Saturday, March 31, 2018

बाल मोटे करने के उपाय और तरीके

बालों से ही आपकी खूबसूरती निखरती है। लेकिन बालों का झड़ना आजकल आम समस्या हो गयी है। पतले बाल और गंजापन ऐसी समस्या है जिसे हर कोई जल्द से जल्द ठीक करना चाहता है।

कुछ सामान्य कारक जो बालों को पतला बनाते हैं, उनमें शामिल हैं- शारीरिक या भावनात्मक तनाव, हार्मोन्स असंतुलन, पोषण की कमी, प्रदुषण, एलर्जी, बालों के लिए हानिकारक उत्पादों का इस्तेमाल करना, बालों की देखभाल सही से न करना और अनुवांशिक कारक।

अगर आपके बाल पतले हैं तो आपको उन्हें मोटा करने के लिए ट्रीटमेंट या किसी भी महंगे उत्पाद पर पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, कुछ बेहतरीन घरेलू उपाय भी हैं जिनके इस्तेमाल से आपके पतले बाल मोटे होने लगेंगे।

(और पढ़ें - बालों की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो आइये, आपको बताते हैं बाल मोटे करने के उपाय और तरीके – 



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बहती नाक को रोकने के उपाय

नाक बहना बहुत ही आम और परेशान कर देने वाली समस्या है। यह तब होती है जब साइनस और नाक की नलिका में बलगम बढ़ने लगता है। हालाँकि, बलगम के उत्पादन बढ़ने से शरीर से सर्दी, जुकाम या फ्लू वाइरस, इरिटैंट और एलर्जी जैसी परेशानियां निकल जाती हैं। नाक बहने के कुछ आम कारण हैं, जैसे सर्दी, एलर्जी रिएक्शन, साइनस संक्रमण और मौसम का बदलना। अगर नाक बहने की समस्या जल्दी सही नहीं होती है तो इससे कफ, सिर दर्द और अन्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।

(और पढ़ें - साइनस का घरेलू उपाय)

नाक बहने से रोकने के लिए सामान्य दुकानों पर भी दवाइयां मिल जाती है, लेकिन उनसे कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, जैसे अधिक नींद आना।

कुछ आसान घरेलू उपाय से भी आपको नाक के बहने से जल्द राहत मिल जाती है और बिना किसी नुकसान के सभी लक्षण ठीक हो जाते हैं।

(और पढ़ें - नाक बहने का इलाज)

तो आइये आपको बताते हैं बहती नाक को रोकने के उपाय –



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नसों में दर्द के घरेलू उपाय

नसों में दर्द की वजह से बहुत अधिक असहजता महसूस हो सकती है। सामान्यतः यह एक गंभीर स्थिति नहीं होती है, लेकिन यह कभी-कभी घातक भी हो सकती है। अगर आपको नसों में दर्द महसूस होता है, तो अपने डॉक्टर को जल्द से जल्द इसकी जानकारी दें। लेकिन, अगर दर्द हल्का है तो आप इसे कुछ बेहतरीन घरेलू उपायों और नुस्खों से ठीक कर सकते हैं। इन उपायों की मदद से आपको दर्द और असहजता दोनों से जल्दी राहत मिलेगी। 

(और पढ़ें - नसों में दर्द के लक्षण)

तो आइये आपको बताते हैं, नसों में दर्द के घरेलू उपाय और नुस्खे –



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Thursday, March 29, 2018

जोड़ों में दर्द के घरेलू उपाय

जोड़ों में दर्द कई कारणों से होता है जैसे कि ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis), आमवातीय संधिशोथ (rheumatoid arthritis), गठिया, बुर्सा (bursa), टेन्डिटिस (tendinitis) या तनाव, मोच या अन्य चोट स्नायुबंधन (ligaments) को प्रभावित करते हैं। बुर्सा और टेंडन्स जोड़ों के आसपास होता है।    

यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है लेकिन घुटनों, कंधों और कूल्हों में यह परेशानी सबसे आम है। दर्द हल्के से गंभीर तक हो सकता है और एक या अधिक जोड़ों में सूजन और कठोरता के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है। गंभीर जोड़ों में दर्द, खासकर जब गठिया से संबंधित समस्या होती है तो इसके लिए उचित निदान और उपचार की आवश्यकता होती है।  

अगर आपके जोड़ों में दर्द, सूजन और लालिमा की वजह से रहता है या तीन दिनों से अधिक समय तक यह समस्या है तो आपको अपने डॉक्टर से भी परामर्श करना चाहिए। लेकिन, आप प्राकृतिक घरेलू उपायों की मदद से भी हल्के जोड़ों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। (और पढ़ें - गठिया)

तो आज हम आपको जोड़ों के दर्द से जुड़े कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं -



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घुटनों में दर्द के घरेलू उपाय

घुटनों में दर्द एक बहुत ही आम समस्या है जो लगातार घर्षण के कारण समय के साथ घुटनों के घिस जाने की वजह से होती है। ये समस्या ज़्यादातर बुजुर्गों और वयस्कों द्वारा महसूस की जाती है। महिलाओं में पुरुषों से अधिक घुटनों में दर्द की परेशानी होती है। 

दर्द घुटनों की हड्डियों के किसी भी क्षेत्र में हो सकता है जैसे फीमर (femur), टिबिया (tibia) और फिबुला (fibula), घुटने की ऊपरी हड्डी, पेटेला (patella) या फिर लिगामेंट और कार्टिलेज आदि। घुटने में दर्द आपको सामान्य से गंभीर हो सकता है।

घुटनों में दर्द कमजोर हड्डी के कारण या उम्र बढ़ने की वजह से भी महसूस हो सकता है। अन्य सामान्य कारण जैसे फ्रैक्चर, लिगामेंट में चोट, मेनिसकस में चोट, गठिया की वजह से घुंटने की हड्डियों का अकड़ जाना और एक जगह से दूसरी जगह खिसक जाना, ल्यूपस और अन्य पुरानी बीमारियों के कारण घुटनों में दर्द हो सकता है। दर्द के अलावा, आपको अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे घुटने का अकड़ जाना, सूजन, लालिमा, प्रभावित क्षेत्रों पर सुन्नता और खड़े होने या चलने में तकलीफ महसूस होना। आप आपने रोज़ाना के काम में घुटनों के दर्द को नज़रअंदाज़ न करें। इनका इलाज कुछ आसान और सरल घरेलू उपायों से कर सकते हैं।

(और पढ़ें - जोड़ों में दर्द)

इन घरलू उपायों का इस्तेमाल आप सामान्य या गंभीर दर्द के लिए कर सकते हैं। ये उपाय आपको बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले दर्द जैसे गठिया के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर तब भी आपका दर्द सही नहीं होता है तो अपने डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं। 



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कमर दर्द के घरेलू उपाय

कमर दर्द की समस्या बुज़ुर्ग और मध्य आयु वाले लोगो में ही देखी जाती थी लेकिन अब युवाओं में भी इसका असर दिखने लगा है। कमर में दर्द के कुछ लक्षण जैसे कमर या कूल्हों के आसपास दर्द, रीढ़ की हड्डी का लचीलापन खो देना और सोने में तकलीफ महसूस होना आदि देखने को मिलते हैं। पीठ में दर्द कई कारणों की वजह से हो सकता है जैसे मांसपेशियों में तनाव, अनुचित आहार, शारीरिक गतिविधियों की कमी, गठिया, अत्यधिक शारीरिक कार्य, सही ढंग से न बैठना और गर्भावस्था। पीठ में दर्द की समस्या की वजह से रोज़ाना के कार्यों को करना बेहद मुश्किल होता है। कुछ प्राकृतिक उपचार दर्द से बहुत जल्द राहत पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। (और पढ़ें - कमर दर्द के लिए योगासन)

तो आज हम आपको कुछ आसान घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनेक इस्तेमाल से आपके पीठ का दर्द दूर हो जाएगा।



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मसूड़ों की बीमारी (पायरिया)

पायरिया क्या होता है?

पायरिया को मसूड़ों की बीमारी भी कहा जाता है, यह मसूड़ों का एक गंभीर संक्रमण होता है। यह दातों को सहारा प्रदान करने वाली हड्डियों और लिगामेंट्स (जो दातों को हड्डियों या मसूड़ों से जोड़ते हैं) में संक्रमण, सूजन व लालिमा पैदा कर देता है। यह संक्रमण एक बैक्टीरिया के कारण होता है, जो आपके दातों व मसूड़ों में जमा होते हैं। जैसे ही पायरिया बढ़ने लगता है, इसके प्रभाव से दांत व आसपास की हड्डियां क्षतिग्रस्त होने लगती हैं। बैक्टीरिया प्लेक (Plaque) में विषाक्त पदार्थ छोड़ने लगते हैं, जो मसूड़ों में जलन पैदा करते हैं। ये विषाक्त पदार्थ एक गंभीर जलन संबंधी प्रक्रिया को उत्तेजित करते हैं, जिसके परिणास्वरूप शरीर में जलन संबंधी प्रक्रिया अपने आप शुरू हो जाती हैं और दांतों को सहारा देने वाले ऊतक व हड्डियां सड़ने व नष्ट होने लगती हैं।

(और पढ़ें - हड्डी मजबूत करने के उपाय)

हालांकि, अगर पायरिया का जल्दी उपचार किया जाए और मौखिक स्वच्छता को बनाए रखा जाए, तो दांतों व मसूड़ों में क्षति होने से रोकथाम की जा सकती है। 

(और पढ़ें - दांतों का पीलापन दूर करने के उपाय)



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बार-बार पेशाब आना

बार-बार पेशाब आना क्या है?

