Tuesday, February 27, 2018

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर क्या है

अक्सर लोग हृदय संबंधी समस्या होने पर हार्ट अटैक और कार्डिक अरेस्ट (Cardiac arrest; अचानक हृदय गति रुकना) शब्द का इस्तेमाल एक ही रूप में करते हैं, लेकिन ये समानार्थक शब्द नहीं है। इन दोनों बीमारियों के कारण भिन्न होते हैं। दिल का दौरा (हार्ट अटैक) तब होता है जब हृदय में पहुंचने वाला रक्त का प्रवाह बंद हो जाता है। वहीं दूसरी ओर कार्डियक अरेस्ट तब होता है, जब हृदय विद्युतीय प्रक्रिया में अचानक समस्या आ जाती है और हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। सरल शब्दों में समझा जाएं तो हार्ट अटैक का सीधा संबंध रक्त प्रवाह से है, जबकि कार्डियक अरेस्ट का संबंध हृदय को गति देने वाली विद्युतीय तरंगों में आई समस्या से होता है। कार्डियक अरेस्ट को हृदय गति रुकना भी कहा जाता है।

(और पढ़ें - हृदय को स्वस्थ रखने के लिए एक्सरसाइज)

हार्ट अटैक (हृदयघात) क्या होता है?

हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां जब अवरुद्ध होकर हृदय के एक भाग तक ऑक्सीजन युक्त रक्त को जाने से रोक देती है, तो इस स्थिति को हार्ट अटैक कहा जाता है। यदि इस अवरुद्ध धमनी को जल्दी से नहीं खोला जाता है, तो इस धमनी की वजह से हृदय पर प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है। लंबे समय तक इस समस्या का उपचार न करने से हृदय की क्षति में बढ़ोतरी हो जाती है। हार्ट अटैक के लक्षण तत्काल और तीव्र हो सकते हैं। कई बार इस समस्या के लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और लंबे समय तक उपचार न होने पर यह हार्ट अटैक का कारण बन जाते हैं। आपको बता दें कि अचानक होने वाले कार्डियक अरेस्ट के विपरीत हार्ट अटैक में दिल की धड़कने बंद नहीं होती हैं।

(और पढ़ें - हृदय स्वस्थ रखने के लिए आहार)

कार्डियक अरेस्ट क्या होता है?

कार्डियक अरेस्ट बिना किसी पूर्व लक्षण के अचानक हो जाता है। यह समस्या हृदय को गति देने वाली विद्युतीय तरंगों में आई खराबी के कारण उत्पन्न होती है। इसके कारण हृदय की दर अनियमित हो जाती है। हृदय की धड़कनों व पम्पिंग क्रिया में बाधा आने के कारण हृदय मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों को रक्त नहीं पहुंचा पाता है। इसके बाद व्यक्ति को बेहोशी आने लगती है और कुछ समय के बाद नसों में रक्त बहना बंद हो जाता है। इस समस्या में व्यक्ति का तुरंत इलाज न हो पाने की स्थिति में उसकी मृत्यु भी हो सकती है।

यह दोनों समस्याएं कैसे एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं?

यह दोनों ही समस्याएं हृदय से संबंध रखती हैं और यह दोनों हृदय रोग है। अचानक होने लाने वाला कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक के बाद होता है या हार्ट अटैक के ठीक होने की प्रक्रिया में हो सकता है। इससे कहा जा सकता है कि हार्ट अटैक के बाद कार्डियक अरेस्ट होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसा जरूरी नहीं है कि हार्ट अटैक की समस्या होने पर कार्डियक अरेस्ट होता ही हो, परंतु कार्डियक अरेस्ट के कई मामलों में हार्ट अटैक का होना एक मुख्य वजह के रूप में देखा जाता है। हृदय से जुड़ी अन्य समस्याएं भी हृदय की धड़कनों को भी बाधित कर सकती है और कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकती है। इन समस्याओं में हृदय की मांसपेशियों का अकड़ना (Cardiomyopathy; कार्डियोम्योपैथी), दिल की विफलता (Heart failure), अनियमित दिल की धड़कन (Arrhythmias), वेंट्रिकुलर फैब्रिलेशन (Ventricular fibrillation) और क्यूटी सिंड्रोम (Q-T syndrome) शामिल हैं।

(और पढ़ें - हृदय वाल्व रोग)

हार्ट अटैक होने पर क्या करें?

अगर आपको या आपके आसपास किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आ जाता है और आप इस स्थिति को समझ नहीं पाते हैं तो इस अवस्था में मरीज को तुरंत अपातकालीन चिकित्सीय उपचार प्रदान कराना चाहिए। हार्ट अटैक आने पर मरीज का हर मिनट कीमती होता है। मरीज को कार या किसी अन्य वाहन से अस्पताल ले जाने से बेहतर होगा कि आप तुरंत किसी अस्पताल कॉल कर एंबुलेंस को बुलाएं। इससे मरीज को अस्पताल पहुंचने तक उचित इलाज मिल पाएगा। वहीं अस्पताल के अपातकालीन विभाग के विशेषज्ञों व अन्य कर्मचारियों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वह हार्ट अटैक के द्वारा धड़कने रूक जाने पर भी कई सफल प्रयास कर व्यक्ति की हृदय धड़कनों को दोबारा ला सकते हैं। जबकि एंबुलेंस से अस्पताल पहुँचने तक मरीज के सीने में दर्द का इलाज शुरू कर दिया जाता है।    

अचानक कार्डियक अरेस्ट होने पर क्या करें?

कार्डियक अरेस्ट के कुछ ही मिनटों में इलाज प्रदान करने से इसको ठीक किया जा सकता है। इसके लिए आप सबसे पहले अस्पताल कॉल कर एंबुलेंस व अपातकाल चिकित्सा को बुलाएं। जब तक अपातकालीन इलाज शुरू नहीं होता तब तक आप मरीज को डिफब्रिलेटर (Defibrillator; हृदय पर विद्युतिय झटके देने वाली मशीन) से प्राथमिक इलाज करते रहें। इसके अलावा कार्डियक अरेस्ट मरीज को तुरंत कार्डियोपल्मोनरी रिसासिटेशन (Cardiopulmonary resuscitation; CPR; हृदय धड़कन रूकने पर मरीज को दी जाने वाली चिकित्सीय प्रक्रिया) देनी चाहिए।

(और पढ़ें - दिल में जन्मजात छेद होना



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थायराइड डाइट चार्ट

आपकी गर्दन के आगे वाले हिस्से में 'थायरॉयड' एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है। इस ग्रंन्थि से थायराइड नामक हार्मोन स्रावित होता है। जब इसकी मात्रा आपके शरीर में कम हो जाती, तो यह हाइपोथायरायडिज्म और जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है, हाइपर्थाइरॉइडिज्म कहलाता है। एक अध्ययन के अनुसार भारत में लगभग 4 करोड़ 20 लाख थाइराइड के मरीज हैं। महिलाएं थाइरोइड की सबसे ज्यादा शिकार होती हैं। हर दस थायराइड मरीज में से आठ महिलाएं होती हैं। थायराइड में तनाव, अवसाद, अनिद्रा, कोलेस्ट्रॉल और दिल की धड़कन का बढ़ना जैसी परेशानियां होती हैं।

(और पढें - थायराइड कैंसर)

थायराइड में हर व्यक्ति इस समस्या से जूझता है कि कौन सा आहार खाना चाहिए और कौन सा नहीं। इसलिए हम आपके लिए ले कर आए हैं, हाइपोथायरायडिज्म और हाइपर्थाइराइडिज्म के लिए एक हफ्ते का डाइट प्लान, जिसे अपनाकर आप अपने थायराइड को सामान्य स्तर पर ला सकते हैं।

(और पढ़ें - थायराइड कम करने के उपाय)



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रात को दही खाना चाहिए या नहीं

