा अलग हो सकते हैं। मस्तिष्क के सही तरह से कार्य न करने के कारण दौरे आते हैं या दौरे पड़ने लगते हैं। इसके अलावा कई अन्य कारणों से भी बच्चों में दौरे आ सकते हैं। दौरे आने पर शरीर की स्थिति में बदलाव होता है और मरीज मौजूदा स्थिति को सही तरह से नहीं समझ पाता है। बच्चों में दौरे आना माता-पिता को डरा सकता है।

इस लेख में बच्चों में दौरे आने के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही इस लेख में आपको बच्चों में दौरे आने के लक्षण, बच्चों में दौरे आने के कारण, बच्चों में दौरे आने से बचाव और बच्चों में दौरे आने के इलाज के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। 

(और पढ़ें - बच्चोें की देखभाल कैसे करें)



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मैकरोनी बनाने की विधि - Macaroni recipe in hindi

मैकरोनी, इटली की एक ऐसी डिश है जिसे लगभग पूरी दुनिया में शौक से खाया जाता है। ये भारत में भी लोकप्रिय है, हालांकि यहां इसे भारतीय अंदाज में मसाले व टोमेटो सॉस डालकर बनाया जाता है। बच्चों को मैकरोनी काफी पसंद होती है और ये स्नैक्स के तौर पर खाने के लिए एक अच्छा विकल्प भी है। इस लेख में हमने आपको आसानी से मैकरोनी बनानी की विधि के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 30 मिनट
पकाने का समय 10 मिनट
बनाने का कुल समय 40 मिनट
कितने लोगों के लिए है ये सामग्री 4 लोग
कब खाएं स्नैक्स के समय
कहां की है ये डिश इटली
टाइप वेज (शाकाहारी)
कैलोरी 760Kcal

(और पढ़ें - ढोकला बनाने की विधि)



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वड़ा पाव बनाने की विधि - Vada pav recipe in hindi

वड़ा पाव मुंबई का सबसे पसंदीदा स्ट्रीट फूड है। वहां वड़ा पाव इतना प्रसिद्ध है कि मुंबई की बात होने पर वड़ा पाव का ज़िक्र होना अनिवार्य है। वड़ा पाव में दो पाव के बीच में एक आलू का वड़ा रखा जाता है और इसे मीठी व तीखी चटनी के साथ परोसा जाता है। दिखने में ये शायद बनाने में मुश्किल लग सकता है, लेकिन इसे आसानी से घर पर बनाया जा सकता है। इस लेख में हमने आपको वड़ा पाव बनाने की रेसिपी बताई है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
पकाने का समय 20 मिनट
बनाने का कुल समय 30 मिनट
कितनी है ये सामग्री 8 वड़ा पाव
कब खाएं स्नैक्स के समय
कहां की है ये डिश मुंबई
टाइप वेज (शाकाहारी)
कैलोरी 263Kcal

(और पढ़ें - मोमोज बनाने की विधि)



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बच्चों के मुंह में छाले होना - Mouth ulcers in babies in Hindi

बच्चों में अन्य रोगों की तरह ही मुंह में छाले भी हो जाते हैं। इसमें मुंह के अंदर होंठों, मसूड़ों या जीभ पर एक सफेद फोड़ा बन जाता है, जो चारों ओर से लालिमा व जलन पैदा करता है। यह छूने से दर्द करता है और जब इसके आसपास की त्वचा में खिंचाव होता है तो बच्चा ना तो ठीक से बोल पाता है और ना ही खाना चबा पाता है। हालांकि मुंह के छाले संक्रामक नहीं होते हैं। इनको बिना डॉक्टरी सलाह के घर पर भी ठीक किया जा सकता है। अगर बच्चों के मुंह के छाले की स्थिति गंभीर हो तो ऐसे में अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह लें।

इस लेख में आपको बच्चों के मुंह में छाले के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आपको बच्चों के मुंह में छाले के लक्षण, बच्चों के मुंह में छाले के कारण, बच्चों का मुंह के छालों से बचाव और बच्चों के मुंह में छाले का इलाज आदि विषयों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।

(और पढ़ें - बच्चों की देखभाल)



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Thursday, November 29, 2018

Rose water (gulab jal) benefits for skin, face and eyes

Rosewater is a beauty secret of women all over the world and is used by almost every Indian household. Obtained from rose petals naturally, this clear, fragrant liquid holds the true essence of roses.

The soft and refreshing touch of rose water not only gives a sweet fragrance to the skin but also enlivens and rejuvenates all skin types. No matter if you suffer from dry or oily skin, a dab of rose water is bound to do wonders.

You know this beauty product holds great promise when history’s most beautiful queen Cleopatra kept it in her beauty kit. Europeans priced rose water and roses so much that they used it as a sort of currency to pay debts.

In Hindu mythology, rosewater and roses have a special place as a purifier and offering. Makes one wonder what all treasures this simple liquid holds in its wake. Doesn’t it?

Let’s answer your questions and delve into the scientifically evident benefits of this historical and mythical treasure.

But first, here are some basic facts about roses, the flowers that are used to make rose water.

There are about 200 rose species in the world and more than 1500 cultivated varieties. Though rose water is primarily made from damask rose, a hybrid variety of rose which is most well known for its fragrance, medicinal and ornamental use.

  • Botanical name: Rosa damascena
  • Family: Rosaceae
  • Common name: Rose, damask rose. Gulab
  • Sanskrit name: Atimanjula, Shatapatrika
  • Parts used: Petals
  • Native region and geographical distribution: Rose varieties are widely spread over the tropics and subtropics. Phylogenetic evidence (genetic history) suggests that most of these varieties have been developed as a result of migration from Asia to acclimatise to the different parts of the world. Roses are grown all over America, Europe, Asia and a rose variety is also found in Africa.


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Orange Juice: Benefits and side effects

Orange juice is one of the favourite breakfast drinks of health-conscious people across the world. The fresh intoxicating scent of a glass of orange juice is enough to wake you up and revitalise at once. Now most of us have an idea that this drink is somehow healthy to the body and is aiding in nutrition. But do you know exactly how it is beneficial for your health?

Orange juice boasts one of the highest vitamin C contents of the citrus family right after lemons. Fresh orange juice, when taken with pulp, also contains some fibre which might help to kick start your digestive system. What better than a yummy and healthy toast to your digestion right at the beginning of the day?

Being rich in antioxidants, it is an excellent aid in improving body systems and helping them stay fit for longer.

Though it is prefered in breakfast, orange juice can be taken at any time of the day.

Did you get your fix of orange juice yet?

Some basic facts about oranges:

Orange juice is extracted by juicing fresh orange pulp. Here are some basic facts about orange fruit:

  • Botanical name: Citrus X sinensis
  • Family: Rutaceae
  • Common name: Orange, santra, narangi
  • Sanskrit name: Naranga
  • Parts used: Fruit
  • Native region and geographical distribution: Oranges are native to South-east Asia but they are also cultivated in the Mediterranean regions and parts of southern USA.


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Foods and tips to increase breast milk

Breastfeeding is important for both the mother and the baby. Being the only source of nutrition for the babies, it provides them with all the essential food components and daily nutritional calories making it crucial for their initial growth and development.