बार-बार पेशाब आने का मतलब होता है, सामान्य से अधिक बार पेशाब करने की इच्छा होना। यह स्थिति सामान्य दिनचर्या को बधित कर सकती है और रात में नींद खराब कर सकती है।

बार-बार पेशाब आना किसी अंतर्निहित मेडिकल स्थिति का संकेत या लक्षण हो सकती है। यह एक असुविधाजनक स्थिति होती है, जो पुरूषों व महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकती है। कभी-कभी इस समस्या को ओवर एक्टिव ब्लैडर (Overactive bladder) या अर्जेन्ट यूरीनेशन (Urgent urination) के नाम से भी जाना जाता है। बार-बार पेशाब आने की समस्या दिन व रात दोनों समय हो सकती है या फिर इस समस्या को रात के समय ही महसूस किया जा सकता है। अगर यह समस्या सिर्फ रात के समय ही होती है, तो इस समस्या को निशामेह (Nocturia) कहा जाता है।

(और पढ़ें - बिस्तर गीला करना का कारण)

बार-बार पेशाब आने की समस्या आपकी नींद और सामान्य कार्यकलाप को प्रभावित कर सकती है। जिन लोगों को यह समस्या होती है, उनको काफी शर्मिंदगी और असुविधा महसूस होती है। इसका उपचार आमतौर पर इसके अंतर्निहित कारणों का पता करके किया जाता है। डॉक्टर पहले उस प्राथमिक रोग का उपचार करते हैं, जो बार-बार पेशाब आने की समस्या का जिम्मेदार है। अगर इस समस्या का कारण किसी प्रकार का संक्रमण है, तो संक्रमण ठीक करने के लिए डॉक्टर आपके लिए कुछ प्रकार की एंटीबायोटिक्स दवाएं लिख सकते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में बार बार पेशाब आने का कारण)



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Wednesday, March 28, 2018

दांत दर्द के घरेलू उपाय

दांतो से जुड़ा दर्द बेहद कष्टदायक होता है। दाँतों का दर्द आसपास के जबड़ों में भी पहुंचकर बहुत गंभीर हो जाता है। दांतों के दर्द के मुख्य कारण जैसे दांतों में कीड़े (कैविटी), संक्रमण, टूटा हुआ दांत, दांत का निकलना, मसूड़े से जुडी बीमारी या कोई जबड़े का विकार आदि शामिल हैं। दांतों में दर्द तब होता है जब दाँत के बीच का क्षेत्र जिसे पल्प (pulp) कहा जाता है वो सूजने लगता है। पल्प में कई तंत्रिका अंत होते हैं जो अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। अगर आपको दांत में दर्द है तो जल्द से जल्द इसे अपने डेंटिस्ट को दिखाने की कोशिश करें।

लेकिन आज हम आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे में भी बताएंगे जिनके इस्तेमाल से आपको डेंटिस्ट के पास जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।



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शिल्पा शेट्टी से प्रेरणा लेकर 35 किलो कम किये रसिका ने

रसिका ने कभी अपने मोटापे को गंभीरता से नहीं लिया, लेकिन जब उनका कुछ किलो वजन कम हुआ, तब रसिका ने महसूस किया कि वजन घटाकर स्वस्थ होना उनके लिए शायद सबसे अच्छी बात है। रसिका का वजन पहले 90 किलो था और अब उन्होंने 35 किलो वजन घटा लिया है, यानी अब रसिका का वजन सिर्फ 55 किलो है। उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ एक सख्त डाइट और वर्कआउट रूटीन को अपनाया और अब वो सबके लिए एक मिसाल बन चुकी हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के घरेलू उपाय)

आइये आपको आगे बताते हैं रसिका के वजन घटाने के सफर के बारे में –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैं कभी अपने मोटापे को लेकर परेशान नहीं थी। बस खाली समय में, मैं अपने दोस्तों का साथ देने के लिए उनके साथ जिम चली जाया करती थी। ऐसा कुछ समय करने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरा वजन कम हो रहा है और इस तरह मैं धीरे-धीरे अच्छी और फिट लगने लग रही थी। फिर मैंने वजन को कम करने के लिए गंभीरता से फैसला लिया और अब फिट रहना मेरा जुनून बन गया है।

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता - शुरूआत में मैं ओट्स खाया करती थी। अब मैं बस घर का बना हुआ खाना खाती हूँ।
  • मेरा दोपहर का खाना - दोपहर के खाने के लिए मैं ब्राउन राइस, चिकन और कभी-कभी पनीर खाती थी। साथ ही,  छाछ पीती थी, सलाद के लिए अंकुरित अनाज खाती थी।
  • मेरा रात का खाना - मैं रात का खाना सोने से तीन घंटे पहले खाती थी। रात के खाने में उबले अंडे, मूंग दाल करी और फल हुआ करते थे।
  • डाइट से हैट कर क्या खाती थी - पिज़्ज़ा, चॉकलेट पेस्ट्री और कभी-कभी मैगी खा लेती थी।
  • कम कैलोरी वाली मनपसंद रेसिपी - मैं सभी सब्जियों से बना सूप पीती थी। उसमें ब्रोकोली, पत्ता गोभी, फूल गोभी, अंकुरित अनाज, शिमला मिर्च और मकई जैसे खाद्य पदार्थ होते थे। अगर कभी मांसाहारी खाने का मन करता था तो सूप में उबला चिकन डाल लेती थी। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए सूप रेसिपी)

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए क्या खाएं)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं कार्डियो और वेट ट्रेनिंग दोनों किया करती थी। कभी-कभी दौड़ने के लिए भी जाया करती थी। मैं पहले हल्के वजन उठाती थी, लेकिन अब भारी वजन उठाती हूँ। जिन लोगों को वजन कम करना है, उन्हें मैं सलाह दूंगी कि वर्कआउट करने के लिए सुबह का समय बहुत ही प्रभावी होता है। बल्की, अगर आप सुबह एक घंटे भी वर्कआउट करते हैं तो यह भी अच्छा है, लेकिन जो भी करें पूरी निष्ठा के साथ करें। खाएं, पियें और वर्कआउट करें। अपना जीवन खुशी से बिताएं और स्वस्थ तरीके से बिताएं। इसके अलावा सुबह उठने के बाद ही और रात को सोने से पहले गर्म पानी जरूर पियें।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए व्यायाम)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

उन लोगों के साथ में रहें, जो आपका साथ देते हैं। मैं ऐसा ही करती थी। साथ ही, मैं खुद को शीशे में देखकर प्रोत्साहित होती थी। रोज शीशे में देखकर खुद से बोलती थी कि ये मैंने इतना लम्बा सफर तये कर लिए है और अब रुकूंगी नहीं। और हाँ, मैं उन सभी लोगों को फॉलो करती थी जो फिट और स्वस्थ रहते थे।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए योगासन

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

अब मेरा लक्ष्य है एब्स बनाना। मेरे दोस्त बहुत ही सहायक हैं। जब भी मैं अपने लक्ष्य से हटती थी, वो मुझे फिर से प्रेरित कर देते थे और हौसला देते थे कि मैं कभी अपने लक्ष्य को न छोडूं।

(और पढ़ें - एब्स बनाने के तरीके

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

मैं कभी अपने पसंदीदा कपड़े नहीं पहन पाती थी और बात करते समय, बैठते या चलते समय आत्मविश्वास खो देती थी।

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए योगासन​)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

मैं शिल्पा शेट्टी जैसी फिट और खूबसूरत बॉडी पाना चाहती हूँ। वो मेरी प्रेरणा हैं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए अपने क्या क्या किया?

सबसे पहले, मैंने अपने आहार में बदलाव किये। मैंने फैसला लिया कि चाहे मुझे कितनी भी भूख क्यों न लग रही हो, मैं कभी फास्ट फूड को हाथ तक नहीं लगाउंगी। मैं अपने लक्ष्य को पाने के लिए सभी तरह के समझौते करने और कुर्बानियां आपको देने के लिए तैयार थी। मुझे  विश्वास  था और रोज मैं अपने आप से कहती थी कि, "मैं ये कर सकती हूँ और मैं करके रहूंगी"। आपके सभी पाठकों को भी में खुद में पूर्ण विश्वास रखने की सलाह दूँगी।

(और पढ़ें - मोटापे का इलाज)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

एक से दो किलो वजन घटाने के लिए मुझे पांच से छः महीने लगे। ये शुरुआत में मेरे लिए बहुत निराशाजनक था। लेकिन मैंने धैर्य रखा अन्यथा मैं कभी 35 किलो वजन नहीं घटा पाती। इस इंटरव्यू को पढ़ने वालों को मेरा आग्रह है कि कभी अपना लक्ष्य न छोड़ें, क्योंकि बड़ी और मुश्किल चीजों को पूरा करने में हमेशा समय लगता है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

कुछ भी "नामुमकिन" नहीं है। अगर आप फिट हैं, तो आप कुछ भी कर सकते हैं। मेरे जीवन में ऐसे कई लोग थे जो कहते थे कि ये मुझसे नहीं होगा। लेकिन मैंने फैसला लिया कि मुझे खुद के लिए ये करना है, चाहे कितना भी कुछ क्यों न मुश्किल हो। आप वो न करें जो और लोग कर रहे हैं, वही करें जो आपके शरीर के लिए बेहतरीन हो।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के उपाय)



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Tuesday, March 27, 2018

दूर दृष्टि दोष

दूर दृष्टि दोष क्या है?

