Wednesday, January 30, 2019

बासी खाना खाने के नुकसान - Effects of eating stale food in hindi

कुछ वर्षों पहले जब घरों में फ्रिज नहीं हुआ करता था तब लोग बासी खाने को खाना अच्छा नहीं मानते थे। लेकिन जब से लोगों के घरों में फ्रिज आ गया है तब से बासी भोजन खाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही शहरी इलाकों में काम में व्यस्त रहने और समय की कमी के कारण भी लोगों में बासी खाना खाने की आदत बढ़ती जा रही है। बेशक आपके पास समय की कमी हो लेकिन ऐसे में बासी खाना खाने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)

ताजे बने हुए खाने में बैक्टीरिया बेहद कम होते हैं, इसकी अपेक्षा रात के भोजन में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। साथ ही बासी खाने में पोषक तत्वों की भी कमी हो जाती है। आप भले ही बासी खाने को गर्म करके और इसको मसालों से स्वादिष्ट बनाकर क्यू ना खाएं, लेकिन इससे सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में कमी नहीं आती है।

इस लेख में आपको बासी खाना खाने के नुकसान और फायदों के बारे में बताया गया है। साथ ही आपको बासी भोजन खाने से क्या होता है, इसके नुकसान और सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों को भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)



from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via https://www.myupchar.com/tips/stale-foods-side-effects-and-benefits

4 सबसे बढ़िया हर्ब्स जो कम करें बढ़ती उम्र के प्रभाव को

बढती उम्र के साथ-साथ त्वचा संबंधी समस्याएं होना आम है, इसमें झुर्रियां, झाइयां, त्वचा में ढीलापन, दाग-धब्बे आदि शामिल हैं। चेहरे के साथ-साथ बढती उम्र के लक्षण त्वचा पर भी दिखने लगते हैं, जैसे - रूखी व बेजान त्वचा। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए अगर आप रोज अपनी जेब ढीली करते हैं तो आज से ऐसा करना छोड़ दीजिए, क्योंकि इन उत्पादों से आपको लाभ नहीं होगा बल्कि लगातार उपयोग करने से ये केमिकल युक्त उत्पाद आपकी त्वचा को अधिक खराब कर सकते हैं।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल कैसे करें)

बढती उम्र से होने वाली परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए आपको जरूरत है कुछ घरेलू उपायों की। आपके घर में मौजूद कुछ आम हर्ब से उम्र बढ़ने के कारण होने वाली त्वचा की समस्याओं को दूर किया जा सकता है।

(और पढ़ें - जड़ी बूटी के फायदे)

चलिए जानते हैं उन हर्ब के बारें में जो बढती उम्र से होने वाली त्वचा संबंधी समस्याओं को रोकने में आपकी मदद कर सकती हैं:

1. गुग्गुल:

गुग्गुल एक बेहद प्रभावी हर्ब है जिसे मुकुल के पेड़ से निकाला जाता है। एक स्टडी के अनुसार गुग्गुल झुर्रियों से छुटकारा दिलाता है। इसमें सूजनरोधी गुण भी होते हैं जो हानिकारक फ्री रेडिकल के प्रभाव को कम करते हैं।

गुग्गुल का इस्तेमाल कैसे करें:

सामग्री:

  1. एक छोटा चम्मच गुग्गुल पाउडर।
  2. एक बड़ा चम्मच नारियल तेल

(और पढ़ें - नारियल पानी के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले पाउडर को नारियल के तेल के साथ मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को चेहरे पर रात के समय लगाएं।
  3. लगाने के बाद रातभर के लिए ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. फिर सुबह चेहरे को पानी से धो दें।

(और पढ़ें - एजिंग के लक्षण)

2. अश्वगंधा:

अश्वगंधा बहुत ही लोकप्रिय हर्ब है जिसका इस्तेमाल चिकित्सा में काफी किया जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं जो कोशिकाओं को सुरक्षित रखते हैं और उन्हें खराब होने से बचाते हैं। अश्वगंधा से आपकी त्वचा स्वस्थ रहती है और एजिंग की समस्या भी दूर होती है।

अश्वगंधा का इस्तेमाल कैसे करें:

सामग्री:

  1. आधा छोटा चम्मच अश्वगंधा पाउडर।
  2. आधा छोटा चम्मच सूखा अदरक का पाउडर।
  3. आधा छोटा चम्मच नींबू जूस।

(और पढ़ें - अदरक की चाय के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले सभी सामग्रियों को मिला लें और एक पेस्ट तैयार कर लें।
  2. अगर पेस्ट गाढ़ा दिखाई दे तो आप इसमें पानी भी मिला सकते हैं।
  3. अब इस पेस्ट को अच्छे से मिलाने के बाद इसे चेहरे पर लगा लें और फिर सूखने के लिए छोड़ दें।
  4. फिर त्वचा को पानी से धो दें।

3. तुलसी:

तुलसी एजिंग के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है। सूरज की तेज किरणें आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं और इसकी वजह से कोलेजन में कमी आती है। कोलेजन एक ऐसा घटक है जो त्वचा की लोच को बनाए रखने में मदद करता है। एक स्टडी के अनुसार तुलसी को त्वचा पर लगाने से त्वचा रूखी नहीं होती, मॉइचराइज रहती है और झुर्रिया भी दूर होती है।

(और पढ़ें - खूबसूरत त्वचा के लिए आहार)

तुलसी का इस्तेमाल कैसे करें:

सामग्री:

  1. एक कप तुलसी की पत्तियां।
  2. एक बड़ा चम्मच बेसन
  3. एक छोटा चम्मच शहद

(और पढ़ें - चेहरे को गोरा करने के उपाय)

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले गुनगुने पानी में तुलसी की पत्तियों को सोख दें और फिर उनके मुलायम होने का इंतजार करें।
  2. अब तुलसी की पत्तियों को पीस लें और फिर पेस्ट में बेसन तथा शहद को अच्छे से मिला लें।
  3. फिर इस मिश्रण को चेहरे पर लगाएं और लगाने के बाद सूखने का इंतजार करें।
  4. फिर त्वचा को गुनगुने पानी से धो दें।

(और पढ़ें - बेस्ट एंटी एजिंग क्रीम के फायदे)

4. लौंग:

लौंग में कई स्वास्थ्य लाभ मौजूद होते हैं। लौंग के तेल का इस्तेमाल कई बीमारियों का इलाज करने के लिए किया जाता है। लौंग में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो एजिंग की समस्या को कम करते हैं।

लौंग का इस्तेमाल कैसे करें:

सामग्री:

  1. एक बड़ा चम्मच नारियल तेल।
  2. तीन से चार बूंद लौंग का तेल

(और पढ़ें - नारियल के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले चेहरे को गुनगुने पानी से धो लें।
  2. फिर दोनों सामग्रियों को एक साथ मिलाएं और फिर इसे चेहरे पर लगा लें।
  3. लगाने के बाद उंगलियों से हल्के हाथ से धीरे-धीरे चेहरे पर मसाज करें।
  4. आधे घंटे बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो दें।

(और पढ़ें - झाइयां हटाने की क्रीम



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अपनी उम्र से बड़ी लगने के कारण मायरा ने कम किए 20 किलो

एक सकारात्मकता के साथ सही दिशा में काम करने से हम अपने जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। 24 साल की मायरा जो एक बेहतरीन फिटनेस ट्रेनर बन चुकी हैं, उन्होंने सकारात्मक सोच और सही दिशा में मेहनत के बल पर ही 20 किलो वजन घटाया। उन्होंने वजन घटाने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वो अपनी उम्र से ज्यादा बड़ी दिखती थी। सकारात्मक विचार, दृढ़ निश्चय, लगातर लक्ष्य से जुड़े रहना और सही डाइट व व्यायाम की मदद से वो अपना वजन सफलतापूर्वक कम कर पाईं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के उपाय)

चलिए आपको आगे बताते हैं मायरा ने कैसे किये 22 किलो कम:

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

अत्यधिक वजन की वजह से जब मुझे मेरी उम्र ज्यादा लगने लगी तब मैंने वजन घटाने का फैसला लिया और फिर मैं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने लगी थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता: एक मुट्ठीभर ड्राई फ्रूट्स के साथ एक कप कॉफीफैट आपके शरीर के लिए ऊर्जा का काम करती है, इसकी मदद से आप पूरे दिन ऊर्जा से भरपूर रहते हैं।
  • मेरा दोपहर का खाना: चार से पांच अंडे (ऑमलेट/उबले अंडे) के साथ हरी सब्जियों से भरी एक कटोरी।
  • मेरा रात का खाना: चार से पांच अंडे (ऑमलेट/उबले अंडे) के साथ हरी सब्जियों से भरी एक कटोरी।
  • चीट डेस के समय: मैं चीट डेस में वेफल्स (Waffles) खाती थी।

(और पढ़ें - हाथ की चर्बी कम करने के उपाय)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं हफ्ते में छः दिन स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो को मिलाकर वर्कआउट किया करती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट चार्ट)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मैंने स्वस्थ जीवनशैली के साथ रहना शुरू किया जिसके लिए मुझे किसी भी तरह की प्रेरणा की जरूरत नहीं थी।

(और पढ़ें - कमर पतली करने की एक्सरसाइज)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं अपने वेट लॉस को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं रहती थी। अगर मैं ज्यादा तनाव में रहती या फिर ज्यादा अपने वजन के बारें में सोचती तो अब तक लक्ष्य से भटक चुकी होती।

(और पढ़ें - तनाव दूर करने के उपाय)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

खुश मैं तब भी थी और अभी भी हूं, लेकिन एक समय ऐसा था जब मुझे लगा कि अब मेरे लिए फिट रहना बेहद जरूरी है, जो कि मैं नहीं थी। इसलिए मैंने वजन कम करने का निश्चय किया और अब में फिट हूँ।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

मैं अगले दस सालों में खुद को मजबूत मांसपेशियों के साथ देखना चाहती हूं।

(और पढ़ें - डाइटिंग के बिना वजन कम करने का तरीका)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?

