Thursday, July 13, 2017

प्रजनन क्षमता में कमी


12 महीने या नियमित रूप से असुरक्षित यौन संभोग के बाद ​​गर्भधारण ना हो पाना प्रजनन क्षमता में कमी (बांझपन) के रूप में परिभाषित होता है। बांझपन के दो प्रकार होते हैं - प्राथमिक और माध्यमिक:
प्राथमिक बांझपन का अर्थ है कि वो दंपति जो कभी भी कन्सीव्ड नहीं कर सकते हैं। माध्यमिक बांझपन का मतलब है कि दंपति ने पहले गर्भावस्था का अनुभव किया है लेकिन बाद में गर्भधारण करने में विफल रहा हों। विश्व स्तर पर ज्यादातर दंपति प्राथमिक बांझपन से पीड़ित हैं।
यौन संचारित संक्रमण बांझपन का प्रमुख कारण है जो ट्यूबल क्षति के लिए जिम्मेदार पेल्विक में सूजन वाली बीमारियों के कारण होता है। दुनिया भर में प्रजनन क्षमता अधिक कम हो रही है, विशेषकर कई शहरी जगहों पर जहां अधिक आयु वाली महिलाएं अपने पहले बच्चे को जन्म देने की योजना बना रही हैं।
प्रजनन क्षमता में कमी दुनिया भर में अधिक उम्र वाले 15% जोड़ों को प्रभावित करती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक भारत में प्राथमिक बांझपन 3. 9% से 16.8% के बीच है। भारतीय राज्यों में बांझपन की स्थिति राज्य-राज्य से भिन्न है जैसे उत्तर प्रदेश में 3.7 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र में, आंध्र प्रदेश में 5 प्रतिशत और कश्मीर में 15 प्रतिशत है।


from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via http://www.myupchar.com/disease/infertility

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