Thursday, May 31, 2018

एंटी एजिंग क्रीम

झुर्रियों, झाइयों, फाइन लाइन्स, डार्क सर्कल आदि जैसी बढ़ती उम्र के लक्षण को कम करने के लिए आप रोज कोई न कोई उत्पाद इस्तेमाल करते होंगे। लेकिन इन उत्पादों का असर ज्यादा समय के लिए नहीं रहता और आपको इन्हें बार-बार इस्तेमाल करना पड़ता है। आज से आप इन उत्पादों का इस्तेमाल करना बंद कर दीजिये, क्योंकि इनका ज्यादा इस्तेमाल आपकी त्वचा को और नुकसान पहुंचा सकता है।

अब आप सोच रहे होंगे कि इन त्वचा संबंधी समस्याओं को कम करने के लिए फिर क्या इस्तेमाल करें। तो यहां आपके लिए कुछ एंटी एजिंग क्रीम बताई गयी हैं। इस लेख में बताई गयी क्रीम आप घर में रखी सामग्रियों से आसानी से बना सकती हैं। ये क्रीम एंटी-एजिंग तो हैं ही, साथ ही त्वचा को कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो चलिए फिर बताते हैं कुछ बेस्ट एंटी एजिंग क्रीम –



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कील मुंहासे की बेस्ट क्रीम

कील मुहांसे आपकी त्वचा को बदसूरत बना देते हैं। मुहांसे तब होते हैं जब मृत कोशिकाएं और वसामय ग्रंथियाँ (sebaceous glands) बालों की रोम और बड़े छिद्रों को बंद कर देती हैं। बैक्टीरिया छिद्रों में भी पहुंचकर मुहांसों का कारण बनते हैं और आखिर में त्वचा पर दाग छोड़ जाते हैं।

(और पढ़ें – पिम्पल्स हटाने के घरेलू उपाय)

कील मुहांसे त्वचा संबंधी बहुत ही आम समस्या है, जिससे कई लोग परेशान रहते हैं। कील मुहांसे आपके चेहरे, कंधे, कमर, गर्दन, छाती और बाजु पर कही भी हो सकते हैं। इनसे आपको डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन इनका इलाज भी बेहद जरूरी है।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो चलिए आपको बताते हैं कील मुहांसों के लिए बेस्ट क्रीम। ये क्रीम आपके कील मुहांसों को तो दूर करेंगी ही, साथ ही मुहांसों के निशान का भी सफाया करेंगी।



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ग्लूकोज के फायदे और नुकसान

आप ग्लूकोज को शायद रक्त शर्करा (blood sugar) के नाम से जानते हों। ग्लूकोज शरीर के सभी अंगों के कार्यों को सही तरह से करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा जब सही होती है, तो हम इस पर बिलकुल ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन जब यह स्तर ज्यादा या कम हो जाता है, तो आपको कई तरह की समस्याएं होने लगती हैं।

ग्लूकोज एक तरह का कार्बोहाइड्रेट होता है, जो मोनोसैक्राइड कार्बोहायड्रेट (monosaccharides) की श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि इसमें चीनी का एक ही अणु होता है। अन्य मोनोसैक्राइड हैं फ्रक्टोज, गैलेक्टोज और रिबोस (fructose, galactose, and ribose)।

वसा के अलावा ग्लूकोज कार्बोहाइड्रेट शरीर के लिए ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्त्रोत है। आप रोटी, फल, सब्जियां और डेयरी उत्पादों से ग्लूकोज प्राप्त कर सकते हैं।

इसके महत्त्व को देखते हुए आपको ग्लूकोज के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इस लेख में आप जानेंगे कि ग्लूकोज क्या है, ग्लूकोज के फायदे, ग्लूकोज के नुकसान, इसका सामान्य स्तर कितना होना चाहिए और ग्लूकोज के कुछ स्त्रोत के बारे में भी बताया जा रहा है।

(और पढ़ें - मिनरल की कमी के लक्षण)



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Wednesday, May 30, 2018

हीमोग्लोबिन

हीमोग्लोबिन लाल रक्त कोशिकाओं में पाए जाने वाला प्रोटीन का एक प्रकार होता है, जिसमें आयरन (लोह) का एक अणु मौजूद होता है।

हीमोग्लोबिन फेफड़ों से शरीर के ऊतकों तक ऑक्सीजन ले जाने और कार्बन डाइऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक पहुंचाने का काम करता है। ऑक्सीजन के बिना सक्रिय शरीर की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। रक्त संचार और शरीर के सभी अंगों के कार्यों के लिए ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है, जिसमें हीमोग्लोबिन अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

हीमोग्लोबिन के इसी महत्व के चलते आपको हीमोग्लोबिन के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आप जानेंगे कि हीमोग्लोबिन क्या है और इसके कार्य, हीमोग्लोबिन का स्तर, हीमोग्लोबिन की अधिकता के नुकसान, हीमोग्लोबिन के स्त्रोत, आदि।

(और पढ़ें - एनीमिया का इलाज)



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इंसुलिन

इंसुलिन शरीर में बनने वाला एक तरह का हार्मोन होता है। यह शरीर में रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने का काम करता है। इंसुलिन की कमी या इन्सुलिन का सही तरह से कार्य न कर पाने से डायबिटीज के लक्षण विकसित होने लगते हैं।

इंसुलिन न सिर्फ आपके रक्त में ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है, बल्कि यह वसा (फैट) को संरक्षति करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके साथ ही मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया के लिए भी यह आवश्यक होता है। शरीर को शक्ति प्रदान करने के लिए रक्त के माध्यम से कोशिकाओं में ग्लूकोज पहुंचाने का काम इंसुलिन की मदद से ही पूरा होता है। शरीर की ऊर्जा को बनाए रखने में इन्सुलिन का अपना महत्व होता है। 

इन्सुलिन के महत्त्व को ध्यान में रखते हुए आपको इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इस लेख में आप जानेंगे कि इन्सुलिन क्या है, इंसुलिन की खोज कैसे की गई, इंसुलिन कैसे बनता है, इंसुलिन के कार्य और डायबिटीज में इन्सुलिन का प्रयोग आदि। 

(और पढ़ें - डायबिटीज में क्या करें)



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झुर्रियां हटाने की क्रीम

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है त्वचा से संबंधित समस्याएं बढ़ने लगती हैं। 30 साल की उम्र के बाद आपकी त्वचा में कोलाजेन (collagen: स्किन के लिए एक ज़रूरी प्रोटीन) और इलास्टिन (elastin: स्किन को उसकी लोच देना वाला एक प्रोटीन) के स्तर में कमी आने लगती है। यह दो प्रोटीन आपकी त्वचा को मुलायम और जवान बनाने में मदद करते हैं। और अगर तनाव के भी शिकार हैं तो इनकी कमी आपकी त्वचा को और भी खराब बना देती है। इस तरह आपकी त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं और आप बहुत जल्दी बूढ़े लगने लगते हैं।

(और पढ़ें - तनाव कम करने के उपाय)

बाजार में कई उत्पाद मौजूद हैं जो झुर्रियों को कम करने का दावा करते हैं। लेकिन ऐसे उत्पाद काफी महंगे हो सकते हैं, केमिकल पर आधारित होने के कारण नुक्सान पहुंचा सकते हैं या फिर ज़्यादा प्रभावी नहीं होते हैं। बाहर के उत्पादों को इस्तेमाल करने के बजाए आप घर की बनी झुर्रियों की क्रीम का उपयोग कर सकते हैं। यह प्राकृतिक क्रीम झुर्रियों को कम करेंगी और त्वचा को भी हमेशा स्वस्थ रखेंगी। 

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

आइये आपको बताते हैं झुर्रियों को हटाने के लिए क्रीम –



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इनका 50 किलो कम करने का आसान तरीका कोई भी अपना सकता है

अगर आप अपने सपनों को पूरा नही कर सकते तो उन सपनों को देखने का क्या फायदा। रोहन महाजन के लिए भी कुछ ऐसा ही था। पायलट की नौकरी करने के जूनून ने उन्हें महसूस करवाया कि आसमान को छूने के लिए पहले उन्हें खुद में बदलाव करना बेहद जरूरी है। रोहन ने वजन कम करने का फैसला लिया और पूरी निष्ठा से मेहनत की। अपनी कड़ी मेहनत का फल भी उन्हें मिला, और रोहन ने अपना वजन 50 किलो कम कर लिया।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं कि कैसे रोहन ने अपना 50 किलो वजन कम किया –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैं हमेशा से पायलट बनना चाहता था, और जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, पायलट बनने का मेरा जूनून बढ़ता गया। लेकिन फिर मैंने महसूस किया कि मेरी जीवनशैली और मेरा वजन मेरे सपनों के सामने रोड़ा बन रहे हैं। फिर मैंने फैट से फिट बनने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आप क्या खाते थे?

  • मेरा नाश्ता - एक ग्लास दूध, छः से आठ बिना जर्दी के अंडे, साबुत गेहूं से बनी ब्रेड (whole wheat bread) के दो स्लाइस पर हल्का मक्खन लगाकर खाता था।
  • दोपहर का खाना - 300 ग्राम चिकन ब्रेस्ट के साथ ब्राउन राइस खाता था या सैल्मन मछली (salmon)।
  • रात का खाना - रात के खाने में मैं कम मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन लेता था। लेकिन ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियां खाता था।
  • डाइट से हटकर आहार - मैं डाइट प्लैन का पालन करता था और पूरे दिन में सात बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाता था, जिससे मेरा मेटाबॉलिज्म (चयापचय) बेहतर हो गया था।
  • कम कैलोरी वाला मनपसंद आहार - कम कैलोरी वाले आहार में मछली खाता था।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye diet chart)

आप क्या वर्कआउट करते थे?

मेरे वर्कआउट में थोड़ी वेट लिफ्टिंग और अधिक कार्डियो एक्सरसाइज का मेल होता था। खासकर एचआईआईटी जिसे हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग कहते हैं। अगर आप लगातार अपने लक्ष्य पर अड़े हुए हैं तो, फैट को कम करना इतना मुश्किल नहीं है ।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहे?

हर महीने जब मुझे अच्छे परिणाम मिलते थे मुझे खुशी होती थी जिसकी वजह से मुझे लगे रहने की प्रेरणा मिलती थी।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगे नहीं?

यह फोकस खुद अंदर से आता है। कोई आपको छः बजे उठने के लिए और एक घंटा वर्कआउट करने के लिए जोर नहीं डालेगा। यह जरूरी है कि आपने जो फैसला लिया है उसपर अड़े रहें और उसे पूरा करने की कोशिश करें। 

(और पढ़ें - hips kam karne ki exercise)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से मुझे लोगों की कई बातें सुननी पड़ती थी और यह हिस्सा मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा होता था।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?

