डिलीवरी या प्रसव के बाद मॉर्निंग सिकनेस (सुबह की परेशानी), पीठ के निचले हिस्से में दर्द और गर्भावस्था की थकान हो जाती है। एक नयी माँ के लिए बच्चे की खुशी के साथ अनेक नयी शारीरिक परेशानियाँ आती हैं। सौभाग्य से, कुछ सरल योग इन सामान्य परेशानियों में आपकी मदद करते हैं। प्रसव के बाद योग आपके शरीर को मजबूत बनाता है, आपको ऊर्जा प्रदान करता है और तनाव कम करने में आपकी सहायता करता हैं। एक सरल योग अभ्यास आपको अपना स्वास्थ्य प्राप्त करने, डिलीवरी के बाद वजन कम करने और डिलीवरी के बाद अवसाद से बचने में सहायता कर सकता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही डिलीवरी या प्रसव के बाद के लिए योग आसन बता रहे हैं।
(और पढ़ें - गर्भावस्था में योग और प्राणायाम)
- डिलीवरी या प्रसव के बाद कैसे मदद करता है योग - How does Yoga help after delivery or pregnancy
- प्रेगनेंसी या प्रसव के कितने समय बाद योग कर सकते हैं - When to start yoga after pregnancy in Hindi
- प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद करें प्राणायाम - Do Pranayama after Pregnancy in Hindi
- डिलीवरी या प्रेगनेंसी के बाद विश्राम के लिए योग - Yoga after Pregnancy for Relaxation in Hindi
- प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद पीठ में दर्द के लिए योग - Yoga for Back Pain after Pregnancy or Delivery in Hindi
- डिलीवरी या प्रसव के बाद गर्दन और कंधे में दर्द के लिए योग - Yoga for Neck and Shoulder Pain after Pregnancy or Delivery in Hindi
- प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद थकान के लिए योग - Yoga for Tiredness after Pregnancy or Delivery in Hindi
- प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद ताकत के लिए योग - Yoga for Strength after Pregnancy or Delivery in Hindi
डिलीवरी या प्रसव के बाद कैसे मदद करता है योग - How does Yoga help after delivery or pregnancy in Hindi
योग पेट की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है और पीठ, टाँगों और कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करके आपको आपका पहले जैसा आकार वापस दिलाता है। इसके अलावा प्रसव के बाद आपका पेलविक फ्लोर कमज़ोर हो जाता है, और अक्सर गर्दन और कंधों में भी दर्द बैठ जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है की योग इन सभी परेशानियों से निजात पाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
यदि आप पहले भी योग करती रही हैं तो फिर से योग आसान धीरे धीरे शुरू कर सकती हैं। लेकिन आपने पहले कभी योग नहीं किए तो कृपया एक प्रशिक्षित योग गुरु के निर्देशन में योग शुरू करें।
(और पढ़ें: शिल्पा शेट्टी ने कैसे घटाया 21 किलो वज़न डिलिवरी के बाद)
प्रेगनेंसी या प्रसव के कितने समय बाद योग कर सकते हैं - When to start yoga after pregnancy in Hindi
आपके शरीर को पूरी तरह से स्वस्थ होना चाहिए और योग शुरू करने के लिए पर्याप्त शक्ति होनी चाहिए। सामान्य प्रसव के छह सप्ताह के बाद योग अभ्यास शुरू कर सकती हैं। अगर आपकी सीज़ेरियन डिलीवेरी हुई हो तो आपको योग से शुरू होने से पहले अधिक समय की आवश्यकता हो सकती है।
शुरुआत में अपने शरीर की सीमा पर ख़ास ध्यान दें। अगर आपकी ताक़त पूरी तरह से वापिस नहीं आई हो तो ज़्यादा ज़ोर ना डालें शरीर पर। शुरुआत में प्रसव के बाद योग अभ्यास का उद्देश्य अधिक आराम और विश्राम प्राप्त करना है। धीरे-धीरे आपके शरीर को ताकत मिल जाएगी और आप अधिक आसन कर सकेंगी। नियमित अभ्यास के साथ आप वापस अपने पहले जैसे आकार में आ जाएँगी। (और पढ़ें - प्रेगनेंसी के बाद पेट कम करने का उपाय)
प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद करें प्राणायाम - Do Pranayama after Pregnancy in Hindi