मैं इस बात का ध्यान रखती हूं कि मैं जो भी खा रही हूं वो बिल्कुल स्वस्थ खाऊं। साथ ही सबसे जरूरी बात मैंने उन चीजों को ना कहना शुरू कर दिया है जो मेरे स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक होती हैं।

(और पढ़ें - बॉडी बनाने के तरीके)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मैं निराशाजनक बातों को याद नहीं रखती, क्योंकि नकारात्मक चीजों के लिए मेरे जीवन में जगह नहीं है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितनी कैलोरी खाएं)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

आपको एक ही जीवन मिला है इसे व्यर्थ न जाने दें। हमेशा इसकी देखभाल करें और इसकी इज्जत करें।

(और पढ़ें - पेट कम करने के योगासन)

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आशा करते हैं कि आपको मायरा के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

अगर आपके पास भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें doctor@myupchar.com पर ईमेल कर सकते हैं।



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इन हर्ब्स का उपयोग आपकी त्वचा को रखेगा सदा स्वस्थ

त्वचा को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए क्या आपने कभी जड़ी बूटियों का इस्तेमाल किया है। कुछ बेहतरीन जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से आपकी त्वचा न सिर्फ स्वस्थ रहती है बल्कि त्वचा से जुड़ी अन्य समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं। इस लेख में हम आपको त्वचा को सदा स्वस्थ रखने के लिए जड़ी बूटियों के बारें में बता रहे हैं। इन जड़ी बूटियों का इस्तेमाल रोजाना करें और हफ्तेभर में ही त्वचा पर बदलाव देखें।

(और पढ़ें - चेहरे को गोरा करने के उपाय)

चलिए जानते हैं उन जड़ी बूटियों के बारें में:

1. दालचीनी:

दालचीनी का इस्तेमाल आप खाने में करते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं दालचीनी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और त्वचा को खराब होने से बचाते हैं। खाने के अलावा दालचीनी का इस्तेमाल आप अपनी कॉफी या चाय में भी कर सकते हैं। बस आधा छोटा चम्मच दालचीनी कॉफी में मिलाएं और फिर कॉफी पी जाएं। त्वचा को चमकदार बनाने के लिए दालचीनी बेहद फायदेमंद मानी जाती है।

(और पढ़ें - चेहरे पर चमक लाने के उपाय​)

2. ग्रीन टी:

ग्रीन टी में अधिक मात्रा में केटकिंस घटक होता है, जिसमें त्वचा के लिए सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-एजिंग गुण पाए जाते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप ग्रीन टी को त्वचा पर लगाते हैं तो चोट का इलाज तेजी से होता है। ग्रीन टी त्वचा में पिगमेंटेशन का कारण बनने वाले एंजाइम को भी रोकती है।

एक के अनुसार अगर आप धुप में निकलने से आधा घंटा पहले ऐसे सीरम या लोशन लगाते हैं जिसमें ग्रीन टी पाया जाता हो तो सनबर्न की समस्या कभी नहीं होगी। अगर आपके घर में इस तरह के लोशन नहीं हैं तो आप ग्रीन टी भी त्वचा पर लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - चेहरे की झाइयां हटाने के उपाय)

3. एलोवेरा:

एलोवेरा चर्म रोग के लिए बहुत ही बेहतरीन सामग्री है और इसे अक्सर हैल्थी ड्रिंक के तौर पर भी पिया जाता है। एलोवेरा झुर्रियों, स्ट्रेच मार्क्स और पिगमेंटेशन के इलाज के लिए बेहद प्रभावी माना जाता है। एलोवेरा ब्लड सर्कुलेशन में भी सुधार करके तेजी से चोट को ठीक करता है।

(और पढ़ें - चर्म रोग के उपाय)

4. मिर्च:

मिर्च जैसे लाल मिर्च, हरी मिर्च आदि भी त्वचा का इलाज करने में मदद करती हैं। मिर्च में मौजूद विटामिन ए और विटामिन सी फ्री रेडिकल्स को कम करते हैं और कोलेजन को खराब नहीं होने देते। अलग-अलग रंग की मिर्च जिनमें केप्सायसिन होता है, वो भी त्वचा के लिए सनस्क्रीन की तरह कार्य करती हैं और पराबैंगनी किरणों से बचाती हैं। आप मिर्च का इस्तेमाल अपने खाने में कर सकते हैं। इसे त्वचा पर न लगाए क्योंकि इससे त्वचा में जलन होती है।

(और पढ़ें - झुर्रियों के लिए फेस पैक)

5. हल्दी:

त्वचा के लिए हल्दी का इस्तेमाल कई सालों से किया जा रहा है। इस जड़ी बूटी में करक्यूमिन होता है जिसमें सूजनरोधी गुण होते हैं। रिसर्च का कहना है कि हल्दी को त्वचा पर लगाने के बाद इसमें मौजूद करक्यूमिन त्वचा से जुड़ी समस्याओं का इलाज करता है। आप हल्दी को अंडे, पास्ता, ब्राउन राइस, सूप आदि सभी प्रकार के खाने में डाल सकते हैं। इसके अलावा चाय को स्वादिष्ट बनाने के लिए आप उसमें हल्दी मिला सकते हैं। 

(और पढ़ें - काले दाग हटाने के उपाय)



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कुछ ऐसे फल जो आपकी त्वचा को बनाएं खूबसूरत

आप जब कोई भी फल खाते होंगे तो खाते समय यही सोचते होंगे कि ये फल आपकी सेहत के लिए कितना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन आप ये नहीं जानते कि वही फल आपकी त्वचा को निखारने में भी मदद करता है। फलों में ऐसे एंटीऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं जो त्वचा को कई समस्याओं से दूर रखते हैं। साथ ही फल खाने से त्वचा स्वस्थ व चमकदार रहती है। इस लेख में हमने आपको त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए कुछ बेहतरीन फल बताए हैं। ये फल आपकी त्वचा से जुडी समस्याओं को दूर करेंगे।

(और पढ़ें - खट्टे फल खाने के फायदे)

तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे बेहतरीन फलों के बारें में:

1. सेब:
सेब में मैलिक एसिड अधिक मात्रा में होता है। मैलिक एसिड अन्य एसिड के मुकाबले सौम्य होता है जिसका इस्तेमाल आप ब्यूटी ट्रीटमेंट में कर सकते हैं। मैलिक एसिड त्वचा की ऊपरी परत को नुकसान पहुंचाए बिना उन्हें स्वस्थ और जवान बनाए रखने में मदद करता है।

रोजाना एक सेब खाने से न सिर्फ आप बीमारियों से दूर रहते हैं बल्कि स्किन भी चमकदार रहती है। सेब में फाइबर अधिक मात्रा में होता है जिससे आपकी पाचन क्रिया अच्छी रहती है और त्वचा संबंधी समस्याएं नहीं होती।

(और पढ़ें - फाइबर युक्त आहार)

2. एवोकाडो:
एवोकाडो स्वस्थ फैट, फाइबर, विटामिन ई, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन K, विटामिन बी6, विटामिन बी9 और पैंटोथैनिक एसिड से समृद्ध होता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो त्वचा को खराब होने से बचाते हैं। एवोकाडो खाने से एजिंग से जुड़ी समस्याएं नहीं होती, क्योंकि इसमें ल्यूटिन (lutein) और जियजैंथिन (zeaxanthin) होता है जो त्वचा को पराबैंगनी किरणों से बचाता है। एवोकाडो में मौजूद स्वस्थ वसा त्वचा की लोच को बनाए रखते हैं व सूजन को दूर करते हैं और चोट का इलाज करते हैं।

(और पढ़ें - बेस्ट एंटी एजिंग क्रीम)

3. केला:
केले में अधिक मात्रा में पोटैशियम होता है जो त्वचा को मॉइस्चराइज और हाइड्रेट रखता है। केला खाने से आपका पेट भरा हुआ रहता है साथ ही इससे आपकी त्वचा मुलायम और जवान बनी रहती है। केले में त्वचा से जुड़े कई पोषक तत्व जैसे विटामिन ए, विटामिन बी और विटामिन ई आदि भी होते हैं। केले में मौजूद पोषक तत्व त्वचा की लोच को बनाए रखते हैं, त्वचा को मॉइस्चराइज करते हैं, झुर्रियों और उम्र से पहले एजिंग की समस्या को दूर करते हैं।

(और पढ़ें - आंखों के नीचे की झुर्रियां हटाने के उपाय)

4. पपीता:
पपीते में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी, पैंटोथैनिक एसिड, फोलेट और खनिज जैसे कॉपर, पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है। इनमें एंजाइम भी होते हैं जैसे पपाइन और काइमोपपाइन (Chymopapain) जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स के द्वारा खराब होने से बचाते हैं। इनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण भी होते हैं, ये त्वचा के लिए काफी फायदेमंद हैं। पपीता खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती, जब पाचन क्रिया सही होती है तो त्वचा भी अपने आप स्वस्थ रहती है।

(और पढ़ें - खूबसूरत त्वचा के लिए आहार)

5. अनार:
अनार विटामिन सी, विटामिन k, फोलेट और खनिज जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस और पोटैशियम से समृद्ध होता है। अनार का छिलका और बीज एंटीऑक्सीडेंट में भी समृद्ध होते हैं जो त्वचा को पराबैंगनी किरणों से बचाता है। अनार एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध होता है जो त्वचा को यूवी-ए तथा यूवी-बी नुकसान और पिगमेंटेशन से बचाता है।

(और पढ़ें - चेहरे की झाइयां हटाने के उपाय)



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बिना वर्कआउट नमिता ने घटाया अपना 29 किलो वजन जाने कैसे