मैं खुद को एक स्वस्थ, खुश और सुरक्षित जगह पर देखन चाहता हूँ। मैं अब मोटापे से जूझ रहे लोगों को प्रेरित करता हूँ और वजन कम करने में उनकी मदद भी करता हूँ।

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khaye)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

वजन कम करने के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना सबसे कठिन चीज होती है। मैं पूरे दिन में 4-6 किलोमटर दौड़ता था। मैं इस बात पर सबसे ज्यादा विश्वास रखता हूँ कि "जहां चाह है वहां राह है।"

(और पढ़ें - दौड़ने के लाभ)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

जब आप बचपन में मोटे होते हैं तो सब आपको क्यूट समझते हैं। लेकिन जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं क्यूटनेस सब मोटापे में बदल जाती है। यही मेरे साथ हुआ था।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

पूरी निष्ठा और इच्छा शक्ति के साथ कुछ भी मुमकिन है। सफलता के लिए जूनून और दिलचस्पी की जरूरत होती है। वही मैंने अपने वेट लॉस यात्रा में किया।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)

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आशा करते हैं कि आपको रोहन महाजन के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Tuesday, May 29, 2018

पोषक तत्व

शरीर के सभी कार्यों के लिए पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इससे शरीर की चयापचय (मेटाबॉलिज्म) प्रक्रिया सही होने के साथ ही अनेकों लाभ मिलते हैं। विटामिन और खनिजों के रूप में मिलने वाले पोषक तत्व शरीर को आहार के माध्यम से मिलते हैं। आहार के द्वारा प्राप्त पोषक तत्वों से शरीर को ऊर्जा मिलती है और आप अपने रोजमर्रा के काम कर पाते हैं।

पोषक तत्वों की कमी होने से व्यक्ति कई रोगों की चपेट में आ जाता है। पोषक तत्वों के इसी महत्व के कारण आपको पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही आगे आपको बताया जा रहा है कि पोषक तत्व क्या है, इनके नाम, पोषक तत्वों के प्रकार, पोषक तत्वों के फायदे, पोषक तत्वों की अधिकता और पोषक तत्वों के स्त्रोत क्या हैं।

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण और फायदे)



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सेक्स कब और कितनी बार करें

सेक्स सभी की जिंदगी का एक खास पल होता है। इसको लेकर सभी के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। इससे जुड़े कई ऐसे जटिल विषय हैं जिन पर आज तक कुछ भी सटिक तरह से कह पाना मुश्किल है। समाज में कई महिलाओं को पुरुषों के मन में सेक्स के सही समय और इसको कितनी बार करने के विषय को लेकर तरह-तरह के सवाल उठते हैं। इन सवालों के जवाब ढूंढने के लिए वह लोग किताबों या इंटरनेट का सहारा लेते हैं, लेकिन कई किताबों और लेख को पढ़ने के बाद भी उनको कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाता है।

इस जरूरी मुद्दे पर आप सभी लोगों के मन में उठने वाले सवालों को शांत करने लिए ही इस लेख में “सेक्स कब और कितनी बार करना चाहिए” के बारे में बताया जा रहा है। साथ ही आपको यह भी बताया जाएगा कि शादी के बाद कब सेक्स करें और दिन का कौन सा समय सेक्स के लिए बेहतर होता है, आदि।

(और पढ़ें - सेक्स करने का तरीका)



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एमिनो एसिड

शरीर में अन्य विटामिन और खनिज की तरह एमिनो एसिड की भी आवश्यकता होती हैं। एमिनो एसिड प्रोटीन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता हैं, इसलिए मनुष्यों के लिए हर रोज एमिनो एसिड लेना आवश्यक है। यह शरीर में संरक्षित नहीं हो पाता है, इसलिए इसको आहार के माध्यम से हर रोज लिया जाना चाहिए।

एमिनो एसिड के दो मुख्य प्रकार होते हैं - आवश्यक और गैर-आवश्यक। आवश्यक एमिनो एसिड शरीर में नहीं बन पाते हैं, इसलिए इन्हे आहार के माध्यम से लेना ज़रूरी होता है। दूसरी तरफ गैर-आवश्यक एमिनो एसिड हमारे लिवर में बन जाते हैं, और खाद्य पदार्थों में भी पाए जाते हैं।

एमिनो एसिड के इसी महत्व के कारण आपको इसके बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। इस लेख में आप आगे जानेंगे एमिनो एसिड के प्रकार और मात्रा, एमिनो एसिड के फायदे, एमिनो एसिड के साइड इफेक्ट और एमिनो एसिड के स्त्रोत के बारे में भी आगे बताया जा रहा है।

(और पढ़ें - प्रोटीन युक्त भारतीय आहार)



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इस तरीके से 27 किलो कम कर सकती हैं बोबिता तो कर सकती हैं आप भी

जब आप में आत्म-विश्वास की कमी होती है तो लोग आपको आलसी और अनुशासनहीन समझने लगते हैं, चाहे आप ऐसे बिलकुल भी न हों। 33 साल की बोबिता के लिए भी यही था। दो कारणों की वजह से उनके लिए वजन कम करना बेहद जरूरी था। पहला वो अपने शरीर को और अधिक बीमारियों से घिरा नहीं देखना चाहती थीं और दूसरा वो लोगों को दिखाना चाहती थीं कि वाकई में वो ऐसी बिलकुल भी नहीं हैं जैसा लोग उन्हें समझते थे। बोबिता की मेहनत और निष्ठा की मदद से उनका वजन महज छः महीने में 27 किलो हो गया। 

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं कि कैसे बोबिता ने अपना वजन कम किया –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मुझे इस बात से नफरत थी कि लोग मुझे आलसी, अनुशासनहीन और बेपरवाह समझते थे। इन सबके अलावा अधिक वजन की वजह से मुझे कपड़े भी फिट नहीं आते थे। मुझे एक खुशहाल और स्वस्थ जीवन जीना था और इस वजह से मैंने वजन कम करने का फैसला लिया। साथ ही मैं लोगों को भी दिखाना चाहती थी कि मैं कितनी मजबूत और काबिल इंसान हूँ।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)

आप क्या खाती थीं?

  • नाश्ते से पहले - मैं नाश्ते से पहले गुनगुने पानी में नींबू और सेब का सिरका मिलाकर पीती थी। (और पढ़ें - नींबू पानी के फायदे)
  • मेरा नाश्ता - नाश्ते में मैं बिना जर्दी के अंडा, ड्राई फ्रूट्स या स्मूथी पीती थी।
  • दोपहर के खाने से पहले - दोपहर के खाने से पहले मैं कोई भी फल खा लेती थी।
  • दोपहर का खाना - लंच में मैं एक कटोरी मूंग चाट, सब्जियों के साथ सलाद, अंकुरित चीला खाती थी।
  • रात का खाना - सूप, दाल, हल्की तली सब्जियां।
  • रात के खाने के बाद - फल, ड्राई फ्रूट्स या फिर नट्स खाती थी।
  • डाइट से हटकर आहार - मैं खाने की बहुत शौकीन हूँ और मुझे चायनीज़ फ़ूड, मछली और बिरयानी बेहद पसंद हैं। तो मैं हफ्ते के अंत में इनमें से कोई एक चीज जरूर खाया करती थी। कभी-कभी मैं पानी पूरी या पिज़्ज़ा भी खा लिया करती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye kya nahi khana chahiye)

आप क्या वर्कआउट करती थीं?

मैं एक या आधे घंटे के लिए हफ्ते में चार से पांच दिन वर्कआउट करती थी। मैं हमेशा कार्डियो एक्सरसाइज से शुरुआत करती थी, जिसमें 20 से 30 मिनट एलिप्टिकल (elliptical) एक्ससरसाइज, वेट लिफ्टिंग, स्क्वाट्स, कोर स्ट्रेंथनिंग और पेट की एक्सरसाइज होती थी। जितना स्वस्थ आप खाएंगे, उतना अच्छे से वर्कआउट भी कर पाएंगे। इसके अलावा कम से कम सात घंटे की नींद भी जरूर लें।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

जब मेरा वजन कम होने लगा तो छोटे साइज के कपड़े खरीदते समय मैं बहुत खुश होती थी और इससे मुझे डटे रहने की प्रेरणा मिलती थी। साथ ही मेरे परिवार वाले और दोस्त देखकर मुझे प्रोत्साहित करते थे। इस तरह मैं प्रेरित रहती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं ज्यादा से ज्यादा पोषण और वेट लॉस से संबंधित लेख और वीडियो देखती थी। इस तरह मैं अपने लक्ष्य से कभी भटकी नहीं।

(और पढ़ें - kamar patli karne ke vyayam​

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

आत्मविश्वास की कमी, मोटापे के कारण लोगों की बातें सुनना और अकेला महसूस करना, ये तीन ऐसी चीजें हैं जो मुझे उस वक्त बहुत मायूस किया करती थीं जब मेरा वजन था। 

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?

मैं खुद को स्वस्थ और फिट देखना चाहती हूँ। फिट होने के साथ-साथ मैं उन लोगों की भी मदद करना चाहती हूँ जो अधिक वजन की समस्या से लड़ रहे हैं।

(और पढ़ें - thigh kam karne ka tarika)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

मैं हमेशा अपने खानेपीने पर ध्यान जरूर देती थी। मैंने पूरे दिन में तीन से चार लीटर पानी पीने की आदत डाली। मैंने वसा से समृद्ध आहार खाना भी बंद कर दिया था।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye diet plan)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मुझ में स्टेमिना की इतनी कमी थी कि मैं चाहते हुए भी अपने वर्कआउट का समय नहीं बढ़ा पा रही थी। 

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

कभी लक्ष्य को न छोड़ें। जो भी आप पाना चाहते हैं, उसे जरूर पूरा करें क्योंकि "जहां चाह है वहां राह है"। अगर आप में विश्वास और धैर्य है तो आप अपने जीवन में कोई भी मुश्किल से मुश्किल चीज को हासिल कर सकते हैं।

(और पढ़ें - hips kam karne ke tips)

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आशा करते हैं कि आपको बोबिता के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Monday, May 28, 2018

मेरी 6 सर्जरी होने के बाद भी ऐसे किया मैंने 31 किलो वजन कम

छः बड़े ऑपरेशन और पांच बार आईवीएफ (IVF) में नकारात्मक परिणाम ने 37 साल की रिम्पी का आत्म-विश्वास खत्म कर दिया था। इनके साथ ही उन्हें कई बीमारियों का भी सामना करना पड़ा था। अधिक वजन बढ़ने के कारण रिम्पी को उनके साइज के कपड़े नहीं आते थे और उन्हें ऊटपटांग बातें भी सुननी पड़ती थी। इन सब समस्याओं को देखते हुए रिम्पी ने वजन घटाने और फिट रहने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

आइये आपको बताते हैं रिम्पी के फैट से फिट होने की कहानी –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

छः बड़ी सर्जरी और पांच बार आईवीएफ (IVFs) में नकारात्मक परिणाम साथ ही स्वास्थ्य समस्याएं जैसे माइग्रेन, सर्वाइकल पेन, अनिंद्रा और जोड़ों में दर्द से मैं काफी परेशान हो गयी थी। इनके अलावा, अधिक वजन की वजह से लोग मेरे बारें में बातें किया करते थे और यह हिस्सा मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा होता था। तब मैंने फैसला लिया कि अब मुझे खुद के लिए वजन कम करना चाहिए। 

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye yoga)

आप क्या खाती थीं?