दूर दृष्टि दोष या हाइपरमेट्रोपिया (Hypermetropia) दृष्टि संबंधी एक सामान्य समस्या है। इसमें आप दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं, लेकिन आस-पास की चीजें धुंधली दिखाई दे सकती हैं। दूर दृष्टि जैसी समस्याओं को अक्सर प्रवर्तक त्रुटियों (Refractive errors) के रूप में संदर्भित किया जाता है। दूर दृष्टि दोष को हाइपरमेट्रोपिया, दीर्घ दृष्टि दोष आदि नामों से भी जाना जाता है।

कई छोटे बच्चों में दूर दृष्टि दोष की हल्की समस्या होती है, जो उनके बड़े होने के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाती है। जिन वयस्कों को दूर दृष्टि दोष होता है, उनको पास की वस्तुओं पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई महसूस होती है, जैसे किसी पुस्तक में ध्यान केंद्रित करना। जैसे-जैसे वे परिपक्व होते हैं, उनको दूर की वस्तुओं पर भी ध्यान देने में कठिनाई महसूस हो सकती है।

इस समस्या में आप आमतौर पर दूर की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकेंगे, लेकिन आस-पास की वस्तुएं आपके फ़ॉकस से बाहर होंगी। इस समस्या में आपकी आंखें आसानी से थक जाती हैं। इस स्थिति को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेन्स का इस्तेमाल करके आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके उपचार का अन्य विकल्प सर्जरी भी हो सकती है।

(और पढ़ें - निकट दृष्टि दोष)



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Monday, March 26, 2018

आयरन युक्त आहार, भोजन और खाद्य पदार्थ

आयरन एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो आपके शारीरिक संचालन (शरीर की क्रिया) में अहम भूमिका निभाता है। आहार में आयरन की कमी की वजह से आपके उर्जा का स्तर कम हो जाता है। इसके अलावा शरीर में आयरन की कमी से सांस लेने में परेशानी, सिरदर्द, चिड़चिड़ापन, चक्कर आना और एनीमिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

आयरन दो प्रकार के खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। पहला पशु उत्पाद (एनिमल प्रोडक्ट), जिसे "हेम आयरन" (Heme Iron) भी कहा जाता है। दूसरा पौधों से प्राप्त होने वाला आयरन, जिसे "नॉन-हेम आयरन" (Non-Heme Iron) के नाम से भी जाना जाता है। डॉक्टर आपको रोजाना औसतन 18 मिली ग्राम आयरन की मात्रा खाने की सलाह देते हैं। हालांकि, यह लिंग, उम्र और जीवन के चरण पर भी निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए, पुरुषों और रजोनिवृत्ति की स्थिति प्राप्त कर चुकीं महिलाओं को रोजाना 8 मिली ग्राम आयरन की आवश्यकता होती है। लेकिन जिन महिलाओं को पीरियड्स आते हैं, उन महिलाओं को रोजाना 18 मिली ग्राम आयरन की मात्रा खानी चाहिए। वहीं गर्भवती महिलाओं को रोजाना 27 मिली ग्राम आयरन की आवश्यकता होती है।

आपको इस बात की भी जानकारी होनी चाहिए कि नॉन हेम अर्थात पौधों से प्राप्त आयरन की तुलना में आपका शरीर हेम आयरन अर्थात पुश उत्पादों से प्राप्त आयरन को आसानी से अवशोषित करता है। 



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पेट दर्द में क्या खाएं और क्या न खाएं

पेट दर्द में अक्सर लोग जी मिचलाना, उल्टी और दस्त के लक्षणों का सामना करते हैं। हालांकि, इससे घबराने की जरूरत नहीं है, क्योकिं ये पेट दर्द के सामान्य लक्षण हैं।

पेट दर्द जब ठीक होने लग जाए और आपको भूख भी सही तरीके से लगने लगे, तब आपको खाने-पीने में बहुत ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए। स्थिति जब बेहतर होने लगे तो ऐसे खाद्य पदार्थों को न खाएं, जो पेट दर्द को बढ़ावा देते हैं, इससे स्थिति और भी बिगड़ सकती है।

पेट दर्द की समस्या में बहुत से लोग इस बात से परेशान रहते हैं कि पेट दर्द में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि पेट दर्द में क्या खाएं और क्या न खाएं।

(और पढ़ें - पेट दर्द के घरेलू उपाय)



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एसिडिटी में क्या खाना चाहिए, क्या न खाएं और परेहज

एसिडिटी की समस्या में आपके सीने में जलन होती है। यह जलन सीने में और रीढ़ की हड्डी के आस-पास होती है। सीने में होने वाली जलन की समस्या जब अधिक बढ़ जाती है, तो वह दर्द का रूप धारण कर लेती है।

एसिडिटी की समस्या अक्सर भोजन करने के बाद महसूस की जाती है, क्योंकि भोजन करने से आपके पेट पर आंतरिक दबाव पड़ता है। इसके अलावा एसिडिटी तब भी होती है जब आप लेटे होते हैं, लेकिन जब आप रीढ़ की हड्डी को सीधे करके बठते हैं, तब आपको जलन से राहत मिलती है।

ऐसा माना जाता है कि एसिडिटी कुछ एंजाइम की वजह से सकती है। पेट के पाचन ग्रंथि और आंत में भी कई प्रकार के एंजाइम होते हैं। उनमें से पेप्सिन (Pepsin) एक प्रकार का एंजाइम है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। भोजन को पचाने के साथ-साथ यह एंजाइम सीने में जलन के लक्षणों को भी बढ़ावा देता है।

एसिडिटी की समस्या में आहार अहम रोल निभाता है, इसिलए आपको पता होना चाहिए कि एसिडिटी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको एसिडिटी में परहेज के बारे में भी पता होना चाहिए।

इस लेख में आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप अपने भोजन में सावधानी रख कर, एसिडिटी की समस्या को दूर कर सकते हैं।

(और पढ़ें - एसिडिटी के घरेलू उपाय)



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Friday, March 23, 2018

लड़का पैदा करने के उपाय और तरीके से जुड़े मिथक

भारतीय समाज आज भले ही हर क्षेत्र में आगे बढ़ चुका हो, लेकिन आज भी कई ऐसे लोग मौजूद हैं जिनको पुत्री से ज्यादा पुत्र की ही चाह रहती है। शादी के बाद महिलाओं के गर्भधारण करने पर परिवार और आस पड़ोस के लोगों में एक अलग उत्सुकता देखने को मिलती है। आज भी इनमें से अधिकतर लोग चाहते हैं कि महिला पुत्र को ही जन्म दें।

(और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के तरीका)

लोगों का ऐसा सोचना कई कारणों की वजह से हैं जिनमें से दो हैं कि उनको लगता है कि लड़का वंश को आगे बढ़ाता है और बुढ़ापे का सहारा बनता है। लोगों की इसी इच्छा के चलते कई ढोंगी लोगों और वेबसाइट के द्वारा महिला को पुत्र प्राप्ति के कई उपाय बताए जाते हैं, ताकि वह उनका पालन कर पुत्र को जन्म दे सके। ऐसा कोई भी उपाय बस एक मिथक है - चाहे वो लड़का पैदा करने का घरेलू उपाय हो, या कोई दावा करे कि उनका बताया लड़का पैदा करने का तरीका चिकित्सीय विज्ञान पर आधारित है। वास्तव में इनमें से कोई भी तरीका सिद्ध नहीं हुआ है। एक दम्पति ऐसा कुछ भी नहीं कर सकता जिससे होने वाले बच्चे का लिंग सुनिश्चित किया जा सके। अगर आपको ऐसा कोई सुझाव सुनाने या पढ़ने को मिले तो उसे तुरंत नकार दें और उस व्यक्ति या वेबसाइट की किसी बात पर ध्यान न दें।

(और पढ़ें - गर्भ में लड़का होने के संकेत से जुड़े मिथक) 

चाहे लड़का हो या लड़की, हर बच्चा भगवान की देन होता है। यह लेख केवल लोगों की उत्सुकता देख कर लिखा गया है। इसका उद्देशय किसी को होने वाले बच्चे का लिंग सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करना या इसका कोई तरीका बताना बिलकुल भी नहीं है।

(और पढ़ें - Pregnancy in Hindi)

तो आईये बताते हैं आपको लड़का पैदा करने के घरेलू नुस्खे से जुड़े मिथक -



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Thursday, March 22, 2018

अमृता अरोड़ा से जानें कैसे घटाया उन्होंने प्रेगनेंसी के बाद वजन

अमृता अरोरा एक मॉडल, अभिनेत्री, टीवी प्रेसेंटर, वीडियो जॉकी और फिटनेस सलाहकार रह चुकी हैं। इन सबके अलावा अमृता एक माँ भी है। माँ होने के बाद भी वो खुद को हमेशा फिट और स्वस्थ रखती हैं। अमृता कभी भी अपने स्वास्थ के साथ समझौता नहीं करती। तभी आज  तक उन्होंने अपनी फिटनेस को लेकर सबको आश्चर्य में डाल रखा है। यहाँ तक कि ये भी एक रहस्य है कि कैसे उन्होंने गर्भावस्था के बाद जल्दी से वजन कम किया। तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस लेख में लेकर आये हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

फिर चलिए बताते हैं कि कैसे अमृता ने प्रेगनेंसी के बाद घटाया वजन –



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ब्रेस्ट बढ़ाने के लिए क्रीम

ब्रेस्ट (स्तन) महिलाओं को आकर्षक बनाती है। ब्रेस्ट का आकार सही होने से आपमें आत्म-विश्वास आता है और कोई भी कपड़े आप पर बेहद अच्छे लगते हैं। लेकिन, अगर ब्रेस्ट का आकार कम हो तो आप उसको छुपाने की कोशिश करती हैं या फिर ऐसे कपड़े पहनती हैं, जिससे आपकी ब्रेस्ट का आकार सही लगे।

लेकिन, अब अपने ब्रेस्ट को छुपाना या ऐसे कपड़े पहनना बंद कर दीजिये और हमारे द्वारा बताई जाने वाली घर की बनी हुई क्रीम का उपयोग कीजिये। यकीन मानिये, आपको अपनी ब्रेस्ट के आकार में फर्क ज़रूर दिखने लगेगा।

(और पढ़ें - ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय)

तो आइये आपको बताते हैं ब्रेस्ट बढ़ाने के लिए क्रीम के बारे में –



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Wednesday, March 21, 2018

लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) के घरेलू उपाय

लो ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन भी कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थति है जिसमें एक व्यक्ति का रक्तचाप इतना कम हो जाता है कि उसे चक्कर, बेहोशी, थकान, मतली, साँस लेने में कठिनाई, धुंधला दिखना, ठंडा शरीर और चिपचिपी त्वचा जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। जो व्यक्ति शारीरिक रूप से फिट और सक्रिय होते हैं सामान्यत उनका ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी एचजी से कम ही रहता है। लेकिन इन्हे अस्वस्थ नहीं कहा जाएगा, विशेषकर तब जब इस प्रकार के लक्षण उन्हें अनुभव न हो।

(और पढ़ें - हाई बीपी कम करने के घरेलू उपाय)

हालांकि, जब ब्लड प्रेशर का स्तर 90/60 मिमी एचजी या उससे कम रहता है तो इसे हाइपोटेंशन माना जाता है। इसके अलावा जब ब्लड प्रेशर का स्तर ज़्यादा गिर जाता है तो यह मस्तिष्क, गुर्दे और हृदय में रक्त के प्रवाह का अपर्याप्त कारण बन सकता है।