नमिता को अपने अत्यधिक वजन की वजह से लोगों से बातें सुननी पड़ती थी और जब वो बाहर निकलती थी तो लोग उन्हें घूरते थे जिसकी वजह से उनका आत्म-विश्वास कम हो जाता था। लेकिन यह वही समय था जब नमिता ने वजन घटाने का फैसला लिया। मोटापे के कारण उन्हें कई स्वास्थ्य समस्याएं भी होने लगी थी और ऐसे वक़्त में उन्हें ये भी लगता था कि बीमार रहने की वजह से कहीं उनकी मौत न हो जाए।

(और पढ़ें - वजन कम करने के तरीके)

आइए आपको आगे नमिता की वेट लॉस यात्रा के बारें में बताते हैं:

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

2013 में मुझे सांस लेने में दिक्कत होने लगी थी, टखनों में सूजन आने लगती थी और नींद भी अच्छे से नहीं आती थी, इन सभी चीजों को देखकर मैं अंदर से टूटती जा रही थी। अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है तो समाज आपके साथ अच्छे से पेश नहीं आएगा। बल्कि लोग आपको बेकार समझने लगते हैं। मैं तनाव में रहने लगी थी और इस वजह से मुझे कोई भी रास्त नहीं दिख रहा था। आखिर में मैंने वजन घटाने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - पेट कम करने के लिए डाइट चार्ट)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता: मैं नाश्ते में दो अंडे या ऑमलेट के साथ-साथ कई मिक्स सब्जियां खाती थी और एक कप चाय भी पिया करती थी। मेरे मूड पर निर्भर करते हुए, मैं कभी-कभी डोसा, इडली और सांबर भी खा लिया करती थी। नाश्ते के कुछ घंटे बाद मैं एक कप ग्रीन टी के साथ दो कूकीज खाती थी।
  • मेरा दोपहर का खाना: एक रोटी, एक कटोरी चावल, एक कटोरी दाल या चिकन और हरी सब्जियां। साथ के साथ मैं गुलाब जामुन भी खाया करती थी।
  • मेरा रात का खाना: मैं आठ बजे तक अपना डिनर कर लिया करती थी। एक रोटी के साथ खूब सारी दाल या एक कटोरी सब्जी। साथ ही मैं डिनर के बाद एक कप ग्रीन टी भी पीती थी।
  • चीट डेस के समय: शनिवार के दिन मेरा चीट डे होता था। मेरा जो मन होता था उस दिन मैं वो ही खाती थी। लेकिन उस दिन मैं ग्रीन टी भी पीती थी।
  • कम कैलोरी वाला आहार: मैं नमक और काली मिर्च मिलाकर उबला बिना जर्दी का सफेद अंडा खाती थी।

(और पढ़ें - हाथ की चर्बी कम करने के उपाय)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

अपनी तीन साल की बेटी के आगे-पीछे घूमना मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती होती थी और वो एक तरह से मेरा वर्कआउट ही होता था। 

(और पढ़ें - कमर पतली करने के योगासन)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा थी मेरे कपड़े जिनके साथ मुझे मेहनत नहीं करनी पड़ती थी। वजन घटाने के बाद मेरे कपड़े आसानी से मुझे आने लगे थे। साथ ही वेट लॉस के बाद मुझे लोगों से तारीफें भी सुनने को मिलती थी जो कि मेरे लिए ये एक बहुत बड़ा प्रेरणा का स्रोत बन गया था। 

(और पढ़ें - कमर पतली करने की एक्सरसाइज)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

मैं अपनी पुरानी तस्वीरों को देखती थी, इस तरह मैं अपने लक्ष्य के साथ डटी रहती थी। मुझे अब यकीन है कि मेरा वजन अब फिर से बढ़ने वाला नहीं है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अधिक वजन की वजह से सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब था जब मेरा आत्म-विश्वास और आत्म-सम्मान खोने लगा था।

(और पढ़ें - रात में सोते हुए कैसें वजन कम करें)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

अब तो मैं अपना वजन इससे अधिक नहीं जाने देना चाहती हूं, वजन और कम करके हमेशा स्लिम व फिट रहना चाहती हूं।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए कितना पैदल चलना चाहिए)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?

जब मेरा वजन अधिक था तब मैं खुद की बॉडी को एक कूड़ादान समझती थी, लेकिन एक समय आया जब मुझे लगा कि अब मुझे अपने शरीर के बारें में सोचना चाहिए। इसलिए मैं हर घंटे पानी पीती थी। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से मुझे वजन घटाने में मदद मिली। मैं इस चीज पर भी ध्यान रखती थी की मैं कब क्या खा रही हूं और कब क्या खाना चाहिए। हालांकि वेट लॉस के दौरान स्वाद पर लगाम लगा पाना बेहद मुश्किल होता है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के लिए जड़ी बूटियां)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

जब से मैंने वजन घटाया है तब से मेरा जीवन हर तरीके से बदल गया है। मैं अब स्वस्थ, खुश और आत्म-विश्वास से भरी हुई हूं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

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आशा करते हैं कि आपको नमिता के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी और अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करेंगे।

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Tuesday, January 29, 2019

कोलेस्ट्रॉल नार्मल रेंज कितना होना चाहिए और चार्ट - What is Cholesterol normal range in hindi

अन्य पोषक तत्वों की तरह ही आपको कोलेस्ट्रॉल की भी आवश्यकता होती है। यह शरीर और भोजन से मिलने वाला वसायुक्त पदार्थ है। शरीर के कार्यों के लिए अन्य पोषक तत्वों की तरह ही कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर कोलेस्ट्रॉल का उपयोग कोशिकाओं की बाहरी परत और कुछ हार्मोन्स के निर्माण के लिए किया जाता है।

लेकिन कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक होने से आपको हार्ट अटैकस्ट्रोक होने का खतरा हो सकता है। करीब 75 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल लीवर के द्वारा बनाया जाता है, इसके आलावा शेष कोलेस्ट्रॉल की पूर्ति भोजन द्वारा पूरी की जाती है। लिपोप्रोटिन के द्वारा कोलेस्ट्रॉल को रक्त में पहुंचाया जाता है।

इस लेख में आपको कोलेस्ट्रॉल क्या है इसके बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको कोलेस्ट्रॉल को रक्त में पहुंचाने वाले लिपोप्रोटीन के प्रकार और कोलेस्ट्रॉल की नॉर्मल रेंज और चार्ट के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - कोलेस्ट्रॉल में क्या खाना चाहिए​)  



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सेब का जूस बनाने की विधि और पीने के फायदे - Apple juice recipe in hindi

सेब का जूस, एक बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक जूस रेसिपी है। वैसे तो बाजार में एप्पल जूस आसानी से मिल जाता है, लेकिन उसमें शुद्धता की कोई गारंटी नहीं होती। इसी कारण घर पर सेब का जूस निकालना ज्यादा बेहतर है। इसे निकालना बहुत ही आसान है और इसमें ज्यादा समय भी नहीं लगता है। आप सब जानते ही होंगे कि सेब सेहत के लिए कितना फायदेमंद होता है। इसी तरह सेब के जूस के भी अनेक फायदे हैं, जिनके बारे में हमने आपको इस लेख में बताया है। एप्पल जूस के फायदे के अलावा इस लेख में इसे बनाने का तरीका भी सिखाया गया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 20 मिनट
बनाने का समय 20 मिनट
कुल समय 40 मिनट
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी चार लोग
कब पिएं कभी भी
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक कप एप्पल जूस में कैलोरी 114Kcal

(और पढ़ें - संतरे के जूस के फायदे)



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पथरी पर अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

यहाँ पर गुर्दे की पथरी या किडनी स्टोन से सम्बंधित ऐसे सवालों के जवाब मिलेंगे जो आप जानना चाहते हैं। 



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Monday, January 28, 2019

ये हर्ब्स करेंगे आपके बालों की 5 बड़ी समस्या का अंत

आजकल के खानपान और जीवनशैली की वजह से हर कोई बालों की समस्या से परेशान है। बालों की समस्याओं को खत्म करने के लिए आप केमिकल युक्त उत्पादों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसे उत्पाद आपकी समस्याओं को खत्म नहीं करते बल्कि और बढ़ा देते हैं। अगर आप इन केमिकल युक्त उत्पादों के इस्तेमाल से बचना चाहते हैं तो इस लेख में हमने आपको ऐसी कुछ बेहतरीन जड़ी बूटियां बताई हैं जिनके इस्तेमाल के बाद यकीन मानिए आपके बालों की 5 बड़ी समस्याएं खत्म हो जाएंगी।

(और पढ़ें - बाल झड़ने के कारण)

तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं उन प्रभावी जड़ी बूटियों के बारें में:

1. तैलीय बालों के लिए करें टी ट्री तेल का इस्तेमाल:

टी ट्री ऑयल में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो सिर की त्वचा में सीबम के अधिक उत्पादन को नियंत्रित करते हैं और सिर की त्वचा में फोड़े फुंसी को भी रोकते हैं।

टी ट्री तेल का इस्तेमाल करने के लिए:

सामग्री:

  1. 15 बूंद टी ट्री तेल।
  2. 30 मिलीलीटर कोई भी आवश्यक तेल (नारियल तेल या जोजोबा तेल)।

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले दोनों सामग्रियों को एक साथ मिला लें।
  2. अब इस मिश्रण को सिर की त्वचा से लगाते हुए बालों की छोर पर अच्छे से लगाएं।
  3. लगाने के बाद कम से कम एक घंटे के लिए बालों में मिश्रण को लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अगर सिर की त्वचा में टी ट्री तेल लगाने से किसी भी तरह की समस्या नहीं होती है तो आप केवल इस तेल को भी लगा सकते हैं।
  5. अब बालों को शैम्पू से धो दें।
  6. इस उपाय को हफ्ते में दो से तीन बार दोहराएं।