Colostrum, which is the first milk of the mother and is yellow and thicker than the subsequent breastfeed, is quite essential for providing the baby with the desired immunoglobulins, to warrant a healthy immune system. This will help in protecting your baby from diseases and infections.

For the mother, it is important to breastfeed in order to avoid complications like breast abscess, breast engorgement, mastitis or a blocked duct. These conditions are marked by painful swelling in the breast due to infrequent feeding or not feeding at all. Not just this, breastfeeding is also important for the mother to lose the excess weight gained during pregnancy. It further helps to avoid the risk of obesity-related disorders like hypertension and diabetes later in life.

As important it is to breastfeed, some women feel that their bodies are unable to synthesise sufficient breastmilk, which is why they wean off early and switch to feed milk.

Compared with artificial feed, breast milk has been time and again demonstrated to have nutritional and immunological benefits, protecting the baby from allergies, respiratory infections and diarrhoea during early stages of its development.

Several researchers have found that human bodies are capable of synthesising more than enough breast milk to be feeding a single infant. This means that you must not be worried about insufficient breast milk volume since that is quite not happening.

Further, researchers say, that feeding practices and diet are important factors which influence breast milk production. So, taking care of these factors and not giving up on feeding your baby will go a long way in managing your health and that of the baby.



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Homemade hair oil for grey hair

Hair greying is a depraved consequence of ageing all of us have to face. But with the stresses of the modern world, greying kicks in earlier than expected. Men and women now start to grow grey hair well within the second and third decades of their life, which was initially considered to be a wrath of ageing. This is called as premature greying of hair.

Most of us start to put stress at fault for all of these problems. But, is stress all that is to blame? We’d say no. There are a number of factors which cause your hair to grey much earlier and quicker than you expected, with genetics and heredity being the most common one. Now, while you can’t control genetics, you sure can avoid some other factors like environmental pollution, stress, deficiencies and medical conditions. Yes, you heard that right, deficiencies.

Scientists have found that the deficiency of ferritin (storage form of iron, which becomes low in iron-deficiency anaemia) and vitamin B12 is associated with premature greying of hair. Since a deficiency of vitamin B12 is (also) related to anaemia, it can be safely concluded that hair greying is more rapid in anaemic individuals. Some other researchers have said that inflammatory pathways, effects of certain drugs and compromised antioxidant activity is also responsible for the greying of hair.

So, what do you do? Cover your hair with commercially available chemical agents? Probably that should be the last thing to do. Not only does it aggravate more greying of hair, but also significantly contributes to frizziness, damage and loss of hair.

What can be done now? Defeat your body mechanisms? Is that possible? With the right hair care and nutrition, even the seemingly impossible goal can be achieved.

This article will provide you with the recipe of some homemade oils and guide you on its application so that you can fight premature hair greying and retain your youthful hair for an eternity.



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Beetroot (Chukandar) Juice benefits and side effects

Beetroot is a deep red coloured fruit that is not as loved for its flavour as it is for its distinct red shades. It has an earthy flavour that you’ll either love or hate, there is no in between. In spite of all its flaws, beetroot is titled a ‘functional food’. Beetroot juice is no different, maybe a bit tastier since you can add your own flavours to it.

Extracted from the beetroot fruit, this thick red juice caters to a lot of your body’s need. It is high in calories and low in fat and is an excellent drink for improving athletic performance. Providing potassium and nitrates to your body it helps in maintaining blood pressure levels too. And that is not the end of it. Being rich in natural antioxidants and flavonoids, beetroot juice and beetroot has gained immense popularity as a health building and anti ageing drink.

Curious enough to know more? Read on!

Some basic facts about beetroot:

  • Botanical name: Beta vulgaris
  • Family: Amaranthaceae
  • Common name: Beet, Chukandar
  • Sanskrit name: Palanshak
  • Parts used: Root and leaves
  • Native region and geographical distribution: Beetroot is either a native of Germany or Italy and it is grown throughout northeastern Europe. Haryana, West Bengal, Maharashtra and Uttar Pradesh are the major beetroot cultivating areas in India.


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5 ऐसे फेस पैक जो आपको बनाए रखेंगे जवान

सभी सुंदर और जवान दिखना चाहते हैं जिसके लिए आप में से कई लोग बाजार से अलग-अलग ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदते होंगे। लेकिन तब भी उन ब्यूटी प्रोडक्ट्स से आपकी त्वचा जवान और सुन्दर नहीं बन पाती है, क्योंकि उनमें मौजूद केमिकल आपकी त्वचा को खराब कर सकते हैं। इस लेख में हमने आपकी त्वचा को जवान बनाने के लिए पांच बेहतरीन फेस पैक बताएं हैं, जिन्हें आप प्राकृतिक तरीके से तैयार कर सकते हैं।

(और पढ़ें - ब्यूटी केयर टिप्स)

तो चलिए आपको बताते हैं त्वचा को बनाने के लिए फेस पैक –

1. अंगूर और संतरे का जूस का फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक बड़ा चम्मच अंगूर का जूस।
  2. एक बड़ा चम्मच संतरे का जूस

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले पांच से छः अंगूर को निचोड़कर उसका जूस निकाल लें।
  2. अब इसे संतरे के जूस के साथ मिलाएं।
  3. अच्छे से मिलाने के बाद इसे रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं।
  4. कम से कम 20 मिनट तक लगाकर रखें।
  5. अब ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।

(और पढ़ें - झाइयां हटाने के घरेलू उपाय)

2. केला और दही का फेस पैक -

सामग्री -

  1. दो से तीन बड़ा चम्मच ताजा दही
  2. एक से दो बड़ा चम्मच शहद
  3. एक केला

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले दही और शहद को एक साथ मिला लें।
  2. अब केले को मसलें और फिर इसे दही वाले मिश्रण में मिला दें।
  3. चम्मच के इस्तेमाल से इस मिश्रण को तब तक चलाएं जब तक एक मुलायम पेस्ट तैयार न हो जाए।
  4. अब इस फेस पैक को चेहरे पर लगाएं और लगाने के बाद 20 मिनट तक उन्हें ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  5. इसे लगाने के बाद आपकी त्वचा ड्राई हो सकती है, इसके बाद मॉइस्चराइजर लगाएं।

(और पढ़ें - सर्दियों में रूखी त्वचा का इलाज)

3. बादाम और दूध का फेस पैक -

सामग्री -

  1. 9-10 बादाम
  2. तीन बड़ा चम्मच दूध

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले बादाम को एक घंटे के लिए पानी में भिगोने को रख दें।
  2. जब बादाम मुलायम हो जाएं फिर उन्हें मसलकर एक मुलायम पेस्ट तैयार कर लें।
  3. अब पेस्ट में दूध डालें और पूरे मिश्रण को अच्छे से चला लें।
  4. फिर पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और आधे घंटे के लिए ऐसे ही रहने दें।
  5. अब चेहरे को पानी से धो दें।

(और पढ़ें - काले दाग हटाने के घरेलू उपाय)

4. सफेद अंडे की जर्दी से बना फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक अंडे की सफेद जर्दी।
  2. एक बड़ा चम्मच बेसन।  

