Saturday, September 22, 2018

पसीना न आना

परिचय:

जब हमारे शरीर को गर्मी लगती है, तो इसकी प्रतिक्रिया के रूप में शरीर से पसीना आने लगता है। पसीना न आने की समस्या को अंग्रेजी में “अनहाइड्रोसिस” (Anhidrosis) कहा जाता है। यह समस्या बहुत ही कम मामलों होती है, इसमें पसीने की ग्रंथियां पसीना बनाना कम कर देती हैं या पूरी तरह से बंद कर देती हैं। इसके कारण पूरे शरीर से या फिर शरीर के किसी छोटे हिस्से से पसीना आना बंद हो जाता है। पसीने ना आने से त्वचा संबंधी कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं, जैसे त्वचा में गंभीर रूप से जलन, इन्फेक्शन, सूजन, लालिमा और त्वचा संबंधी अन्य समस्याएं होना। 

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पसीना ना आने से कई लक्षण होने लगते हैं, जैसे चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना व गर्मी लगना और कम पसीना आना या बिलकुल बंद हो जाना। 

इस स्थिति का पता लगाना कठिन हो सकता है। पसीना ना आने का पता लगाने के लिए कुछ प्रकार के टेस्ट भी किए जाते हैं, जैसे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी का एमआरआई टेस्ट करना, आयोडीन स्टार्च टेस्ट और पसीने की ग्रंथियों की जांच करने के लिए स्किन बायोप्सी टेस्ट भी किया जाता है। पसीना ना आना एक ऐसा विकार है जिसकी रोकथाम नहीं की जा सकती लेकिन कुछ सावधानियां बरत कर शरीर का तापमान बढ़ने से रोकथाम की जा सकती है। 

यदि आपको पसीना ना आने की समस्या है, तो धूप व गर्मी में बाहर निकलने की कम से कम कोशिश करें, हल्के रंगों के व ढीले ढाले कपड़े पहनें। इसका इलाज उस स्थिति के अनुसार किया जाता है, जिसके कारण आपको पसीना ना आने की समस्या हो रही है। इलाज के दौरान पसीना कम करने वाली स्थितियों से बचना जिनके कारण गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। 

यदि आपके डॉक्टर को कोई ऐसी अंदरुनी बीमारी मिल जाती है, जो पसीना ना आने का कारण बन रही है, तो शायद इस समस्या का इलाज हो सकता है। शरीर में सामान्य रूप से पसीना ना आने से शरीर का तापमान गंभीर रूप से बढ़ जाता है, जिससे जीवन के लिए घातक स्थिति पैदा हो जाती है। शरीर का तापमान गंभीर रूप से बढ़ने से “हीट स्ट्रोक” हो जाता है, जिसे आम भाषा में “लू लगना” कहा जाता है।

(और पढ़ें - लू लगने पर क्या करें)



from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via https://www.myupchar.com/disease/lack-of-sweat

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