Wednesday, March 6, 2019

बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) - Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi

बोन डेंसिटी टेस्ट को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों को कमजोर करने वाला रोग) कैसे होता है।

हड्डी जीवित ऊतकों से बनी होती है। इसमें पुराने ऊतक खत्म होते रहते हैं और उनकी जगह पर नए जमा होते रहते हैं। ज्यादातर हड्डियां वयस्कता के शुरुआत तक ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं। इसके बाद बोन डेंसिटी धीरे-धीरे कम होती रहती है। पुरुषों व महिलाओं दोनों में उम्र के साथ बोन डेंसिटी कम होने की एक सामान्य दर होती है। महिलाओं में उम्र बढ़ने के अलावा रजोनिवृत्ति भी बोन डेंसिटी को कम करने का कारण बन सकती है। रजोनिवृत्ति के बाद शुरुआती 3 से 6 सालों में हड्डियों में काफी नुकसान होता है।

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इस टेस्ट में एक्स रे तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक सुरक्षित, दर्द रहित और जल्दी होने वाला टेस्ट होता है जो हड्डियों की मजबूती को मापता है। इसके अलावा बोन डेंसिटी टेस्ट, ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने से पहले ही हड्डी में किसी प्रकार के फ्रैक्चर की संभावनाओं को बता देता है। 

(और पढ़ें - हड्डी फ्रैक्चर के लक्षण)

आगे इस लेख में आपको बोन डेंसिटी टेस्ट के बारे में बताया जा रहा है। आप जानेंगे कि बोन डेंसिटी टेस्ट को कब, क्यों और कैसे किया जाता है, और साथ ही इसका खर्च कितना होता है। आप यह भी जानेंगे कि बोन डेंसिटी टेस्ट से पहले क्या तयारी करनी होती है और इसके बाद क्या सावधानी बरतनी होती है। 



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