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले अंडे की सफेद जर्दी को बेसन के साथ मिला लें।
  2. पेस्ट को थोड़ा गाढ़ा रखें और फिर इसे चेहरे पर लगा लें।
  3. जब पेस्ट चेहरे पर सूख जाए फिर इसे पानी से धो दें।
  4. चेहरे को धोने के बाद आप मॉइस्चराइजर भी लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - फेस मास्क क्या है)

5. शहद और नींबू का फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक से दो बड़ा चम्मच शहद।
  2. एक छोटा चम्मच नींबू का जूस।

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले शहद और नींबू के जूस को एक साथ एक कटोरी में मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं।
  3. लगाने के बाद पांच मिनट तक मसाज करें और फिर 20 मिनट तक लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अब चेहरे को पानी से धो दें।
  5. इस मिश्रण को हफ्ते में चार से पांच बार दोहराएं।

(और पढ़ें - बॉडी लोशन बनाने की विधि



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Leucorrhoea home remedies

Leucorrhoea refers to a whitish, odourless discharge from the vagina, which ranges in viscosity from being thick to watery. It is mostly regarded as physiological but may also be a reflection of an underlying condition or infection when in excess. 

Leucorrhoea is most commonly noted in women of the reproductive age group, particularly those who are sexually active. Leucorrhoea is also quite common in puberty, while the sexual characteristics of the woman are developing and maturing. Other than this, excessive vaginal discharge is considered to be physiological during sexual arousal and pregnancy. Some women may even experience more discharge before the beginning of their menstrual cycle.

Leucorrhoea is one of the primary complaints when visiting a gynaecologist and has been ascertained as being a reason for more than 25% gynae visits. What you need to know is whether your discharge is normal or pathological.

Usually, a coloured, yellow or green, or a foul-smelling discharge is indicative of an infection or multiple infections with the possible causes being a bacteria, fungi or a parasite. Other pathological factors are the presence of foreign bodies in the vagina, detergents and herbal preparations. So, you must steer clear of these. Sometimes, excessive vaginal discharge may also be due to cancerous activity.

It is highly recommended that you visit your doctor to determine the underlying cause. Once infections and other pathologies are ruled out, healthy women can manage leucorrhoea with the help of simple remedies.



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How to remove dark circles

A youthful skin is desired by all. Who doesn’t want to stop blemishes and pigmentation signs? Dark circles are the woes of a lot of people, both men and women alike. These pigmented circles appear underneath your eyes due to many reasons including sleep, tiredness and fatigue.

Most of us blame them on the lifestyle and wave them off as sleep deprivation, but you might be amazed to know that dark circles are also caused by allergies, pregnancy, hormonal changes, age, sun damage and even genetics. Yea, unfortunately, some of us inherit this problem. So, if you notice dark circles under the eyes of your parents or older adults in your family, it is best that you start taking care of yourself at a younger age.

Though the exact cause of dark circles may vary among individuals, it may be either due to the dilation of blood vessels or due to hyperpigmentation (increased skin pigment).

But the question remains how do you keep dark circles at bay and what to do to get rid of them once you get them?

The answer lies in self-care. When it comes to a woman’s beauty, it is most often attributed to cosmetics and makeup. Sure, you can whip up a concealer and put on some foundation base to get that flawless look appreciated by all and envied by some. But borrowed beauty is not all that they have in their cosmetic kits. Most women know that real beauty secrets lie not in chemical products but in their pantry and gardens.

If you are one of those people who want to seek these treasures, here are a few easy tips that would help you get rid of those pesky dark circles and help you get that blemish-free under eyes.



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5 ऐसे फेस पैक जो आपको बनाए रखेंगे जवान

सभी सुंदर और जवान दिखना चाहते हैं और आप में से कई लोग बाजार से अलग-अलग ब्यूटी प्रोडक्ट्स खरीदते होंगे। लेकिन तब भी उन ब्यूटी प्रोडक्ट्स से आपकी त्वचा जवान की जगह बदसूरत लगने लगती है, क्योंकि उनमें मौजूद केमिकल आपकी त्वचा को खराब कर सकते हैं। इस लेख में हमने आपकी त्वचा को जवान बनाने के लिए पांच बेहतरीन फेस पैक बताएं हैं, जिन्हें आप प्राकृतिक तरीके से तैयार कर सकते हैं।

(और पढ़ें - ब्यूटी केयर टिप्स)

तो चलिए आपको बताते हैं त्वचा को बनाने के लिए फेस पैक –

1. अंगूर और संतरे का जूस का फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक बड़ा चम्मच अंगूर का जूस।
  2. एक बड़ा चम्मच संतरे का जूस

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले पांच से छः अंगूर को निचोड़कर उसका जूस निकाल लें।
  2. अब इसे संतरे के जूस के साथ मिलाएं।
  3. अच्छे से मिलाने के बाद इसे रूई की मदद से चेहरे पर लगाएं।
  4. कम से कम 20 मिनट तक लगाकर रखें।
  5. अब ठंडे पानी से चेहरे को धो लें।

(और पढ़ें - झाइयां हटाने के घरेलू उपाय)

2. केला और दही का फेस पैक -

सामग्री -

  1. दो से तीन बड़ा चम्मच ताजा दही
  2. एक से दो बड़ा चम्मच शहद
  3. एक केला

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले दही और शहद को एक साथ मिला लें।
  2. अब केले को मसलें और फिर इसे दही वाले मिश्रण में मिला दें।
  3. चम्मच के इस्तेमाल से इस मिश्रण को तब तक चलाएं जब तक एक मुलायम पेस्ट तैयार न हो जाए।
  4. अब इस फेस पैक को चेहरे पर लगाएं और लगाने के बाद 20 मिनट तक उन्हें ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  5. इसे लगाने के बाद आपकी त्वचा ड्राई हो सकती है, इसके बाद मॉइस्चराइजर लगाएं।

(और पढ़ें - सर्दियों में रूखी त्वचा का इलाज)

3. बादाम और दूध का फेस पैक -

सामग्री -

  1. 9-10 बादाम
  2. तीन बड़ा चम्मच दूध

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले बादाम को एक घंटे के लिए पानी में भिगोने को रख दें।
  2. जब बादाम मुलायम हो जाएं फिर उन्हें मसलकर एक मुलायम पेस्ट तैयार कर लें।
  3. अब पेस्ट में दूध डालें और पूरे मिश्रण को अच्छे से चला लें।
  4. फिर पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और आधे घंटे के लिए ऐसे ही रहने दें।
  5. अब चेहरे को पानी से धो दें।

(और पढ़ें - काले दाग हटाने के घरेलू उपाय)

4. सफेद अंडे की जर्दी से बना फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक अंडे की सफेद जर्दी।
  2. एक बड़ा चम्मच बेसन।  

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले अंडे की सफेद जर्दी को बेसन के साथ मिला लें।
  2. पेस्ट को थोड़ा गाढ़ा रखें और फिर इसे चेहरे पर लगा लें।
  3. जब पेस्ट चेहरे पर सूख जाए फिर इसे पानी से धो दें।
  4. चेहरे को धोने के बाद आप मॉइस्चराइजर भी लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - फेस मास्क क्या है)