दही अच्छे बैक्टीरिया का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है जो पाचन में भी सहायक है। यह आपके दांतों और हड्डियों के लिए अच्छी होती है। लेकिन अधिकांश खाद्य पदार्थों के साथ, कुछ नियम हैं जिनका आपको दही लेने के लिए पालन करने की आवश्यकता है। आपने कई बार सुना होगा कि रात को दही खाने से बचें। यहां कुछ नियम बताये गए हैं जिनके बारे में जानना है ज़रूरी -

  1. रात में दही न खाएं, खासकर यदि आपको खाँसी और ठंडे होने का खतरा हो। आयुर्वेद के अनुसार रात में दही का सेवन अच्छा नहीं है क्योंकि इससे बलगम का विकास होता है। लेकिन अगर आप दही के बिना नहीं कर सकते हैं, तो इसके बजाय छाछ को चुनें।
  2. यदि आप दिन के दौरान दही खा रहे हैं, तो इसे बिना चीनी के खाएं। लेकिन अगर आप रात में दही खा रहे हैं, तो चीनी या कुछ काली मिर्च मिलाएं। यह पाचन में सहायता करेगा और आपके पाचन तंत्र को शांत करेगा।
  3. कभी भी गर्म दही नहीं खाएं।

रात में अपने आहार में दही को शामिल करने के लिए जानिए कुछ टिप्स :

1. दही चावल : उबले हुए चावल के साथ कुछ दही मिलाएं। उसमें थोड़ा नमक और काली मिर्च का पाउडर मिलाएँ। आप अच्छा स्वाद लाने के लिए कढ़ी पत्‍ते और कुछ लाल मिर्च के साथ तड़का लगा सकते हैं।

2. दही चीनी : अगर आपको मीठा खाना पसंद है तो आपको यह संयोजन पसंद आएगा। आप दही में कुछ चीनी मिलाकर उसका सेवन करें। रात के खाने के बाद इसका सेवन आपके पेट को शांत करेगा और इससे सभी एसिड को बेअसर हो जायेंगे।

3. छाछ : रात को खाने के बाद छाछ एक और स्वस्थ पेय है। यह न केवल आपके पेट को ठंडक देगा बल्कि कोलन में बैक्टीरिया को बदलता है और जिसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ हैं।

4. लस्सी : लस्सी छाछ का एक मीठा रूप है जो केवल अधिक क्रीमयुक्त और चीनी से परिपूर्ण होती है।

5. कढ़ी : कढ़ी एक पारंपरिक नुस्खा है जिसे बेसन, नमक और छाछ के मिश्रण से तैयार किया जाता है। और इस मिश्रण को कुछ मिर्च, करी पत्तियों और जीरे के साथ तला जाता है। यह करी आम तौर पर चावल या चपाती के साथ खाई जाती है।

6. फ्रूट सलाद : केले, सेब, अनार आदि फलों को काटकर कुछ दही में मिलाएं और एक स्वस्थ मिठाई का आनंद लें। (और पढ़ें - अनार के फायदे)

7. रायता : रायता एक आम भारतीय साइड डिश है। टमाटर, प्याज, खीरा, कद्दू, कटी हुई हरी मिर्च जैसे विभिन्न सब्जियों को मिलाकर इसे तैयार किया जाता है। (और पढ़ें - खाने के बाद दही का सेवन क्यों है फायदेमंद?)



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Monday, February 26, 2018

कलाई में दर्द के घरेलू उपाय

हमारी कलाई आठ छोटी हड्डियों से बनी होती है, जिन्हे कार्पल हड्डी भी कहते हैं। ये हड्डियां बांह की हड्डियों और हाथ की हड्डियों से "लिगमेंट" (ligament) की मदद से जुडी होती हैं। कलाई में दर्द इसके किसी भी हिस्से में चोट या क्षति के कारण होता है। 

हाथ और कलाई में दर्द लगातार हड्डियों में घर्षण व अत्यधिक इस्तेमाल, चोट या बुढ़ापा, कैल्शियम की कमी, गठिया, शुगर, थायराइड बढ़ना (हाइपरथायरायडिज्म) या थायराइड कम होना (हाइपोथायरॉइडिज़्म) और अन्य चिकित्सीय कारण हो सकते हैं।

यहाँ आपको कलाई के दर्द को कम करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बताए गए हैं। यह उपाय आपकी मदद ज़रूर करेंगे लेकिन अगर दर्द बहुत तीव्र हो, लगातार या बार बार हो, तो कृप्या डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें।



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बदहजमी (अपच) के घरेलू उपाय

अपच, जिसे चिकित्सा शब्द में डिस्पेपसिया (dyspepsia) भी कहा जाता है, पेट में पाचन जूस के स्राव की समस्या के कारण होता है। आम तौर पर अपच मसालेदार, वसा युक्त या ज़्यादा खा लेने से भी होता है। गैस्ट्रोइफोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी; GERD), आंत सिंड्रोम, तनाव या चिंता, मोटापा, अल्सर, पेट संक्रमण, थायरॉयड रोग, धूम्रपान और कुछ दवाओं के कारण यह और भी बदतर हो सकता है।

(और पढ़ें - महिलाओं में थायराइड लक्षण)

अपच के कुछ लक्षण जैसे सूजन, गैस, पेट दर्द, ऊपरी पेट में जलन, अम्लीय स्वाद और उल्टी आदि शामिल हैं। आप अपने किचन में उपलब्ध सामग्रियों से भी अपच के लक्षणों से राहत प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, जैसे ही आपको अपच की समस्या शुरू होती है तो थोड़ा पानी पी लें इससे आपको गैस्ट्रिक pH को बढ़ाने में मदद मिलेगी। (और पढ़ें - पेट फूलने की समस्या से अगर छुटकारा चाहते हैं तो जरूर करें ये उपाय)

ऐसे कई और अन्य उपाय हैं जिनका इस्तेमाल आप अपच की समस्या के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा गंभीर समस्या होने पर एक बार अपने डॉक्टर से भी जानकारी लें।



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थायराइड कम करने के घरेलू उपाय

थायराइड एक तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो एडम एप्पल के ठीक नीचे गर्दन में स्थित होती है। इसे मुख्य ग्रंथि के रूप में जाना जाता है जो शरीर की ऊर्जा और चयापचय को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब थायरॉयड अत्यधिक सक्रिय हो जाती है और थायरोक्सिन हार्मोन की अत्यधिक मात्रा में उत्पादन करने लगती है तो इस स्थिति को हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है। (और दूसरी तरफ, थायरोक्सिन हार्मोन के कम मात्रा में उत्पादन को हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है)

(और पढ़ें - थायराइड के लक्षण)

हाइपरथायरायडिज्म के सामान्य कारणों में शामिल हैं ऑटोइम्यून डिसॉर्डर जिसे ग्रेव्स रोग कहा जाता है साथ ही थायरॉयड ग्रंथि की सूजन, थायरॉयड हार्मोन का असामन्य स्राव, आयोडीन का अत्यधिक सेवन या थायरॉयड में सौम्य गांठ या नोड्यूल आदि शामिल हैं। हाइपरथायरॉडीजम किसी को भी हो सकता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ये स्तिथि आठ गुना अधिक होती है। यह 30 की उम्र की शुरुआत में ही विकसित होने लगती है लेकिन इसके लक्षण 60 से अधिक महिलाओं में ज़्यादा सामान्य हैं।

कई तरह के संकेत हाइपरथायरोडिज़्म के लक्षणों को बताते हैं जैसे वज़न का घटना, अनियमित दिल की धड़कन, घबराहट, अत्यधिक पसीना, मासिक धर्म चक्र में बदलाव, गर्दन के आधार पर सूजन, थकान, मांसपेशियों की कमजोरी और सोने में कठिनाई महसूस होना आदि शामिल हैं। हाइपरथायरायडिज्म के कई लक्षण अन्य स्थितियों के लिए भी बहुत आम है। इसलिए समस्या को जल्द पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है। (और पढ़ें – थकान कम करने के घरेलू उपाय)

थायरॉयड का जल्द निदान दवाओं, सप्लीमेंट्स और जीवनशैली में बदलाव लाकर किया जा सकता है। हाइपरथायरायडिज्म का इलाज कुछ प्राकर्तिक तत्वों से भी किया जा सकता है। हालाँकि कोई भी उपचार लेने से पहले आप अपने डॉक्टर से सभी तरह की जानकारी ले लें। (और पढ़ें - थायराइड में क्या खाना चाहिए)