  • मेरा नाश्ता - मैं नाश्ते में ओट्स और पोहा खाती थी और इनके साथ ब्लैक कॉफी या चाय पीती थी।
  • दोपहर का खाना - दो रोटियों में ओट्स भरकर, उनके साथ सब्जी और आधी कटोरी दही खाती थी।
  • रात का खाना - एक रोटी ओट्स से भरी। इसके साथ सब्जी और सलाद खाती थी। (रात का खाना मैं 7 बजे से पहले खा लिया करती थी)
  • डाइट से हटकर आहार - पिज़्ज़ा, लेकिन बहुत ही कम।
  • मनपसंद कम कैलोरी वाला आहार - कोई भी आहार, लेकिन उसमें तेल और नमक की मात्रा कम होती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke liye kya nahin khana chahiye)

आप क्या वर्कआउट करती थीं?

मैं सुबह और शाम एक घंटे के लिए पैदल चला करती थी। लेकिन 30 किलो वजन कम करने के बाद, मैंने महसूस किया कि मुझे अब अपने शरीर को टोन करना चाहिए (यानी थुलथुलापन ख़त्म करना चाहिए)। तब फिर मैंने जिम जाना शुरू किया, जहां मैं कई तरह की एक्ससरसाइज करती थी। जिसमें वेट ट्रेनिंग से लेकर फ्लोर एक्ससरसाइज (floor exercises) होती थी, जिससे मेरा शरीर टोन हो सके।

(और पढ़ें - पैदल चलने के फायदे)

वजन कम करने के लिए, डाइट और एक्ससरसाइज की तरह ही स्वस्थ जीवनशैली बेहद जरूरी है। समय पर सोना और उठना आपके वजन को कम करने में बेहद मदद करता है।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

जब आपको एक बार सकारात्मक परिणाम मिलने लगेंगे तब आपको खुद-ब-खुद प्रेरणा मिलती रहेगी।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं जो भी खाती थी उस पर बहुत ध्यान देती थी। साथ ही मैं एक्ससरसाइज के बाद अपना वजन रोजाना जरूर मापती थी।

(और पढ़ें - kamar patli karne ke vyayam​

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता था जब मुझे मेरे साइज के कपड़े नहीं मिलते थे और इसकी वजह से मैं धीरे-धीरे अपना आत्म-विश्वास खो रही थी।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?

मैं खुद को कुछ सालों में फिट और स्वस्थ देखना चाहती हूँ।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए योगासन)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए मैंने शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाना शुरू कर दिया था। साथ ही मैं समय पर सोया और उठा भी करती थी।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye diet plan)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

कई स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मैं छः महीने तक बिस्तर पर ही आराम करती रहीं। यह मेरे लिए सबसे निराशाजनक बात थी।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

व्यक्ति की अच्छी सेहत ही सबसे बड़ा धन है। स्वस्थ शरीर होने पर ही आपका मस्तिष्क भी स्वस्थ बनता है।

(और पढ़ें - hips kam karne ke tips)

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आशा करते हैं कि आपको रिम्पी के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

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Saturday, May 26, 2018

सौम्या ने किया अपने आहार में ये बदलाव और कम किये 30 किलो

जंक फूड से आपार प्यार करने वाली और अपने वजन के प्रति लापरवाह सौमया यादव को अपने बढ़े हुए वजन का एहसास तब हुआ जब उसके दोस्त जिम जाने लगे और उससे ज्यादा फिट दिखने लेगे। तब सौमया यादव को लगा नहीं मुझे भी अपने स्वास्थ्य और शरीर पर ध्यान देना होगा। वो अपने दोस्तों से इतनी प्रेरित हुईं कि उन्होंने अपना मोटापा कम करने के लिए जिम जाने के साथ-साथ एक स्वस्थ आहार योजना का पालन करना शुरु भी कर दिया। पर सौमया यादव ने कुछ ही दिनों में जिम जाना छोड़ दिया लेकिन वजन कम करने के लिए उन्होंने आहार योजना का सख्ती से पालन किया और केवल सात महीने में 30 किलोग्राम वजन कम करके वो पहले से स्वस्थ और सुन्दर दिखने लगीं।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये जानते हैं कैसे सौमया यादव ने सिर्फ स्वस्थ आहार को अपना कर 30 किलो वजन कम किया –
 
आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?
 
अधिक वजन होने के कारण मैं अपना आत्मविश्वास खोती चली गई और लोगों से मिलना-जुलना भी छोड़ दिया, क्योंकि मेरा वजन अधिक होने के कारण मैं किसी भी लुक में अच्छी नहीं दिखती थी। मुझे अपने मोटापे को लेकर खुद से नफरत सी होने लेगी थी। मैं योग या व्यायाम करने में भी विश्वास नहीं करती थी। मुझे लगता था कि जब तक आप बेफिक्र होकर जंक फूड या वसा युक्त आहार खाते हैं, तब तक योग या व्यायाम करने का कोई फायदा नहीं होगा। लेकिन फिर जब मैंने देखा मेरे कुछ दोस्त जिम जाते हैं और सख्त आहार योजना का पालन करते हैं। तब मुझे भी अहसास हुवा कि वो अपने शारीर और स्वास्थ्य से कितना प्यार करते हैं। फिर मैंने भी अपने आप को फिट होने के बारे में सोचा क्योंकि अगर वे अपने शारीर को फिट रखने के लिए जिम और सख्त आहार योजना का पालन कर सकते हैं तो मैं क्यों नहीं कर सकती हूँ।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए जड़ी बूटियां)
 
आप क्या खाती थीं?

  • मेरा नाश्ता -  मैं नाश्ते में पोहा, अंकुरित अनाज, जई, कॉर्नफ़्लेक्स के साथ दूध खाती थी।
  • मेरा दोपहर का भोजन - मैं दोपहर के भोजन में दल, सब्जी, रोटी, दही, सलाद खाती थी।
  • मेरा रात का भोजन - मैं रात के भोजन में सलाद और दाल के अलावा कुछ नहीं खाती थी।
  • डाइट से हटकर आहार - मैं एक निश्चित आहार फॉर्मेट का पालन नहीं करता थी। पर में जो भी खाती थी वो अपने फिटनेस को ध्यान में रख कर ही लेती थी।
  • कम कैलोरी वाला मनपसंद आहार - मैं कम कैलोरी युक्त आहार में ओट्स, कॉर्न फलैक्स, पोहा, दाल लेने पसंद करती थी।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye diet chart)

आप क्या वर्कआउट करती थीं?

मैं जिम जाती थी और वहां एक से डेढ़ घंटे वर्कआउट करती थी। मैं अपने जिम प्रशिक्षक के द्वारा बताये वर्कआउट ही करती थी। मैं वर्कआउट के दौरान ट्रेडमिल, जंपिंग, ट्विस्टिंग, डम्बलिंग करती थी। वर्कआउट के दोरान मैं प्रतिदिन अपने शरीर के एक विशेष हिस्से पर ध्यान देती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

मैं तीन से चार महीने लगातार जिम जाती रही और फिर मैंने जिम जाना छोड़ दिया। पर मैंने जिम जाते समय भी और जिम जाना बंद करने के बाद भी अपनी आहार योजना पर पूरा ध्यान दिया। मैंने चावल, आलू, चीनी के साथ तेल, तला हुआ भोजन भी छोड़ दिया। मैंने हर वो चीज जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है उसे खाना बंद कर दिया।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

जब मैंने जिम जाने के साथ एक महीने तक सख्त आहार योजना का पालन करने के बाद देखा मेरा वजन नौ किलो कम हो गया है, तब मुझे अहसास हुआ की यह मेरी कड़ी मेहनत का परिणाम है। साथ में मेरे कुछ अच्छे दोस्त भी प्रेरित करते रहते थे और बताते थे कि मुझे क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

(और पढ़ें - hips kam karne ki exercise)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

जब आपका शरीर स्वस्थ और पतला होता है तो आप सुन्दर लगते हैं और लोग आपकी प्रशंसा करते हैं जो आपको बहुत अच्छा लगता है। मैं भी चाहती थी की लोग मेरी भी प्रशंसा करें, मुझे भी सुन्दर बोलें इसलिए मैंने खुद को प्रेरित किया और अपने लक्ष्य से भटकने से खुद को रोकती रही।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से मुझे मेरे साइज के कपड़े नहीं मिल पाते थे और मैं सुन्दर भी नहीं दिखती थी। जब भी मैं अपने आप को दर्पण में देखती मुझे नफरत सी होने लगती थी। में अपना आत्मविश्वास खोने लेगी थी। लोगों से मिलने में शर्म महसूस करती थी और मुझे काम करने में आलस भी बहुत जायदा आता था। इन सबसे पीछा छुड़ाने का एकमात्र रास्ता वेट लॉस ही था।

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khaye)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

मैं बस इतना चाहती हूं कि मैं स्वस्थ रहने के साथ-साथ हमेशा युवा और सुंदर दिखती रहूँ।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मुझे सबसे ज्यादा दुःख तब होता था जब लोग मेरे मोटापे के ऊपर टिप्पणियां किया करते थे और मुझे वजन करने के लिए चुनौती दिया करते थे।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आयुर्वेदिक उपाय)

वजन घटाते से आपने क्या सीखा?