5. शहद और नींबू का फेस पैक -

सामग्री -

  1. एक से दो बड़ा चम्मच शहद।
  2. एक छोटा चम्मच नींबू का जूस।

बनाने का तरीका -

  1. सबसे पहले शहद और नींबू के जूस को एक साथ एक कटोरी में मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं।
  3. लगाने के बाद पांच मिनट तक मसाज करें और फिर 20 मिनट तक लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अब चेहरे को पानी से धो दें।
  5. इस मिश्रण को हफ्ते में चार से पांच बार दोहराएं।

(और पढ़ें - बॉडी लोशन बनाने की विधि



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Tuesday, November 27, 2018

किडनी रोग में क्या खाएं क्या न खाएं परहेज - What to eat and not to eat with kidney disease in Hindi

किडनी संबंधी कई प्रकार के रोगों के समूह को किडनी रोग कहा जाता है। जब किडनी किसी वजह से खराब हो जाती है, काम करना बंद कर देती है या ठीक तरीके से काम नहीं कर पाती तो इस स्थिति को किडनी रोग कहा जाता है।

(और पढ़ें - किडनी फेल होने के इलाज)

किडनी रोग में इलाज के साथ-साथ जरूरी है कि आप खानपान पर भी ध्यान दें। किडनी रोग में सही खानपान से पथरी, किडनी में सूजन आदि बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। इस लेख में हमने किडनी रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए, परहेज के बारे में विस्तार से बताया है।

तो चलिए जानते हैं किडनी रोग में क्या खाएं क्या न खाएं:



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Monday, November 26, 2018

बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय - Baby hair growth in Hindi

बच्चे हर किसी को अच्छे लगते हैं। बच्चों को शारीरिक विकास के दौरान कई तरह की परेशानियों और समस्याओं से गुजरना पड़ता है। कई बच्चों के बाल तेजी से कम होने लगते हैं या उनके बालों के बढ़ने का स्तर (growth rate) भी कम हो जाता है। ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों के बालों को लेकर चिंता करने लगते हैं। बच्चों के बाल धीमी गति से बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। लेकिन कुछ उपायों की मदद से आप अपने बच्चों के बाल तेजी से बढ़ा सकते हैं।  

इस लेख में बच्चों के बाल बढ़ाने के उपाय के बारे में बताया गया है। साथ ही आप बच्चों के बाल बढ़ाने के नुस्खे, बच्चों के बाल बढ़ाने के घेरलू उपाय, बच्चों के बाल बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए और बच्चों के बाल बढ़ाने के तरीकों के बारे मे भी विस्तार से जानेंगे। लेकिन इस बात का विशेष ध्यान दें कि छह माह से छोटे शिशुओं के बालों पर किसी भी तरह के उपायों को आजमाने से बचें, क्योंकि इस दौरान शिशु के सिर की त्वचा बेहद की नाजुक और कोमल होती है। 

(और पढ़ें - बच्चों की देखभाल कैसे करें)



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रसम बनाने की विधि - Rasam recipe in hindi

रसम एक ऐसी डिश है जो दक्षिण भारत में बनाई जाती है। ये डिश सांबर की तरह ही होती है और इसमें बहुत सारे टमाटर व काली मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि, ये सांबर की तरह गाढ़ी नहीं, पतली होती है। रसम को सूप की तरह भी पिया जा सकता है या इसे चावल के साथ भी खा सकते हैं।

                   संक्षेप में                                         
तैयारी करने का समय 10 मिनट
पकने का समय 30 मिनट
बनने का कुल समय 40 मिनट
यह रेसिपी कितने लोगों के लिए है 3 से 4 लोग
टाइप/प्रकार वेज (शाकाहारी)
किस जगह की है यह डिश दक्षिण भारत
कब खाएं रसम को अधिकतर सांभर चावल खाने के बाद और दही चावल से पहले लिया जाता है।
कैलोरीज 256Kcal


इस लेख में हमने आपको बिना अरहर की दाल का प्रयोग किए रसम बनाने की विधि बताई है। आप चाहें तो इसमें अरहर की दाल का उपयोग भी कर सकते हैं।



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गैस बनने पर क्या खाएं क्या न खाएं परहेज - Gas banne par kya khaye kya na khaye parhej

पेट की गैस एक अपशिष्ट गैस होती है जो पाचन के दौरान बनती है। गैस कई कारणों से बन सकती है लेकिन रोज-रोज गैस बनना बेहद गंभीर समस्या है। पेट में गैस बनने से रोकने के लिए आपको डाइट पर ध्यान देना बेहद जरूरी है।

गैस बनने की समस्या आपकी डाइट पर भी निर्भर करती है। इस लेख में हमने आपको गैस बनने से रोकने के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं के बारें में बताया है। अगर आप पेट में गैस बनने से रोकना चाहते हैं तो इस लेख में बताए गए परहेज पर ध्यान देना जरूरी है।

(और पढ़ें - पेट में गैस के इलाज)

तो चलिए आपको बताते हैं गैस बनने पर क्या खाएं और क्या न खाएं –



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Saturday, November 24, 2018

ढोकला रेसिपी - Dhokla recipe in hindi

ढोकला एक गुजराती डिश है जिसे बेसन व दही मिलाकर और भाप देकर पकाया जाता है। ढोकले को ठंडा करके चकोर पीस (टुकड़ों) में काटा जाता है और उसके ऊपर सरसों के बीज डालकर परोसा जाता है। ढोकला वैसे तो गुजराती डिश है, लेकिन इसे पूरे भारत में शौक से खाया जाता है और गुजराती इसे अपना गौरव मानते हैं।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 15 से 20 मिनट
पकने का समय 30 मिनट
बनने का कुल समय 50 मिनट
यह रेसिपी कितने लोगों के लिए है 4 से पांच लोग
प्रकार वेज (शाकाहारी)
किस जगह की है यह डिश गुजरात
कब खाएं स्नैक्स के समय
कैलोरी 152Kcal (एक पीस में)


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अप्पम रेसिपी - Appam recipe in hindi

अप्पम, दक्षिणी भारत की एक ऐसी डिश है जिसे आप किसी भी समय बना सकते हैं। ये एक पारंपरिक डिश है जो बहुत ही हल्की होती है और इसे चटनी व आलू की सब्जी के साथ खाया जाता है। अप्पम को आसानी से घर पर रखे सामान से बनाया जा सकता है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 8 से 9 घंटे
पकाने का समय 15 मिनट
यह रेसिपी कितने लोगों के लिए है 5 लोग
प्रकार वेज (शाकाहारी)
किस जगह की है यह डिश दक्षिणी भारत
कब खाएं स्नैक्स के समय
कैलोरी 94Kcal (एक पीस में)


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मोदक बनाने की विधि - Modak recipe in hindi

मोदक एक महाराष्ट्र की डिश है, जो गणेश चतुर्थी के समय बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं और सबसे ज्यादा उसी समय बनाए व खाए जाते हैं। वैसे तो ये डिश महाराष्ट्र की  है, लेकिन अब इसे देश भर में शौक से खाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश को मोदक बहुत ज्यादा पसंद हैं, इसीलिए उनके जन्मदिन (गणेश चतुर्थी) पर उन्हें 21 मोदकों का भोग लगाया जाता है।