(और पढ़ें - तैलीय बालों के लिए घरेलू उपाय)

2. सफेद बालों के लिए करें हिना का इस्तेमाल:

सफेद बालों को काला करने के लिए आप हिना का इस्तेमाल कर सकते हैं। हिना बालों को लाल और भूरा करती है और आप इसे कॉफी, इंडिगो, लौंग जैसी जड़ी बूटियों के साथ भी मिला सकते हैं। इससे आपको आपके बालों के लिए और अन्य रंग मिल जाएंगे। हिना बालों के लिए कंडीशनर की तरह कार्य करती है। यह बालों को चमकदार और मुलायम बनाती है साथ ही सफेद बालों से छुटकारा दिलाती है।

हिना का इस्तेमाल करने के लिए:

सामग्री:

  1. तीन से चार बड़े चम्मच हिना पाउडर या बालों के अनुसार मात्रा लें।
  2. आधा कप काली चाय या ब्लैक कॉफ़ी।
  3. एक से दो बड़े चम्मच जैतून का तेल

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले एक बड़ा बर्तन लें और फिर उसमें हिना पाउडर, आधा कप काली चाय या ब्लैक कोफ़ी डाल दें, यह दही की तरह घाड़ा होना चाहिए।
  2. मिश्रण को तैयार करने के लिए इसमें थोड़ा पानी भी डाल दें और फिर तीन से छः घंटे के लिए इसे ऐसे ही छोड़ दें। बर्तन को ढक दें।
  3. अब इस मिश्रण को लगाने से पहले इस मिश्रण में जैतून का तेल मिला लें।
  4. फिर हिना को बालों में अच्छे से लगा लें और 1 से 3 घंटे के लिए बालों में ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  5.  बालों को पानी से धो दें।

(और पढ़ें - सफेद बालों को काला करने के उपाय)

3. डैंड्रफ के लिए कैमोमाइल का इस्तेमाल करें:

कैमोमाइल का इस्तेमाल रूसी को दूर करने के लिए किया जाता है। डैंड्रफ से छुटकारा पाने के लिए आप कैमोमाइल चाय का इस्तेमाल किसी भी उम्र में कर सकते हैं। बालों को कैमोमाइल चाय से धोएं और फिर शैम्पू से बालों को धो लें। आप कैमोमाइल चाय को बालों में लगा हुआ भी छोड़ सकते हैं।

(और पढ़ें - बालों से रूसी हटाने के घरेलू उपाय)

4. हेयर फॉल के लिए अदरक का इस्तेमाल करें:

अदरक का तेल डैंड्रफ दूर करता है साथ ही इसका उपयोग जब आप बालों में करते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन तेज हो जाता है जिससे बाल बढ़ने लगते हैं।

अदरक का इस्तेमाल करने के लिए:

सामग्री:

  1. एक घिसा हुआ अदरक।
  2. चार बड़े चम्मच तिल का तेल

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले अदरक को घिस लें और फिर घिसे हुए अदरक को एक मलमल के कपड़े में रख दें। अब कपड़े को निचोड़े जिससे उसका जूस निकल सके।
  2. अब इस जूस को तिल के तेल के साथ मिला दें।
  3. फिर इस मिश्रण को सिर की त्वचा पर लगाएं और लगाने के बाद आधे घंटे के लिए मिश्रण को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  4. अब बालों को पानी से धोएं और फिर बाद में शैम्पू से धो दें।
  5. इस उपाय को हफ्ते में तीन बार दोहराएं।

(और पढ़ें - बाल झड़ने से रोकने के लिए तेल)

5. रूखे बालों के लिए अजमोद का इस्तेमाल करें:

अजमोद में विटामिन ए, विटामिन सीविटामिन K, आयरन, कैल्शियम, फ्लवोनोइड्स आदि पोषक तत्व होते हैं। बालों को रूखा होने से बचाने के लिए अजमोद गहराई तक बालों को मॉइस्चराइज करता है। अजमोद खाने से आपके बाल रूखे नहीं होते और इसे आप बालों में भी लगा सकते हैं।

(और पढ़ें - रूखे बालों की देखभाल)



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कलाई में मोच - Sprained Wrist in Hindi

परिचय

कलाई के अंदर के लिगामेंट हाथ को सही स्थिति में बनाए रखते हैं। लिगामेंट कलाई व हाथ के हिलने ढुलने की गति को नियंत्रण में रखते हैं। पट्टी जैसे मजबूत तथा लचीले ऊतकों को लिगामेंट्स कहा जाता है, जो जोड़ के अंदर दो हड्डियों को जोड़कर रखते हैं। जब कलाई में मौजूद लिगामेंट्स में अधिक खिंचाव आ जाता है या फिर ये क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो कलाई में मोच आ जाती है।

शरीर का संतुलन बिगड़ना, फिसल कर गिरना और हाथ के बल गिरना कलाई में मोच आने के कुछ मुख्य कारण हैं। इस स्थिति में आपको प्रभावित हिस्से में दर्द, कमजोरी और छूने पर दर्द होना आदि समस्याएं होने लग जाती हैं। कलाई में मोच आने पर प्रभावित क्षेत्र में सूजन व लालिमा आ जाती है प्रभावित हिस्सा नीला भी पड़ सकता है। कभी-कभी कलाई में झुनझुनी या जलन महसूस हो सकती है और कलाई से चड़क जैसी आवाज भी आ सकती है।

कलाई में मोच का परीक्षण करने के लिए एक्स रे और एमआरआई आदि टेस्ट करने की आवश्यकता पड़ सकती है। कलाई में किसी प्रकार की चोट लगने से बचाव करना और फिसलन वाली जगह पर ना दौड़ना आदि से कलाई में मोच आने से रोकथाम की जा सकती है।

बर्फ से सिकाई और पर्याप्त आराम देकर कलाई में मोच का इलाज तुरंत शुरू कर दिया जाना चाहिए। कलाई में चोट लगने के बाद कुछ दिन तक रोजाना लगातार 15 से 20 मिनट तक बर्फ की सिकाई करने की सलाह दी जाती है, जिससे दर्द कम हो जाता है। यदि कलाई में गंभीर रूप से मोच आ गई है, तो उसका इलाज करने के लिए ऑपरेशन करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है। यदि मोच हल्की ही है, तो वह कुछ दिनों में ठीक हो जाती है जबकि गंभीर मोच पूरी तरह से ठीक होने में हफ्ता और यहां तक कि एक महीने का समय भी लग सकता है।

(और पढ़ें - कलाई की हड्डी टूटने का इलाज​)



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जाने क्यों और कैसे घटाए 32 किलो वजन निहारिका ने

अत्यधिक वजन की वजह से बहुत सी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं उनमें से एक है पसंदीदा कपड़े न पहन पाना। कुछ ऐसा ही 28 साल की निहारिका के साथ था, जिन्हें नए-नए कपड़े पहनना बेहद अच्छा लगता था, लेकिन मोटापे की वजह से उन्हें अपने पसंदीदा कपड़े नहीं मिल पाते थे। साथ ही अधिक वजन की वजह से उनके स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता था, एक के बाद एक बीमारी उन्हें घेर रही थी। ये सब देखते हुए उन्हें महसूस हुआ कि अब उन्हें अपना वजन कम कर लेना चाहिए।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आसान तरीके)

आइए जानते हैं कि निहारिका ने कैसे अपना 32 किलो वजन कम किया:

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

मुझे स्टाइलिश कपड़े पहनना बेहद पसंद है, लेकिन जब मेरा वजन काफी ज्यादा हो गया तो मैं हर दुकानदार से सिर्फ एक ही बात सुनती थी कि "मैडम हमारी दूकान में इस साइज के कपड़े नहीं मिल पाएंगे।" बार बार ये जवाब सुनकर मैं बेहद परेशान हो गयी थी, तब मैंने फैसला लिया कि अब बहुत हो गया। अब मुझे अपने पुराने साइज में वापस आना ही होगा। वजन कम करने से न सिर्फ मेरा आत्म-विश्वास बढ़ा है बल्कि मेरी सेहत पहले से अच्छी हो गई है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)

आप क्या खाती थी?

(और पढ़ें - पेट कम करने के उपाय)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मांसपेशियों को मजबूत और टोन करने के लिए मैं कार्डियो, पुशअप और स्क्वाट किया करती थी। इसके अलावा, जांघ की चर्बी कम करने के लिए स्क्वाट एक्सरसाइज ने मेरी बेहद मदद की। मेरे रोजाना वर्कआउट में डंबल्स, प्लैंक्स, पहाड़ों पर चढ़ना, जम्पिंग जैक्स और बेटल रोप जैसे व्यायाम शामिल थे।

(और पढ़ें - जाँघों को कम करने के लिए योग)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

मैं रोजाना अपनी प्रगति को देख-देखकर प्रेरित होती थी। साथ ही मैं अपनी मौजूदा फोटो को अपनी पहले की फोटो के साथ तुलना करके देखती थी। साथ ही, रोजाना मुझे अपने परिवार और दोस्तों से जो सराहना मिलती थी, वो मेरे लिए सबसे बड़ा प्रेरणा का स्रोत था। एक और बड़ी चीज, वजन कम होने के बाद मैंने अपने पसंदीदा कपड़े पहनना भी शुरू कर दिए थे।

(और पढ़ें - फिट रहने के घरेलू उपाय)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

फिटनेस मेरे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा बन गया है। मैं सुबह 6 बजे व्यायाम किए बिना अपने दिन की शुरुआत करने की कल्पना भी नहीं कर सकती। इसके अलावा, मैं अपनी बॉडी को लेकर काफी ज्यादा कॉन्फिडेंट भी हो गयी हूं, इस तरह मैं फिटनेस के रास्ते पर डटी रहती हूं।

(और पढ़ें - कमर पतली करने के योगासन)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अत्यधिक वजन होने का सबसे मुश्किल भरा हिस्सा तब होता था जब लोग आपके बारें में बातें करते हैं। बल्कि, दुख तब और ज्यादा होता है जब लोग आपको मोटापे को देखने के बाद आपके व्यक्तित्व या स्वभाव के बारें में अंदाजा लगाने लग जाते हैं। मेरे स्कूल के समय, अत्यधिक वजन की वजह से मेरी क्लास के बच्चे मुझसे बात करने में या साथ खेलने में कतराते थे और ये बात मुझे बेहद परेशान करती थी।

(और पढ़ें - मीठे की लत से छुटकारा पाने के तरीके)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

मुझे अपना वजन अभी और घटाना है और इसे 55 किलो के आसपास करना चाहती हूं। इसके बाद इसी स्तर पर अपना वजन रखने की कोशिश करुंगी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए कितना पानी पीएं)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?