इस स्थिति के कारण निर्जलीकरण, लम्बे तक आराम, पोषक तत्वों की कमी, रक्त की मात्रा में कमी, हृदय की समस्याएं, गर्भावस्था, एंडोक्राइन विकार और न्यूरोलॉजिकल परिस्थितियां हो सकती हैं। कुछ दवाएं जैसे अल्फा ब्लॉकर्स, बीटा ब्लॉकर्स, मूत्रवर्धक, एंटीडिप्रेस्सान्ट्स और अन्य कारकों से भी लौ ब्लड प्रेशर हो सकता है।

(और पढ़ें - प्रेग्नेंट होने के उपाय)

जब आपको लो ब्लड प्रेशर होता है तो आपको नमक का सेवन ज़्यादा करने के लिए कहा जाता है। अपने नमक की मात्रा बढ़ाने से पहले सबसे पहले अपने डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा, शराब और उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे ब्रेड, चावल, पास्ता और आलू न खाएं। 

इस स्थिति का इलाज करने के लिए ज़रूरी है सही कारण को जानना लेकिन आप लक्षणों को कम करने के लिए कुछ सरल घरेलू उपाय भी अपना सकते हैं।



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तनाव के घरेलू उपाय

आज की तेजी से बढ़ती दुनिया में लगभग हर किसी को कुछ स्तर पर तनाव का सामना करना पड़ता है। तनाव की भावनाओं को एक बार महसूस करना काफी स्वाभाविक है क्योंकि कार्यभार बहुत अधिक है या फिर चीजें आपके अनुसार नहीं जा रही है। जो भी कारण हों, तनाव कम करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपके सामान्य जीवन को बाधित कर सकता है। लोग सभी सुख - सुविधा होने के बाद भी परेशान रहते हैं। तनाव की बढ़ती अधिकता से लोग कई प्रकार की बीमारी जैसे चिंता, हिस्टीरिया, डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। हमारे दैनिक जीवन से तनाव को दूर करने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीकों पर एक नज़र डालते हैं : 



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Tuesday, March 20, 2018

मैंने बदला अपना सोने का रूटीन और घटाया वजन

नींद को कई लोग अक्सर अपनी व्यस्त जीवनशैली में नज़रअंदाज़ करते हैं। लेकिन आप यह बात नहीं जानते कि पर्याप्त नींद लेने से कई गुना अधिक आपके शरीर को लाभ मिलते हैं। ये तो आप सभी जानते हैं कि नींद पूरी करने से शरीर को आराम मिलता है और सारा तनाव एकदम गायब हो जाता है। पर अब आप ये भी जान लें कि नियमित नींद लेने से वजन भी कम होता है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)

कुछ ऐसा ही शिवम अरोरा ने करके दिखाया है। उन्होंने सिर्फ 45 दिनों में अपने सोने के रूटीन को बदलकर 4 किलो वजन कम किया। शिवम अरोरा का कहना है "मैं बहुत ही ज्यादा आलसी किस्म का इंसान था जो कभी खुद पर ध्यान नहीं देता था। लेकिन मुझे पार्टी करना बेहद पसंद था। जब मैं  दिल्ली से मुंबई पढ़ने के लिए आया तब मेरी पार्टी करने की आदतें और ज्यादा बढ़ गयी जिसकी वजह से मेरा वजन बढ़ने लगा था। चार महीने बाद जब मैं फिर से घर वापस गया तो सब मुझे देखकर हैरान थे क्योंकि मेरा वजन 6 या 7 किलो बढ़ चुका था।"

(और पढ़ें - कितने घंटे सोना चाहिए)

फिर शिवम ने वजन घटाने के बारे में सोचा और रोजाना के रूटीन में कुछ बदलाव किये। शिवम का कहना है कि "मैं जब दिल्ली में था तब मेरे सोने का समय रात 11 से सुबह 7 बजे तक हुआ करता था। लेकिन मुंबई में मेरे सोने का कोई एक समय नहीं था। मैं कभी भी रात 1 बजे से पहले नहीं सोता था और कभी-कभी सोने में सुबह के 5 या 6 भी बज जाया करते थे।"

(और पढ़ें - अच्छी नींद आने के उपाय)

दो कारणों की वजह से मैंने अपना रूटीन बदला -

  1. जब में रातभर जगता था, तब मैं बहुत अधिक खाता-पीता था। मैं देर रात तक अपने दोस्तों के साथ मस्ती करता था। में देर रात जागते समय चिप्स, मैदा, मैगी और अन्य फास्ट फूड खाया करता था। इस तरह मेरा वजन धीरे-धीरे बढ़ता गया। 
  2. मैंने सोचा कि अगर मैं समय पर सोऊंगा तो समय पर उठूंगा भी और मॉर्निंग वाक और जॉगिंग कर पाता था। (और पढ़ें - जॉगिंग के फायदे)

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए क्या खाएं)

जब मैं दिल्ली वापस आया था तब मेरा वजन 80 किलो था, लेकिन मेरे अच्छे से नींद लेने के रूटीन ने 45 दिनों में तीन किलो वजन कर दिया। यानि मेरा वजन घट कर 76 किलो हो चुका है। सही नींद लेने के रूटीन ने मेरा जीवन पूरी तरह से बदल दिया। मैं सही समय पर सोने और उठने का महत्व समझ गया हूँ।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के योगासन)

सही नींद लेने से मेरे जीवन में तीन बदलाव आये -

  1. मेरा वजन कम हुआ।
  2. मेरे खाने की आदतें एकदम बदल चुकी हैं। पहले मैं बहुत अधिक और तला हुआ खाना खाता था, लेकिन अब बिल्कुल हल्का और कम खाता हूँ।
  3. मैंने अनुभव किया कि नींद की कमी से मेरा शरीर फूलता जा रहा था। मुझे शरीर फूलने की समस्या से भी छुटकारा मिला।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए व्यायाम और मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)



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कॉपर टी की जानकारी

आज कई दम्पतियों के पास अनचाहे गर्भ को रोकने के ढ़ेरों विकल्प मौजूद हैं। इन विकल्पों में कॉपर टी को भी शामिल किया जाता है। आज लोगों के बीच अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए प्रयोग में लाए जाने वाले विकल्पों में कॉपर टी एक खासा प्रचलित तरीका बन चुका है। इसके प्रभावों के कारण ही महिलाएं इसको अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने लगीं हैं। लेकिन कॉपर टी को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह आशंकाएं भी बनी रहती हैं। आप सभी की इन्हीं आशंकाओं को ध्यान में रखते हुए आज आपको कॉपर टी के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है।

इसमें कॉपर टी के प्रकार, क्या यह सुरक्षित होता है, यह कैसे काम करता है, कॉपर टी को लगाने की विधि, इसको निकालने का तरीका, कॉपर टी के फायदे, नुकसान और कॉपर टी के मूल्य के बारे में भी बताया जाएगा। 

(और पढ़ें - गर्भनिरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव)



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Monday, March 19, 2018

बाल सीधे करने की विधि और उपकरण

बहुत महिलाओं को सीधे बाल बेहद पसंद होते हैं। बाल सीधे करने के लिए वो कई उपकरण का इस्तेमाल करती हैं, जैसे "स्ट्रेटनिंग आयरन", "केमिकल्स स्ट्रेटनर" और अन्य उत्पाद। लेकिन आज हम आपको बालों को सीधा करने के प्राकृतिक उपाय बताने वाले हैं, जिनके इस्तेमाल से आप अपने बाल सीधे कर सकेंगी। साथ ही बालों को नमी और पोषण भी मिलेगा।

(और पढ़ें - बालों की देखभाल के तरीके)

तो आइये आपको बताते हैं बाल सीधे करने का तरीका और प्राकृतिक उपाय –



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इन 10 गलतियों की वजह से नहीं घट रहा है आपका वजन

वजन कम करने के लिए लोग रोज नए-नए तरीके अपनाते हैं। लेकिन फिर भी उनका वजन वहीं का वहीं रहता है। तो अब समय आ गया है कि आप अपनी गलतियों पर सख्ती से नज़र डालें और अपनी डाइट और वर्कआउट में बदलाव लाएं। लेकिन ध्यान रहे कि जब आप कोई नया रूटीन अपनाएं तो धैर्य रखना और रूटीन को रोजाना दोहराना बेहद जरूरी है। और इस बात पर ध्यान देने की बजाये कि वजन कम करने का सही तरीका क्या है, आप इस बात पर ध्यान दें कि आप गलतियां क्या कर रहे हैं।

अब आप सोच रहे होंगे कि उन गलतियों के बारे में कैसे पता चले जो हमे नहीं करनी, तो आज हम आपको इस लेख में वही बताने आये हैं। आपको बस इन बताई गयी बातों का ध्यान रखना है और किसी भी तरह की गलतियों को फिर से नहीं दोहराना है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आसान तरीके)

चलिए फिर शुरू करते हैं –

1. गलत डाइट खाना बंद करें -

अगर एक डाइट आपके दोस्त के लिए बेहद बेहतरीन तरीके से काम कर रही है तो इसका मतलब ये नहीं कि वो आपके लिए भी उसी तरह से काम करेगी। तो, ऑंखें बंद करके कुछ भी अपनाने से पहले किसी पेशेवर डायटीशियन से बात करें, जो आपकी स्वास्थ्य संबंधी पिछली जानकारी और शरीर के अनुसार एक डाइट प्लैन तैयार कर सके। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट प्लान)

2. ऐसे लक्ष्य न रखें जिन्हें आप पूरा न कर पाएं -

हर नयी परियोजना की तरह ही, लोग वेट लॉस प्लान भी नये उत्साह के साथ शुरू करते हैं। इस जोश में आप अवास्तविक लक्ष्य रख लेते हैं, लेकिन उस उत्साह को गायब होने में बस कुछ ही हफ्ते लगते हैं। जब आप उन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए अधिक मेहनत करते हैं और उनको हासिल नहीं कर पाते हैं, तब आखिर में आप हाथ खड़े कर देते हैं। इसके बजाये, छोटे-छोटे लक्ष्य तय करें जो आपको आत्म-विश्वास और पूरी यात्रा में प्रेरणा दे सकें। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए क्या खाएं)