वजन कम करना कोई आसन काम नहीं है इसमें बहुत मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन यदि आप निश्चय कर लेते हैं तो इस धरती पर ऐसा कोई काम नहीं है जो आप नहीं कर सकते हैं। लेकिन आप ऐसा न सोचें कि अब आपका वजन कम हो चुका है और आप कुछ भी खा सकते हैं। मैं अभी भी अपने नियोजित आहार का पालन कर रही हूं और पूरे जीवन इसका पालन करूंगी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)



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Friday, May 25, 2018

पैरों की मसाज करने का तरीका, आयल और फायदे

सुबह से लेकर रात तक हम कितना भागते दौड़ते हैं। इन सबके बाबजूद भी हम अपने पैरों पर ध्यान नहीं देते। फुट मसाज से पैरों का दर्द आदि तो कम होता ही है, साथ ही आपकी पूरी बॉडी को बेहद फायदा पहुंचता है।

(और पढ़ें - मसाज क्या है)

तो आइये आपको बताते हैं पैरों की मसाज कैसे करें, आयल और फायदे –



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via https://www.myupchar.com/beauty/peron-ki-massage-karne-ka-tarika-oil-aur-fayde-in-hindi

बॉडी मसाज करने का तरीका, आयल व क्रीम और फायदे

इसमें कोई दो राय ​नहीं है कि बॉडी मसाज से आपके मस्तिष्क और शरीर को बेहद आराम मिलता है। बॉडी मसाज करवाने से आपको तनाव से राहत मिलती है, रक्त प्रवाह बढ़ेता है और मस्तिष्क को भी आराम मिलता है।

अगर वाकई इसके इतने लाभ हैं तो हम सब बॉडी मसाज इतना कम क्यों करवाते हैं? वो इसलिए कि हमें लगता है कि इतनी बार बॉडी मसाज करवाने से तो हमारी जेब ढीली हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि बॉडी मसाज आप घर में भी रहकर अपने परिवार वालों से भी करवा सकते हैं। इसमें ज्यादा समय नहीं लगता। बस आपको दस मिनट चाहियें एक अच्छी बॉडी मसाज के लिए।

(और पढ़ें - stress dur karne ka upay)

तो आइये आपको बताते हैं बॉडी मसाज करने का तरीका, बॉडी मसाज आयल, बॉडी मसाज क्रीम और बॉडी मसाज के फायदे –



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हेड (हेयर) मसाज करने का तरीका, आयल और फायदे

हेड मसाज, मसाज थेरेपी का एक रूप है। हेड (हेयर) मसाज में सिर, गर्दन और कंधे की मालिश की जाती है। इसमें फेस मसाज शामिल नहीं होती है।

हेड मसाज करने का मुख्य उद्देश्य नकारात्मक ऊर्जाओं को कम करना होता है, जिनकी वजह से स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ रही होती हैं। इससे आपके सिर की त्वचा भी स्वस्थ होती है जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।

हेड मसाज की प्रक्रिया कई सदियों से चली आ रही है और इससे लोगों को कई फायदे भी प्राप्त हुए हैं। हेड मसाज ज्यादातर हेड मसाजर और हेयर ड्रेसर करते हैं, जिससे चिंता और तनाव थोड़ा कम हो सके। लेकिन कुछ आसान तकनीकें अपनाकर आप घर में भी हेड मसाज कर सकते हैं।

(और पढ़ें - तनाव कैसे दूर करे)

तो आइये आपको बताते हैं हेड मसाज कैसे करें, हेयर मसाज करने के लिए आयल और फायदे –



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एक्सफोलिएशन क्या है, मास्क और फायदे

सभी मुलायम त्वचा पाना चाहते हैं और त्वचा को मुलायम करने के लिए एक्सफोलिएशन बेहद अच्छा तरीका है। त्वचा को एक्सफोलिएट करने से आपकी स्किन बहुत कोमल और मुलायम हो जाती है। 

एक्सफोलिएशन डेड स्किन (त्वचा की मृत कोशिकाएं) निकालता है और आपकी त्वचा को चमकदार भी बनाता है। रोजाना के अपने स्किन केयर रूटीन में एक्सफोलिएशन को जरूर शामिल करें। जरूरी नहीं है कि आप बाहर के उत्पादों को खरीदकर ही एक्सफोलिएशन करें। घर बैठे-बैठे भी आप एक्सफोलिएशन मास्क बना सकते हैं।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो आइये हम आपको कुछ एक्सफोलिएशन मास्क बताते हैं, एक्सफोलिएशन के फायदे, लेकिन उससे पहले बताते हैं एक्सफोलिएशन क्या है -



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क्या आप भी मेरी तरह 44 किलो कम करना चाहते हैं?

वजन घटाना कभी किसी के लिए भी आसान नहीं होता खास कर तब जब आप एक बच्चे की माँ हों क्योकि गर्भावस्था के बाद वजन कम करना बहुत कठिन हो जाता है। गर्भावस्था के दौरान आप में हार्मोनल बदलाव और गर्व में पल रहे बच्चे को पोषण देने के लिए जो खान-पान आप उपयोग करती हैं, उसके कारण आपका वजन बढ़ जाता है। और प्रसव के बाद आपका पूरा ध्यान आपके बच्चे पर होता है जिसके कारण आप अपने ऊपर ध्यान नहीं दे पाती हैं।

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद वजन कम कैसे करें)

इस वजन को कम करना, खासकर पेट के आसपास जमे वसा को, आपके लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। पर एक पांच वर्षीय बेटी की माँ चाण वेकरिया ने अविश्वसनीय ढंग से 104 किलो को 60 किलो में परिवर्तन किया एक माँ चाहे तो उसके लिए सबकुछ संभव है।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये जानते हैं कैसे चाण वेकरिया ने अपना 44 किलो वजन कम किया –

आपने वजन घटाने का फैसला कब और क्यों लिया?

मेरा वजन पूरी जिंदगी ज्यादा ही रहा है। मेरी माँ बताती हैं कि पहली बार मेरा वजन 11 साल की उम्र में बढ़ना शुरू हुआ था। मैंने अपनी शादी से पहले अपना वजन कम किया था क्योकि मुझे अपनी शादी में सुन्दर और अच्छा दिखना था। पर शादी के कुछ ही दिनों बाद मेरा वजन फिर से पहले की तरह बढ़ गया। 

अपने वजन को पूर्ण रूप से कम करने का फैसला मैंने पिछली गर्मियों में लिया था। तब मेरी बेटी पांच साल की थी। मैं अपनी बेटी को पार्क और अन्य खेलने की जगह पर ले जाने से कतराती थी क्योकि मेरे मोटापे के कारण मुझे सार्वजनिक स्थानों पर जाने में शर्मिंदागी महसूस होती थी। में अपनी माँ या बहन को बेटी के साथ पार्क या अन्य खेलने की जगह भेज दिया करती थी।

लेकिन एक दिन मैं भी अपनी बेटी के साथ पार्क चली गयी। मुझे याद है वह गर्मी का दिन था और में अपनी बहन के साथ बेटी को ले कर सामने के पार्क में गई थी। उस दिन बहुत गर्मी थी फिर भी मेने अपने जैकेट को नहीं उतारा क्योकि मुझे अपने मोटापे को ले कर बहुत शर्मिंदागी महसूस होती थी। वो दोनों पार्क में खेलने लगी और मैं एक बेंच पर बैठ कर उनको देख रही थी।

मेरी बेटी बार-बार मुझे खेलने को बुला रही थी पर मैं अपने मोटापे के कारण बहुत थक गई थी जिसकी वजह से मैंने खलेने से मना कर दिया। यह सुनकर मेरी बेटी का चेहरा पूरी तरह उतर गया। तब मुझे महसूस हुआ की मैं एक अच्छी माँ नहीं हूँ क्योकि मेरी बेटी हमेशा चाहती थी कि मैं उसके साथ खेलूं और मौज-मस्ती करूँ और मैं ऐसा कभी भी नहीं कर पाती थी।

उस दिन अपनी बेटी का मायूस चेहरा देख कर मैंने फैसला किया कि मुझे अपने वजन को कम करने के लिए गंभीर होना ही पड़ेगा।

वजन कम करने के लिए आप क्या खाती थीं?

  • मैं नाश्ते में अधिकांश समय ओट्स के साथ फल या नट्स खाती थी। वजन कम करते समय ओट्स के साथ बादाम वाला दूध, चिया बीज, शहद और बेरीज मुझे बहुत पसंद थे।
  • दोपहर के खाने में मुझे उबली हुई सब्जियां बहुत पसंद हैं, खासकर ब्रोकोली और पालक। में उबली हुई सब्जियां के साथ क्विनोआ, कूस्कूस, अंडे या एक बेक्ड मीठा आलू लेती थी I प्रोटीन के लिए में पनीर या दही खाती थी। सप्ताह के अंत में ओट्स, अलसी के बीज और पालक को मिला कर रोटी बनाती थी और उसके साथ अंडा या सोया अथवा कॉर्न की सब्ज़ी खाती थी I 
  • रात्रि के भोजन में सोया और क्वार्न को किसी सब्जी में मिला कर बनाती थी और उसके साथ फूलगोभी राइस या सलाद खाती थी I (और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या नहीं खाना चाहिए)
  • मुझे मीठा बहुत पसंद हे इसलिए मीठे की लत को पूरा करने के लिए स्वस्थ स्नैक्स के रूप में घर की बनी केले की आइसक्रीम या एनर्जी बार लेती थी या फिर खजूर और सूखे मेवे खाया करती थीI
  • मनपसं लो-कैलोरी वाला भोजन - मैं खाना पकाना बहुत अच्छी तरह जानती हूँ। इसलिए मेने अपने कई पसंदीदा खाद्य पदार्थों को अपने वजन के अनुकूलित रखा हुआ था ताकि मैं कम वसा वाले तत्वों के साथ उनका आनंद ले सकूं। मेरा पसंदीदा और सबसे आसानी से बनने वाला खाद्य पदार्थ था बेक्ड ओट्स के साथ बेरी, नट्स और शहद। (और पढ़ें - कैलोरी चार्ट)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

हाँ में व्यायाम के सभी रूप का आनंद लेती थी इस लिए मैं वजन उठाना, कार्डियो एक्सरसाइज, "रेजिस्टेंस ट्रेनिंग" और "कोर स्ट्रेंथ ट्रेनिंग" का मिश्रण करके व्यायाम करती थी I मेरा पसंदीदा वर्कआउट मुक्केबाजी और वजन प्रशिक्षण हैं। मैं सप्ताह में 1 दिन विश्राम करती थी, उस दिन में किस भी प्रकार का व्यायाम नहीं करती थीI

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज)

अपने व्यायाम करते समय क्या सीखा?