वजन कम करने के लिए मैंने अपनी जीवनशैली में कई बड़े बदलाव किए। सबसे पहले तो अपने चीट डेस को छोड़कर बाकी दिन मैंने केवल स्वस्थ भोजन करना शुरू किया। दूसरा, मेरे लिए वर्कआउट मेरी पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गयी थी।

(और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

मेरे लिए सबसे निराशाजनक बात तब थी जब मेरे लाख कोशिश करने के बावजूद मेरा वजन दो महीने से कम नही हो रहा था।

(और पढ़ें - खाने में कितनी कैलोरी होती हैं)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

मैंने वेट लॉस के दौरान कई बातें सीखी, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सबक यह था कि सफलता के लिए अटूट समर्पण बेहद जरूरी है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डाइट टिप्स)

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आशा करते हैं कि आपको निहारिका के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी। अब आप अपना वजन घटाने का सफर जरूर शुरू करें।

अगर आपके पास भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें doctor@myupchar.com पर ईमेल कर सकते हैं।  



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बासी खाना खाने के नुकसान - Effects of eating stale food in hindi

कुछ वर्षों पहले जब घरों में फ्रिज नहीं हुआ करता था तब लोग बासी खाने को खाना अच्छा नहीं मानते थे। लेकिन जब से लोगों के घरों में फ्रिज आ गया है तब से बासी भोजन खाने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही शहरी इलाकों में काम में व्यस्त रहने और समय की कमी के कारण भी लोगों में बासी खाना खाने की आदत बढ़ती जा रही है। बेशक आपके पास समय की कमी हो लेकिन ऐसे में बासी खाना खाने से आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के गुण)

ताजे बने हुए खाने में बैक्टीरिया बेहद कम होते हैं, इसकी अपेक्षा रात के भोजन में बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। साथ ही बासी खाने में पोषक तत्वों की भी कमी हो जाती है। आप भले ही बासी खाने को गर्म करके और इसको मसालों से स्वादिष्ट बनाकर क्यू ना खाएं, लेकिन इससे सेहत पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों में कमी नहीं आती है।

इस लेख में आपको बासी खाना खाने के नुकसान और फायदों के बारे में बताया गया है। साथ ही आपको बासी भोजन खाने से क्या होता है, इसके नुकसान और सेहत पर पड़ने वाले प्रभावों को भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - संतुलित आहार चार्ट)



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खोया के फायदे - Khoa health benefits in hindi

भारत में त्योहारों के नजदीक आते ही दूध से बनने वाले खोये की मांग बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि त्योहारों और समारोह में बनने वाली अधिकतर मिठाईयों व व्यंजनों में खोया का इस्तेमाल किया जाता है। खोया बाजारों में आसानी से उपलब्ध होता है, लेकिन आप इसको घर पर भी बना सकते हैं। दूध से बने होने की वजह से खोये में भी कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं और इसी विशेषता के कारण खोया आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है।

इस लेख में आपको खोया खाने के फायदे के बारे में विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको खोया में मौजूद पोषक तत्व, इससे स्वास्थ्य को मिलने वाले फायदे, खोया के प्रकार, खोया को सही रखने के तरीके व मानकों के बारे में भी बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - दूध और केला खाने के फायदे)



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मीठे के फायदे और नुकसान - Benefits and disadvantages of eating sweet in hindi

अधिकतर लोगों को मीठा खाना पसंद होता है। मीठी चीज थोड़ी सी खाने के बाद मन में इसको खाने की इच्छा और बढ़ जाती है। मीठा खाने से आपके शरीर को कुछ फायदे और कुछ नुकसान होते हैं। मीठे से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव आपके शरीर की प्रकृति के आधार पर तय होते हैं, लेकिन सामान्यतः लोगों को मीठा कम खाने की ही सलाह दी जाती है। दरअसल आज के दौर में शारीरिक व्यायाम कम करने के चलते कई तरह के रोग होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में मीठे का ज्यादा सेवन करना आपको रोग ग्रस्त करने का मुख्य कारण बन सकता है।

इस लेख में आपको मीठा खाने के नुकसान और फायदों के बारे में बताया गया है। साथ ही इसमें आपको मीठा खाने से शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव व ज्यादा मीठा खाने के नुकसान के बारे में भी विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - मीठे की लत से छुटकारा पाने का तरीके)



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दाल तड़का बनाने की विधि - Dal tadka recipe in hindi

दाल तड़का या तड़का दाल, भारतीय रेस्तरां में मिलने वाली एक बहुत ही प्रसिद्ध रेसिपी है। इसमें तुअर और मूंग की दाल को मिलाकर एक डिश बनाई जाती है और उसमें मसालेदार तड़का लगाया जाता है। दाल तड़का मुख्य रूप से पंजाब की लोकप्रिय रेसिपी है, लेकिन ये लगभग पूरे भारत में मिलती है। इसे बनाना बहुत ही आसान है तथा इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है। इस लेख में हमने आपको दाल तड़का बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
बनाने का समय 20 मिनट
कुल समय आधा घंटा
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी चार लोग
कहां की है ये डिश पंजाब
कब खाएं खाने में
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक सर्विंग में कैलोरी 129Kcal

(और पढ़ें - मटर के फायदे)



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खोया बनाने का तरीका - Khoya banane ki recipe in hindi

खोया, लगभग हर भारतीय मिठाई में प्रयोग की जाने वाली दूध से बनी सामग्री है। खोए को मावा भी कहते हैं। इसे बनाने के लिए दूध को कड़ाही में धीरे-धीरे पकाया जाता है जब तक ये ठोस न हो जाए। वैसे तो खोया बाजार में आसानी से मिल जाता है, जिससे आपको इसे बनाने के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ती। लेकिन बाजार में मिलने वाले खोए की शुद्धता पर भरोसा नहीं किया जा सकता। घर पर खोया बनाना आसान है, लेकिन इसमें मेहनत और समय थोड़ा ज्यादा लगता है। इस लेख में हमने आपको घर पर खोया बनाने की विधि और उसमें मौजूद पोषक तत्वों के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
बनाने का समय 1 घंटा 50 मिनट
कुल समय 2 घंटे
कितने खोए के लिए है ये रेसिपी 250 ग्राम
टाइप वेज (शाकाहारी)
100 ग्राम खोए में कैलोरी 413Kcal

(और पढ़ें - गुजिया बनाने की विधि)



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मनचाऊ सूप बनाने की विधि - Manchaow soup recipe in hindi

मनचाऊ सूप एक चाइनीज डिश है जिसमें कई सारी सब्जियों का उपयोग करके एक सूप बनाया जाता है। इसमें तले हुए नूडल्स भी डाले जाते हैं जिससे सूप में कुरकुरापन आता है। सर्दियों में गरमा-गरम सूप पीने का मज़ा ही कुछ अलग है। सबसे अच्छी बात ये है कि मनचाऊ सूप बहुत ही हैल्दी होता है और इसे बनाना भी बहुत आसान है। ये सूप बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता। इस लेख में हमने आपको मनचाऊ सूप बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
बनाने का समय 20 मिनट
कुल समय आधा घंटा
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी चार लोग
कहां की है ये डिश चीन
कब खाएं स्नैक्स में
टाइप वेज (शाकाहारी)
दो लोगों के लिए सूप में कैलोरी 128.8Kcal

(और पढ़ें - सूप पीने के फायदे)



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Sunday, January 27, 2019

ब्रेड पकोड़े बनाने की विधि - Bread pakora recipe in hindi

समोसे और पकोड़ों के अलावा सर्दी के मौसम में गरमा-गरम चाय के साथ खाने के लिए ब्रेड पकोड़ा भी एक बहुत अच्छा व लोकप्रिय विकल्प है। इसे ब्रेड का इस्तेमाल करके बनाया जाता है और तेल में डीप फ्राई किया जाता है। ब्रेड पकोड़े के कई प्रकार होते हैं। आप चाहें तो ब्रेड पकोड़े को केवल बेसन और ब्रेड से बना सकते हैं या दो ब्रेड के बीच में स्टफिंग भरके भी बना सकते हैं। इसे बनाने में न तो ज्यादा समय लगता है और न ही मेहनत। इस लेख में हमने आपको ब्रेड पकोड़े बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 15 मिनट
बनाने का समय 15 मिनट
कुल समय आधा घंटा
कितने ब्रेड पकोड़ों के लिए है ये रेसिपी छः
कहां की है ये डिश उत्तरी भारत
कब खाएं स्नैक्स में
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक ब्रेड पकोड़े में कैलोरी 98Kcal

(और पढ़ें - कचौड़ी बनाने की विधि)



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आलू पकोड़े रेसिपी - Potato pakora recipe in hindi

