स्ट्रोक, जिसे कभी-कभी मस्तिष्क का दौरा भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति ब्लॉक हो जाती है या जब मस्तिष्क में एक रक्त वाहिका फट जाती है। इससे मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फिर कुछ मिनटों के भीतर, मस्तिष्क की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। इन दोनों मामलों में मस्तिष्क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या मर जाते हैं। स्ट्रोक से स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता, या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
स्ट्रोक एक चिकित्सीय आपातकालीन स्थिति है, जिसमे तत्काल उपचार महत्वपूर्ण है। तत्काल उपचार व प्रारंभिक कार्रवाई मस्तिष्क क्षति और संभावित जटिलताओं को कम कर सकती है। यह अच्छी खबर है कि स्ट्रोक का इलाज किया जा सकता है और रोका जा सकता है।
भारत में स्ट्रोक:
स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। जनसंख्या आधारित अध्ययनों के आधार पर शहरी इलाकों में स्ट्रोक का अनुमानित समायोजित प्रसार दर 84-262 / 100,000 है व ग्रामीण इलाकों में 334-424 / 100,000 है। अक्टूबर 29 को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
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