तो आईये आज आपको बताते हैं कुछ थायराइड कम करने के घरेलू उपाय।



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चिंता दूर करने के घरेलू उपाय

आज के व्यस्त और प्रतिस्पर्धी जीवन में हम चिंता और तनाव को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसके साथ ही कुछ लोगों को स्वाभाविक रूप से दूसरों की तुलना में घबराहट और चिंता की संभावना अधिक महसूस होती है। अन्य कारण जो इस समस्या को बढ़ाते हैं जैसे अवसाद, अच्छे से नींद न ले पाना, पोषण संबंधी कमी, निकोटीन, अधिवृक्क संबंधी विकार (adrenal disorders), थाइरोइड विकार और कुछ दवाएं आदि इसमें शामिल हैं। चिंता के कुछ सामान्य लक्षण जैसे डर, आशंका, बेचैनी, सिरदर्द, हृदय की धड़कने तेज़ होना, सांस की तकलीफ, सोने में दिक्कत, पेट में परेशानी, शुष्क मुँह, मतली, चक्कर आना और थकान आदि शामिल हैं। (और पढ़ें – थकान दूर करने के घरेलू उपाय)

जिन लोगो को बहुत गंभीर या पुरानी चिंता और तनाव की समस्या है उन्हें इससे जुडी बहुत बड़ी परेशानी झेलनी पड़ सकती है। चिंता और तनाव दो बहुत आम स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं। तो ज़रूरी है आप इन गंभीर स्थितियों को संभाल लें। बहुत से लोग प्राकृतिक उपाय को बेहद प्रभावी मानते हैं। (और पढ़ें - चिंता के लक्षण, कारण, उपचार, दवा और निदान)

तो आइये आज हम आपको बताते हैं चिंता को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपाए जिनके इस्तेमाल से आपको चिंता और तनाव की समस्या दूर करने में मदद मिलेगी।  



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एनीमिया (खून की कमी) के लिए योग और प्राणायाम

एनीमिया दुनियाभर में एक आम समस्या बन गयी है और यह विशेष रूप से महिलाओं को प्रभावित करती है। एनीमिया दुनियाभर में करीब 1.62 अरब लोगो को प्रभावित करता है। डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) का अनुमान है कि भारत में विशेष रूप से महिलाओं में एनीमिया सबसे ज़्यादा पाया जाता है।

एनीमिया में हीमोग्लोबिन या लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या का स्तर कम हो जाता है जिससे शरीर में खून की कमी पैदा होती है। पुरुषों के लिए सामान्य स्तर  है 13.5 ग्राम ग्राम प्रति डेसीलीटर और महिलाओं में 12.0 ग्राम ग्राम प्रति डेसीलीटर। हीमोग्लोबिन का काम शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाना होता है। यदि आपके रक्त में कम या असामान्य लाल रक्त कोशिकाएं हो या आपका हीमोग्लोबिन कम या असामान्य हो तो आपके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति में आपके फेफड़ो और हृदय को रक्त से ऑक्सीजन प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन इसका इलाज उचित भोजन, सही उपचार और योग एवं प्राणायाम के अभ्यास की मदद से किया जा सकता है। 



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एक्यूप्रेशर की सहायता से पाएँ सिरदर्द और माइग्रेन से मुक्ति

सिरदर्द या माइग्रेन दर्द से अधिक तनावपूर्ण कुछ भी नहीं है। यह सोचने, काम करने, ध्यान केंद्रित करने और आराम करने में कठिनाई पैदा कर सकता है।

सिरदर्द या माइग्रेन के अटैक होने पर ज्यादातर लोग दर्द से छुटकारा पाने के लिए ओवर-द-काउंटर गोलियों का सहारा लेते हैं जिनके कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। जब भी आप तेज सिरदर्द या दर्दनाक माइग्रेन से पीड़ित हैं, तो आप एक्यूप्रेशर पर भरोसा कर सकते हैं। एक्यूप्रेशर हजारों साल से उपयोग की जा रही एक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है जिसका इस्तेमाल सिरदर्द, माइग्रेन और कई अन्य बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। (और पढ़ें - जानिए कैसे करता है एक्युप्रेशर कई बीमारियों का निवारण)

सबसे महत्वपूर्ण बात, आप अपने घर पर एक्यूप्रेशर की कोशिश कर सकते हैं या आप किसी विशेषज्ञ से सहायता प्राप्त कर सकते हैं। तो आईए जानते हैं इन एक्यूप्रेशर पॉइंट्स के उपयोग के बारे में -



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टीबी में परहेज, क्या खाना चाहिए और क्या नहीं

टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो 'ट्यूबरक्लोसिस' नामक जीवाणु से होता है। यह बीमारी आपके फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करती है। इसके अलावा यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे दिमाग, रीढ़ की हड्डी को भी नुकसान पहुंचाती है। टीबी को ठीक होने में अधिक समय लगता है, इसलिए इसे ठीक करने के लिए आपको चिकित्सीय उपचार की जरूरत होती है। इलाज के साथ ही साथ टीबी को ठीक करने में आहार भी बहुत महत्वपूर्ण रोल निभाता होता है। डॉक्टर हमेशा सलाह देते हैं कि टीबी रोगियों को सबसे पहले अपने पाचन शक्ति को मजबूत बनाना चाहिए। टीबी से ग्रसित रोगियों में कमजोरी की समस्या बहुत सामान्य है, इसलिए ऐसे खाद्य पदार्थों को खाना चाहिए, जिससे पर्याप्त उर्जा मिल सके।

(और पढ़ें - पाचन शक्ति कैसे बढ़ाये)

इसके अलावा टीबी रोगियों को यह पता होना चाहिए कि इस बीमारी में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं और किन चीजों से परहेज करना चाहिए और किन चीजों से नहीं। टीबी के दौरान स्वस्थ्य आहार आपके लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है, क्योंकि यह आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ-साथ ये आपकी शरीरिक क्षमता को भी बढ़ता है। शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिए निम्न खाद्य पदार्थों को खाएं। इसके साथ ही साथ दिन में कम से कम 3 बार भोजन जरूर करें।

(और पढ़ें - टीबी के घरेलू उपाय)



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Sunday, February 18, 2018

आपका ब्लड टाइप आपके बारे में क्या बताता है

राशि को हमेशा मज़े के लिए पढ़ा जाता है। लेकिन अपना भविष्य जानने के लिए सितारों की ओर देखने की बजाए आप स्वयं के भीतर एक तत्व से अपने बारे में बहुत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं - जैसे आपका किस प्रकार का व्यवाहर है, क्या चीज़ आपको पसंद आती है आदि। तो क्या है यह आपके शरीर के अंदर का तत्व जो आपको यह सब बताता है?
 
वो तत्व है आपका ब्लड टाइप!
 