सर्दियों में चाय के साथ गरमा-गरम पकोड़े खाने का आनंद क्या है, इसके बारे में हमें आपको बताने की आवश्यकता नहीं है। पकोड़ों के वैसे तो कई प्रकार हैं, लेकिन आलू व प्याज के पकोड़े ऐसे हैं जिन्हें बनाने के लिए न तो बाजार से कोई विशेष सामान लाने की आवश्यकता है और न ही इन्हें बनाने में ज्यादा समय लगता है। पकोड़े वैसे तो पूरे भारत में खाए जाते हैं, लेकिन ये उत्तरी भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय हैं। इस लेख में हमने आपको आलू के पकोड़े बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और उसे बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
बनाने का समय 20 मिनट
कुल समय आधा घंटा
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी तीन लोग
कहां की है ये डिश उत्तरी भारत
कब खाएं स्नैक्स में
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक आलू पकोड़े में कैलोरी 20Kcal


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दाल बाटी चूरमा रेसिपी - Dal bati churma recipe in hindi

दाल बाटी चूरमा एक पारम्परिक राजस्थानी रेसिपी है जो बहुत ही स्वादिष्ट होती है। ये मेन कोर्स में खाई जाने वाली डिश है। दाल बाटी चूरमा ज्यादातर सर्दियों में डिनर के समय बनाया जाता है क्योंकि इससे शरीर को गर्माहट मिलती है। इस डिश को बनाना थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन इसका स्वाद बहुत ही बेहतरीन होता है। दाल बाटी चूरमा आप किसी पारिवारिक समारोह पर भी बना सकते हैं। इस लेख में हमने आपको दाल बाटी चूरमा बनाने के लिए आवश्यक सामग्री और उसे बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 15 मिनट
बनाने का समय एक घंटा
कुल समय एक घंटा पंद्रह मिनट
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी चार लोग
कहां की है ये डिश राजस्थान
कब खाएं खाने में
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक कटोरी दाल बाटी में कैलोरी 258Kcal

(और पढ़ें - गुजिया बनाने की विधि)



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Saturday, January 26, 2019

प्रेगनेंसी में पति की जिम्मेदारी - Husband's responsibilities during pregnancy in hindi

शादी के बाद महिला व पुरुष एक हो जाते हैं। इस समय घर के हर काम व बच्चों की जिम्मेदारियां भी दोनों को मिल जुलकर एक साथ उठानी पड़ती हैं। ठीक ऐसे ही प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के साथ ही पुरुष को भी अपनी पत्नी का विशेष ध्यान रखना होता है। इस दौरान महिला को अपने पति के साथ और प्यार की आवश्यकता होती है।

(और पढ़ें - डिलीवरी के बाद सूजन के कारण)

पहले के समय में घर के बुजुर्ग ये जिम्मेदारी बखूबी निभाते थे लेकिन आज के एकल परिवार के दौर में घर में पति-पत्नी अकेले रहते हैं। इसलिए ऐसे समय में पत्नी केवल पति के भरोसे रहती है। लेकिन कई पतियों को इस बारे में मालूम ही नहीं होता कि उनको प्रेग्नेंसी के दौरान किस तरह से अपनी पत्नी की मदद करनी चाहिए।

आपकी की इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए इस लेख में आपको प्रेग्नेंसी में पति की जिम्मेंदारियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। ताकि आपके पति भी इन जिम्मेदारियों को उठाकर एक अच्छे पति और पिता बन सकें। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में देखभाल)



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सिर्फ जंक फूड छोड़कर फातिमा ने किए 28 किलो कम

जिन लोगों का वजन बहुत अधिक होता है उन्हें पता होता है कि वजन बढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता, लेकिन उसे घटाने में सबसे अधिक मेहनत और लगन की जरूरत होती है। प्रेग्नेंसी के बाद वजन को कम कर पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, क्योंकि गर्भावस्था के बाद लाइफ बहुत व्यस्त हो जाती है और साथ में वर्कआउट करना आसान नहीं होता। कुछ ऐसा ही फातिमा के साथ था, प्रेगनेंसी के बाद फातिमा का वजन बहुत बढ़ गया था। अधिक वजन की वजह से उन्हें थायराइड की भी समस्या शुरू हो गयी थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने का तरीका)

आइए आगे जानते हैं फातिमा की वेट लॉस यात्रा के बारें में:

आपने वजन घटाने का फैसला कब लिया?

गर्भावस्था के बाद मैं पहले से ही अपने अत्यधिक वजन के साथ लड़ रही थी और फिर मुझे थायरॉइड के बारें में पता चला, जिसकी वजह से मैं और ज्यादा तनाव में आ गयी। थाइरॉइड की वजह से मेरा वजन और बढ़ता चला जा रहा था। इतने मोटापे की वजह से मुझे खुद को पहचान पाना मुश्किल होता था। तब मैंने महसूस किया कि अब वो समय आ गया है जब मुझे अपना वजन कम कर लेना चाहिए। अगर अब वजन कम नहीं किया तो शरीर बिमारियों का घर बन जायेगा। इस लिए मैंने वजन कम करने का फैसला लिया।

(और पढ़ें - कमर पतली करने की एक्सरसाइज)

आप क्या खाती थी?

  • मेरा नाश्ता – मुझे म्यूसली दूध में डालकर खाना बेहद अच्छा लगता था और इसमें मैं कई फलों को भी शामिल करती थी। कुछ दिनों तक, मैं पोहा, उपमा और वर्मिसिली (vermicelli) बनाकर खाती रही, जो की बेहद स्वस्थ होते हैं और जिन्हें पचाना आसान होता है।
  • मेरा दोपहर का खाना – मेरे लिए हैल्थी लंच बेहद जरूरी है। मैं दोपहर में ब्राउन राइस और मल्टीग्रेन आटे से बनी चीजें खाने लगी थी। मैं रोजाना एक कटोरी दाल खाती थी और अपनी सब्जियां नारियल तेल में बनाती थी। पाचन क्रिया को सही रखने के लिए, मैं तिल या अलसी के बीज से बना रायता खाती थी। (और पढ़ें - पाचन शक्ति बढ़ाने के उपाय)
  • मेरा रात का खाना – रात का खाना आमतौर पर हल्का होता था, मैं रात में रोटी कम खाती थी। रात में आमतौर पर मैं उबले अंडे या ग्रिल फिश के साथ सलाद खाती थी।
  • चीट डेस के समय – जब मैं डाइट पर नहीं होती थी, मैं भरवां पराठा या कोई भी मांसाहारी सब्जी खाया करती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)

क्या आप वर्कआउट करती थीं?

मैं रोजाना योग, कार्डियो और वेट ट्रेनिंग किया करती थी। इससे मेरा वजन तेजी से कम होता था और साथ ही इसकी वजह से मैं स्वस्थ भी रहती थी।

(और पढ़ें - खाने में कितनी कैलोरी होती हैं)

आप इस दौरान कैसे प्रेरित रहीं?

जब भी मेरा आत्म-विश्वास डगमगाता था, मैं शीशे में खुद को देखती थी। अपने में आए बदलाव देखने के बाद खुद से यही बोलती थी कि मैं अपने लक्ष्य के इतना पास आ चुकी हूं। अब मुझे हार नहीं माननी है। इस तरह में खुद को प्रेरित करती थी।  

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

आपने ये कैसे सुनिश्चित किया कि आप कभी अपने लक्ष्य से भटकेंगी नहीं?

पुरानी फोटो को देखकर मुझे आगे बढ़ते रहने में मदद मिलती थी। साथ ही मेरा 15 महीने का एक बच्चा है जो मुझे सारा दिन यहां से वहां भगाता रहता है। इस कारण भी मैं फिट रह पाती हूं।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के उपाय)

अधिक वजन की वजह से आपके लिए कौन सा हिस्सा सबसे मुश्किल भरा था?

अत्यधिक वजन के कारण मैं बहुत आलसी हो गयी थी और मेरे लिए चलना-फिरना भी मुश्किल हो रहा था। थोड़ा सा पैदल चलकर हांफने लगाती थी। इस कारणवश मैं अपने बच्चे के साथ खेल भी नहीं पाती थी। ऐसे में मुझे बेहद बुरा महसूस होता था।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योग)

आप खुद को कुछ सालों में किस आकार में देखना चाहती हैं?

अब तो मुझे आराम करना जरा भी पसंद नहीं है। मैं अपने बच्चे की खातिर हमेशा स्वस्थ और फिट रहना चाहती हूं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाना चाहिए)

जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए आपने क्या क्या किया?

अपनी दिनचर्या में मैंने नियमित व्यायाम को शामिल किया। साथ ही, मैंने जंक फूड और बाहर का खाना बिल्कुल छोड़ दिया था। मैं केवल घर का बना स्वस्थ खाना ही खाती थी।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए डांस)

आपके लिए सबसे निराशाजनक बात क्या थी?

थयरॉइड मेरा बहुत ज्यादा बढ़ चूका था, जिसकी वजह से मैं तनाव में रहने लगी थी और मोटापे की वजह से मेरी पर्सनालिटी भी खराब हो रही थी।

(और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए योगासन)

वजन घटाने के बाद आपने क्या सीखा?