 

                   संक्षेप में                                         
तैयारी करने का समय 15 मिनट
पकाने का समय 30 मिनट
बनाने का कुल समय 45 से 50 मिनट
यह रेसिपी कितने लोगों के लिए है 3 से 4 लोग
टाइप/प्रकार वेज (शाकाहारी)
किस जगह की है यह डिश महाराष्ट्र
कब खाएं मोदक को गणेश चतुर्थी के प्रसाद के रूप में खाया जाता है
कैलोरीज 194Kcal


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बच्चों के पेट में कीड़े - Worms in kids in Hindi

बच्चों के पेट में कीड़े होना एक आम समस्या है। यह कीड़े छोटे बच्चों की आंतों में रहने वाले परजीवी होते हैं, जो आपके बच्चे के आहार से अपना पोषण प्राप्त करते हैं। पेट के यह कीड़े अन्य बीमारियों को बढ़ाते हैं। बच्चों के पेट में कीड़ों के संक्रमण के लिए हेलमिंथ इन्फेक्शन (Helminth infection) शब्द का भी इस्तेमाल किया जाता है।

पेट के कीड़े बच्चों में पेट दर्द का मुख्य कारण होते हैं। यह कीड़े कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से बच्चों के पेट में पिनवॉर्म की समस्या अधिक देखी जाती है। बच्चों में होने वाला यह एक आम संक्रमण होता है, जो आसानी से ठीक किया जा सकता है।

इस लेख में बच्चों के पेट में कीड़े की समस्या के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही इसमें आपको बच्चों के पेट में कीड़े होने के लक्षण, बच्चों के पेट में कीड़े होने के कारण, बच्चों के पेट में कीड़े होने से बचाव और बच्चों के पेट में कीड़े होने का इलाज और उपाय आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है। 

(और पढ़ें - बच्चों में देखभाल कैसे करें)



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Friday, November 23, 2018

Down Syndrome: symptoms, causes and treatment

Down’s syndrome or trisomy 21 is a genetic condition arising due to an extra 21st chromosome. This causes a range of difficulties including learning disabilities and physical malfunctioning.

Down's syndrome is quite common, occurring in one in every 700 to 900 newborns worldwide and is essentially present since birth. Since it is a genetic condition, it is not precisely controllable or even completely reversible. Though some form of physical, intellectual and health-related disability is bound to occur, most people living with Down’s syndrome have a normal life, while others may require some assistance to reach that goal.

It is imperative that these individuals be provided with complete physical, emotional and mental support from their communities.

This article will discuss the symptoms, causes and management of Down’s syndrome, so that you can better understand the condition.



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Flaxseed oil (Alsi ka tel): Benefits and side effects

Flaxseed oil and flax seeds are the favourites of every health conscious person in the modern world. Whether you want to lose weight, include more dietary proteins or need a fibre-rich food source, flax seeds cater to it all. Why should flaxseed oil be any different? Prepared from pressed flax seeds, flaxseed oil contains most of the nutritional goodness and health benefits of flax seeds. Of course, it can’t give you the benefits of flaxseed fibre but it is especially rich in alpha-linolenic acid, which is a type of omega-3 fatty acids. In fact, flaxseed oil is one of the richest sources of omega-3 fatty acids in the plant kingdom. And if you are a vegetarian or a vegan, it might be the best substitute for fish oil.

Omega-3 fatty acids, as a lot of us know, are excellent for preventing heart diseases and help to maintain cholesterol levels. They are useful in remedying dry skin conditions and fighting against common skin and scalp problems like dandruff and eczema.

In Ayurveda, it is considered to be excellent for reducing heart ailments and promoting weight loss. But most importantly, it is useful for reducing skin ageing.

In this article, you’ll know much more about the health benefits of flaxseed oil and how to use it to get maximum benefits. You’ll also learn about some safety concerns that need to be kept in mind while using this oil.

Some basic facts about flax seeds:

  • Botanical name: Linum usitatissimum
  • Family: Linaceae
  • Common name: Alsi, Flax seed, Linseed
  • Sanskrit name: Atasi
  • Parts used: Seeds
  • Native region and geographical distribution: Flax seeds are cultivated throughout Eurasia. In India, Maharashtra, Chattisgarh, Bihar and Madhya Pradesh are major cultivators of flax seeds.
  • Energetics: Warming


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Breast changes during pregnancy

A lot of changes occur in your body during pregnancy apart from your belly size. Thank the ever changing hormones, which steadily function to prepare you for childbirth and even lactation. Breast changes are often the first sign that you are pregnant, much before your belly shows up. If you have just conceived you must be wondering about this change or may have already felt it by now.

Just within a week or so of pregnancy, you may feel a tingling or prickling sensation in your breasts. Soon after, your breasts will start increasing in size beginning well within the first trimester. In fact, you may note a lot changing with your breasts when you are 6 weeks pregnant, change in size being just one. Darkening of the nipples and the areola and the presence of blue veins just under the skin are some of the visible changes in breasts. Your breasts which may feel swollen and enlarged during pregnancy are also quite tender to touch.

Tenderness is likely to subside after pregnancy but they will continue to grow in size throughout. However, you may note other symptoms in later months like leaky breasts, which release colostrum. This usually begins in the third trimester or maybe a bit earlier. Some women may also experience breast lumps during this period.

It is important to note that breast changes are normal during pregnancy and usually not a matter of concern. These symptoms gradually subside following childbirth and end of lactation. Any change extending beyond this period is not a normal symptom and requires immediate medical attention.

Also, if you experience any of these changes quite intensely during pregnancy, you must discuss with your doctor. Let’s have a separate look at each of these symptoms.



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Vaginal health: diseases, vaginal care and tests

Vaginal health is a reflection of the overall health of your body. But, a lot of women aren't quite comfortable talking about it. Some may even ignore common symptoms of infection, making the situation worse for them. Did you ever have a problem checking in with a doctor about a fever or a cold? Then you should not feel ashamed or awkward talking about your vaginal health as well. It is the 21st century, after all, humans boast of wireless technology and high tech health services, it’s high time that you stop overthinking on trivial matters and take our health a bit more seriously.

An unhealthy or sick vagina brings with itself a lot of troubles which includes but are not limited to reduced orgasm, vaginal pain, loss of sexual desire and may even pose a threat to your fertility. Thinking of the last time you ignored an itchy vagina?

There are a lot of misconceptions and lack of information when it comes to vaginal health. This article focuses on debunking some of those myths along with telling you the best possible ways to maintain a healthy vagina.



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Morning sickness during pregnancy: causes, treatment and remedies

Morning sickness refers to the feelings of nausea during pregnancy and contrary to its name, it can be experienced by a woman at any time during the day. However, morning sickness symptoms are at the worst during mornings, which gets it the name. It is quite normal to have morning sickness, particularly during the first trimester of pregnancy. Almost two-thirds of pregnant women experience this. However, if your symptoms are severe and discomforting, it is important that you seek medical attention to determine other underlying factors. This article will familiarize you with the causes, symptoms, prevention and management of morning sickness to ensure your best pregnancy health.



