Thursday, April 19, 2018

बदला मैंने डिनर का समय और कम हो गया मेरा वजन

आप अभी भी पुरानी संस्कृति को अपनाते होंगे कि पहले सभी परिवार वाले घर आ जाएं, तब साथ में बैठकर खाना खाएंगे। खाना खाने का यह समय 9 बजे से पहले शुरू नहीं होता होगा। प्रतीक सिंह ने भी इसी संस्कृति का पालन करते हुए अपने अनुभवों के बारे में आज हमें बताया है। उनका कहना है कि इसकी वजह से उनका वजन बढ़ता चला गया था। लेकिन फिर उन्होंने एक बदलाव करके अपने वजन को कम कर लिया।

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तो आइये प्रतीक से पूछते हैं कि कैसे उन्होंने अपना वजन कम किया –

आप कब से इस संस्कृति का पालन कर रहे हैं?

इंडियन फैमिली में हमेशा डिनर मेल मिलाप का समय समझा जाता है। रात के खाने का मतलब "फैमिली टाइम" और आप इसे बिल्कुल भी नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं। मैं हमेशा से एक आज्ञाकारी लड़का रहा हूँ और इस संस्कृति का मैंने काफी लम्बे समय तक पालन किया। लेकिन तब तक, जब तक मैं बड़ा नहीं हुआ था। बड़ा होने के बाद ऑफिस मेरा दूसरा घर बन गया।  

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कब से आप बाहर का खाना खाने लगे थे?

मेरी कोशिश होती थी कि मैं अपना काम समय पर पूरा करूँ और अपने बॉस को खुश कर दूँ। लेकिन, आखिर में मेरा काम हमेशा लेट हो जाता था। इस तरह न तो मैं अपने बॉस को खुश रख पाता था और न ही अपने स्वास्थ का ध्यान रख पाता था। मेरा रोजाना रात का खाना छूटने लगा था और इसकी वजह से मुझे बाहर का तला हुआ खाना पड़ता था। ऐसे में मेरे खाने का समय हमेशा दस बजे के बाद का होने लगा था। इस प्रकार मैं रात का खाना, खाना नहीं मानता था क्योंकि मुझे जब भी भूख लगती थी मैं तभी कुछ न कुछ खा लिया करता था।

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आपने कब समय पर खाने का फैसला लिया?

मैंने समय पर खाने का फैसला तब लिया, जब मुझे मेरी पैंट फिट नहीं आई। फिर मैं उस दिन समझ गया कि मेरा वजन अब बढ़ गया है। मैंने अधिक साइज की पैंट खरीदी और उन्हें पहनना शुरू किया। इसके अलावा मेरे पास और कोई चारा नही था। अपना वजन बढ़ता हुआ देख मैंने घर से खाना ले जाना शुरू कर दिया। मेरे रात के खाने में रोटी, दाल, चावल, पराठा या फिर मल्टी ग्रेन सैंडविच होते थे। जिस दिन मैं टिफिन नहीं ला पाता था, उस दिन मैं रात का खाना सात बजे ऑफिस के ही कैफेटेरिया में खा लिया करता था। लेकिन मैं किसी भी समय खाना नहीं खाता था, सिर्फ और सिर्फ रोजाना सात बजे ही खाया करता था। 

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देरी से खाना खाने और समय से खाना में आपको क्या अंतर देखने को मिला?

जब मैं पहले दस बजे के बाद बाहर का तला हुआ खाना खाता था तो हमेशा मेरा पेट भारी-भारी रहता था। लेकिन जब मैंने 7 बजे सही आहार लेना शुरू किया तो मेरा पेट हमेशा हल्का रहता था। साथ ही मैं ऊर्जा से भी भरपूर रहता था।

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सही समय पर खाना खाने से आपकी नींद में क्या परिवर्तन आया?

जब से मैंने सही समय पर खाना शुरू किया है तब से मुझे नींद बेहद अच्छी आती है। मुझे रोजाना 11 बजे के आसपास नींद आ जाती है। समय पर खाना खाने से और समय पर सोने से मुझे देर रात भूख का कभी एहसास नहीं हुआ। 

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आपका दो किलो वजन कैसे घटा?

रात का खाना समय पर खाने से मुझे दो किलो वजन घटाने में मदद मिली। मेरा वजन पहले 65 किलो था और 20 दिनों के भीतर मेरा वजन 63 किलो हो गया। यह शायद इसलिए हुआ क्योंकि मैं अपना रात का खाना 7 बजे खाने लगा था।

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समय पर खाना खाने से क्या आपकी नींद पूरी होती थी?

पहले मैं 11 बजे तक कुछ भी खा लेता था। इस प्रकार मैं सही ढंग से सो भी नही पाता था और रोजाना सुबह मूड खुश नहीं रहता था। लेकिन जब से मैंने 7 बजे खाना खाना शुरू किया, तब से मैं हमेशा ताजा लगता था और सुबह उठने के लिए ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ता था।

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समय पर खाने से आपको क्या कभी पेट की समस्या नही हुई?

सही आहार न खाने से और हमेशा बाहर का खाते रहने से सबसे बड़ी पेट की परेशानी कब्ज और बदहजमी की रहती थी। लेकिन जब से मैंने घर में रात का खाना शुरू किया तो ये परेशानी दस दिनों के भीतर एकदम गायब हो गयी। रात को 7 बजे खाना खाने की जीवनशैली एक ऐसी जीवनशैली है, जिसके साथ मैं हमेशा रहना चाहता हूँ।

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from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via https://www.myupchar.com/weightloss/badla-maine-dinner-ka-samay-aur-kam-ho-gaya-mera-vajan-in-hindi

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