3. 'समय नहीं है' कहना बंद करें -

इसमें कोई दो राय नही हैं कि अगर आपको अपना वजन घटाना है तो इसके लिए आपको समय निकालना पड़ेगा। तो इस तरह की अनुसूची तैयार करें जिसका आप जानते हैं कि आप पालन कर सकते हैं। अपनी जीवनशैली में व्यायाम को जरूर शामिल करें और स्वस्थ खाना खाने को आदत बना लें। (और पढ़ें - वजन घटाने के लिए जीवनशैली)

4. खुद को अकेला समझना बंद करें -

जब आप वजन कम करने की कोशिश कर रहे हों, तब किसी से भी मदद मांगने से न डरें। आपके परिवार वाले और दोस्त आपका सहारा जरूर बनेंगे और आपके मनोबल को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ऐसा करना आपको वजन कम करने में बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। जिस चीज़ की आपको जरूरत है उसे पहचानें और अगर आप उसे खुद से नहीं पा सकते, तो अपने करीबी लोगों से मदद मांगें। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

5. कैलोरी की मात्रा का ध्यान रखें -

आप जितनी कैलोरी का सेवन कर रहे हैं, उसकी मात्रा को जरूर ध्यान में रखें। ऐसा नहीं है कि जो खाद्य पदार्थ दिखने में छोटे होते हैं, उनमें कैलोरी की मात्रा कम ही हो। तो इसलिए जब आप अनावश्यक रूप से स्नैक्स आदि लेते हैं या खाना बनाते समय जब आप उसका स्वाद चखने के लिए या मन करने पर थोड़ा बहुत खा लेते हैं, तो ये सब चीज़ें आपके द्वारा खाई गई कैलोरी की मात्रा को बढ़ा सकती हैं। तो कुछ भी सेवन करने से पहले हमेशा कैलोरी की मात्रा पर नज़र रखें। आप "फूड ट्रेकर" या "फूड स्केल" की मदद से कैलोरी की मात्रा का ध्यान रख सकते हैं। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)

6. ये सोचना बंद करें कि स्वस्थ आहार वजन कम करता है -

ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिन्हे सामान्य रूप से "स्वस्थ" माना जाता है। लेकिन इन खाद्य पदार्थों का बहुत अधिक सेवन भी आपका वजन बढ़ा सकता है। अमरीका की ‘युनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन’ में किये गए अध्ययन में ये खुलासा हुआ कि जब खाद्य पदार्थों पर 'ऑर्गनिक' लिखा होता है तो डाइटिंग कर रहे लोग उनका सेवन और अधिक करने लगते हैं। बस आपको इतना ध्यान में रखना है कि अगर खाद्य पदार्थ स्वस्थ है तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप उसका सेवन अधिक करेंगे। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के घरेलू उपाय)

ऐसा हो सकता है कि आपके मनपसंद खाद्य पदार्थ इस "स्वस्थ आहार" की श्रेणी में आते हों, लेकिन उनमें भी वसा और कैलोरी की मात्रा बेहद अधिक हो। उदहारण के लिए, एवोकाडो को स्वस्थ माना जाता है क्योंकि उसमें स्वस्थ वसा होती है, लेकिन उसमें कैलोरी की मात्रा भी उतनी ही अधिक होती है। अगर आप इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें, तो इन्हें नियंत्रित मात्रा में खाएं - इन्हे स्वस्थ समझ कर खाते ही न चले जाएँ। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

7. हमेशा बैठे न रहें -

एक रिसर्च से पता चला है कि गैर-व्यायाम वाली गतिविधियां आपकी 15 से 30% कैलोरी बर्न करती हैं। इन गतिविधियों को चिकित्सीय भाषा में "गैर-व्यायाम गतिविधि थर्मोजेनिसिस" (Non-exercise activity thermogenesis) कहा जाता है। जब आप अपने डेस्क या सोफे पर बैठे होते हैं तब इन गतिविधियों से कैलोरी बर्न होने की प्रक्रिया रुक जाती है।

अगर आप जानना चाहते हैं कि बिना एक्ससरसाइस किये वजन कैसे कम होता है या कैलोरी कैसे बर्न होती है, तो हर एक घंटे बाद उठें और चलें। खासकर तब जब आप ऑफिस में हो। लिफ्ट में जाने के बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें, फोन पर बात करते समय चेयर पर बैठने के बजाए चलें। इस तरह आप फिट भी रहेंगे और वजन को भी कम कर पाएंगे। (और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए एक्सरसाइज)

8. अपनी शारीरिक गतिविधियों पर नजर रखें -

वजन कम करने के प्रयास में लोग सबसे पहले जिम के सदस्य बन जाते हैं। लेकिन सिर्फ सदस्यता लेना पर्याप्त नहीं होता है, वहां आपको रोजाना व्यायाम भी करना पड़ेगा। और इसका हिसाब रखें कि आप वाकई कितनी देर जिम में व्यायाम कर रहे हैं। गाडी से जिम जाना और जिम के लिए कपड़े बदलना वर्कआउट समय में न गिनें। अगर आप वर्कआउट के समय पर नजर रखना चाहते हैं, तो अपने पास हार्ट रेट मॉनिटर (heart rate monitor) रखें। ये उपकरण आपकी वर्कआउट में की गयी मेहनत के बारे में बताएगा। साथ ही ये भी बताएगा कि आपने जिम में एक्ससरसाइज करने में कितना समय बिताया है। (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए योग)

9. व्यायाम शुरू करने के बात अधिक खाना शुरू न कर दें -

जब आप वर्कआउट शुरू करते हैं तब आपकी भूख अपने आप ही बढ़ने लगती है। लेकिन अगर आप वजन कम करन चाहते हैं, तो अधिक खाना न शुरू कर दें ये सोच कर कि इस अधिक खाने से आने वाली सारी कैलोरी आप वर्कआउट में बर्न कर देंगे। इसके बजाये, आप वर्कआउट के बाद स्वस्थ और लो कैलोरी स्नैक खा सकते हैं, जिससे आपकी भूख मिट सके। (और पढ़ें - रात में सोते हुए कैसें वजन कम करें)

10. कम बदलाव करके बड़े परिणामों की उम्मीद न रखें -

अगर आप वजन कम करने के लिए डाइट ढूंढने निकलें, तो आपको ऐसे कई मिथक मिल जाएंगे जो तेजी से वजन कम करने का वादा करते हैं। ये जान लीजिये कि ये सब चीज़े बिल्कुल भी काम नहीं करती। वजन कम करने के लिए सबसे स्वस्थ तरीका है कि आप छोटे-छोटे परिवर्तन लेकर आएं और उनका रोजाना पालन करें। वेट लॉस में समय लगता है, एकदम से जादू से वजन कम करने की उम्मीद न रखें।

(और पढ़ें - डाइटिंग के बिना वजन कम करने का तरीका)



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Saturday, March 17, 2018

मासिक धर्म का न आना या बंद हो जाना

मासिक धर्म महिलाओं में होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है। महिलाओं के शरीर के अंदर होने वाले बदलावों के कारण मासिक धर्म एक निश्चित चक्र के अनुसार होने वाली क्रिया है। आमतौर पर एक स्वस्थ महिला को मासिक धर्म हर 28 दिनों की अवधि में होते हैं, जबकि 21 से 35 दिनों के चक्र को भी इसमें सामान्य अवधि में ही गिना जाता है।

(और पढ़ें - मासिक धर्म में होने वाली परेशानियां - Period Problems in Hindi)

कई महिलाओं का मासिक धर्म चक्र नियमित अवधि में नहीं होता है। यह कभी देरी से तो कभी जल्दी भी हो सकता है। लेकिन कई महिनों तक लगातार मासिक धर्म का ना आना या असमय बंद होना, महिलाओं के शरीर में होने वाली कई समस्याओं की ओर इशारा करता है।

इस लेख में पीरियड्स (माहवारी) के न आने या बंद होने के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही यह भी बताया जाएगा कि इस समस्या के लक्षण और कारण क्या है। इसके अलावा इसका परीक्षण और इलाज के विषय में भी विस्तार से समझाया जाएगा।

(और पढ़ें -  मासिक धर्म जल्दी लाने के उपाय)



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Friday, March 16, 2018

इरफान खान को हुआ न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर, जानें क्या है ये

एंडोक्राइन प्रणाली क्या है?

शरीर की एंडोक्राइन प्रणाली (Endocrine system) उन कोशिकाओं से बनी होती है जो हार्मोन्स पैदा करती हैं। हार्मोन्स केमिकल पदार्थ होते हैं, जो खून के माध्यम से शरीर के आतंरिक अंगों और कोशिकाओं तक पहुँचते हैं। इन आंतरिक अंग और कोशिकाओं पर हॉर्मोन्स का विशेष प्रभाव होता है।

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर क्या और कैसे होता है?