कोरियाई और कई पूर्वी एशियाई देशों में ऐसा माना जाता है कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं वो सब आपके ब्लड ग्रुप के द्वारा पता चल सकता है। ब्लड के चार विभिन्न प्रकार हैं - ए, बी, एबी, और ओ। ब्लड के प्रकार आपके व्यक्तित्व, प्राथमिकता, काम और यहां तक कि भोजन का भी निर्धारण करते हैं।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आपके व्यक्तित्व के बारे में कौन सा ब्लड ग्रुप क्या कहता है -


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गर्मियों में पाएं पसीने से छुटकारा, इस घर पर बने डियोड्रेंट का लेकर सहारा

तेज धूप, सन टैनिंग और पसीने का मौसम आ चुका है। गर्मियों में तापमान कई त्वचा समस्याओं को साथ लाता है। इस सीजन में हम कई त्वचा समस्याओं से पीड़ित होते हैं, पसीना और शरीर की गंध सबसे बड़ी चिंताओं में से एक है। बेशक, एक पौष्टिक भोजन और बहुत सारे तरल पदार्थ पीने से शरीर की गंध को कम या पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है, लेकिन हम में से अधिकांश डियोड्रेंट के ऊपर निर्भर होते हैं।

ये डियोड्रेंट फायदे से अधिक नुकसान कर सकते हैं। दुकान से खरीदे गये डियोड्रेंट में एल्यूमीनियम शामिल हो सकता है जो ब्रेस्ट कैंसर और अल्जाइमर जैसे  घातक रोगों का कारण बन सकता है। इनमें प्रोपीलीन ग्लाइकोल भी शामिल हो सकता है जो पेट्रोलियम आधारित पदार्थ है। यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, हृदय और लिवर को नुकसान पहुंचाते हैं। कुछ सुगंधों में पैराबंस (Parabens) और थैलेट (Phthalates) भी हो सकते हैं जो सिंथेटिक संरक्षक हैं और हार्मोनल सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

शरीर के लिए पसीना आना अच्छा होता है, यह आपके शरीर से स्वाभाविक रूप से विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए एक माध्यम है। डियोड्रेंट का उपयोग त्वचा के छिद्रों को बंद करता है जिससे विषाक्त पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं। इसके बावजूद, आपका शरीर अत्यधिक पसीना निकालने के ज़रिए  विषाक्त पदार्थों को बाहर करके आपके शरीर को डिटॉक्स करने की कोशिश करता है, जिससे अक्सर हमारे कपड़े पर पसीने के पैच छूट जाते हैं। इसलिए आपकी त्वचा को स्वस्थ और सुखी रखने के लिए हम सुझाव देते हैं कि आप अपने घर में बनें डियोड्रेंट का उपयोग करके देखें। इसे बनाना बहुत आसान है।



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क्यों कुछ लोगों को होती है ज्यादा नमक खाने की लालसा

नमक के बिना खाद्य पदार्थ बेस्वाद लगते हैं। लेकिन इसकी अधिक मात्रा हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं ला सकती है और यहां तक कि किडनी की समस्या, दिल का दौरा या स्ट्रोक विकसित होने का खतरा भी बढ़ सकता है। कुछ लोगों के लिए, नमक की लालसा का मतलब है कि वे अपने शरीर की ज़रूरत से अधिक नमक खा रहे हैं। (और पढ़ें – दिल का दौरा के कारण)

मानव शरीर में रक्त, मूत्र और पसीने में 250 ग्राम सोडियम शामिल है, इसलिए आपको प्रतिदिन 200 मिलीग्राम नमक लेने की जरूरत होती है।

वास्तव में, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हर दिन 5 ग्राम से अधिक नमक (2000 मिलीग्राम सोडियम) का सेवन नहीं करना चाहिए। एक दिन में सभी भोजन और स्नैक्स के लिए एक चम्मच नमक पर्याप्त होता है। नमकीन जैसी सभी चीजों के लिए अपनी लालसा को कैसे छोड़ना है, यह जानने के लिए आपको पहले यह समझने की ज़रूरत है कि ऐसा क्यों है कि आप इतना नमक खाना चाहते हैं। यहां कुछ सामान्य स्थितियां दी गई हैं जो नमक की तलाब पैदा कर सकती हैं।



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नींबू के फायदे और नुकसान – Lemon (Nimbu) Benefits and Side Effects in Hindi

नींबू के स्वास्थ्य लाभ विटामिन सी, विटामिन बी 6, विटामिन ए, विटामिन ई, फोलेट, नियासिन थाइमिन, राइबोफ़्लिविन, पैंटोथेनिक एसिड, तांबे, कैल्शियम, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम, जस्ता, फास्फोरस और प्रोटीन जैसे कई पौष्टिक तत्वों के कारण है।



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हल्दी के फायदे और नुकसान

हल्दी एक बहुत ही अच्छी जड़ी बूटी है। अक्सर इसे "मसालों की रानी" के रूप में पुकारा जाता है। इसकी मुख्य विशेषताएं इसकी सुगंध, तेज स्वाद और सुनहरा रंग है। पूरे विश्व में लोग इस जड़ी बूटी को अपने खाना पकाने की प्रक्रिया में इस्तेमाल करते हैं।
अमेरिकन केमिकल सोसायटी के जर्नल के मुताबिक हल्दी में एंटी-ऑक्सिडेंट, एंटी-वायरल, एंटी-बायोटिक, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
यह प्रोटीन, आहार फाइबर, नियासिन, विटामिन सी, विटामिन ई, विटामिन के, पोटेशियम, कैल्शियम, तांबे, लोहा, मैग्नीशियम और जस्ता जैसे पोषक तत्वों से भी भरपूर है। इन सभी पोषक तत्वों के कारण, हल्दी अक्सर स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए प्रयोग की जाती है। आप पाउडर के रूप में हल्दी को करी, तले हुए व्यंजन, चिकन, गर्म दूध और मसालेदार सलाद ड्रेसिंग में डाल सकते हैं। हल्दी को गोली के रूप में भी लिया जा सकता है।



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बाजुओं में ताकत और आर्म्स को टोन करने के लिए इस वर्कआउट से अच्छा कुछ और नहीं

अक्सर यह देखा जाता है कि पुरुष तो अपने बाइसेप्स बनाने में लगे रहते हैं लेकिन महिलाएँ अपनी बाजुओं को मज़बूत बनाने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं करतीं जो सही नहीं है। ऐसे कितने काम हैं जिनमें अगर आपकी बाजुएँ मज़बूत ना हों, तो आप कर नहीं पाएँगे। क्या बाज़ार से सामान लाते वक्त आपको ऐसा लगता है कि आपको वो वजन उठाना मुश्किल लग रहा है? क्या आपको अपने बच्चे को गोद में उठाने में भी दिक्कत होती है? या जब आप पुश अप्स करने की कोशिश करते हैं, आपसे वो हो नहीं पाते हैं? अगर इनमें से किसी भी प्रश्न का जवाब हाँ है, तो इसका मतलब है कि आपको अपनी बाहों की शक्ति बढ़ाने की ज़रूरत है। जब तक आपकी बाजुओं में दम नहीं होगा, आपको इन सभी दैनिक कार्यों में मुश्किल होगी। इसलिए लाएँ हैं हम एक ऐसा वर्कआउट जो आप घर पर ही रहकर कर सकते हैं और इसके लिए आपको किसी तरह के वेट्स या डंबल्स की भी ज़रूरत नहीं होगी। एक और फायदा यह है कि इस वर्कआउट से आपकी बाजुएँ टोन भी हो जाएँगी। इसे हफ्ते में अगर लगातार दो से तीन बार नियमित रूप से करेंगे, तो अवश्य फर्क महसूस करेंगे। तो तैयार हो जाइए इस दस मिनट के बेहतरीन आर्म्स वर्कआउट के लिए - 

और पढ़ें - हिप्स कम करने के लिए करें ये हिप्स एक्सरसाइज



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सिर्फ़ 10 मिनिट रोज़ योग से करिए अनियमित मासिक धर्म और ओवरी में सिस्ट (पीसीओएस) का उपचार

हमने आपको पहले विस्तार में अनियमित मासिक धर्म और उसके एक प्रमुख कारण 'ओवरी में सिस्ट' (पीसीओएस (PCOS) मतलब पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) के बारे में बताया था। यह दोनो ही आम परेशानियाँ हैं जिनका उपचार योग से किया जा सकता है। हम आज आपको कुछ ऐसे आसन बताएँगे जो आप रोज़ केवल 10 मिनिट भी करेंगी तो इन परेशानियों से आराम महसूस करेंगीं।

(और पढ़ें - अनियमित मासिक धर्म के कारण और उपचार)



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सीखें कैसे कर सकते हैं योग से मधुमेह को ठीक इस वीडियो में

मधुमेह आजकल भारत में एक बहुत ही आम लाइफस्टाइल (जीवन शैली से जुड़ी) बीमारी बन गया है। योग से केवल आपको मधुमेह से राहत ही नहीं मिलेगी, बल्कि योग मधुमेह होने से भी रोकता है। यहाँ आप कुछ ऐसे आसन सीखेंगे जो आपको मधुमेह के उपचार में मदद करेंगे। याद रहे कि योग से राहत निरंतर अभ्यास से मिलती है, तो रोज़ यह आसन करें मधुमेह के उपचार के लिए। आइए जाने कैसे योग मधुमेह से राहत पाने में आपकी मदद कर सकता है।