वेट लॉस से अब मेरा आत्म-विश्वास पहले के मुकाबले कई गुना बढ़ा है। अब मैं जीवन में अपने लक्ष्यों के प्रति अधिक समर्पित और केंद्रित हुई हूं।

(और पढ़ें - हिप्स कम करने के टिप्स)

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आशा करते हैं कि आपको फातिमा के बारे में पढ़ कर प्रेरणा मिली होगी। अब आप अपना वजन घटाने का सफर ज़रूर शुरू करें। 

अगर आपके पास भी अपनी या अपने किसी मित्र, परिवार के सदस्य या परिचित की कोई ऐसी ही प्रेरणा देने वाली कहानी है, तो हमसे ज़रूर शेयर करें। आप अपनी कहानी हमें doctor@myupchar.com पर ईमेल कर सकते हैं।



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पकोड़ा बनाने की विधि - Pakoda recipe in hindi

कोई भी पकोड़ा बनाने के लिए आपको पहले बेसन का बैटर बनाने की आवश्यकता होती है। इस बैटर में स्टफिंग को भिगोया जाता है और फिर तेल में तलने के लिए डाल दिया जाता है। इस बैटर का उपयोग हर तरह के पकोड़े बनाने के लिए किया जा सकता है। इस लेख में हमने आपको पकोड़े बनाने के लिए उसका बैटर बनाने का तरीका और पकोड़ों के प्रकार के बारे में बताया है।

(और पढ़ें - पुलाव रेसिपी)



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Friday, January 25, 2019

Home remedies to increase hunger in children

If pregnancy marks one of the most impassioned times in a woman’s life, motherhood is one of the busiest. From caring for the newborn to assuring its needs and developing good habits, its all about the child. But one of the most tricky parts is getting your little one to eat properly.

If you too are worried about the eating habits of your child, it can be easily amended by following some easy tips and making small changes to their and your eating habits. Yes, you need to change the way you eat too, children learn a lot from their parents and their eating behaviours. So be ready to eat healthier. On the plus side, it would just improve your own health as well, so you can find new ideas to entertain your young one. Because punishment and reward tactics no longer work or rather they never had, it's time you change your approach.



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Contraceptive pills: Benefits, uses and side effects

Contraceptive pill or ‘the pill’ is taken by women to prevent unwanted conception. They are either taken regularly over a monthly schedule or are used immediately after coitus for the purpose of contraception.

Pills which are taken after coitus are known as emergency contraceptive pills. These are meant to be taken within 72 hours of sexual activity to prevent pregnancy.

Contraceptive pills or birth control pills which are taken over a monthly cycle, come in two formulations, that is, as a combined pill and a mini pill. Both these pills come with different drug compositions.

These pills function by interfering with the process of the ovulatory cycle, that is, the reproductive cycle in females which releases an egg each month and makes it available for fertilisation.

All the types of pills are effective in the process of birth control but have their own set of benefits, risks and side effects, which is why they must not be taken without your physician’s consult. When using these pills with a prescription, it is important that you be careful to take them on the specified time and never miss a dose as this reduces its contraceptive actions.

Let’s discuss more about the mechanism, benefits, dosage, risks, uses and side effects of these pills through this article.



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Thursday, January 24, 2019

छाती (सीने) में जकड़न - Tightness in Chest in Hindi

परिचय

पेट के ऊपर व गर्दन के नीचे (छाती) के क्षेत्र में किसी प्रकार की तकलीफ या दर्द आदि होने की स्थिति को छाती में जकड़न कहा जा सकता है। छाती में जकड़न की समस्या किसी भी उम्र में या किसी भी क्षेत्र में रहने वाले व्यक्ति को हो सकती है। इस स्थिति में सीने में जलन, दबाव महसूस होना और दर्द जैसी समस्याएं होने लग जाती हैं।

ऐसी बहुत सारी स्थितियां हैं जिनसे छाती में जकड़न होती है, इनमें हार्ट अटैक जैसे खतरनाक रोग भी शामिल हैं। गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल, साइकोलॉजिकल और पल्मोनरी (फेफड़ों संबंधी) समस्याओं के कारण भी छाती में जकड़न की समस्या हो सकती है। छाती में जकड़न होना एक व्यक्तिपरक (सब्जेक्टिव) लक्षण है। जिसका मतलब यह है, कि मरीज इसे महसूस कर सकता है और डॉक्टर को बता सकता है लेकिन डॉक्टर खुद से इसका पता नहीं लगा सकते। 

छाती में जकड़न अक्सर अन्य लक्षणों के साथ होती है, ये लक्षण किसी अंदरुनी समस्या, रोग या विकार के आधार पर विकसित होते हैं। इन लक्षणों में बुखार, बदन दर्द, सांस लेने में दिक्कत होना और चिंता आदि शामिल हैं। छाती में जकड़न का परीक्षण करने के लिए व उसके कारणों का पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट जैसे ईसीजी, छाती का एक्स रे, कम्पलीट ब्लड काउंट, इको टेस्ट और स्पिरोमेट्री आदि किए जा सकते हैं। 

छाती में जकड़न को ठीक करने के लिए इस स्थिति का कारण बनने वाली समस्याओं का इलाज किया जाता है। इसमें अस्थमा के लिए एरोसोल, छाती के दर्द के लिए निट्रो-ग्लाइसरीन टेबलेट और चिंता के लिए एंटी-एंग्जाइटी दवाएं दी जाती हैं। यदि आप छाती की जकड़न को नजर अंदाज कर रहे हैं, तो यह घातक हो सकता है क्योंकि छाती में जकड़न की समस्या कुछ मामलों मे हार्ट अटैक के कारण भी हो सकती है। 

(और पढ़ें - दिल का दौरा पड़ने पर क्या करें)



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यह आदतें आपकी त्वचा के लिए है नुकसानदायक

क्या आप त्वचा पर काले दाग धब्बे, झुर्रियां, झाइयां, उम्र से पहले एजिंग की समस्या आदि से परेशान हो चुकें हैं तो सारा दोष इस्तेमाल किए हुए उत्पादों को न दें, क्योंकि कुछ गलत आदतों की वजह से भी त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है। इस लेख में हमने कुछ ऐसी ही गलत आदतें बताई हैं जिनकी वजह से लोगों की त्वचा दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।

(और पढ़ें - चेहरे की झाइयां हटाने के उपाय)

चलिए इस लेख में विस्तार से जानते हैं उन आदतों के बारें में:

1. एक्सपायरी उत्पादों का इस्तेमाल करना:
हर मेकअप बहुत महंगा होता है जिसकी वजह से लोग उसका इस्तेमाल तब तक करते हैं जब तक वो एक्सपायर न हो जाए। हालांकि, उत्पाद एक्सपायर तब होता है जब इनमें मौजूद सामग्रियां खराब होने लगती हैं। इसके कारण त्वचा से जुडी अन्य समस्याएं होने लगती हैं और त्वचा पर सूजन भी आ सकती है। इसके अलावा त्वचा पर छाले या रेशेज और संक्रमण जैसे आँख आना आदि की समस्या भी हो सकती है। अगर आपके मेकअप उत्पादों में से अजीब गंध आती है या मेकअप सूखने लगता है तो इसका मतलब यही है कि आप इन उत्पादों को अब फेंक दें।

(और पढ़ें - आँख आने पर क्या करना चाहिए)

2. पानी ज्यादा न पीना:
पर्याप्त पानी न पीने से आपकी त्वचा पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है। पानी हमारे शरीर के सभी अंगों के लिए बेहद जरूरी है, लेकिन जब शरीर में पानी की कमी होती है तब इसका सबसे पहला असर त्वचा पर दिखाई देता है। शरीर में पानी की कमी से त्वचा ड्राई हो जाती है और त्वचा से जुडी अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं। हाइड्रेट रहने से त्वचा ताजा और निखरी हुई रहती है।

(और पढ़ें - त्वचा की देखभाल कैसे करें)

3. त्वचा को अधिक एक्सफोलिएट करना:
हफ्ते में एक या दो बार एक्सफोलिएशन त्वचा को मुलायम और चमकदार बनाने के लिए बेहद जरूरी होता है। एक्सफोलिएशन मृत कोशिकाओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है और मृत कोशिकाओं के कारण आपकी त्वचा के छिद्र भी बंद हो जाते हैं। कुछ क्लींजर में एक्सफोलिएटिंग सामग्रियां होती हैं जैसे ग्लाइकोलिक एसिड, सैलिसिलिक एसिड, लेक्टिक एसिड आदि।

अगर आप इनमें से किसी भी उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अलग से फेशियल स्क्रब की जरूरत नहीं है। साथ ही, अगर आप एक्सफोलिएटिंग क्लींजर का इस्तेमाल सात दिन के लिए करते हैं, तो अगले सात दिन के लिए किसी सौम्य क्लींजर का इस्तेमाल करें। अत्यधिक एक्सफोलिएशन से त्वचा संवेदनशील और रूखी हो जाती है,साथ ही उम्र से पहले एजिंग की समस्या होने लगती है।

(और पढ़ें - तैलीय त्वचा की देखभाल कैसे करें)

4. धूम्रपान:
धूम्रपान न सिर्फ आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है बल्कि आपकी त्वचा के लिए भी नुकसानदायक होता है। धूम्रपान करने से उम्र से पहले एजिंग के लक्षण दिखाई देने लगते हैं जैसे झुर्रियां, भूरे रंग के दाग-धब्बे आदि। धूम्रपान करने से आपकी त्वचा में रक्त प्रवाह भी रुक जाता है। साथ ही अत्यधिक शराब पीने से भी आपकी त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इसलिए यदि सुंदर त्वचा चाहते हैं तो धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर दें।

(और पढ़ें - शराब छुड़ाने के घरेलू उपाय)

5. कॉटन के कपड़े के तकियों का इस्तेमाल करने से -

अगर आपको एक साइड में होकर सोने की आदत है और इससे आपके चेहरे पर लाइन पड़ जाती हैं, तो आपको सिल्क के कपड़े से बने तकिए के कवर का इस्तेमाल करना चाहिए। सिल्क वाले तकिए के कपड़े का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा मुलायम और मॉइस्चराइज रहती है। कॉटन के कपड़े के कारण बनने वाली लाइने कुछ देर में चली तो जाती हैं, लेकिन ये आपके चेहरे पर झुर्रियां पैदा कर सकती हैं, इसलिए आज से अपने बेड़ पर कॉटन के कपड़े के तकिए हटा दें और सिल्क से बने तकिए के कवर का उपयोग करें।

(और पढ़ें - स्किन टाइट करने के लिए तेल​)



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रात के समय इन उपायों की मदद से हमेशा दिखेंगे जवान