मैंने जो सबसे बड़ी बात सीखी है वह वजन प्रशिक्षण का महत्व (यानी वेट लिफ्टिंग) है। कई महिलाएं इस तरह के व्यायाम करने से भागती और शर्माती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे वजन प्रशिक्षण करने के लिए पूरी तरह मजबूत नहीं हैं या वे वजन प्रशिक्षण करने से मर्दों की तरह दिखने लगेंगी।

(और पढ़ें - व्यायाम करने का सही समय)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रही?

मैं अपनी वजन कम करने की प्रगति को देखकर प्रेरित रहती थी। मैंने देखा मैं न केवल शारीरिक रूप से अलग दिखने लगी थी बल्कि मैं अंदरूनी रूप से भी अलग महसूस करने लगी थी। मैं अपने आप में बहुत अधिक आत्मविश्वास महसूस करने लगी थी, जिससे मुझे बहुत खुशी मिली है।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

अपने वजन कम करने से क्या सिखा?

वजन कम करना और फिट होना बस थोड़े समय की बात नहीं है, यह हमेशा के लिए जीवनशैली में बदलाव है। इसलिए स्वस्थ खाने के साथ-साथ व्यायाम को आनंद ले कर करना चाहिए।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

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आशा करते हैं कि आपको चाण वेकरिया के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Tuesday, May 22, 2018

निपा वायरस संक्रमण

निपा वायरस संक्रमण क्या है?

"निपा वायरस इन्फेक्शन" एक नयी बीमारी है जो जानवरों से इंसानों में फैलती है। इससे होने वाली बीमारी काफी गंभीर होती है, जिसका वर्तमान में कोई इलाज नहीं है। इससे बचने के लिए कोई वैक्सीन भी इजात नहीं की गई है। हालांकि, इलाज के लिए दवा और बचाव के लिए वैक्सीन, दोनों पर ही काम जारी है। 

"निपा वायरस" की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के "काम्पुंग सुंगई निपा" इलाके में की गई थी। इसलिए इस वायरस का नाम "निप्स वायरस" रखा गया। मलेशिया में जब निपा वायरस संक्रमण फैला था, तब ये वायरस इंसानों में सूअरों से पहुंचा था। इसके बाद के कुछ मामलों में, इस बात की पहचान नहीं की जा सकीय थी कि ये वायरस इंसानों तक पहुंचा कैसे। 

2004 में बांग्लादेश में निपा वायरस संक्रमण एक तरह के चमगादड़ द्वारा संक्रमित खजूर की ताड़ी (date palm sap) पीने से फैला था। दूसरी ओर भारत में कुछ ऐसे मामले दर्ज किये गए थे जब ये संक्रमण इंसानों से इंसानों में फैला था।



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क्या है बेहतर वेट लूज़ करने के लिए: डांसिंग या रनिंग

वजन कम करने के लिए आप बहुत कुछ करते हैं। कई तरह की डाइट और वर्कआउट को अपनाने की कोशिश करते हैं जो आपका वजन कम करने में मदद करे। लेकिन बात अब कोशिश करने के बारे में नहीं है। अब बात आपके शरीर को लेकर है। आपके शरीर के लिए क्या सही और क्या गलत है, इस बात का चयन अब आपको करना है। इस लेख में हम वेट लॉस करने के लिए डांसिंग और रनिंग की तुलना की गयी है। यह दोनों गतिविधियां आपका वजन कम करने में मदद करेंगी और आपको फिट भी रखेंगी। लेकिन इन दोनों गातिविधियों में क्या बेहतर है इस बात का चयन आपको करना है।

(और पढ़ें - vajan kam kaise kare)

तो आइये आपको बताते हैं वजन कम करने के लिए क्या बेहतर है डांसिंग या रनिंग –

डांसिंग –

डांसिंग न केवल मज़ेदार है बल्कि वजन कम करने के लिए एक बेहतरीन वर्कआउट भी है। स्वस्थ रहने के लिए, आपको रोजाना आधा घंटा वर्कआउट करना जरूरी है। लेकिन वजन कम करने के लिए, आपको तीव्रता बढ़ाने की जरूरत होती है या वर्कआउट का समय बढ़ाना पड़ता है। लेकिन इससे पहले, वजन कम करने के लिए आपको कम कैलोरी खानी होंगी। कैलोरी घटाना वजन कम करने का पहला चरण है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)

कैलोरी बर्न करने वाले कुछ कारक आपके हाथ में नहीं होते। उम्र और शरीर का प्रकार इसके दो मुख्य कारक हैं। लेकिन आपकी उम्र क्तिनी भी हो, और शरीर की बनावट कैसी भी हो, इतना जरूर है कि जितनी ज्यादा तीव्रता से आप डांस करेंगे, उतनी ज्यादा कैलोरी बर्न कर पाएंगे। अलग-अलग प्रकार के डांस कैलोरी की अलग-अलग मात्रा बर्न करने में मदद करते हैं। उदाहरण के तौर पर  कत्थक जैसे पारमपरिक भारतीय डांस के मुकाबले ज़ुम्बा डांस में दोगुना से अधिक कैलोरी बर्न होती हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डांस)

एक घंटे तक सही तीव्रता में डांस करने और इसके साथ ही सही डाइट लेने से व्यक्ति 400 कैलोरी बर्न कर सकता है। जिन लोगों का बॉडी मॉस इंडेक्स ज्यादा होता है वो हफ्ते में दो से तीन किलो वजन कम कर सकते हैं। हालांकि, जिन लोगों का बॉडी मास इंडेक्स कम होता है या अधिक उम्र होती है, वो डांस से सिर्फ हफ्ते में एक से डेड किलो ही वजन कम कर सकते हैं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

डांस से पूरे शरीर का वर्कआउट होता है और मज़ेदार भी। तो, निसंदेह, वजन कम करने के लिए डांस से बेहतर और क्या हो सकता है।

रनिंग –

अब बात करते हैं रनिंग, यानि दौड़ने की। अगर इसे सही तरीके और सही तीव्रता के साथ किया जाए, तो रनिंग से बेहतर और कोई वर्कआउट नहीं हो सकता। यह एक अधिक तीव्रता वाली एक्ससरसाइज है जो कैलोरी बर्न करने में मदद करती है। बल्कि रनिंग करने के बाद भी आपकी कैलोरी बर्न होती रहती हैं।

(और पढ़ें - दौड़ने के लाभ)

वजन कम करने के लिए दौड़ना सबसे अधिक प्रभावी तब होता है जब आप दौड़ने की तीव्रता बदलते रहें। थोड़ी देर धीरे-धीरे जॉगिंग करें, फिर थोड़ी देर तेज गति से भागें। अगर आप ऐसा करेंगे तो आप कैलोरी बर्न कर सकते हैं और मांसपेशियों को भी मजबूत बना सकते हैं।

(और पढ़ें - दौड़ने से पहले क्या खाएं

लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप कितनी कैलोरी खा रहे हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि अगर वो काफी व्यायाम कर रहे हैं तो उन्हें कैलोरी पर ध्यान देने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। क्योंकि इस व्यायाम से उनकी कैलोरी बर्न हो रही हैं और वह कुछ भी खा सकते हैं। लेकिन यह एक मिथक है। अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो आपको अपने खाने-पीने पर ध्यान जरूर देना चाहिए।

(और पढ़ें - दौड़ना कैसे शुरूकरें करें)

लम्बी दौड़ के लिए, खुद को ऊर्जा देना बेहद जरूरी है जिससे शरीर में इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहे। एक घंटा या उससे कम दौड़ के लिए, आपको बीच में बस पानी पीने की जरूरत है। लेकिन लम्बी दौड़ के लिए, आपके पास एनर्जी ड्रिंक होना चाहिए।

(और पढ़ें - पानी कितना पीना चाहिए)

अगर व्यक्ति आठ किलोमीटर प्रति घंटा दौड़ता है तो वो 476 के आसपास कैलोरी को बर्न कर पाएगा। यह एक घंटे डांस के द्वारा बर्न की गयी कैलोरी के लगभग बराबर ही होती है।

नतीजा –

अब चयन आपको करना है, क्योंकि डांस और दौड़ना दोनों ही कैलोरी को बर्न करने के मामले में समान है। लेकिन आप उसी चीज का चयन करें, जिसमें आपकी रुचि है। अगर आप कुछ ऐसा चुनते हैं जिसमें आपकी रुचि बिल्कुल भी नहीं है, तो जल्द ही या कुछ समय बाद ही आप उसे करना छोड़ देंगे।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)



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Monday, May 21, 2018

मुंह के छालों का घरेलू उपचार

मुँह के छाले काफी आम और असहज होते हैं। यह दर्दनाक होते हैं साथ ही इनके खुले घावों का रंग सफ़ेद रहता है। इनके आसपास सूजन रहती है जिस वजह से कुछ भी खा पाना मुश्किल हो जाता है। छाले गालों के अंदर, होंठ, जीभ के नीचे और मुँह के तलवों के नीचे दिखाई देते हैं।

मुँह के छाले कई कारणों से होते है जैसे मसालेदार खाना, कब्ज, वंशानुगत कारक, हार्मोनल परिवर्तन, अतिरिक्त अम्लता, आकस्मिक गाल के काटने, तनाव और विटामिन बी, विटामिन सी, लोहा या अन्य पोषक तत्वों की कमी से आपको मुँह के छाले हो सकते हैं।

मुँह के छाले आम तौर पर गंभीर नहीं होते हैं और सात से 10 दिनों के भीतर ये समस्या ठीक भी हो जाती है। बड़े और हरपेटिफोर्म छाले हालांकि ठीक होने में काफी समय लेते हैं। मुख्य छाले आमतौर पर गहरे होते हैं और डायमीटर में 10 मिलीमीटर से अधिक होते हैं। हरपेटिफोर्म छाले बड़ी संख्या में छोटे छालों के समूह के रूप में दिखाई देते हैं। (ओट पढ़ें - बाबा रामदेव से सीखे मुँह के छालों का इलाज)

आज हम आपको मुँह के छालों को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताएंगे जिनके इस्तेमाल से आप बिना किसी परेशानी के इन्हें ठीक कर सकते हैं।