डॉकटर से सलाह ज़रूर करते रहें। यह वीडियो डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं है।

(और पढ़ें - डायबिटीज के लिए योगासन)



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हेमा मालिनी से सीखें माइग्रेन का उपचार योग से इस वीडियो में

माइग्रेन आज की तनाव से भारी ज़िंदगी का जैसे एक हिस्सा बन गया है। योग से केवल आपको माइग्रेन राहत ही नहीं मिलती, बल्कि योग माइग्रेन होने से भी रोकता है -- जैसे की अँग्रेज़ी में कहते हैं "Prevention is better than cure"। यहाँ आप कुछ ऐसे आसन सीखेंगे जो आपका तनाव कम करेंगे जो की माइग्रेन का एक प्रमुख कारण है। याद रहे की योग से राहत निरंतर अभ्यास से मिलती है, तो रोज़ यह आसन करें माइग्रेन से बचने के लिए। आइए जाने हेमा मालिनी के साथ कैसे योग माइग्रेन से राहत पाने में आपकी मदद कर सकता है।

(और पढ़ें - माइग्रेन के लिए योग)



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शिल्पा शेट्टी वजन घटाने के लिए दे रही हैं ये पौष्टिक बीटरूट (चुकंदर) सूप रेसिपी

शिल्पा शेट्टी कुंद्रा फिटनेस पर बहुत अधिक ध्यान देती हैं और योग में बहुत अधिक विश्वास रखती हैं। शिल्पा अपनी डाइट को लेकर भी बहुत सावधान रहती हैं। हालांकि शिल्पा मीठे की शौकीन हैं लेकिन वे फिर भी अपनी डाइट को बैलेंस कर लेती हैं। वो ऐसा इसलिए कर पाती हैं क्योंकि उन्होनें घर पर बनी हुई स्वस्थ रेसिपीज को अपनी डाइट में शामिल किया हुआ है।

शिल्पा ने वजन घटाने के लिए बहुत ही स्वस्थ बीटरूट (चुकंदर) सूप रेसिपी के बारे में बताया हैं। शिल्पा के अनुसार उन्हें बीटरूट बहुत पसंद हैं क्योंकि इसमें कई फायदेमंद गुण होते हैं जैसे कि यह कैंसर कोशिकाओं से लड़ सकता है, रक्त को शुद्ध कर सकता है, उच्च रक्तचाप को कम कर सकता है, कब्ज को रोक सकता है और आँतो के कार्यों में सुधार कर सकता है।

शिल्पा कहती हैं कि कई बार लोग अपने आहार से फैट को पूरी तरह से काट देते हैं। ऐसा करने की बजाए अच्छे और बुरे फैट के बीच अंतर को समझना ज़रूरी है।

यह पौष्टिक सूप वजन घटाने के लिए बहुत अच्छा है और संभवत: बीटरूट का उपभोग करने का सबसे अच्छा तरीका है। बहुत सारे स्वास्थ्य लाभों के साथ, यह सूप मधुमेह रोगियों द्वारा भी सेवन किया जा सकता है लेकिन उसके लिए आपको चुकंदर की जगह लौकी का इस्तेमाल करना होगा। तो आइए जानते हैं पौष्टिक बीटरूट सूप रेसिपी के बारे में -



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चर्बी घटाने के लिए इन पांच चीजों को ना करें अपनी डाइट में शामिल

अगर आपको चर्बी कम करनी है तो इन पांच चीजों को अपने खाने में शामिल न करें -



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क्या जूस पीने से वजन होता है कम?

आपने जूस के सभी स्वास्थ्य लाभों के बारे में तो सुना ही होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि जूस आपका वजन कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है? जूस उच्च स्तर का पोषण प्रदान करता है जो वजन घटाने में सहायक है।

तो चलिए आज हम जानते हैं कि जूस हमारा वजन कम करने में कैसे मदद करता है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के नुस्खे)



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चर्बी कम करने के लिए ये पांच स्मूदी हैं फायदेमंद

वजन कम करने का सबसे अच्छा तरीका अपने आहार में सही पोषक तत्वों का सेवन करना है। इसके लिए आज हम आपको घर में स्मूदी बनाने का तरीका बता रहे हैं। ताजे फल और सब्जियों के ये मिश्रण कम-कैलोरी के साथ पोषक तत्वों से भरे हुए हैं। ये आपको लंबे समय तक भूख लगने से बचते हैं और आपके वजन को भी कम करने में मदद करते हैं। यह प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और पोषक तत्वों के साथ अच्छे वसा से अच्छी तरह से संतुलित हैं।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए घरेलू उपाय)



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क्या दूध और केला डाइट से वजन कम करने में मिलती है मदद?

केला और दूध की डाइट को 1934 में जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एक डॉक्टर जॉर्ज हॅरप ने मधुमेह के रोगियों के लिए विकसित किया था। लेकिन बाद में लोगों ने इस डाइट को वजन कम करने के लिए उपयोग करना शुरू कर दिया।



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यह कम कार्बोहाइड्रेट वाला भारतीय भोजन है वजन कम करने में बेहद असरदार

कम कार्बोहाइड्रेट या बिना कार्बोहाइड्रेट वाला आहार वजन घटाने के लिए बहुत ही अच्छा होता है। कम कार्ब का मतलब ही है आहार में प्रोटीन का ज़्यादा होना। लेकिन शरीर के लिए कार्बोहाइड्रेट आवश्यक है।

इसलिए हमें अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार शामिल करना चाहिए। इसलिए आज हम कुछ ऐसे ही आहार के बारे में बता रहे हैं जिनमें बहुत कम कार्बोहाइड्रेट होता है और जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही अच्छे हैं।



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वजन को कम करने के लिए नाश्ते में लें ये स्मूदी रेसिपी

आज के समय में अधिक लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हमारी जीवन शैली और खान पान है। हम अपने खान पान में जितनी कैलोरी लेते हैं, हम उस कैलोरी को ख़त्म (burn) नहीं कर पाते, नतीजा यह होता है कि बची हुई कैलोरी हमारे शरीर में चर्बी (fat) के रूप में इकठ्ठा हो जाती है और हमारा वज़न बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के तरीके)

हम अपने आहार में अधिक तला-भुना, फ़ास्ट फ़ूड, देसी घी, कोल्डड्रिंक आदि का सेवन करते हैं। इन चीजों में बहुत अधिक कैलोरी होती है। इसके लिए हम आप को कुछ ऐसे स्मूदी (smoothies) रेसिपी की जानकारी देने जा रहे हैं, जिनमे बहुत कम कैलोरी होती है और आप के स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। इन स्मूदी का सेवन आप सुबह नाश्ते के रूप में करें। इसके सेवन से आप को भूख बहुत देर से लगती है और आप कैलोरी के ज्यादा सेवन करने बचते हैं। इससे आपका वजन कम होता है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)



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वजन कम करने के लिए जूस रेसिपी

त्योहारों और शादियों का मौसम शुरू होते ही लोग आकर्षक दिखने के लिए मेकप करके चेहरे को तो बड़ी ही आसानी से खूबसूरत बना लेते हैं। लेकिन शरीर को आकर्षक बनाने में बड़ी मेहनत लगती है।

शायद यही वजह है कि त्योहारों और शादियों से पहले लोग अपने फिगर पर कुछ ज़्यादा ध्यान देने लग जाते हैं। इसके लिए कुछ लोग जिम जाते हैं तो कुछ लोग घर पर व्यायाम करना पसंद करते हैं। लेकिन फिर भी बहुत से लोगों को मनचाहा परिणाम नही मिल पाता।

क्योंकि व्यायाम के साथ साथ आपको अपने शरीर को डीटॉक्स ( detox ) करना भी ज़रूरी है। डीटॉक्स करने की प्रक्रिया में शरीर से विषाक्त पदार्थ निकल जाते हैं जिससे शरीर पर जमी अतिरिक्त चर्बी निकल जाती है।

