टाइफाइड, भारत में एक बहुत ही प्रचलित बीमारी है, जो गंभीर होती है और इसके कारण हर साल भारत में कई लोगों की मौत हो जाती है। टाइफाइड को आम भाषा में मियादी बुखार भी कहा जाता है। ये रोग बैक्टीरिया के कारण होता है, जो दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है। इस बैक्टीरिया को "साल्मोनेला टाइफी" (Salmonella typhi) कहते हैं।
टाइफाइड के कारण व्यक्ति को तेज बुखार, सिरदर्द, दस्त, बदन दर्द जैसी कई समस्याएं होती हैं।
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टाइफाइड करने वाला बैक्टीरिया ज्यादातर दूषित भोजन और पानी के सेवन से फैलता है, लेकिन ये संक्रमित व्यक्ति के मल या मूत्र के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने से भी फैल सकता है। आप टाइफाइड से संक्रमित तब भी हो सकते हैं अगर किसी संक्रमित व्यक्ति ने टॉयलेट करने के बाद ठीक से हाथ नहीं धोएं हैं और वह व्यक्ति आपको खाना परोसता है।
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टाइफाइड से बचने का सबसे मुख्य तरीका होता है खान-पान और साफ-सफाई का ध्यान रखना। इसके लिए वैक्सीन भी उपलब्ध है जो आप टाइफाइड से बचाव के लिए लगवा सकते हैं। अगर आप ऐसे क्षेत्र में रहते हैं जहां टाइफाइड होने का खतरा है, तो आपको टाइफाइड वैक्सीन लगवाने की सलाह दी जाती है।
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टाइफाइड के इलाज के लिए आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि आपका सही समय पर उचित इलाज किया जा सके। इसके लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाएं देते हैं और अपनी देखभाल करने की सलाह भी दी जाती है। इसके कुछ दुर्लभ मामलों में आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि इसके कारण आपकी आंत में छेद भी हो जाते हैं।
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अगर टाइफाइड का सही समय पर उचित इलाज न किया जाए, तो इससे आपकी आंत में छेद और अंदरूनी रक्तस्त्राव जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिनका तुरंत इलाज महत्वपूर्ण होता है।
इस लेख में मियादी बुखार (टाइफाइड) हो जाए तो क्या करना चाहिए और इसके लिए डॉक्टर के पास कब जाएं के बारे में बताया गया है।
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