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Saturday, May 19, 2018

मसूड़ों में सूजन के घरेलू उपाय

मसूड़ों की बीमारी का एक बहुत ही सामान्य रूप है मसूड़ों की सूजन। यह मूलतः मसूड़ों का एक हल्का संक्रमण होता है। किसी को भी मसूड़ों के सूजन की समस्या हो सकती है लेकिन कई लोगो को इसका अनुभव नहीं हो पाता। इसके आम लक्षण जैसे जलन, लालिमा और मसूड़ों की सूजन आदि शामिल हैं। अन्य लक्षण जैसे सांस से गंध आना, दांत ढीले पड़ना, मसूड़ों में से खून निकलना खासकर तब जब ब्रशिंग या फ्लॉसिंग करते हैं आदि शामिल हैं। मसूड़ों की सूजन का सबसे आम कारण है खराब मौखिक स्वच्छता, दांतों में मैल जमना। प्लाक एक अदृश्य, चिपचिपा पदार्थ होता है जो बैक्टीरिया से बना होता है जो मसूड़ों के साथ-साथ दाँतों में भी असहजता पैदा करता है।  

कुछ कारक मसूड़ों की सूजन के खतरे को और भी ज़्यादा बढ़ा सकते हैं जैसे अत्यधिक धूम्रपान, तम्बाकू, बढ़ती उम्र, शुगर (मधुमेह), कुछ दवाएं, टूटे दांत, गर्भावस्था, आनुवंशिकी, शुष्क मुंह और खराब आहार आदि शामिल हैं। अगर इलाज अधूरा छोड़ दिया जाये तो मसूड़ों की सूजन गंभीर हो सकती है और एक बेहद गंभीर संक्रमण हो सकता है जिसे पेरियोडोंटिटिस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा करने से आपके दांतों का भी नुकसान हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार मसूड़ों की सूजन इन कारणों से भी बढ़ सकती है जैसे मधुमेह, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी। यह गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव के जोखिम को भी बढ़ाता है।

मौखिक स्वास्थ्य से सम्बंधित अच्छी आदतें - दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें, रोज़ाना फ्लॉसिंग करें, रोज़ाना डेंटिस्ट से जांच करवाएं इससे मसूड़ों की समस्या से आप दूर रहेंगे। आपके डेंटिस्ट आपकी ज़रूरतों के हिसाब से और भी कई मौखिक स्वास्थ्य से सम्बंधित आदते बताएंगे।

अच्छी मौखिक स्वच्छता के अलावा आप कुछ घरेलू उपायों का भी प्रयोग कर सकते हैं जिसके इस्तेमाल से आप मसूड़ों का इलाज और बचाव दोनों कर पाएंगे।



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Tuesday, May 15, 2018

16 किलो घटाये मैंने बिना मनपसंद खाना छोड़े

आजकल पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम; PCOS) की बीमारी से बहुत महिलायें पीड़ित हैं। यह बीमारी बेहद आम हो गयी है और दुर्भाग्यवश इसके परिणाम काफी नकारात्मक होते हैं। कुछ ऐसा ही वैशाली शर्मा के लिए भी था, पीसीओएस के कारण उनका वजन बढ़ता चला जा रहा था और इसकी वजह से वो अपने जीवन में कुछ नहीं कर पर रही थी। फिर वजन कम करने के लिए वैशाली ने जिम जाना शुरू किया। जिम जाने से उन्हें महसूस हुआ कि वो फैट से फिट होकर अपनी ज़िन्दगी बदल सकती हैं।

(और पढ़ें - vajan ghatane ke nuskhe)

तो आइये आपको बताते हैं वैशाली शर्मा ने कैसे किया वजन कम - 

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मैंने वजन घटाने का फैसला तब लिया जब मुझे महसूस किया कि पीसीओएस की वजह से मेरा वजन तेजी से बढ़ता चला जा रहा है।

(और पढ़ें - पीसीओएस के घरेलू उपाय)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता - मैं नाश्ते में ओट्स, स्मूथी या पैनकेक्स खाती थी। (और पढ़ें - ओट्स क्या है)
  • दोपहर का खाना - दो रोटी या ब्राउन राइस के साथ सब्जी या दाल और रायता खाती थी।
  • रात का खाना - बड़ा कटोरा हरी सब्जियों का और उसके साथ पनीर या टोफू खाती थी।
  • डाइट से हटकर आहार - थाई फ़ूड, पॉपकॉर्न या आइस क्रीम (कोई भी आहार जो 500 कैलोरी से नीचे हो)।
  • कम कैलोरी वाला खाना - कम कैलोरी वाले खाने में मैं ओट्स खाती थी। (और पढ़ें - ओट्स बनाने की विधि)

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya nahin khana chahiye)

आप क्या वर्कआउट करती थीं?

मेरा वर्कआउट, चार दिन की "वेट ट्रेनिंग" और एक दिन "हाई इंटेंसिटी इंटरवल ट्रेनिंग" या "कार्डियो एक्सरसाइज" करती थी। फिटनेस के लिए आप कभी भूखा न रहें और हमेशा स्वस्थ आहार खाएं। जैसे ही आपको भूख लगे तो उससे पहले ही थोड़ा कुछ खा लें। पूरे दिन में छः बार थोड़ा-थोड़ा खाना खाएं। हमेशाध्यान रखें कि आप कितनी कैलोरी खा रहे हैं।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मैं खुद के लिए फिटनेस लक्ष्य तय करती थी और उन्हें पूरा करने की कोशिश करती थी। इससे मेरा आत्म-विश्वास बढ़ता था और अन्य लोगों को भी प्रेरित कर पाती थी।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं हमेशा अपने खाने का रूटीन पहले से ही तय करके रखती थी। इसी तरह मेरा फिटनेस का भी रूटीन होता था।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन होना मतलब कई बीमारियों को न्योता देना। मैं बेहद सुस्त थी और कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही थी (जैसे पीसीओएस और चिंता)। मैं कभी अच्छा दिखने में रुचि नहीं रखती थी।

(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

अब मेरे लिए फिट रहना जीवन जीने का एक तरीका है। मैं आगे भी हमेशा फिट और स्वस्थ रहना चाहती हूँ।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

मैं स्वस्थ खाना खाती थी, रोजाना व्यायाम करती थी और 7-8 घंटे की नींद भी जरूर लेती थी। 

(और पढ़ें - दिन में कितने घंटे सोना चाहिए​)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

अधिक वजन की वजह से मैं बेहद डिप्रेशन में रहती थी और कुछ भी करने का मन नहीं होता था। मैं खुद को शीशे में देखना पसंद नहीं करती थी और मेरे व्यवहार का असर मेरे जीवन से जुडी चीजों - काम, दोस्त और परिवार वालों पर भी पड़ने लगा था।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

वजन घटाने के सफर में आपने क्या सीखा?

वजन कम करने का कोई आसान तरीका नहीं है। इसके लिए आपको नियमित रूप से व्यायाम और एक सही डाइट प्लान का पालन करना जरूरी है।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

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आशा करते हैं कि आपको वैशाली शर्मा के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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फैटी लीवर के घरेलू उपाय

आजकल लोगों में जिगर विकार काफी आम बात है। जिगर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है जो जीवन के लिए आवश्यक है। फैटी लिवर एक ऐसी स्थिति है जिसमें जिगर में चर्बी की मात्रा बढ़ जाती है। हालांकि यह एक छोटी सी बीमारी है जिसका ध्यान रख कर इस समस्या से बचा जा सकता है। अगर इसका ठीक से इलाज नहीं किया गया तो फैटी लिवर एक बड़ी समस्या बन सकती है जिससे सिरोसिस (liver damage) और जिगर की सामान्य समस्याएं हो सकती हैं। चूंकि हमारे लिए जिगर का स्वस्थ रहना बहुत ज़रूरी है इसलिए आप शराब के सेवन से बचें और एक स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। इसके अतिरिक्त आप फेटी लिवर विकार से छुटकारा पाने के लिए कुछ प्रभावी घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। तो आइए जानते हैं फेटी लिवर विकार की समस्या से निजात पाने के कुछ घरेलू उपचारों के बारे में -

(और पढ़ें - दादी माँ के घरेलू नुस्खे)



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Monday, May 14, 2018

बोन मेटास्टेसिस

बोन मेटास्टेसिस क्या है?

कैंसर की कोशिकाएं जब अपनी मूल स्थान से हड्डियों में फैल जाती है, तो इसको "बोन मेटास्टेसिस" (Bone metastasis) कहा जाता है।

लगभग सभी प्रकार के कैंसर हड्डियों में फैल सकते हैं (चिकित्सीय भाषा में इसे "मेटास्टासाइज" करना कहते हैं; metastasize), लेकिन कुछ प्रकार के कैंसर की हड्डी में फैलने की संभावना अधिक होती है, जिसमें स्तन कैंसर और प्रोस्टेट कैंसर को शामिल किया जाता है।

(और पढ़ें - बोन कैंसर)

बोन मेटास्टेसिस (Bone metastasis) शरीर की किसी भी हड्डी में फैल सकता है, लेकिन रीढ़, श्रोणि (Pelvic/ पेल्विक) और जांघ की हड्डी को यह मुख्य रूप से प्रभावित करता है। अक्सर बोन मेटास्टेसिस कैंसर होने का पहला संकेत होता है। कैंसर का इलाज करने के सालों बाद भी बोन मेटास्टेसिस हो सकता है।

(और पढ़ें - प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी)

बोन मेटास्टेसिस होने पर आपकी हड्डियों में दर्द हो सकता है और इनके आसानी से टूटने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके ज़्यादातर मामलों में हड्डियों में फैलने वाले कैंसर को ठीक नहीं किया जा सकता है। लेकिन बोन मेटास्टेसिस के उपचार से दर्द और अन्य लक्षणों को कम किया जा सकता है।

(और पढ़ें - स्तन कैंसर की सर्जरी)



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इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन

इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन क्या है?

शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर का कम या ज्यादा होने की स्थिति को इलेक्ट्रोलाइट विकार (electrolyte disorder) कहा जाता है। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में प्राकृतिक तत्व होते हैं। यह कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करते हैं।

इलेक्ट्रोलाइट के उदाहरणों में शामिल हैं -

ये पदार्थ आपके खून, शारीरिक तरल पदार्थ और मूत्र में मौजूद होते हैं। इसके अलावा आप इनको भोजन, पेय और पूरक आहार के साथ भी खाए जाते हैं।

आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए इलेक्ट्रॉलाइट्स को एक समान संतुलन में बनाए रखने की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रॉलाइट्स दिल और तंत्रिका तंत्र, द्रव संतुलन, ऑक्सीजन और अन्य एसिड के संतुलन आदि को नियमित करने में सहायता करते हैं। अत्यधिक खाने, इलेक्ट्रॉलाइट्स का स्तर कम होने, कम खाने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है।

सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम के स्तर में असामान्यताएं इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की गंभीर स्थिति होती हैं। अन्य प्रकार के इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन कम देखने को मिलते हैं। रेचक (laxative) का अत्यधिक उपयोग, गंभीर दस्त और उल्टी (गैस्ट्रोएन्टेरिटिसिस) तीनो ही इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकते हैं, और इसके निर्जलीकरण होना भी साम्य है। बुलिमिया (Bulimia) या एनोरेक्सिया नर्वोजा (anorexia nervosa) नामक रोग से पीड़ित लोग में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का ज्यादा जोखिम होता है।

गंभीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण कोमा, दौरा पड़ना और कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

(और पढ़ें - दिल का दौरा पड़ना)



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पेलाग्रा रोग

पेलाग्रा रोग क्या है?