एक ट्यूमर तब बनता है जब स्वस्थ कोशिकाओं में कुछ बदलाव आने के कारण वह नियंत्रण से बाहर होकर इतनी बढ़ जाएँ कि एक प्रकार के आतंरिक फोड़े (mass) का रूप धारण कर ले। ट्यूमर कैंसर-रहित या कैंसर-ग्रस्त हो सकता है।

कैंसर-ग्रस्त ट्यूमर घातक होते हैं। इसका मतलब होता है कि, गर समय पर ढूंढकर इनका इलाज ना किया जाए तो ये शरीर के अन्य हिस्सो में भी फैल सकते हैं। कैंसर-रहित या साधारण ट्यूमर का मतलब होता है कि ये खुद बढ़ सकते हैं, लेकिन शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते नहीं हैं। कैंसर-रहित ट्यूमर को बिना अधिक नुकसान के निकाला जा सकता है।

एंडोक्राइन ट्यूमर शरीर के उन हिस्सों में शुरू होता है जो हार्मोन बनाते और रिलीज (जारी) करते हैं। क्योंकि एंडोक्राइन ट्यूमर उस कोशिका में पैदा होता है जो हार्मोन का उत्पादन करती है, इसलिए यह ट्यूमर भी हार्मोन का उत्पादन कर सकता है। इससे गंभीर बीमारी हो सकती है।

न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर शरीर की न्यूरोएंडोक्राइन प्रणाली (Neuroendocrine system) की हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं में शुरू होता है। न्यूरोएंडोक्राइन प्रणाली हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं और तंत्रिका कोशिकाओं का संयोजन होती है। न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाएं पूरे शरीर में पाई जाती हैं, जैसे फेफड़े और जठरांत्र पथ (इसमें पेट और आंत शामिल हैं)। न्यूरोएंडोक्राइन कोशिकाएं विशिष्ट कार्य करती हैं, जैसे फेफड़ों के अंदर खून और हवा के प्रवाह को विनियमित करना और यह नियंत्रित करना कि भोजन कितनी गति से जठरांत्र पथ से गुजरता है।

(और पढ़ें - ब्रेन ट्यूमर कैसे होता है)



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हाई कोलेस्ट्रॉल डाइट चार्ट

अधिक वसा वाले खाद्य पदार्थों को खाने से आपके रक्त में एलडीएल (LDL) या खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है, जिसे हाई कोलेस्ट्रॉल या कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाना कहते हैं। खराब कोलेस्ट्रॉल या एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होने पर एचडीएल या अच्चे कोलेस्ट्रॉल कम होने लगता है। हाई कोलेस्ट्रॉल के मरीज अक्सर इस परेशानी का सामना करते हैं कि कौन सा आहार अपनाना चाहिए और कौन सा आहार नहीं अपनाना चाहिए। इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसे डाइट प्लान, जिसे अपनाकर आप हाई कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकते हैं।

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल कम करने के उपाय)



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शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए

शुक्राणु की कुल संख्या या कुल शुक्राणु, वीर्य या स्पर्म के एक सैम्पल में मौजूद कुल शुक्राणुओं की संख्या को दर्शाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्रति मि.ली. वीर्य में 1.5 करोड़ शुक्राणु होना चाहिए या एक सैम्पल में 3.9 करोड़ शुक्राणु मौजूद होना, अच्छे शुक्राणु काउंट की पहचान है। प्रति मि.ली. वीर्य में 1 करोड़ से कम शुक्राणु की संख्या अच्छा शुक्राणु काउंट नहीं माना जाता है। शुक्राणु के माध्यम से पुरूषों की प्रजजन शक्ति का पता लगाया जाता है। बच्चा पैदा करने के लिए मजबूत या शक्तिशाली शुक्राणु की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें - वीर्य कैसे बनता है)

शुक्राणु स्त्री के अंडाणु से संयोग करके गर्भ में परिवर्तित हो जाता है। वीर्य में शुक्राणुओं की कमी या कमजोर शुक्राणु होने पर आपकी प्रजजन शक्ति कमजोर होती है। आज भारतीयों में शुक्राणु की कमी होना एक सामान्य समस्या बन चुकी है और अधिकतर लोग शुक्राणु बढ़ाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं। इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि शुक्राणु बढ़ाने के लिए क्या-क्या खाना चाहिए और क्या-क्या करना चाहिए। 

(और पढ़ें - शुक्राणु बढ़ाने के घरेलू उपाय)



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लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं और परहेज

आपने हाई बीपी या हाइपरटेंशन के बारे में बहुत सुना होगा, लेकिन लो बीपी या हाइपोटेंशन भी हाई बीपी की तरह एक खतरनाक बीमारी है। लो बीपी में आपके ब्लड प्रेशर का स्तर 120 एचजी (Hg) से कम और 80 एचजी (Hg) से अधिक होता है। लो बीपी या हाइपोटेंशन हृदय, मस्तिष्क और अन्य महत्वपूर्ण अंगों में सही तरीके से रक्त का प्रवाह न होने की वजह से होता है। यह अक्सर देखने को मिलता है कि जब बीपी के मरीज बिस्तर पर लेटा होता है या कहीं पर बैठा होता है तब उसके ब्लड प्रेशर में अचानक गिरावट आती है। इस स्थिति में आपको हल्कापन या चक्कर आना जैसी समस्या होती है। यदि आप इस तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और जल्द से जल्द इलाज करवाएं।

(और पढ़ें - हाई बीपी में क्या खाना चाहिए)

हालांकि, इलाज के साथ-साथ खाने-पीने पर ध्यान देना भी लो बीपी में बहुत उपयोगी है। इसलिए लो बीपी के मरीजों को यह पता होना चाहिए कि इस बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। इसके साथ ही साथ आपको इसमें परहेज के बारे में भी पता होना चाहिए।

(और पढ़ें - लो बीपी के घरेलू उपाय)



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Thursday, March 15, 2018

भूलने की बीमारी

भूलने की बीमारी क्या है ?

भूलने की बीमारी तब होती है जब एक व्यक्ति उसकी याददाश्त में मौजूद जानकारी को याद नहीं रख पाता है।
थोड़े भुलक्कड़ होना भूलने की बीमारी होने से पूरी तरह से अलग है। भूलने की बीमारी जानकारी को एक बड़े पैमाने पर भूलने को संदर्भित करता है, जो भूलना नहीं चाहिए था।


इसमें जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से, यादगार घटनाएं, जीवन में प्रमुख व्यक्ति और महत्वपूर्ण बातें शामिल हो सकती हैं।
अपनी पहचान को भूलना फिल्मों और टेलीविज़न में एक आम समस्या के रूप में दर्शाया जाता है, लेकिन यह आमतौर पर वास्तविक जीवन में नहीं होता। इसके बजाय, भूलने की बीमारी से ग्रस्त लोग आमतौर पर खुद को याद रखते हैं लेकिन, उन्हें कोई नई जानकारी सीखने और नई यादें बनाने में परेशानी हो सकती है।

(और पढ़ें - याददाश्त कमजोर होने का इलाज)

भूलने की बीमारी मस्तिष्क के उन क्षेत्रों को नुकसान पहुंचने से हो सकती है जो याददाश्त के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। भूलने की बीमारी स्थायी हो सकती है।

भूलने की बीमारी का कोई विशेष उपचार नहीं है, लेकिन याददाश्त बढ़ाने और मनोवैज्ञानिक तकनीकों से भूलने की बीमारी से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को इससे निकलने में सहायता की जा सकती है।

(और पढ़ें - मानसिक रोग दूर करने के उपाय)



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कान बहना

कान बहना क्या होता है ?

कान बहने का मतलब है कान से एक तरल पदार्थ का रिसाव होना। इसे ओटोरिया भी कहा जाता है।
अधिकांश मामलों में आपके कान से वैक्स का रिसाव होता है। यह एक तेल होता है, जो शरीर में स्वाभाविक रूप से बनता है। इसका काम यह सुनिश्चित करना है कि धूल, बैक्टीरिया या अन्य पदार्थ आपके कान में न जा पाएं।

हालांकि, कुछ अन्य स्थितियों, जैसे कि कान के परदे के फटने से आपके कान से रक्त या अन्य तरल पदार्थों का रिसाव भी हो सकता है। यह इस बात का संकेत है कि आपके कान में चोट लगी है या संक्रमण है और आपको तुरंत चिकित्सा लेने की आवश्यकता है।

(और पढ़ें - संक्रमण का इलाज)

कान से रिसाव सामान्य, खूनी और सफेद हो सकता है, जैसे मवाद। रिसाव के कारणों पर निर्भर करते हुए, लोगों को कान में दर्द, बुखार, खुजली, वर्टिगो, कान बजना और सुनाई देना बंद होना हो सकता है।

(और पढ़ें - कान में दर्द क्यों होता है)



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लिवर खराब

लिवर खराब होना क्या होता है ?

लिवर, शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग होता है और शरीर में कई अलग-अलग कार्य करता है। लिवर आपके खाने और पीने की सभी चीजों की प्रक्रिया करता है। आपका लिवर आपके शरीर के उपयोग के लिए भोजन और पेय पदार्थों को ऊर्जा और पोषक तत्वों में परिवर्तित करता है। यह आपके रक्त में से हानिकारक पदार्थों को फिल्टर करता है और आपके शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।

(और पढ़ें - संक्रमण का इलाज)

लिवर खराब तब माना जाता है जब लिवर के बड़े हिस्से खराब हो जाते हैं और उनका इलाज संभव नहीं होता है एवं लिवर कार्य करने में सक्षम नहीं रहता है।

लिवर खराब होना एक आपातकालीन स्थिति है, जिसे तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। अक्सर, लीवर धीरे-धीरे कई सालों में खराब होता है। हालांकि, लिवर खराब होने का एक तीव्र प्रकार होता है (जो दुर्लभ है) तथा इसमें लिवर तेजी से खराब होता है और शुरू में इसका पता लगाना मुश्किल होता है।

(और पढ़ें - जिगर को साफ रखने के लिए आहार)



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Tuesday, March 13, 2018

मासिक धर्म का कम आना

मासिक धर्म महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया उनकी प्रजनन क्षमता से संबंध रखती है। हर महिला को अपने पीरियड्स से जुड़ी सभी बातों के बारे में बारीकि से ध्यान रखना चाहिए। हर महिला में मासिक धर्म चक्र अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा उनके मासिक धर्म में रक्त का स्त्राव भी कम या ज्यादा हो सकता है। आमतौर में हर 21 से 35 दिनों की अवधि के पश्चात महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) होते हैं। सामान्यतः माहवारी में रक्त स्त्राव दो से सात दिनों तक हो सकता है। हालांकि यह अवधि शारीरिक बदलाव के कारण बदल सकती है। महिलाओं के नियमित मासिक धर्म चक्र में जब रक्त स्त्राव कम हो या रक्तस्त्राव कम दिनों के लिए हो तो इसको मासिक धर्म कम आना कहा जाता है। मासिक धर्म में होने वाली अनियमितताएं महिलाओं के लिए समस्या का कारण बन जाती हैं। समाज में इस बारे में खुलकर बात नहीं की जाती है, इसी कारण महिलाओं के मन में मासिक धर्म को लेकर कई तरह के सवाल कभी सुलझ नहीं पाते हैं। महिलाओं की इसी परेशानी को देखते हुए आपको मासिक धर्म का कम आना, मासिक धर्म में कम आने के लक्षण, कारण, इलाज और जटिलताओं के बारे में बताया जा रहा है।

(और पढें - मासिक धर्म जल्दी लाने के उपाय)