इसलिए आज हम आपको वजन कम करने के लिए कुछ जूस रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं। जिस का उपयोग आप के शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकाल कर आप के वजन को भी कम करेगा।

(और पढ़ें - वजन कम करने के आसान उपाय)



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वजन कम करने के लिए नाश्ते में क्या खाएं

आज के वक्त में हज़ारों लोग अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। अपने वजन को कम करने के लिए लोग कई तरह के जतन करते हैं जैसे कुछ लोग वजन को कम करने के लिए जिम जाते हैं, कुछ लोग योगा करते हैं। व्यायाम से उनका वजन कम होता है इसमें तो कोई शक नही है, लेकिन इसमें लगने वाला समय बहुत ज़्यादा लंबा होता है।

इसलिए कुछ लोग तो अपने वजन को कम करने की चाहत में अपने दिनभर के आहार की मात्रा को कम कर देते हैं। खाने की मात्रा को कम करके शुरुआत में उन्हें सफलता भी मिल जाती है, लेकिन वही लोग जब वापिस से सही मात्रा में आहार लेने लगते हैं तो उनका वजन दुबारा बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - वजन कम करने के लिए क्या खाएं)

इस तरह भूखा रहने के बजाय अगर आप हल्के फुलके व्यायाम के साथ रोज नाश्ता करना शुरू कर देंगे, तब भी आपका वजन घट सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि वजन को कम करने के लिए सुबह के वक्त भरपूर नाश्ता करना चाहिए।

( और पढ़ें - मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट)

नाश्ते में पोषक तत्वों को लेने से शरीर का फैट कम होता है और वजन कम होता है। तो आइए जाने कुछ ऐसे बेहतरीन ब्रेकफास्ट जिनकी मदद से आप अपना वजन कम कर सकते हैं।



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Friday, February 16, 2018

लिंग (पेनिस) में सूजन

लिंग में सूजन होना क्या है?

लिंग में सूजन को पेनाईल सूजन (Penile Swelling) भी कहते हैं और मेडिकल शब्दावली में इसे बैलेनाइटिस (Balanitis) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें लिंग के अगले हिस्से (मुंड) में सूजन आ जाती है। मुख्य रूप से इसका कारण संक्रमण आदि होता है। लिंग की सूजन काफी तकलीफ देने वाली स्थिति होती है और कई बार यह दर्दनाक भी हो सकती है। इसका इलाज अक्सर टॉपिकल (लगाने वाली क्रीम आदि) दवाओं द्वारा किया जाता है।

(और पढ़ें - पेनिस में दर्द के कारण)

जिनका खतना (Circumcised) कर दिया गया होता है, उन लोगों में यह समस्या होने की संभावनाएं कम होती है, लेकिन जिनका खतना नहीं किया गया होता या जिनके लिंग के अगले भाग पर चमड़ी होती है, उनको अपने लिंग के शिश्नमुंड की अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए। यह एक सामान्य स्थिति है जो खतना रहित (Uncircumcised) पुरुषों को प्रभावित करती है। खतना रहित पुरूषों और 4 साल से कम उम्र के लड़कों को इसकी अधिक संभावना होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)

फिमोसिस (Phimosis) होने की स्थिति में इस समस्या की संभावना और अधिक बढ़ जाती है। फिमोसिस एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें लिंग की ऊपरी त्वचा अत्याधिक टाइट होती है और पीछे नहीं आ पाती। 5 साल की उम्र के बाद त्वचा ढीली होने लगती है, जिससे त्वचा आसानी से पीछे जाने लग जाती है और 'लिंग की सूजन' का खतरा कम हो जाता है।

(और पढ़ें - यौन रोग के लक्षण)



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वृषण (अंडकोष) में सूजन

क्या होती है वृषण (अंडकोष) की सूजन?

वृषण में दर्द एक तकलीफ देने वाली स्थिति होती है, जो वृषण या अंडकोष की थैली में महसूस की जाती है। जब वृषण या अंडकोष की थैली के किसी विशेष भाग या पूरे आकार में वृद्धि होती है, तो उसे अंडकोष की सूजन के रूप में जाना जाता है। सूजन अंडकोष के एक तरफ या दोनों तरफ हो सकती है एवं सूजन के साथ दर्द व अन्य लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।

(और पढ़ें - टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने के उपाय)

सूजन के कारण वृषण में दर्द एवं तकलीफ गंभीर हो सकती हैं और इस स्थिति में तत्काल मेडिकल उपचार की आवश्यकता होती है, जैसे वृषण में मरोड़ आना (Testicular torsion) एक मेडिकल इमर्जेंसी है, जिसे तुरंत सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। 

वृषण में सूजन के ज्यादातर मामले दर्दरहित होते हैं, लेकिन फिर भी उनकी जांच करना बहुत जरूरी होता है। दर्द के साथ होने वाली सूजन एक मेडिकल इमर्जेंसी होती है, जिसकी तुरंत जांच पड़ताल करने की जरूरत होती है।

(और पढ़ें - अंडकोष में दर्द होने के कारण)



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Thursday, February 15, 2018

लिंग में दर्द

लिंग का दर्द क्यों होता है​?

लिंग का दर्द, लिंग की जड़, शीर्ष या बीच के हिस्से (Shaft) को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा यह दर्द लिंग की ऊपरी चमड़ी को भी प्रभावित कर सकता है। लिंग में दर्द के साथ-साथ खुजली, जलन या पीड़ा भी महसूस हो सकती है। लिंग का दर्द किसी प्रकार की दुर्घटना या रोग से प्रभावित होकर शुरू हो सकता है और यह किसी भी उम्र के पुरूष को प्रभावित कर सकता है।

(और पढ़ें - यौन रोग के लक्षण)

लिंग का दर्द उसकी अंतर्निहित स्थिति और रोग के कारण के आधार पर अलग-अलग प्रकार के हो सकती है। अगर आपको चोट आदि लगी है, तो दर्द गंभीर हो सकता है और अचानक उभर सकता है। वहीं अगर लिंग में दर्द किसी स्थिति या रोग के कारण हुआ है, तो दर्द शुरू में हल्का हो सकता है और धीरे-धीरे बढ़ सकता है।

(और पढ़ें - चोट की सूजन का इलाज)

लिंग में किसी भी प्रकार का दर्द होना चिंता का कारण हो सकता है, खासकर अगर यह लिंग स्तंभन के दौरान होता है, पेशाब करने में दिक्कत पैदा करता है या उसमें घाव, लालिमा, सूजन या किसी प्रकार का डिस्चार्ज बह रहा है।

(और पढ़ें - सेक्स के दौरान दर्द का कारण)



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Tuesday, February 13, 2018

सेलिब्रिटी फिटनेस गुरु मिक्की मेहता बता रहे हैं हर उम्र की महिला को स्लिम और फिट रहने का राज़

फिटनेस गुरु मिक्की मेहता के अनुसार उनसे सबसे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों में से एक है कि वजन को जल्दी से घटाने के लिए क्या करें और वह सभी महिलाओं को एक ही जवाब देते हैं कि चाहे उनकी उम्र कितनी भी हो, खुद को फिट और स्वस्थ रखने से आपका वजन खुद ही कम हो जाएगा। स्वस्थ और फिट जीवन की तरफ कदम बढ़ने के लिए पढ़ें उनके द्वारा दिए गए कुछ दिशानिर्देश -



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स्ट्रेच मार्क्स हटाने के घरेलू उपाय

स्ट्रेच मार्क्स बहुत ही भद्दे होते हैं और कभी कभी हमारे कपडे पहनने की चाह पर भी लगाम लगा देते हैं। ये बदसूरत दाग आमतौर पर पेट, जांघ और हाथों पर देखे जाते हैं। स्ट्रेच मार्क्स पड़ने के कई कारण होते हैं जैसे एकदम से वजन कम हो जाना या बढ़ जाना, शरीर के आकार में बदलाव आना, अनुवांशिक कारक, तनाव, गर्भावस्था में वजन बढ़ना आदि। जब त्वचा स्ट्रेच करती है तो त्वचा के कोलाजेन कमज़ोर पड़ने लगते हैं। जिसकी वजह से त्वचा पर फाइन लाइन्स दिखने लगती हैं, जिसे स्ट्रेच मार्क्स कहा जाता है। शुरू में स्ट्रेच मार्क्स रंग में लाल या गुलाबी होते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के स्ट्रेच मार्क्स हटाने के उपाय)