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पाव भाजी रेसिपी - Pav bhaji recipe in hindi

पाव भाजी एक मशहूर डिश है जिसमें कई प्रकार की सब्जियों और मसालों को मिलाकर एक सब्जी बनाई जाती है और उसे तले हुए पाव के साथ परोसा जाता है। ये डिश ज्यादातर बच्चे बहुत खुश होकर खाते हैं और उन्हें पता भी नहीं चलता इसमें कौन-कौन सी सब्जियां मिलाई गई हैं। पाव भाजी बनाना आसान है और इसे घर में मौजूद सब्जियों से कभी भी बनाया जा सकता है।
 

संक्षेप में          
तैयारी करने का समय 25 मिनट            
पकने का समय 30 मिनट  
बनाने का कुल समय 55 मिनट   
यह रेसिपी कितने लोगों के लिए है  3 से 4 लोग
प्रकार वेज (शाकाहारी)
किस जगह की है यह डिश मुंबई
कब खाएं स्नैक्स के समय
कैलोरी 1560 Kcal


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बच्चों में टीबी - Tuberculosis (TB) in children in Hindi

दुनिया भर में टीबी के एक चौथाई मामले केवल भारत में ही पाएं जाते हैं। टीबी बच्चे को किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र के कारण चार साल से कम आयु के बच्चों में टीबी होने की संभावनाएं अधिक होती है।

बीते कुछ वर्षों के आकंड़ों के अनुसार 14 साल तक के करीब दस लाख बच्चों में टीबी के मामले पाए गए थे। अन्य रोगों की तरह ही टीबी भी बच्चे के लिए एक घातक रोग होता है। इस रोग की समय रहते पहचान करने से आप बच्चे के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को कम कर सकते हैं।

बच्चों के लिए घातक रोग होने के कारण आपको इस लेख में बच्चों में टीबी के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको बच्चों में टीबी के लक्षण, बच्चों में टीबी के कारण, बच्चों का टीबी से बचाव और बच्चों की टीबी का इलाज आदि के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - टीबी में क्या खाना चाहिए)



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बच्चों में चिड़चिड़ापन - Irritable child in Hindi

हंसते और खेलते हुए बच्चे, भला किसको अच्छे नहीं लगते हैं। लेकिन बड़ों की तरह ही बच्चों के मूड में भी बदलाव होता है। कुछ पल पहले सामान्य तरह से खेलता हुआ बच्चा अचानक कई कारणों से चिड़चिड़ा हो सकता है। चिड़चिड़ा होने पर बच्चे का मन किसी भी काम में नहीं लगता है और ऐसे में बच्चे को शांत व उदास देखकर घर के अन्य सदस्यों को भी अच्छा नहीं लगता है।

कई बार शिशु का चिड़चिड़ापन किसी अन्य पेरशानी की ओर संकेत करता है। अपने शिशु व बच्चे के चिड़चिड़ेपन का कारण जानकर माता-पिता उसके मूड को दोबारा अच्छा व सामान्य बना सकते हैं। अधिकतर माता-पिता बच्चे के चिड़चिड़ेपन की समस्या को समझ नहीं पाते हैं।

आप सभी की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए इस लेख में आपको बच्चे में चिड़चिड़ापन के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको बच्चे में चिड़चिड़ापन के लक्षण, बच्चे में चिड़चिड़ापन के कारण और बच्चे का चिड़चिड़ापन कैसे दूर करें आदि बातों के बारे को भी विस्तार से बताया गया है।

(और पढ़ें - नवजात शिशु की देखभाल कैसे करें)



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बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) - Anemia in babies in Hindi

आज के दौर में बच्चों को खून की कमी होना एक आम समस्या बन चुकी है। शरीर के वजन का करीब 7 प्रतिशत हिस्सा रक्त से बनता है और रक्त का 45 प्रतिशत हिस्सा लाल रक्त कोशिकाओं से बना होता है। लाल रक्त कोशिकाएं ही ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाने का काम करती हैं। यह कोशिकाएं शरीर के तापमान को नियंत्रित करने, किडनी और लीवर के अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने तथा रक्त को फिल्टर व साफ करती हैं।

जब शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी होती है तो इससे कई तरह की समस्याएं शुरू होने लगती है। रक्त की कमी को ही मेडिकल भाषा में एनीमिया कहा जाता है। बच्चों को आहार में आयरन युक्त खाद्य पदार्थों देने से वह एनीमिया की समस्या से काफी हद तक सुरक्षित रहते हैं। 

इस लेख में विस्तार से बताया गया बच्चों में खून की कमी क्या है। इसके साथ ही बच्चों में खून की कमी के लक्षण, कारण, बचाव और बच्चों में खून की कमी के इलाज व उपाय के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी है।

(और पढ़ें - खून की कमी के घरेलू उपाय)



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Meditation: types, benefits, techniques and tips

Meditation, such a simple word poured in with millennia of history. Essentially a focus method, meditation has been enticing mystics and the common world alike. India, the birthplace of yoga, is well aware of the many benefits that this simple concentration method can provide. Sages and spiritualists all over the world have been using one or the other form of meditation to achieve mental peace and calmness. And the best part is that many of us meditate regularly without being aware of it! Did I weird you out or just amazed you yet? Some of you might be scratching your head wondering just when did you sit in that lotus position and chanted some Om to yourself. As stereotypical this type of meditation is, it is not the only way. As simple it may be, being deeply lost in your thoughts and imaginations is also a form of meditation and so is sleeping.

Another common notion surrounding meditation is that it is a difficult technique and is something you can only do with a lot of spare time. Though it is desirable to you take out some “you” time it is not always feasible. No worries, because you can go about doing all your day’s work and still meditate.

But how?

It is not an explicit art, you’ll see. Let’s walk you through the stress-busting and revitalising therapy that meditation is. You’ll also know about the different ways to get that single-minded focus that is generally expected of the regular meditation regime and exactly what to expect when you finally sit down for meditation.



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Thursday, November 22, 2018

Foetal development week by week, month by month and growth chart

Pregnancy is the most ecstatic time for a woman, but, it comes with a lot of anxiety and worry. While weight gain and physical changes hold a fair share of this agony, constant concern for the baby’s growth and development doesn’t fall quite behind.

Whether you are in the first trimester of pregnancy or are advancing towards the end of your term, your baby is constantly growing. Initially, this growth is pretty basic. Your baby takes a tadpole-like form and slowly develops major organs including the heart and the brain. Gradually, these features advance and your baby gets a pair of eyebrows and grows toenails. During the last months, there is a major increase in the size and weight of the baby as most of the development has already occurred.

If you are excited to know how your baby is forming within your uterus each day and want to know about its development, movements and growth, this article is for you. It will allow you to have a virtual view of the month by month and week by week growth of your baby. Because you can’t get an ultrasound each time you wonder about this, right?