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Monday, March 12, 2018

कर्ड शोरबा सूप रेसिपी

वजन कम करने के लिए कर्ड शोरबा बहुत ही बेहतरीन सूप माना जाता है। हमने इस सूप में टमाटर, कम वसा वाले दही, प्याज और खीरे को मिलाया है, जिससे कैलोरी की मात्रा कम रहे।



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मूंग दाल और गाजर सूप रेसिपी

एक बेहतरीन स्वस्थ सूप रेसिपी जिसमे मूंग दाल और गाजर का मिश्रण मिला हुआ है। इन फायदेमंद सब्ज़ियों का मेल आपके स्वास्थ में तो बदलाव लाता ही है, साथ ही आपके आहार में भी बदलाव लेकर आता है।



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लहसुन और सब्जियों के सूप की रेसिपी

लहसुन और अन्य सब्जियों से बना सूप आपके स्वास्थ के लिए बेहद लाभदायक होता है। इस स्वादिष्ट सूप में ओट्स का भी मिश्रण होता है जो फाइबर से समृद्ध होता है।



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लाल मसूर सूप रेसिपी

लाल मसूर से बना ये सूप आपके शरीर को कई पोषक तत्व देने में मदद करेगा, क्योंकि इस दाल में प्रोटीन और विटामिन होते हैं जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।



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मक्के और हरी मटर सूप रेसिपी

ये स्वस्थ सूप रेसिपी मक्के और हरी मटर से बनाई जाती है। इस रेसिपी में मौजूद हरी मटर सूप को गाढ़ा करती है और इसमें काफी मात्रा में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन् भी पाए जाते हैं। 



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Friday, March 9, 2018

बेहद असरदार हैं ये तरीके हिप्स को कम करके अच्छी शेप में लाने के लिए

अगर आप अपने हिप्स को कम करना और शेप में लाना चाहते हैं तो नीचे दी गई वीडियो में दिखाई गई एक्सरसाइज आपके बहुत काम आएंगी।

  1. पहले आप एक मैट पर लेट जाएँ और हाथ साइड पर रख लें। अब आप सांस लेते हुए इस मुद्रा में रहें और सांस छोड़ते हुए अपने शरीर को छाती के नीचे हिस्से से ऊपर उठायें, फिर वापिस लाएं। आपको सिर्फ शरीर को ऊपर उठाना और नीचे लाना ही नहीं है, आपको बहुत आराम से अपने छाती के नीचे की हर कशेरुका (vertebrae) को रोल करते हुए ऊपर उठना है और वैसे ही नीचे आना है। अब इस एक्सरसाइज को कुछ मिनट दोहराएं। ध्यान रखें कि एक्सरसाइज करते हुए न बहुत ज़्यादा ऊपर शरीर को उठायें, न ही बहुत नीचे। साथ ही एक्सरसाइज को करते समय हिप्स को टाइट रखें और अपने पेट को टाइट अंदर दबा कर रखें। इससे आप अपने मैट में धसेंगे नहीं, बल्कि एक सर्कुलर गैप आपके और आपके मैट के बीच में हमेशा बना रहेगा जो की ज़रूरी है। अब इस एक्सरसाइज को दूसरे पैर से करें। (और पढ़ें - हिप्स कम करने के योगासन)
  2. ऊपर वाली एक्सरसाइज को कुछ देर करने के बाद अपने शरीर को ऊपर उठाकर उसी पोजीशन में रहें और शरीर को एक मोशन में ऊपर ले जाएं, नीचे लाएं। हिप्स को टाइट रखें। अब आप अपने हिप्स और अपने हैमस्ट्रिंग्स में एक जलन महसूस करेंगे। यह बहुत ही अच्छे एक्सरसाइजस हैं आपके बट्स के लिए। इनसे न सिर्फ आप उन्हें शेप और टोन कर पाएंगे बल्कि उनकी स्ट्रेंथ को भी बढ़ा पाएंगे।
  3. अब आप एक साइड में होकर लेट जाएँ। एक हाथ के ऊपर सिर रखें, दूसरा साइड में रखें। आप अपने एक पैर को लगातार मोशन में ऊपर उठायें और नीचे लाएं। पैर ऊपर उठाते हुए सांस छोड़ें और नीचे लाते हुए सांस लें। ये ध्यान दें कि आपके हिप्स टाइट हों। जितना टाइट होंगे, उतना आप पैर को कम ऊपर उठा पाएंगे। अब आपने जिस पैर को ऊपर उठा रखा है, उसको सर्कुलर मोशन में क्लॉकवाइज़ और फिर एंटी-क्लॉकवाइज़ घुमाएं। ये ध्यान दें कि इन एक्सरसाइज को करते समय अपने पेट को टाइट अंदर दबा कर रखें। इससे आप अपने मैट में धसेंगे नहीं, बल्कि एक सर्कुलर गैप आपके और आपके मैट के बीच में हमेशा बना रहेगा जो की ज़रूरी है। अब इस एक्सरसाइज को दूसरे पैर से करें। (और पढ़ें - हिप्स कम करने के लिए एक्सरसाइज)
  4. अगली एक्सरसाइज के लिए आप अपने हाथ आगे मैट पर लाएं और घुटनों के बल उल्टा होकर मैट पर बैठ जाएँ। अब आप सांस छोड़ते हुए अपने एक पैर को पीछे ले जाएँ और सांस लेते हुए वापिस उसी मुद्रा में आ जाएँ। दस बार ऐसा करने के बाद पैर को ऊपर की तरफ मोशन में लेते जाएँ। ऐसा दस बार करने के बाद उसे क्लॉकवाइज़ और फिर एंटी-क्लॉकवाइज़ घुमाएं। पूरे समय अपने हिप्स को टाइट रखें और अब दूसरे पैर से भी यही करें। इन एक्सरसाइज को करने के बाद पैरों को स्ट्रेच ज़रूर करें, हर स्ट्रेच को 10-15 सेकंड के लिए ज़रूर करें। यह एक्सरसाइज बहुत ही असरदार हैं और ये आपके बट्स को टोन और शेप करने में आपकी मदद ज़रूर करेंगी।

और पढ़ें – हाथों की चर्बी कैसे कम करें

(और पढ़ें - हिप्स कम करने के उपाय)



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Thursday, March 8, 2018

चिकनगुनिया के घरेलू उपाय

चिकनगुनिया एक वायरल रोग है जो मच्छरों से फैलता है। चिकनगुनिया के लक्षण में उच्च बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मतली और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। इस बीमारी के लिए कोई इलाज नहीं है। लेकिन फिर भी इस बीमारी से उबरने में आहार की विशेष भूमिका होती है। यदि आप इस बीमारी में सही आहार का सेवन कर रहे हैं और साथ ही आप कुछ घरेलू उपाय अपनाएं तो आप इस बीमारी के कहर को काफी हद तक कम कर सकते हैं। चिकनगुनिया के बाद दर्द का इलाज और इसके दुष्‍प्रभाव से उबरने में सहायता के लिए आप इन घरेलू उपायों का उपयोग कर सकते हैं –



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जानिए कैसे इस महिला ने सी.आई.सी.ओ. डाइट की मदद से 40 किलो वजन किया कम

अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो ये लेख आपके लिए है। यहाँ बताया गया तरीका आप आसानी से अपना सकते हैं और इससे आप वजन ज़रूर कम होगा, वो भी बिना कोई ज़्यादा प्रयास किये।

एक महिला, जो कई सालों से "इमोशिनल ईटिंग" (यानि तनाव, चिंता, दुःख आदि की वजह से अधिक खाने की लत लगना) कर रही थीं और जिसकी वजह से उनका वजन बहुत बढ़ गया था, उन्होंने या तरीका अपनाया। वह बताती हैं कि सिर्फ छः महीनों में उन्होंने 40 किलो वजन कम कर लिया और पेट की चर्बी को भी तेज़ी से घटा दिया। इन महिला का कहना है कि उनकी वजन कम करने की यात्रा अधिकतर सी.आई.सी.ओ. (CICO) डाइट पर आधारित थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

आइये आपको आगे बताते हैं इन्होने कैसे किया सी.आई.सी.ओ. (CICO) डाइट से वजन कम –

सी.आई.सी.ओ. (CICO)​ डाइट क्या है –

सी.आई.सी.ओ. का मतलब होता है, "कैलोरी अंदर, कैलोरी बाहर" (calorie in, calorie out)। सरल शब्दों में इस डाइट में आपको कैलोरी की गणना करनी होती है, यानी जितनी कैलोरी आप पूरे दिन में लेते हैं, उतनी कैलोरी आप शारीरिक गतिविधि में खर्च कर देते हैं।

सी.आई.सी.ओ., या कैलोरी की गणना वाली डाइट, वजन कम करने का एक लोकप्रिय तरीका है। पतला होने के लिए इस डाइट को दुनियाभर में कई लोग अपना चुके हैं।

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए डाइट चार्ट)

कैसे किया इन्होने वजन कम –

इन्होने इंटरनेट पर अपने वजन कम करने से पहले और बाद की फोटो शेयर की जो हमने आपके लिए ऊपर लगाई है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि वो एक मोबाइल ऐप की मदद से कैलोरी के सेवन और कैलोरी बर्न की प्रक्रिया पर नज़र रखती थीं। लेकिन बाद में उन्होंने ने इस एप का इस्तेमाल करना बंद कर दिया क्योंकि वो वजन, कैलोरी आदि से जुडी सभी गणना खुद अपने दिमाग में ही कर लेती थीं।

उन्होंने ये भी कहा कि वो पूरे दिन में कई बार थोड़ा थोड़ा खाने की बजाए एक ही बार में ही ठीक से पौष्टिक खाना खाती थीं। इसके आलावा वो एक्सरसाइज भी अवश्य करती थीं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)

इन्होने ये भी कहा कि, "अगर आप सच में पतला होना चाहते हैं तो अपने लिए छोटे-छोटे निर्णय लेना ज़रूरी होता है जैसे, अगर कुछ ही दूरी पर जाना है तो रिक्शा/ स्कूटर/ गाडी में जाने की बजाए पैदल चलें।"

वो आगे कहती हैं कि "कैलोरी बर्न के दौरान खुदको अच्छा महसूस कराने के लिए वर्कआउट एक बहुत ही अच्छा तरीका है। घर में रखे चिप्स को खाने की बजाए अगर आप खुद को व्यायाम करने के लिए प्रेरित करते हैं तो ये आप ही के लिए फायदेमंद होगा।"

