परिचय:
जीभ में सूजन को मेडिकल भाषा में “ग्लोसाइटिस” (Glossitis) कहा जाता है। जीभ में सूजन कई कारणों से हो सकती है, जैसे विटामिन बी12 की कमी व स्जोग्रेन सिंड्रोम आदि, इसके अलावा किसी कीमोथेरेपी व अन्य किसी प्रकार की दवा के साइड इफेक्ट के रूप में भी जीभ में सूजन आ सकती है। शरीर के अन्य किसी भाग में सूजन की तरह इस स्थिति में भी मरीज की जीभ में सूजन, लालिमा और जीभ का रंग बदलने जैसे लक्षण हो जाते हैं। जीभ में सूजन होने से पैदा होने वाले कुछ लक्षण थोड़े से समय के लिए होते हैं, जबकि कुछ लक्षण स्थायी हो जाते हैं।
जीभ की सूजन के लक्षण सौम्य या गंभीर भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में मसालेदार व गर्म भोजन नहीं खाना चाहिए, तंबाकू व शराब आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। जीभ में अधिक सूजन आने से रोकने और उसके लक्षणों को कम करने के लिए मुंह में अच्छी स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी होता है।
कई बार जीभ में सूजन के लक्षणों के कंट्रोल करने और दर्द को कम करने के लिए इलाज करवाने की आवश्यकता पड़ती है। इसके इलाज में जीभ पर लगाने के लिए सुन्न करने वाली दवा या कोर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं दी जाती हैं। यदि इसका कारण बनने वाली समस्या का इलाज कर दिया जाए तो जीभ की सूजन अपने आप ठीक हो जाती है।
जीभ में सूजन होने पर कई जटिलताएं हो सकती हैं, जैसे श्वसन मार्ग रुक जाने के कारण सांस लेने में दिक्कत होना आदि।
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