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Bodybuilding foods: best foods for muscle growth

Diet and nutrition are two of the primary building blocks of every weight management program. Whether you want to bulk up or cut down those extra fatty layers, a well-balanced diet along with regular exercise can aid you to reach all of your weight goals. And muscle building includes both. Generally, a bodybuilding program starts off with bulking you up and building a lot of muscle mass and then it goes towards cutting all the extra fat so you are left with healthy, lean body muscle. So, don’t be alarmed if you start putting on some weight in the initial phases of your bodybuilding regime.

While a protein-rich diet is highly emphasised upon when it comes to building muscle mass, it is not the only nutrient your body needs. Sufficient amount of carbohydrates, fats and other micro and macronutrients make up a well-balanced diet and keep you healthy while you are busy shaping those muscles.

But what exactly to eat for muscle gain?

Read on to find out.



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आपकी सुन्दरता को कहीं खत्म तो नहीं कर रहीं हैं ये आदते

आप सब में ऐसी कई आदतें होंगी जो जाने-अनजाने आपकी सुंदरता को नुकसान पहुंचा रही हैं। अगर आपके अंदर भी ऐसी आदतें हैं, तो इन आदतों को जल्द से जल्द बदलना आवश्यक है नहीं तो न केवल इनसे आपकी सुंदरता प्रभावित होगी बल्कि आपके आत्मविश्वास पर भी असर होगा। इस लेख में हमनें ऐसी ही कुछ आदतों के बारे में बताया है, जिन्हें छोड़ना आपकी सुंदरता के लिए आवश्यक है।

(और पढ़ें - ब्यूटी केयर टिप्स)

तो चलिए जानते हैं कौन सी आदतें आपकी सुंदरता को कम कर रही हैं –

1. अपनी त्वचा के अनुसार सही प्रोडक्ट न चुनना -

बिना अपनी त्वचा के बारें में सोचते हुए आप कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल आंख बंद करके करने लग जाते हैं। लेकिन जरूरी नहीं है कि ये ब्यूटी प्रोडक्ट आपकी त्वचा को सूट करें ही। इसका मतलब यह नहीं है कि वो प्रोडक्ट खराब हैं, बस आपको पहले यह जानना जरूरी है कि आपकी त्वचा किस तरह की है। कोई भी ब्यूटी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से बात जरूर कर लें। मेकअप प्रोडक्ट को जल्दी-जल्दी बदलते रहना बेहद जरूरी है। मस्कारा हर दो या तीन महीने में बदलें, फाउंडेशन हर छः या साल में बदलते रहना चाहिए और लिपस्टिक को भी हर साल बदलें।

(और पढ़ें - खूबसूरत त्वचा के लिए आहार)

2. हमेशा अपने बालों​ को स्टाइलिंग देना -

अगर आप रोजाना गर्म उपकरण की मदद से अपने बालों की स्टाइलिंग करते हैं तो अब अपने बालों को कुछ दिनों तक इनसे दूर रखें। बालों की स्टाइलिंग करने वाले गर्म उपकरण की अत्यधिक गर्मी आपके बालों को रूखा और कमजोर बना सकती है। स्टाइलिंग से बचाने के लिए अपने बालों को हफ्ते में एक बार बांध लें या गूथ करके भी बना सकते हैं या फिर डीप कंडीशनिंग की मदद से भी बालों को पोषित कर सकते हैं।

(और पढ़ें - रूखे बालों के लिए बेस्ट शैम्पू​)

3. पिम्पल्स होने पर उसे दबा देना​ -

हमने अक्सर देखा है बहुत से लोग मुंहासे होने पर उसे दवा देते हैं जिसके कारण उनके चेहरे पर काले दाग-धब्बे पड़ जाते हैं। इसलिए कभी भी मुहांसों को दबाकर फोड़े नहीं, अगर आपके चेहरे पर कई समय से पिम्पल्स दिख रहे हैं और इनसे आपका चेहरा बेहद बदसूरत लगता है तो डर्मेटोलॉजिस्ट को जरूर दिखाएं। इसके अलावा आप प्राकृतिक उत्पाद भी लगा सकते हैं। प्राकृतिक उत्पादों के इस्तेमाल से भी मुहांसे व दाग-धब्बे कम होने लगते हैं।

(और पढ़ें - मुंहासे हटाने के घरेलू उपाय)

4. मेकअप में सोना -

अक्सर लोग पार्टी फंक्शन या कही से घूम के आने के बाद रोजाना अपने मेकअप को हटाए बिना सो जाते हैं। मेकअप के साथ सोने से आपकी त्वचा को किस हद तक नुकसान पहुंच सकता है, आपको इसका अंदाजा भी नहीं। रोजाना मेकअप के साथ सोने से आपकी त्वचा के छिद्र बंद हो सकते हैं और मुहांसों की समस्या हो सकती है। अच्छा होगा अगर आप रात को सोने से पहले चेहरे को अच्छे से धो लें।

(और पढ़ें - चेहरे के रोम छिद्र बंद करने के उपाय)

5. मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल न करना -

अगर आपको लगता है कि मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ किसी खास मौसम में ही किया जाता है तो आप गलत हैं। त्वचा को कोमल और मुलायम रखने के लिए आपकी त्वचा को मॉइस्चर की जरूरत होती है, इसलिए रोजाना मॉइस्चराइजर का उपयोग करें। इसके अलावा त्वचा पर एंटीपरस्पीरेंट का इस्तेमाल न करें इससे छिद्र बंद हो सकते हैं और पसीना आना भी रुक सकता है। बंद छिद्र से पिम्पल्स निकलने लगते हैं और त्वचा संबंधी अन्य विकार भी हो सकते हैं।

(और पढ़ें - कील मुंहासे हटाने की क्रीम)

तो इन बुरी आदतों को छोड़ें और हमेशा सुन्दर दीखती रहें



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Wednesday, November 21, 2018

क्या हैं आप झड़ते हुए बालों की समस्या से परेशान तो अपनाएं ये सरल समाधान

बाल झड़ने का सीधा असर खूबसूरती पर पड़ता है। कम बाल आपकी उम्र को भी ज्यादा दिखाते हैं। बाल झड़ने की समस्या व्यक्ति की जीवनशैली, अनुवांशिक, दवाइयां, खनिज पदार्थों की कमी आदि पर निर्भर करती है। अगर आप बाल झड़ने की समस्या से बेहद परेशान हैं तो इस लेख में हमने आपको बाल झड़ने से रोकने के पांच तरीके बताए हैं। यह तरीके आपके बाल झड़ने की समस्या का समाधान करने में मदद करेंगे।

(और पढ़ें - बाल झड़ने के कारण)

तो चलिए जानते हैं बाल झड़ने के लिए क्या करें –

1. बालों को साफ रखें –

आपकी जीवनशैली और रोजाना के रूटीन पर निर्भर करते हुए बालों को रोजाना धोएं या एक दिन छोड़कर भी धो सकते हैं। बालों को धोने के लिए केमिकल मुक्त शैम्पू का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ आपके बाल साफ होंगे बल्कि खराब होने से बचेंगे और टूटेंगे भी नहीं। इसके अलावा बालों को टाइट बांधने से और गीले बालों में कंघी करने से जड़ें कमजोर हो जाती है जिसके कारण भी बाल झड़ने लगते हैं। बालों को झड़ने से रोकने के लिए उन्हें तब काढ़ें जब वो पूरी तरह से सूख जाएं।