पेलाग्रा एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में विटामिन बी-3 के कम होने पर होती है। विटामिन बी-3 को नियासिन (Niacin) भी कहा जाता है। इस रोग में डिमेंशिया, डायरिया और डर्मेटाइटिस होना आम है। अगर इस रोग का इलाज न जाए तो यह जीवन के लिए घातक बन सकता है।

हालांकि आजकल खेती-बाड़ी में काफी तरक्की होने से अब इस रोग के होने के मामले पहले से काफी कम हो गये हैं। लेकिन कुछ विकासशील देशों (developing countries) में अभी भी यह समस्या बनी हुई है। यह रोग उन लोगों को भी प्रभावित कर सकता है जिनका शरीर पर्याप्त मात्रा में विटामिन बी 3 अवशोषित नहीं कर पाता है।



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कपोसी सार्कोमा

कापोसी सार्कोमा एक प्रकार का कैंसर है, जो रक्त और लसीका वाहिकाओं (Lymph vessels) की परतों में बनता है। कपोसी सार्कोमा का ट्यूमर (घाव) आमतौर पर पैर और चेहरे पर बिना दर्द के बैंगनी निशान के रूप में दिखाई देता हैं। ट्यूमर का यह घाव जननांग क्षेत्र, मुंह और लसीका ग्रंथी में भी हो सकता है। गंभीर कार्पोसी सार्कोमा में घाव पाचन तंत्र और फेफड़ों में विकसित हो जाते हैं।

(और पढ़ें - कैंसर के प्रकार)

कापोसी सार्कोमा, मानव हर्पीस वायरस-8 (Human herpesvirus 8/ HHV-8/एचएचवी-8)  नामक वायरस के संक्रमण के कारण होता है। स्वस्थ व्यक्तियों में एचएचवी-8 का संक्रमण होने पर किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि प्रतिरक्षा प्रणाली इस संक्रमण को नियंत्रण में रखती है। जबकि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में एचएचवी-8 के संक्रमण से कापोसी सार्कोमा होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी; HIV) से संक्रमित लोगों को कापोसी सार्कोमा होने का सबसे ज्यादा खतरा होता है। एचआईवी की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और ऐसे में एचएचवी-8 तीव्र गति से बढ़ाता है।

इसके अलावा अंग प्रत्यारोपण के मामले में अंग को लेने वाला व्यक्ति, शरीर के द्वारा प्रत्यारोपण की अस्वीकृति को रोकने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करने वाली दवाएं लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप भी कापोसी सार्कोमा होने का खतरा बढ़ जाता है। एड्स के रोगियों को छोड़कर अन्य व्यक्तियों में इस रोग को नियंत्रित करना आसान होता है।



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मायोसिस

मायोसिस क्या है?

आंख के बीच में मौजूद काले गोले को पुतली कहा जाता है (अंग्रेजी में जिसे "प्यूपिल" कहते हैं; pupil)। इसका आकार एक दिन में कई बार बदलता है। कम रोशनी में यह बड़ा हो जाता है, जबकि तेज रोशनी में यह आंखों को सुरक्षित रखने और रोशनी को कम ग्रहण करने के लिए छोटा हो जाता है।

आंखे की पुतली जब सिकुड़ जाती है, तो इसे मायोसिस कहा जाता है। यदि आपकी आंख की पुतलियां कम रोशनी में बड़ी होने की बजाय छोटी ही रहें तो यह आपकी आंखों का सही तरह से काम ना करने का संकेत होता है। इस स्थिति को "असामान्य मायोसिस" कहा जाता है, और यह आपकी एक या दोनों ही आंखों में हो सकता है।



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Friday, May 11, 2018

पीलिया के घरेलू उपाय

पीलिया एक मेडिकल कंडीशन है जिसमें बिलीरूबिन की मौजूदगी के कारण किसी भी व्यक्ति की त्वचा और आँखें पीले रंग की हो जाती हैं। बिलीरुबिन एक वेस्ट उत्पाद है जिसे लिवर द्वारा फ़िल्टर किया जाता है। इसलिए हम आपको बता रहे हैं पीलिया को दूर करने के लिए कुछ कुछ घरेलू उपचार। ये उपचार ना केवल इसके लक्षणों को कम करते हैं बल्कि लिवर को भी स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।



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गंजापन दूर करने के घरेलू उपाय

बाल झड़ने की समस्या जिसको होती है उनको बेहद परेशान करती है और चिंता का विषय बन जाती है। और यह डर लगा रहता है कि कही हम किसी दिन इन झड़ते बालों की वजह से गंजे न हो जाएँ। पहले गंजापन बूढ़े होने की निशानी माना जाता था लेकिन आजकल ये समस्या युवास्था में भी देखी जाने लगी है। ये परेशानी खराब जीवनशैली, पोषक तत्वों की कमी और तनाव की वजह से देखने को मिलती है। ये समस्या पुरुषों में बेहद आम होती है इनके साथ ही अब महिलाओं में भी ये परेशानी देखी जाने लगी है जो एक शर्मिंदगी का कारण बनती है। लेकिन हेयर ट्रांसप्लांटेशन के अलावा आप घर में मौजूद सामग्रियों से अपने गंजेपन की समस्या को रोक सकते हैं।

तो आज हम आपको कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं जिनके इस्तेमाल से आप गंजेपन की परेशानी का इलाज कर पाएंगे। लेकिन उससे पहले गंजेपन के प्रकार के बारे में भी जान लीजिये। 



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Thursday, May 10, 2018

दाद के घरेलू उपाय

दाद किसी भी कीड़ा या किसी भी जीवित परजीवी के कारण नहीं होता। यह त्वचा पर एक फंगस के प्रकार के कारण होता है जिसे टिनिया कहते हैं। यह त्वचा, नाख़ून और बालों के मृत उत्तकों में रहते हैं। दाद के कारण आपकी त्वचा लाल, दरदरी और खुजलीदार हो जाती है। दाद गोल आकार में होता है इसलिए इसे रिंगवोर्म (ringworm) कहते हैं। (और पढ़ें - खुजली के उपाय)

दाद की समस्या आपको नाखूनों और त्वचा पर हो सकती है। यह हाथ और बालों की जड़ों में बहुत आम होता है लेकिन ये समस्या आपको कही भी त्वचा में हो सकती है। ये चेहरे पर भी हो सकता है। अगर दाद अलग अलग क्षेत्रों में होता है तो आप इसे इसे विभिन्न नामों से बुलाया जाता है। जैसे अगर यह पेट और जांघ के बीच होता है तो इसे जौक इच (jock itch) कहते हैं। अगर ये आपके पैरों की उँगलियों में होता है तो इसे एथलीट फुट (athlete’s foot) कहा जाता है। दाद को सिर्फ दवाइयों से ही नहीं घरेलू उपायों से भी ठीक किया जा सकता है।

तो आज हम आपको दाद को खत्म करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताने वाले हैं।



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Wednesday, May 9, 2018

हेयर मास्क क्या है, बनाने व लगाने का तरीका और फायदे

बालों का झड़ना या रूखे बाल आदि जैसी बालों की समस्याएं कई महिलाओं के लिए चिंता का विषय होती हैं। अगर यह परेशानी आपके साथ भी है तो आपको मालूम होगा कि इसके लिए पार्लर में काफी ट्रीटमेंट हैं जो आपकी समस्या को हल कर सकते हैं। लेकिन सभी के पास पार्लर जाने के लिए इतना पर्याप्त समय नहीं होता है, खर्चा बहुत होता है और केमिकल उत्पाद इस्तेमाल करने से आगे चलकर बाल खराब हो जाते हैं।

लेकिन कुछ ऐसे विकल्प हैं जिनका उपयोग आप कर सकते हैं। बालों की समस्याओं के लिए घर पर ही आप ऐसे हेयर मास्क बेहद बना सकती हैं जो प्रभावी और बेहतरीन हैं।

(और पढ़ें - बालों की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो आइये बताते हैं हेयर मास्क बनाने, लगाने का तरीका और हेयर मास्क के फायदे, लेकिन उससे पहले आपको बताते हैं हेयर मास्क क्या होता है -



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कैसे घटाए मैंने 63 किलो बिना सर्जरी या दवा

बिना किसी बीमारी के एक सही खुशहाल जिंदगी जीना सभी का सपना होता है। लेकिन मोटापे की वजह से बीमारियां अपना घर बना लेती हैं। एक स्वस्थ शरीर का सपना सच करने के लिए, 27 वर्षीय विनीत को पता था कि उन्हें कड़ी मेहनत करनी है और खान-पान सही करना है। धैर्य और पूरे एक साल की मेहनत के बाद विनीत ने 63 किलो वजन कम कर दिखाया।

(और पढ़ें - vajan ghatane ke nuskhe)

आइये आपको आगे बताते हैं कि कैसे विनीत ने अपना वजन कम किया –

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

अगस्त 2015, जब मैं अपनी डायटीशियन से मिला उन्होंने मुझे एक ऐसी डाइट पर डाला जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic Index; खाद्य पदार्थ का एक माप जो बताता है कि उसे खाने से खून में कितना ग्लूकोज का स्तर कितना बढ़ेगा)। डायटीशियन ने मुझे वजन कम करने के लिए बहुत प्रेरित किया था, जिसके लिए मैं उनका शुक्रगुज़ार हूँ। 

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya na khaye

आप क्या खाते थे?

  • मेरा नाश्ता - पोहा, दो इडली सांबर के साथ, डोसा सांबर के साथ और अंडे खाया करता था।
  • दोपहर का खाना - चिकन (भुना, तला, ग्रिलड, स्टीम्ड) के साथ ताजा सब्जियां और सलाद खाता था।
  • रात का खाना - मछली (भुना, तला, ग्रिलड, स्टीम्ड) के साथ ताजी सब्जियां और सलाद खाता था।
  • डाइट से हटकर आहार - मैंने एक साल तक कुछ भी बाहर का नहीं खाया।
  • कम कैलोरी वाला मनपसंद आहार - सांबर, ताजा सब्जियों के साथ चिकन और अंडे खाता था।

(और पढ़ें - vajan kam karne ke liye kya khana chahiye)

क्या आप वर्कआउट करते थे?

