पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में प्रजनन से संबंधित एक हार्मोनल असंतुलन की समस्या है। हार्मोन में ज़रा सा भी बदलाव मासिक धर्म चक्र पर तुरंत असर डालता है। इस स्थिति की वजह से ओवरी में छोटा अल्सर (सिस्ट) बना जाता है। यह स्थिति घातक हो सकती है। अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है तो ना केवल ओवरी और फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, बल्कि यह आगे चलकर कैंसर का रूप भी ले लेती है। (और पढ़ें – पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम का मासिक धर्म पर असर और उसका उपचार)
यह सिस्ट छोटी-छोटी थैलीनुमा रचनाएं होती है, जिनमें तरल पदार्थ भरा होता है। अंडाशय (ओवरी) में यह सिस्ट जमा हो जाता है और उनका आकर भी धीरे-धीरे बढ़ता जाता है, यह स्थिति पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम कहलाती है। कभी भी यह समस्या ऐसी बन जाती है जिसमें महिला गर्भ धारण नहीं कर पाती है। (और पढ़ें – पीसीओएस के लिए योगासन)
असामान्य या लंबे समय तक मासिक धर्म, चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बालों का विकास, वजन बढ़ना, मुँहासे, तेल वाली त्वचा और श्रोणि में दर्द आदि पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के लक्षण हो सकते हैं। यह संकेत और लक्षण हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकते हैं। यहाँ हम आपको पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) के लिए कुछ घरेलू उपचार बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, उचित निदान और उपचार के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
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