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के घरेलू उपाय)

2. बालों को झड़ने से रोकने के लिए सही आहार खाएं -

स्वस्थ और संतुलित आहार आपके स्वास्थ्य के साथ-साथ बालों के लिए भी आवश्यक हैं। अगर आपकी डाइट में पर्याप्त मात्रा में आयरन या प्रोटीन नहीं होंगे तो इससे आपके बाल झड़ सकते हैं। जिन्हें भोजन विकार होता है या क्रैश डाइट का सेवन करते हैं इस  कारण भी बाल झड़ सकते हैं। बालों को झड़ने से रोकने के लिए प्रोटीन से समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं जैसे मीट, अंडे, बीन्स, बीज आदि। आयरन से समृद्ध खाद्य पदार्थ जैसे दाल, हरी सब्जियां - जिसमे​ पालक, ब्रोकली, साग आदि को सामिल करे।

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के शैम्पू)

3. सुगंधित तेलों से मसाज करें -

सिर की त्वचा पर मसाज करने से बालों की रोम उत्तेजित होती है और इस तरह आपके बाल बड़े होते हैं और झड़ते नहीं हैं। सुगंधित तेल जैसे लैवेंडर का तेल, रोजमेरी तेल, नारियल तेल आदि बालों में लगा सकते हैं। किसी भी सुगंधित तेल की कुछ बूंदें हाथ में लें जैसे जैतून का तेल, बादाम का तेल, लैवेंडर, रोजमेरी, नारियल तेल आदि और फिर सिर की त्वचा में लगाकर मसाज करें। अब बालों को किसी तौलिए या शावर कैप में लपेट लें। कुछ घंटे के बाद बालों को शैम्पू से धो दें। इस उपाय को हफ्ते में एक बार दोहराएं।

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के लिए तेल)

4. बालों को झड़ने से रोकने के लिए कई प्रकार के उपायों से दूर रहें -

जब पार्लर में आपके बालों का इलाज नहीं होता है तो आप कई दवाओं का इस्तेमाल करते हैं और तब भी कुछ फर्क नजर नहीं आता है तो आखिर में घरेलू उपाय ही आपकी मदद करते हैं। बालों को झड़ने से रोकने के लिए आप अंडे की जर्दी, नीम और घर का कोई भी तेल मिलाकर बालों में लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - बालों में अंडा लगाने के फायदे​)

5. जीवनशैली में बदलाव लाएं -

जीवनशैली में बदलाव जैसे, डाइट जो प्रोटीन और विटामिन से समृद्ध होती है साथ ही सही मात्रा में व्यायाम करने से तनाव कम हो जाता है। इससे न सिर्फ बालों का झड़ना कम होता है बल्कि बाल तेजी से भी बढ़ते हैं। रोजाना सात से आठ ग्लास पानी पीने से और शराबधूम्रपान का सेवन कम कर देने से भी आपके बालों का झड़ना कम हो सकता है।

(और पढ़ें - बाल टूटने से कैसे रोकें)



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इस नेचुरल तरीके से कम करें अपने शरीर का वजन

वजन कम करने के लिए सबसे पहले आप यह सोचते हैं कि ऐसे कौन से तरीके हैं जिनकी मदद से आप अपना वजन कम कर सकते हैं, तो आपको तरीके जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है। इस लेख में हमने आपको नेचुरल तरीके से वजन कम करने के बारें में बताया है।

तो चलिए जानते हैं नेचुरल तरीके से आप शरीर का वजन कैसे कम कर सकते हैं –

1. चीनी और रिफाइन कार्बोहाइड्रेट न खाएं -

अत्यधिक चीनी से बने खाद्य पदार्थ खाने से कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे हृदय रोग, टाइप 2 शुगर और कैंसर। चीनी की मात्रा सबसे अधिक पेय पदार्थों में पाई जाती है। रिफाइन कार्बोहाइड्रेट में सबसे अधिक प्रोसेस्ड फूड आते है, जिसमें फाइबर और अन्य पोषक तत्व नहीं होते। रिफाइन कार्बोहाइड्रेट खाद्य पदार्थ जैसे चावल, ब्रेड और पास्ता। यह खाद्य पदार्थ जल्दी से पच जाते हैं और तेजी से ग्लूकोस में परिवर्तित हो जाते हैं। अत्यधिक ग्लूकोस रक्त में चला जाते हैं  और इंसुलिन को उत्तेजित करते हैं , इस वजह से फैट के ऊतकों (Adipose tissue) में फैट जमा होने लगता है। इससे आपके शरीर का वजन बढ़ता चला जाता है। वजन कम करने के लिए चीनी और रिफाइन कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ न खाएं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)

2. ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं -

ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है। आधा लीटर पानी पीने से 24 से 30% तक कैलोरी बर्न हो जाती है। खाना खाने से पहले पानी पीना बेहद लाभकारी होता है, इससे आप ज्यादा खाना नहीं खा पाते और कैलोरी का सेवन भी कम होता है। कैलोरी और चीनी से भरपूर पेय पदार्थ की जगह रोजाना पूरे दिन सात से आठ ग्लास पानी पिएं। इससे आप आसानी से अपना वजन कम कर पाएंगे और शरीर से विषाक्त पदार्थ भी निकलेंगा।

(और पढ़ें - पानी कब पीना चाहिए)

3. फाइबर से समृद्ध खाद्य पदार्थ खाएं -

फाइबर युक्त आहार वजन कम करने में मदद करते हैं। खाद्य पदार्थ में ऐसे फाइबर मौजूद होते हैं जो पानी में घुलनशील होते हैं, इन खाद्य पदार्थों को खाने से आपका पेट भरा रहता है। इस तरह आप कम खाते हैं और वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि फाइबर खाने से पेट संबंधित परेशानी नहीं होती जैसे पेट फूलना, पेट में मरोड़ और दस्त आदि।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)

4. वसायुक्त तेल की जगह नारियल तेल का इस्तेमाल करें -

नारियल तेल में फैट अधिक होता है जिसे मीडियम-चेन ट्रिग्लिसराइड (Medium-chain triglycerides) कहते हैं, जो कि अन्य फैट के मुकाबले अलग होता है। स्टडी का कहना है कि नारियल तेल खाने से मेटाबॉलिज्म धीरे-धीरे उत्तेजित होता है, इस तरह आप कम कैलोरी खाते हैं। नारियल तेल पेट की चर्बी को कम करने के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

5. धीरे-धीरे खाएं -

अगर आप जल्दी-जल्दी खाते हैं तो आप अधिक कैलोरी का सेवन करते रहेंगे। जल्दी-जल्दी खाने से आपका वजन धीरे-धीरे खाने वालों के मुकाबले बढ़ सकता है क्योंकि धीरे-धीरे खाने से आपको यह ध्यान में रहेगा कि आप कितना खा चुके हैं और इस तरह आप कैलोरी का सेवन भी कम करते हैं। धीरे-धीरे खाने वेट लॉस करने वाले हार्मोन का उत्पादन भी बढ़ने लगता है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए 10 एक्सरसाइज)



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