मेरा वर्कआउट चलना और दौड़ना होता था। यह ध्यान में रखें सब कुछ आपकी सोच पर निर्भर करता है, तो अपने मन को पहले से ही अच्छे से तैयार करें और फिर शरीर तो खुद-बा-खुद सब पालन करने लगेगा।

(और पढ़ें - motapa kam karne ki exercise​)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहे?

खुद को शीशे में देखकर जब एहसास होता था कि मैं लगातार वजन कम कर पा रहा हूँ और स्वस्थ हो रहा हूँ, तब मुझे बेहद खुशी मिलती थी और इस तरह मैं हमेशा प्रेरित रहता था।

(और पढ़ें - motapa kam karne ke upay)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगे नहीं?

मैं खुद को किसी भी चीज से वंचित नहीं रखता था और कुछ भी अपना पसंदीदा खाता था। लेकिन जो भी आहार हो वो घर का ही बना हुआ होना चाहिए। सही खाएं, व्यायाम करें और हमेशा खुश रहें।

(और पढ़ें - pet kam karne ke liye kya kare)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

मेरे लिए सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता था जब मुझे अपनी पसंदीदा खाने की चीजों को न कहना पड़ता था।

(और पढ़ें - kamar patli karne ka nuskha)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहते हैं?

मैं खुद को फिट देखना चाहता हूँ। इससे मेरा मतलब बॉडी बनाना नहीं है। मैं अपना जीवन खुशहाल और बिना किसी बीमारी के स्वस्थ तरीके से जीना चाहता हूँ।

(और पढ़ें - body banane ke tarike)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या-क्या किया?

बस यह सुनिश्चित करता था कि सही खाऊं और रोजाना वर्कआउट करूं।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए लाइफस्टाइल टिप्स)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मैंने वजन कम करने के लिए कई तरीके अपनाए, लेकिन कभी भी वजन कम होता ही नहीं था। साथ ही, मेरे अधिक वजन की वजह से मैं कई काम नहीं कर पाता था।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

आप वजन खुद के लिए कम करें, न कि लोगों के सामने अच्छा दिखने के लिए। वजन कम करने से आप अंदर से बेहद अच्छा महसूस करेंगे, जैसा कि मैं करता हूँ।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

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आशा करते हैं कि आपको विनीत के बारे पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, अपनी या अपने किसी मित्र या परिवार के सदस्य की, तो हमसे ज़रूर शेयर करें यहाँ लिख कर - doctor@myupchar.com



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Tuesday, May 8, 2018

फेस मास्क क्या है, बनाने व लगाने का तरीका और फायदे

अगर आप बाजार से फेस मास्क खरीदने के बारे में सोच रहें हैं तो जरा रुकिए, क्योंकि फेस मास्क तो आपके किचन में ही उपलब्ध है। जी हाँ, आपको अपने पैसे बाहर के फेस मास्क में खर्च करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। आपको बस इस लेख में बताई जाने वाली सामग्रियों को लेकर फेस मास्क तैयार करने है और फिर अच्छे से चेहरे पर लगाना है। कुछ दिन में आप देखेंगे कि आपका चेहरा निखरने लगा है और त्वचा से संबंधित समस्याएं भी ठीक हो रही हैं।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल के लिए घरेलू उपाय)

तो आइये आपको बताते हैं फेस मास्क बनाने की विधि, फेस मास्क लगाने का तरीका और फेस मास्क के फायदे -



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ब्रोंकाइटिस के घरेलू उपाय

ब्रोंकाइटिस (श्वसनीशोथ) ब्रोन्कियल ट्यूब में होने वाली सूजन और एक प्रकार का संक्रमण है जो नाक और फेफड़ों के बीच फैलता है। यह आमतौर पर वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। ब्रोंकाइटिस से जुड़े लक्षण जैसे बलगम, साँस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, नाक बंद होना, थकान, मांसपेशियों में दर्द और बुखार के साथ खांसी आदि शामिल हैं। ब्रोंकाइटिस घातक और लम्बे समय तक चलने वाली बीमारी है। (और पढ़ें – मांसपेशियों में दर्द का इलाज)

ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोग अक्सर लक्षणों को दूर करने के लिए कई तरह की दवाओं को लेने की कोशिश करते हैं।

लेकिन आज हम आपको कई सरल, प्राकृतिक घरेलू उपचारों के बारे में बताएंगे जिनके इस्तेमाल से आपको ब्रोंकाइटिस की बीमारी से राहत मिलेगी।   



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Monday, May 7, 2018

विटामिन बी2

विटामिन बी 2 को राइबोफ्लेविन के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन बी समूह का यह विटामिन स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक होता हैं।

भोजन खाने के बाद उसके पचने और उसमें से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में विटामिन बी 2 मदद करता है। ऊतकों के लिए भी विटामिन बी 2 महत्वपूर्ण माना जाता है। इसकी मदद से आंखे, त्वचा, मांसपेशियां और नसें स्वस्थ रहती हैं। इसके सेवन से आप कई रोगों से दूर रहते हैं।

इसको आप अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों और डेयरी उत्पादों से ग्रहण कर सकते हैं।

आगे इस लेख में पढ़िए विटामिन बी 2 क्या होता है, विटामिन बी 2 के फायदे, इसको कितनी मात्रा में लेना चाहिए, विटामिन बी 2 की अधिकता से होने वाले नुकसान और विटामिन बी 2 के स्त्रोत।

(और पढ़ें - स्टेमिना बढ़ाने के उपाय)



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फ्लू के घरेलू उपाय

इन्फ्लुएंजा जिसे फ्लू या ग्रीप्प के रूप में भी जाना जाता है। यह एक संक्रामक वायरल बीमारी है जो आपके फेफड़े, गले और नाक सहित ऊपरी श्वसन प्रणाली को भी प्रभावित करती है। यह सबसे सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है जो पूरे विश्व में लोग इससे पीड़ित हैँ। 

एक शोध के अनुसार हजारों लोग इन्फ्लूएंजा से पैदा होने वाली जटिलताओं के कारण हर साल मरते हैं। अक्सर लोग इन्फ्लूएंजा को सामान्य सर्दी के प्रारंभिक चरण से जोड़ देते हैं क्योंकि दोनों के लक्षण बिल्कुल समान होते हैं। इन्फ्लूएंजा के आम लक्षण जैसे नाक बहना, लगातार छींक आना, गले में खराश, नाक की नली में जमाव, शरीर में दर्द, सिरदर्द, तेज बुखार, सूखी खांसी, कमजोरी और भूख न लगना आदि शामिल हैं।

इन्फ्लुएंजा अत्यधिक संक्रामक होता है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेज़ी से फैलता है। संक्रामक व्यक्तियों को छोटे बच्चों और बुजुर्गों से दूर रहना चाहिए क्योंकि उनकी प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है। जैसे ही आपको इन्फ्लुएंजा से जुड़े लक्षण दिखाई दें वैसे ही इसका इलाज करना शुरू कर दें। क्योंकि इन्फ्लुएंजा कान का संक्रमण, निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है। निर्धारित एंटीवायरल दवाएं लक्षणों को कम कर सकती हैं हालांकि कई मामलों में सरल घरेलू उपाय भी हल्के से मध्यम फ्लू के लक्षणों को भी कम करने में मदद करते हैं। (और पढ़ें - फ्लू (इन्फ्लुएंजा))

तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे कुछ घरेलू उपाय से फ्लू के लक्षणों को कम किया जा सकता है।  



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विटामिन बी1 (थायमिन)

शरीर को कई तरह के विटामिन और खनिज (मिनरल) की जरूरत होती है। इन विटामिन और खनिज की मदद से ही शरीर क्रियाशील होता है। इस सूची में एक जरूरी विटामिन है विटामिन बी1 है।

विटामिन बी1 को थायमिन के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर को कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा में परिवर्तित करने में मदद करता है। विटामिन बी1 ग्लूकोज चयापचय (मेटाबॉलिज्म) के लिए आवश्यक होता है और तंत्रिका, मांसपेशियों व हृदय के ठीक काम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

आगे इस लेख में विटामिन बी1 के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है - विटामिन बी1 क्या है,  विटामिन बी1 के फायदे, विटामिन बी1 की अधिकता के नुकसान और विटामिन बी1 के स्रोत क्या हैं।

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Saturday, May 5, 2018

आईवीएफ (इन विट्रो गर्भाधान)

प्रदूषित वातावरण व काम के बोझ के चलते महिलाओं के शरीर में कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होने लगी हैं। इन समस्याओं में से एक है प्रेग्नेंट न हो पाना। जहां एक ओर प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्या बढ़ गयी हैं, वहीं खुशकिस्मती से दूसरी ओर इनके समाधान के लिए नए विकल्पों का अविष्कार हुआ है। इनमें से एक है इन विट्रो फर्टीलाइजेशन या आईवीएफ (In Vitro Fertilization/ IVF)। जो महिलाऐं गर्भधारण नहीं कर पा रहीं हैं, उनके लिए आईवीएफ तकनीक कारगर सिद्ध हुई है। इसके चलते बड़े शहरों में आईवीएफ केंद्र तेजी से खुलते जा रहें हैं।

इस प्रक्रिया में महिला के अंडाशय से अंडों को निकाला जाता है, जिसके बाद उन्हें प्रयोगशाला में शुक्राणु के साथ निषेचित किया जाता है। निषेचन अंडे और शुक्राणु के मिलने के बाद बच्चा बनने का पहला चरण होता है, जिससे भ्रूण (एम्ब्रीओ; Embryo) बनता है। फिर इस भ्रूण को बढ़ने और विकसित होने के लिए महिला के गर्भ में डाल दिया जाता है।

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इस प्रक्रिया में पत्नी के अंडे और पति के शुक्राणु का इस्तेमाल किया जाता है। अगर इन दोनों में से किसी के भी अंडे या शुक्राणु में कोई प्रॉब्लम हो तो एक डोनर के अंडों या शुक्राणु का उपयोग किया जा सकता है।

आगे इस तकनीक के बारे में आपको विस्तार से बतााय जा रहा है, जिसमें आप जानेंगे कि आईवीएफ क्या है, अाईवीएफ क्यों, कब व कैसे की जाती है, अाईवीएफ से पहले की तैयारी, अाईवीएफ के बाद क्या खाएं, अाईवीएफ के सफलता दर, अाईवीएफ के साइड इफेक्ट्स, अाईवीएफ की लागत और अाईवीएफ केंद्र के बारे में।

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