लेकिन इसमें आपको चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकि स्ट्रेच मार्क्स के लिए बहुत से घरेलू उपाय है जो इन्हे कम करने में मदद करेंगे। घरेलू उपायों की मदद से आप नए या पुराने स्ट्रेच मार्क्स को दूर कर सकते हैं। घरेलू उपायों के इस्तेमाल से आप हफ्तों के अंदर ही देखने लगेंगे कि आपकी त्वचा पर भद्दी लाइन्स बहुत ही कम हो गयी हैं और धीरे धीरे गायब हो रही हैं।

(और पढ़ें - चेहरे को गोरा करने के घरेलू उपाय)

तो आइये आपको बताते हैं स्ट्रेच मार्क्स के घरेलू उपाय -



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प्याज के फायदे और नुकसान

प्याज का वैज्ञानिक नाम एलियम सेपा (Allium cepa) है। प्याज में कई एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो मानव शरीर में मौजूद मुक्त कणों को निष्क्रिय करने में बहुत प्रभावी होते हैं। प्याज औषधीय प्रयोजनों के लिए मनुष्यों द्वारा कई सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। 7,000 से अधिक वर्षों से प्याज मनुष्यों के प्रमुख आहार में से एक है। प्याज विश्व स्तर पर विकसित और खेती वाले पौधे में से एक है। इतिहास के दौरान कुछ संस्कृतियों में प्याज द्वारा भी पूजा की जाती थी जैसे मिस्र।

प्याज प्राचीन काल से उपचारात्मक लाभों के लिए जाने जाते हैं। यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी पुष्टि की है कि प्याज कम भूख वाले और एथरोस्क्लेरोसिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद होते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तथ्य को स्वीकार करते हैं कि प्याज पुराने अस्थमा, एलर्जी ब्रोंकाइटिस, आम सर्दी से संबंधित खांसी और ठंडे सिंड्रोम वाले रोगियों के लिए बहुत ही अच्छा इलाज होते हैं।

प्याज में कई मूल्यवान औषधीय गुण होते हैं क्योंकि पोषक तत्वों, विटामिन, खनिज और आर्गेनिक यौगिक मौजूद होते हैं। इनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, सेलेनियम और फास्फोरस जैसे खनिज होते हैं और वे विटामिन सी, विटामिन बी 6 और आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत हैं।



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रागी के फायदे और नुकसान

हालांकि भारत रागी या नचनी का सर्वोच्च उत्पादक है और इसके वैश्विक उत्पादन का लगभग 58% योगदान देता है, बहुत कम भारतीय इसके स्वास्थ्य लाभ और पोषण संबंधी मूल्य के बारे में जानते हैं। यदि आप उन लोगों में से हैं जो अपने आहार में रागी को शामिल करने के लाभों से अनजान हैं, तो हम आपको बताते हैं कि आपको क्यों ऐसा करना चाहिए।



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यदि मुँहासे और उनके दाग कर रहे हैं परेशान, तो पाए शहनाज हुसैन के पिम्पल रिमूवल टिप्स से इनका समाधान

पिंपल्स या मुँहासे किसी के भी चेहरे पर देखने में अच्छे नहीं लगते हैं और इन से एक खुबसूरत चेहरा भी बदसूरत दिखने लगता है। चेहरे पर मुंहासे और उनके निशानों से अक्‍सर लड़के-लड़कियां परेशान रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ब्यूटीशियन शहनाज हुसैन के द्वारा बताये कुछ टिप्स से आप मुहांसे और इनके निशानों से छुटकारा पा सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन टिप्स के बारे में -



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साबूदाना के फायदे और नुकसान

साबूदाना कसावा पौधे से उत्पन्न एक स्वादिष्ट स्टार्च है। कसावा पौधे का उपयोगी हिस्सा जड़ होती है। इस पौधे की खेती अब दुनिया भर में की जाती है। इस पौधे की खेती सबसे पहले दक्षिण अमरीका में की गई थी। उत्तर-पूर्व ब्राजील में इसे केवल कसावा के रूप में जाना जाता है। लेकिन दुनिया भर में इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे सागू। इस पौधे की जड़ लगभग 1-2 किलो और यह भूरे रंग की होती है। इसका गुदा सफेद रंग और कार्बोहाइड्रेट में भरपूर होता है।

टैपिओका को स्पर्ज (एक प्रकार का रसदार पौधा) माना जाता है। यह यूफ़ोर्बियासी (Euphorbiaceae) परिवार का सदस्य है और इसका वैज्ञानिक नाम मनिहोट एस्कलेंटा (Manihot esculenta) है। भारत में साबूदाने का इस्तेमाल अधिकतर पापड़, खीर और खिचड़ी बनाने के लिए किया जाता है। सूप और अन्य चीज़ों को गाढ़ा बनाने के लिए भी इसका उपयोग होता है।

टैपिओका का पूरे विश्व में आनंद उठाया जाता है। साबूदाना  कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, खनिज और कार्बनिक यौगिकों एक आवश्यक सोर्स है। इसमें संतृप्त वसा, कोलेस्ट्रोल और सोडियम बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। यह प्रोटीन और आहार फाइबर का एक समृद्ध स्रोत है और इसके अलावा, टैपिओका में कुछ विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स भी शामिल हैं, जिनमें पैंटोथेनिक एसिड, फॉलेट और बी 6, साथ ही लौह, मैंगनीज, कैल्शियम, तांबा और सेलेनियम शामिल हैं। इसके एक कप सेवन से आप अपने दैनिक आवश्यकता का लगभग 45% कार्ब्स प्राप्त कर सकते हैं।



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अगर एक्सर्साइज़ के बावजूद आपका वजन नहीं हो रहा है कम तो जानिए ऐसा क्यों है

जब आप एक एक्सरसाइज प्रोग्राम शुरू करते हैं, तो आपका शरीर स्वाभाविक रूप से पहले कुछ महीनों में कई बदलावों के माध्यम से गुजरता है। इन बदलावों के कारण एक्सरसाइज शुरू करने के बाद आपका वजन बढ़ने लगता है। तो आइये जानें क्या हैं इसके पीछे के कारण -

 



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पतला होने का ज़बरदस्त उपाय है यह बॉलीवुड वर्कआउट

अगर एक जैसा रूटीन करते करते बोर हो गए हैं तो कैसा हो अगर आज आप अपने वर्कआउट में कुछ अलग रूटीन शामिल करें। ये रूटीन आपको पसंद बहुत आएगा, इस बात की गारंटी हम आपको दे सकते हैं क्योंकि जब बॉलीवुड गाना हो वो भी ऐसा तो उस पर तो पैर खुद ही थिरकने लगते हैं। ये रूटीन धीमा है पर काफी असरदार है। इसमें इतने मूवमेंट्स हैं कि यह आपके लिए एक इफेक्टिव वर्कआउट से कम नहीं। डांस रूटीन की ख़ास बात ये होती है कि थोड़ी ही देर में आप काफी कैलोरी इसमें जला सकते हैं क्योंकि इसमें आपको इतना हिलना जो पड़ता है। साथ ही इसे करने में मज़ा इतना आता है कि हम अक्सर खुद को इसे दुबारा करने से भी नहीं रोक पाते हैं। तो चलिए देखिये इस वीडियो को और खुद की फिटनेस की तरफ पहला कदम बढ़ाने को तैयार हो जाएं। 

और पढ़ें – शिल्पा शेट्टी अपनी किताब ‘ग्रेट इंडियन डाइट’ में वजन घटाने के लिए देती हैं इन पांच बातों पर ज़ोर



