Wednesday, August 2, 2017

सेम की फली के फायदे और नुकसान - Hyacinth Beans (Sem Fali) Benefits ans Side Effects in Hindi

सेम एक हरी फली के रूप में जानी जाती है। यह फैबेसी / लेगुमिनोज़ी (Fabaceae ⁄ Leguminosae) जाति का एक पौधा है। इसे हाइसिंथ बीन, फील्ड बीन, इंडियन बीन, ललाब बीन, म्यूज़िकल बीन, टोंगा बीन, स्वीट पल्स और वाईल्ड बीन के रूप में भी जाना जाता है। इसकी खेती सबसे पहले अफ्रीका में की गई थी और अब उत्तरी अफ्रीका और एशिया में व्यापक रूप से इसकी खेती की जाती है। इसके पौधे की ऊंचाई 10-15 फीट तक होती है। इसकी पत्तियां वैकल्पिक, त्रिभुज और 7.5 - 15 सेमी लंबी होती हैं। इसके फूल बैंगनी या सफेद होते हैं। इसके लिए अच्छी तरह से सूखी हुई मिट्टी की आवश्यकता होती है। इसकी फली 4 से 5 सेमी लंबी होती है। इसका उपयोग सब्जी बनाने के लिए किया जाता है। मुख्य रूप से चार प्रकार के सेम होते हैं जैसे: व्हाइट फ्लॉवर, बैंगनी फ्लावर, एशिया पर्पल और एशिया व्हाइट।

यह फली टेढ़ी और चिकनी होती है जो बैंगनी से लेकर हल्के हरे रंग में होती है। प्रत्येक फली में 4-6 बीज होते हैं जो अंडाकार और 1 सेमी लंबे होते हैं। इसके बीज सफेद, क्रीम, पीले भूरा, गहरे भूरे रंग, लाल, काले होते हैं। नमक के बिना पकाये हुए 194 ग्राम सेम में 227 कैलोरी होती है। इसमें 73.56% तांबा और 50.27% जस्ता शामिल है। 1 कप सेम में 4.6 मिलीग्राम लोहा, 15 9 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 233 मिलीग्राम फॉस्फोरस, 15.7 9 ग्राम प्रोटीन और 78 मिलीग्राम कैल्शियम उपलब्ध होता है।



from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via http://www.myupchar.com/healthy-foods/vegetables/sem-phali-ke-fayde-aur-nuksan-in-hindi

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