Wednesday, July 18, 2018

अरोमाथेरपी करने का तरीका, फायदे, नुकसान

प्राचीन समय से शारीरिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए पेड़-पौधों से मिलने वाले तेल का प्रयोग किया जा रहा है इसे ही अरोमाथेरेपी कहा जाता है। पौधों की जड़ों, पत्तियों और फूलों से निकाले हुए तेलों का स्नान में, भाप लेने में, फेशियल, कैंडल्स और मसाज में उपयोग करके अरोमाथेरेपिस्ट आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाते हैं।

पूरी दुनिया की विभिन्न संस्कृतियों में लगभग 5,000 वर्षों से अरोमाथेरेपी का उपयोग एक विश्वशनीय इलाज के तौर पर किया जाता रहा है। एरोमेटिक एसेंशियल ऑयल (पेड़-पौधों से निकाले जाने वाले प्राकृतिक तेल) के एंटी बैक्टीरियल (जीवाणुरोधी), एंटी इंफ्लेमेटरी (इंफ्लमैशन को कम करने वाले गुण) और एनाल्जेसिक (दर्द दूर करने वाले) प्रभाव अरोमाथेरेपी में प्राकृतिक उपचार के रूप में काम करते हैं।

इस लेख में आप विस्तार से पढ़ेंगे की अरोमाथेरेपी क्या है, अरोमाथेरेपी किट क्या होती है और अरोमाथेरेपी कैसे की जाती है और इसके साथ ही आप यह भी पढ़ेंगे कि अरोमाथेरेपी के क्या फायदे या लाभ और नुकसान हो सकते हैं।



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