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शिल्पा शेट्टी अपनी किताब 'ग्रेट इंडियन डाइट' में वजन घटाने के लिए देती हैं इन पांच बातों पर ज़ोर

शिल्पा शेट्टी अपनी किताब 'ग्रेट इंडियन डाइट' में ऐसी पांच चीज़ों के बारे में बता रही हैं जिन्हें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में आज़माकर हम वजन घटा सकते हैं। आइये जानें यह पांच चीज़ें क्या हैं -



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परफ़ेक्ट एब्स के लिए चाहिए सिर्फ़ एक कुर्सी और 10 मिनट

एब्स बनाने के लिए आपको महनगे जिम, विशेष आहार या वजन के घटाने क्रीम आदि पर पैसे बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस एक कुर्सी और एक दिन में व्यायाम के 10 मिनट की ज़रूरत है।

(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)

जानिए पेट के वसा से छुटकारा पाने के लिए इन पांच सरल अभ्यासों को और बनायें परफ़ेक्ट एब्स।



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सनबर्न हटाने के प्राकृतिक घरेलू उपाय

अधिक धूप में रहने से हमारी त्वचा में सांवलापन, खुजली और लाल चक्कते जैसी समस्या हो जाती है, जिसे सन बर्न कहते हैं। सनबर्न हमारे लिए बहुत हानिकारक नहीं होता है मगर इससे हमारी त्वचा को नुक़सान पहुंचता है। इसके अलावा हमारा शरीर सूरज की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों के अधिक प्रभाव में आने से न केवल उम्र को बढ़ाता है बल्कि इससे स्किन कैंसर का ख़तरा भी बढ़ जाता है। तो यदि आप सन बर्न की समस्या से जूझ रहें हैं, तो घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे सन बर्न से छुटकारा पाने के लिए आसान और असरदार घरेलू उपाय।



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कुटकी के फायदे और नुकसान

कुटकी एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो कि मुख्य रूप से बार बार होने वाले बुखार, त्वचा विकार और मधुमेह के इलाज में उपयोग होती है। यह हिमालय में 3000-5000 मीटर की ऊँचाई में पाई जाती है। यह आकार में छोटी होती है। इस के फूल ज्यादातर सफेद या नीले रंग में होते हैं। इस जड़ी बूटी की पत्तियां 5 से 15 सेंटीमीटर लंबी होती है। इस जड़ी बूटी की जड़ 15 से 25 सेंटीमीटर लंबी होती है। इस जड़ी बूटी के फल लगभग 1.3 सेंटीमीटर लंबे होते हैं। कुटकी स्वाद में कड़वी होती है। यह कफ और पित्त को संतुलित करती है।

 



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वजन कम करने के लिए अगर भूखे रहेंगे तो देखिए क्या होगा

भूखे रहकर वजन घटाना एक ऐसा कदम है जिसे अक्सर लोग पतले होने के लिए अपनाते हैं। कई लोगों का मानना होता हैं कि कम खाकर या भूखे रहकर वजन को तेजी से कम किया जा सकता है। लेकिन भूखे रहने से ना सिर्फ आपके शरीर को नुकसान पहुंचता है बल्कि यह कई गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकता है। इस पोस्ट को पढ़ें और अपने आप को भूखा रखने के हानिकारक और संभावित खतरनाक दुष्प्रभावों के बारे में जानें।

(और पढ़ें - वजन घटाने के आसान तरीके)



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चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के लिए काम आएगा ये बेमिसाल कॉफी फेस पैक

क्या आपकी त्वचा सुस्त और बेजान है? क्या पिंपल्स आपके चिकनी, सुंदर त्वचा के सपने को मार रहे हैं? लेकिन अब कॉफी का उपयोग करके इन त्वचा की परेशानियों को अलविदा कहने का समय आ गया है। कॉफी एंटीऑक्सिडेंट्स में समृद्ध होती है। बस कॉफी से बने इस फेस मास्क का नियमित रूप से उपयोग करें और अंतर देखें।



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पिस्ता के फायदे और नुकसान

पिस्ता सबसे पुराने सूखे मेवो में से एक हैं जिसे पूरी दुनिया में इस्तेमाल किया जाता है। पिस्ता मुख्य रूप से पश्चिमी एशिया में पाए जाते थे। आधुनिक पुरातात्विक अनुसंधान से यह पता चला है कि मानव 6,000 बी.सी. से पिस्ता का उपयोग करते आ रहे हैं। सबसे पहले ईरान, इराक और सीरिया में इनकी खेती की गई थी। आज ईरान, इराक और सीरिया के अलावा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की और चीन जैसे कई देशों में पिस्ता उगाए जा रहे हैं। पिस्ता अनैकार्डैसि (Anacardaceae) परिवार का सदस्य है। पहली बार पिस्ता का पेड़ पर फल आने के लिए लगभग 10 से 12 साल का समय लगता है।

पिस्ता पोषक तत्वों से परिपूर्ण एक फल है, परंतु इस फल के बाहरी आवरण (शैल) को निकालकर इसके अंदर के पीले रंग के बीज को खाया जाता है। पिस्ता आज विभिन्न रूपों में उपलब्ध हैं जैसे कि मीठे या नमकीन। पिस्ता पर चढ़ा हुआ शैल इसको क्षति और विभिन्न संक्रमणों से बचाता है। 100 ग्राम पिस्ता में 562 कैलोरी, 45 ग्राम फैट, 20 ग्राम प्रोटीन और 28 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है। पिस्ता एक ताकत देने वाला और पौष्टिक मेवा है।



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आलू के फायदे और नुकसान

आलू सबसे आम और महत्वपूर्ण भोजन स्रोतों में से एक है और अपने स्वास्थ्य लाभ के कारण यह पूरे विश्व में एक प्रमुख आहार के रूप उपयोग किया जाता है। आलू सबसे ज्यादा एंडिस, पेरू और बोलिविया में पाए जाते हैं। आलू पहली बार 7,000 वर्ष पहले मध्य अमरीकी और दक्षिण अमरीकी क्षेत्र में उगाए गये थे। इनका वैज्ञानिक नाम है सोलनम ट्यूबरोसम (Solanum Tuberosum)।

आलू खाने में तो स्वादिष्ट होते ही हैं, इनमें कई औषधीय गुण भी होते हैं। आलू पौष्टिक तत्वों से भरा होता है। आलू में सबसे अधिक मात्रा में स्टॉर्च पाया जाता है। आलू में पोटेशियम और विटामिन ए और सी भी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसके अलावा आलू में मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और ज़िंक भी होता है। आलू के कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन, ग्लूकोज और एमिनो एसिड में बदल कर शरीर को तुरंत शक्ति देते हैं। इसके अलावा आलू में कई प्रकार के एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो फ्री रेडिकल से होने वाले नुकसान से शरीर की रक्षा करते हैं।



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भिंडी के फायदे और नुकसान

ओकरा फूलों का एक पौधा है जो कि दुनिया के कई हिस्सों में लेडी फिंगर या भिंडी के रूप में जाना जाता है। इस रोचक पौधे का वैज्ञानिक नाम एबेलमोस्कस ऐस्क्युलेंटस (Abelmoschus esculentus) है। हालांकि यह ज्ञात नहीं है कि इस सब्जी की वास्तविक शुरुआत कहाँ से हुई थी, अनुसंधान कहते हैं कि यह दक्षिण एशियाई, पश्चिमी अफ्रीकी और इथियोपियाई मूल की हो सकती है।



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फलों का राजा आम स्वादिष्ट ही नहीं, त्वचा के लिए भी है फायदेमंद

केवल एक चीज जो गर्मियों को सहने योग्य बनाती है वह होती है - आम। इतना स्वादिष्ट और आरामदायक होने के अलावा, आम से अन्य कई लाभ भी मिलते हैं। आम विटामिन ए, सी, बी 6 का एक अच्छा स्रोत हैं और पोटेशियम, मैग्नीशियम और तांबे जैसे खनिजों से भरपूर हैं। उत्कृष्ट आहार लाभ होने के अलावा, आम को चमक और उज्ज्वल त्वचा के लिए चेहरे पर भी लगाया जा सकता है।



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