तो, वजन कम करने की प्रक्रिया सिर्फ और सिर्फ अधिक परिश्रम वाली एक्ससरसाइस या खाना ही नहीं है, इसमें बस आपको अपने खाने या शारीरिक गतिविधियों में कुछ छोटे-छोटे बदलाव करने की ज़रूरत पडती है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए व्यायाम​)

सावधानी: कई विशेषज्ञों का तर्क है कि CICO वेट लॉस डाइट बस एक मिथक है। इस या किसी भी अन्य डाइट को अपनाने से पहले आप अपने डॉ से ज़रूर परामर्श करें। 



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Tuesday, March 6, 2018

उल्टी और मतली को रोकने के घरेलू उपाय

उल्टी आम तौर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्या नहीं है। अक्सर यह अस्थायी समस्या से जुडी आपके शरीर की प्रतिक्रिया होती है। उल्टी से जुड़े कुछ आम कारण हैं जैसे ज़्यादा खा लेना, बहुत अधिक शराब पी लेना, पेट में फ्लू, तनाव, गर्भावस्था आदि शामिल हैं।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में पेट दर्द करना)

मतली और उल्टी की समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे जिनके इस्तेमाल से आपको उल्टी और मतली की समस्या नहीं होगी।



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हाई कोलेस्ट्रॉल कम करने के घरेलू उपाय

हाई कोलेस्टरॉल अक्सर अस्वास्थ्यकर जीवनशैली के कारण होता है जैसे आहार में संतृप्त वसा का सेवन करना और पर्याप्त शारीरिक गतिविधि की कमी होना। मोटापा, धूम्रपान, अत्यधिक शराब, उम्र बढ़ने, आनुवंशिक और मुख्य स्थितियां जैसे शुगर, हाई बीपी, किडनी रोग और लीवर से जुड़े रोग हाई कोलेस्टरॉल की समस्या को और भी ज़्यादा बढ़ाते हैं।

आपके रक्त में कोलेस्ट्रॉल एक वसायुक्त पदार्थ है जो कोशिकाओं के निर्माण और बनाए रखने के लिए आवश्यक है साथ ही ये सूर्य की ऊर्जा को विटामिन डी में परिवर्तित करता है और अन्य महत्वपूर्ण कार्य करने में भी मदद करता है। हालांकि, कोलेस्ट्रॉल का उच्च स्तर जिसे हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया भी कहा जाता है आपके शरीर के लिए  अस्वस्थ और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। कोलेस्ट्रॉल धमनी की दीवारों के साथ जमा हो जाती है जिसकी वजह से हृदय रोग विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।

आमतौर पर, रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 200 मिलीग्राम / डीएल (रक्तचाप प्रति मिलीमीटर) से कम होना चाहिए। 200 और 239 मिलीग्राम / डीएल के बीच कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज़्यादा माना जाता है, और जब यह 240 या उच्च एमजी / डीएल तक बढ़ जाता है तो इसे हाई कोलेस्टरॉल माना जाता है। ज्यादातर, लिपिप्रोटीन प्रोफाइल नामक एक टेस्ट कोलेस्ट्रॉल के स्तर का कुल कोलेस्ट्रॉल जांचने के लिए लिया जाता है। इसमें एचडीएल, एलडीएल और वीएलडीएल की संयोजित मात्रा देखी जाती है।

इनमें एचडीएल या उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन को अच्छा माना जाता है क्योंकि यह लीवर में कोलेस्ट्रॉल लेता है जहां इसे कम किया जा सकता है। आपके शरीर को पूरी तरह से कार्य करने के लिए एचडीएल की एक निश्चित मात्रा की आवश्यकता होती है जो कि एक बहुत अच्छी बात है। एचडीएल के निम्न स्तर वाले लोगों को हृदय रोग का खतरा अधिक बड़ जाता है। दूसरी तरफ एलडीएल या कम घनत्व लेपोप्रोटीन को शरीर के लिए बुरा माना जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल धमनियों की आंतरिक दीवार में एकत्रित हो जाता है साथ ही रक्त वाहिकाओं को संकुचित करने का भी कारण बनता है। (और पढ़ें - हाई कोलेस्ट्रॉल के लक्षण, कारण, उपचार, दवा और निदान)

तो आज हम आपको कोलेस्ट्रॉल को सामान्य रखने के लिए कुछ घरेलु उपायों के बारे में बताएंगे जिनके उपयोग से आपको कभी हाई कोलेस्टरॉल नहीं होगा।



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एनीमिया (खून की कमी) के घरेलू उपाय

एनीमिया (खून की कमी) तब होता है जब शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं की संख्यां कम होने लगती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं का काम हीमोग्लोबिन बनाना होता है। लोहा रक्त कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करता है। जब आप एनीमिया से पीड़ित होते हैं तब रक्त आपके अंगों और ऊतकों को उचित ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं दे पाता। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, जिन पुरुषों में 13 ग्राम प्रति डेसीलीटर से शरीर में हीमोग्लोबिन है उनमे रक्त की कमी है। महिलाओं के लिए 12 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होना रक्त की कमी माना जाता है। 

एनीमिया कई प्रकार का होता है लेकिन निर्भर करता है उसके क्या कारण है और किस तरह के लक्षण हैं। महिलायें और जो लोग पुरानी बिमारियों से झूझ रहें होते हैं उनको एनीमिया का खतरा सबसे ज़्यादा होता है। मासिक धर्म, गर्भावस्था, अल्सर, कैंसर, खून बहने की परेशानी, अन्य पुरानी बीमारियां, लोहे की कमी, फोलिक एसिड, विटामिन बी 12 जैसी कमी के दौरान एनीमिया हो सकता है। कुछ प्रकार के एनीमिया अनुवांशिक भी होते हैं।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में पेट दर्द हो तो क्या करे)          

एनीमिया के आम लक्षण थकान, पीली त्वचा, तेज या अनियमित दिल की धड़कन, ऊर्जा की कमी, बालों का झड़ना और हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर। आप आसानी से कुछ प्रकार के एनीमिया का इलाज घरेलु उपचारों से रोक सकते हैं। जब तक आपके हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य न हो जाए तब तक इन उपायों का पालन करें। 

(और पढ़ें – थकान दूर करने के घरेलू उपाय)

एनीमिया के लिए हम आपको घरेलू उपचारों के बारे में बताएंगे -



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दमा (अस्थमा) के घरेलू उपाय

अस्थमा एक गंभीर श्वसन विकार है जो न केवल हमारे श्वसन संबंधी स्वास्थ्य पर बल्कि दैनिक कार्यों को पूरा करने की हमारी क्षमता पर भी गहरा प्रभाव डालता है। यह सांस, ठंड, खाँसी, घरघराहट, सिरदर्द, छाती की रुकावट और दर्द की तकलीफ का कारण है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अस्थमा के लक्षण आसानी से कंट्रोल किए जा सकते हैं। अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए आपको बहुत ही कम देखभाल ज़रूरी है। कुछ घरेलू उपायों का उपयोग करके आप अस्थमा को कंट्रोल कर सकते हैं।

दैनिक रूप से इन सरल घरेलू उपायो का पालन करें और अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए दवाओं और इनहेलर पर निर्भरता को कम करें।

(और पढ़ें - दादी माँ के घरेलू नुस्खे)



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गठिया (आर्थराइटिस) के घरेलू उपाय

गठिया एक दर्दनाक रोग है और इसका दर्द हल्के से शुरू होकर गंभीर हो सकता है। आधुनिक चिकित्सा के अनुसार खून में यूरिक एसिड की अधिक मात्रा होने से गठिया रोग होता है। जब हड्डियों के जोडो़ में यूरिक एसिड जमा हो जाता है तो वह गठिया का रूप ले लेता है। इसमें रोगी के जोड़ों में दर्द, अकड़न और सूजन हो जाती है। इस रोग में जोड़ों में गांठें बन जाती है। इसलिए इस रोग को गठिया कहा जाता है। तो आइए जानते हैं गठिया के दर्द से निजात पाने के कुछ घरेलू उपाय -

(और पढ़ें - दादी माँ के घरेलू नुस्खे)



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Saturday, March 3, 2018

डाइट केक रेसिपी

डाइट केक दिखने में बेहद अलग और खाने में बहुत स्वादिष्ट होता है। ये वजन कम करने वाले लोगों के लिए बहुत उपयोगी है क्योंकि इसमें घी और चीनी को नहीं मिलाया जाता। बल्कि शुगर से पीड़ित लोग भी इस मिठाई का मज़ा लूट सकते हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाये)

आइये आपको बताते हैं डाइट केक कैसे बनाएं –



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केसरी मलाई पेड़ा रेसिपी

मलाई पेड़ा कई पेड़ों में से सबसे लोकप्रिय मिठाई मानी जाती है। पेड़ा आमतौर से खोया, चीनी, केसर आदि से बनाया जाता है। इसमें इलायची का भी मिश्रण मिलाया जाता है। इस मिठाई को आप किसी भी त्यौहार पर आराम से बना सकते हैं।

आइये आपको बताते हैं मलाई पेड़ा कैसे बनाएं –



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मिक्स फ्रूट गुजिया रेसिपी

गुजिया मैदे से बनने वाली स्वादिष्ट मिठाई मानी जाती है, जिसमे खोया और सूखे मेवे का मिश्रण होता है। इन्हे बनाने के बाद घी में तला जाता है और चीनी के मिश्रण में डुबोया जाता है। इसे खासतौर पर लोग भारत में होली के मौके पर बनाते हैं। लेकिन अगर आप शुगर फ्री और स्वस्थ गुजिया खाने की सोच रहे हैं तो आज हमारे द्वारा बताने वाली गुजिया आपके लिए बेहद फायदेमंद होगी। इसमें कई फलों का मिश्रण होगा और सूखे मेवे होंगे। तो अब आपको कैलोरी गिनने की ज़रूरत नहीं है, बस इस मिठाई को शौक से खाइये।

आइये आपको बताते हैं मिक्स्ड फ्रूट गुजिया कैसे बनाये –



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