हम सभी हमेशा जवान दिखना चाहता है। ये चाहत हर किसी की होती है कि उसके चेहरे से उसकी उम्र का पता न चले। इसके लिए लोग महंगे-महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कई बार ये हमारे चेहरे के लिए नुकसानदायक भी होते हैं। अगर आप चाहते हैं कि त्वचा को नुकसान न पहुंचे और यह हमेशा जवान व खूबसूरत बनी रहे तो इस लेख में बताए गए घरेलू उपायों का इस्तेमाल करें। रात में इन घरेलू उपायों का इस्तेमाल करने के बाद आपकी त्वचा से जुड़ी सभी समस्याएं दूर हो जाएंगी और त्वचा जवान लगने लगेगी।

(और पढ़ें - ब्यूटी केयर टिप्स)

तो चलिए इस लेख में हम आपको बताते हैं त्वचा को जवान बनाने के लिए रात में किन उपायों का इस्तेमाल करें:

1. चेहरे को साफ करें:

अगर आप हमेशा जवान दिखना चाहते हैं तो रात को सोने से पहले हमेशा चेहरे से मेकअप, सनस्क्रीन और सीबम को साफ करके सोएं। इससे न सिर्फ आपकी त्वचा बेजान होने से बचेगी बल्कि आंखों की पलकों पर लगे मस्कारे से पलके भी खराब नहीं होंगी। अपने बेड के पास चेहरे को साफ करने वाले क्लींजिंग वाइप्स (Cleansing wipes - चेहरे को साफ करने वाले टिश्यू) रखें, इससे आप आसानी से अपने मेकअप को रात को सोने से पहले हटाकर सो सकते हैं। 

(और पढ़ें - झुर्रियों का इलाज)

2. मॉइस्चराइजर लगाएं:

आजकल रात को स्लीप मास्क (Sleep mask) लगाने का भी ट्रेंड चला है। एक एक्सपर्ट का कहना है कि अगर आप सुबह अपनी त्वचा एकदम ताजा और निखरी हुई देखना चाहते हैं तो रात को स्लीप मास्क जरूर लगाएं। यह मास्क नाइट क्रीम के मुकाबले काफी हल्के होते हैं, इसलिए आप बिना बालों और तकिए पर लगने की चिंता के इसे आसानी से चेहरे पर लगा सकते हैं। स्लीप मास्क के फायदे बढ़ाने के लिए आप एंटी-एजिंग क्रीम के ऊपर मास्क लगा सकते हैं, ताकि ये त्वचा में अच्छे से अवशोषित हो सके। 

(और पढ़ें - चेहरे की झाइयां हटाने के उपाय)

3. केले व अंडे का उपयोग करें:

त्वचा को निखारने, झुर्रियों व झाइयों से छुटकारा दिलाने के लिए नीचे बताए गए उपाय का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह उपाय आपकी त्वचा पर कसाव लाता है, आंखों के काले घेरों को दूर करता है और अंदर से त्वचा को साफ करता है।

सामग्री:

  1. एक अंडे की जर्दी।
  2. आधा केला
  3. दो बड़े चम्मच ब्राउन शुगर

(और पढ़ें - केले के छिलके के फायदे)

बनाने व लगाने का तरीका:

  1. पहले अंडे की जर्दी को एक कटोरी में निकाल लें।
  2. फिर केले को छीलें और अब उसे आधा काट लें।
  3. अब आधे केले को चाकू से टुकड़ों में काट लें।
  4. फिर इन दोनों सामग्रियों को एक साथ मिक्सर में डाल दें।
  5. मुलायम पेस्ट तैयार होने तक मिक्सर को चलाते रहें।
  6. अब एक कटोरी में दो बड़े चम्मच ब्राउन शुगर लें और फिर उसमें तीन बड़े चम्मच केले व अंडे की जर्दी का पेस्ट डालें।
  7. अब इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं, जहां-जहां काले घेरे, झाइयां, झुर्रियों आदि की समस्या है उन क्षेत्रों पर अच्छे से इस पेस्ट से मसाज करें।
  8. अगर पेस्ट बचा हुआ है तो आप उसे हाथों पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  9. हाथ व चेहरे पर कुछ मिनट तक मसाज करने के बाद आधे घंटे के लिए मिश्रण को ऐसे ही लगा हुआ छोड़ दें।
  10. अब त्वचा को पानी से धो लें और फिर तौलिए से पोछने के बाद त्वचा पर मॉइस्चराइजर लगाएं।

(और पढ़ें - तैलीय त्वचा के लिए मॉइस्चराइजर)



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पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे - Periods miss hone ke kitne din baad pregnancy test kare

हर महिला को प्रेगनेंसी से जुड़े सभी सवालों के बारे में अवश्य ही मालूम होना चाहिए। यह कोई मुश्किल विषय नहीं हैं, बस थोड़ी सी जानकारी के बाद आप इस पड़ाव को भी अन्य दिनों की तरह चिंता मुक्त होकर बिता सकती है। पीरियड्स के न आने पर अक्सर महिलाओं को लगता है कि कहीं वो प्रेगनेंट तो नहीं हो गई हैं।

सबसे पहले आपको बता दें कि पीरिड्स कई अन्य समस्याओं के कारण भी मिस हो सकते हैं। साथ ही प्रेगनेंसी का प्रयास करने वाली महिलाएं ही पीरियड्स मिस होने पर गर्भवती हो सकती है। अधिकतर महिलाओं के मन में यह भी सवाल आता है कि पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते है या पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। 

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें)

इस लेख में आपको पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करें, इसके बारे में ही विस्तार से बताया गया है। साथ ही आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सही समय क्या है आदि विषयों पर भी जानकारी देने का प्रयास किया गया है। 

(और पढ़ें - माँ बनने की सही उम्र)



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दाल फ्राई रेसिपी - Dal fry recipe in hindi

अगर आप रोजाना वो ही दाल खाते-खाते बोर हो गए हैं और आपको कुछ नया खाने का मन है, तो ये रेसिपी आपके काम की है। इसे बनाया तो दाल से ही जाता है, लेकिन मसालों की वजह से इस दाल का स्वाद बहुत ही बेहतरीन हो जाता है। आपने देखा होगा हर रेस्तरां में दाल फ्राई नामक एक रेसिपी अवश्य मिलती है, आज हम आपको ये रेसिपी बनाना ही सीखा रहे हैं। इसे बनाना बहुत आसान है और दाल फ्राई को बनने में ज्यादा समय भी नहीं लगता। इस लेख में हमने आपको दाल फ्राई बनाने की सामग्री और इसे बनाने के तरीके के बारे में बताया है।

संक्षेप में  
तैयारी करने का समय 10 मिनट
बनाने का समय 15 मिनट
कुल समय 25 मिनट
कितने लोगों के लिए है ये रेसिपी छः लोग
कहां की है ये डिश भारत
कब खाएं खाने में
टाइप वेज (शाकाहारी)
एक कप दाल में कैलोरी 178Kcal


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पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है - How many days after periods does ovulation occur in hindi

कई महिलाओं को प्रेगनेंसी के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। प्रेगनेंसी के बारे में जानकारी ना होने के कारण ही महिलाओं को प्रेग्नेंट होते समय घबराहट होती है। लेकिन इस विषय पर थोड़ी सी जानकारी से आपके मन में उठने वाले सभी सवाल शांत हो जाते हैं। महिलाओं के जीवन से जुड़े पीरियड्स, मासिक धर्म चक्र, ओवुलेशन और प्रेगनेंसी ऐसे ही कुछ मुश्किल सवाल है, जिनके बारे में हर महिला को अवश्य जानकारी होनी चाहिए।

इस लेख में आपको पीरियड्स के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है इसके बारे में बताया जा रहा है। साथ ही आपको मासिक धर्म चक्र की जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

(और पढ़ें - ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है)



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Wednesday, January 23, 2019

Foods to reduce and control blood pressure

High blood pressure is one of the most common public health problems in India owing to dietary and lifestyle factors. Normal blood pressure is expected to fall within the range of 120/80 mm of Hg. When systolic blood pressure rises above 140 mm of Hg and diastolic raises above 90 mm of Hg, it is considered to be in the hypertensive range. 

Hypertension is a significant risk factor for cardiovascular diseases and stroke, and is yet considered to be highly modifiable. This implies that it is possible to reduce your risk of heart diseases by simple measures that cater to bring down your blood pressure. But, what are these measures? Inevitably, diet and physical activity are the major factors controlling your blood pressure and management of these will surely help.

Dietary measures to control hypertension include an increase in the intake of fresh fruits and vegetables along with fibres and a reduction in salt consumption. Studies also suggest that a diet rich in potassium is helpful in the management of high blood pressure.

Diet is such a major factor controlling hypertension that research studies have proposed a special type of diet called the DASH diet or Dietary Approach to Stop Hypertension for its management.

You’ll learn more about this diet and get a comprehensive picture of the kind of foods that you should be eating along with a list of foods that you must avoid to keep your blood pressure in check.



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Lemon Tea (Nimbu Chai) benefits and side effects

Nothing starts a day better than a cup of tea. It refreshes the mind and elevates mood along with providing warmth energy to the body. What's more, there is an array of teas to choose from, ranging from black tea to earl grey, oolong and herbal teas, the supermarket aisle is a tea lover’s reprise. Lemon tea is probably the most well known and loved beverage all around the world. This refreshing and rejuvenating tea is most commonly consumed for its weight loss benefits but you don’t have to be a health enthusiast or a chai lover to enjoy a sip of this tea.

All you have to do is add a few drops of lemon juice into your morning cup of black tea or herbal tea and you are good to go.

Since lemons are loaded with vitamin C, lemon tea also aids in immunity development and detoxifying your body. The faint citrusy scent of lemons enlivens senses so you can get up and begin your day with renewed energy.

Want to know more? Read on!



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