प्रारंभ में लयबद्ध गहरे साँस लेने का अभ्यास करें या अनिलम विलोम प्राणायाम करें। यह बेहद आवश्यक आराम और विश्राम प्रदान करेगा आपको और आपके शरीर को पूर्ण योग अभ्यास के लिए भी तैयार करेगा। (और पढ़ें: अनुलोम-विलोम प्राणायाम करने का तरीका और फायदे)
दिन के दौरान गहरी साँस लेने की कोशिश करो। कुछ दिनों के बाद आपकी सांस लंबी और गहरी हो जाएगी। लयबद्ध सांस का अभ्यास करें जब भी आपके पास दिन में तोड़ा भी खाली समय हो। यदि आप गहरी साँस ले सकती हैं तो आपकी अधिकांश समस्याएं गायब हो जाएंगी।
डिलीवरी या प्रेगनेंसी के बाद विश्राम के लिए योग - Yoga after Pregnancy for Relaxation in Hindi
दिन में कभी भी 5 मिनिट निकाल कर शवासन में लेट जायें। शवासन करते समय लयबद्ध श्वास लें। इस से आपको बहुत महतावपूर्ण आराम मिलेगा जो की प्रसव के शुरुआती दिनों में बहुत ज़रूरी है। (और पढ़ें: शवासन करने का तरीका और फायदे)
प्राणायाम और शवासन के कुछ दिनों के अभ्यास के बाद आप प्रेगनेंसी के बाद के दिनों में नीचे दिए गये सरल योग आसन शुरू कर सकती हैं। इनसे आपको अनेक लाभ होंगे जैसे कि पेट, पीठ, टाँगों और कूल्हों की मासपेशियाँ मजबूत हो जाएँगी, गर्दन और कंधों का दर्द कम हो जाएगा।
प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद पीठ में दर्द के लिए योग - Yoga for Back Pain after Pregnancy or Delivery in Hindi
सेतुबंधासन (Setu Bandhasana or Bridge Pose): सेतु बाँधासन चिंता को कम करने में सक्षम है। यह मन शांत करता है, सिर दर्द को कम करने में भी मदद करता है, और तनाव और हल्के अवसाद को कम करता है। यह सभी एक नयी माता के लिए बहुत ही आवश्यक है। (और पढ़ें: सेतुबंधासन करने का तरीका और फायदे)
भुजंगासन (Bhujangasana or Cobra Pose): भुजंगासन कमर में हो रहे दर्द से राहत दिलाता है। हर नयी माता को यह अवश्य करना चाहिए। (और पढ़ें: भुजंगासन करने का तरीका और फायदे)
डिलीवरी या प्रसव के बाद गर्दन और कंधे में दर्द के लिए योग - Yoga for Neck and Shoulder pain after Pregnancy or Delivery in Hindi
गोमुखासन (Gomukhasana or Cow Face Pose): चाहे आप स्तनपान कर रहे हों या बोतल का इस्तेमाल कर रही हों, कई नए माताओं के गर्दन और कंधे में दर्द का अनुभव करती हैं - बच्चे को खिलाने के लिए आगे झुकने के कई घंटे का नतीजा होता है यह। जिसके परिणामस्वरूप पिशाचदार स्थिति की वजह से गर्दन और कंधों में दर्द हो सकता है। इस से निजात पाने के लिए करें गोमुखासन। और पढ़ें: गोमुखासन करने का तरीका और फायदे)
प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद थकान के लिए योग - Yoga for Tiredness after Pregnancy or Delivery in Hindi
विपरीत करनी मुद्रासन (Viparita Karani or Legs-Up-the-Wall Pose): रात को हर थोड़ी देर में अक्सर उठना पड़ता है बच्चे का ध्यान रखने के लिए। इसके कारण शायद ही कभी आपकी नींद पूरी होती होगी। आप अपनी अनिद्रा से भारी रातें तो कम नहीं कर सकती लेकिन दिन के दौरान इस से होने वाली थकान को अवश्य कम कर सकती हैं। इसमें मदद करता है विपरीत करनी मुद्रासन। शुरुआत में इसे दीवार के सहारे ही करें। इसे 2-5 मिनिट जितना उचित महसूस करें, उतनी देर करें। (और पढ़ें: विपरीत करनी करने का तरीका और फायदे)
प्रेगनेंसी या प्रसव के बाद ताकत के लिए योग - Yoga for Strength after Pregnancy or Delivery in Hindi
वीरभद्रासन 2 (Virabhadrasana 2 or Warrior 2 Pose): आपके बच्चे के पैदा होने के बाद, आप शायद पाएँगी कि सीढ़ियाँ चाड़ना उतना आसान नहीं है जितना कि एक साल पहले था। इसके अलावा अन्य सामान्य काम में भी शायद आपको पहले से जल्दी थकान हो जाती है। और यह बहुत ही स्वाभाविक बात भी है क्योंकि पिछले एक साल में आपका शरीर बहुत कुछ से गुज़रा है। इस से उभरने के लिए मदद करता है विपरीत करनी वीरभद्रासन 2। (और पढ़ें: वीरभद्रासन 2 करने का तरीका और फायदे)
अधो मुख श्वानासन (Adho Mukha Svanasana or Downward-Facing Dog): यह आसन आपके पूरे शरीर को खिचाव प्रदान करता है। कंधों और छाती में हल्की अकड़न को ख़तम करता है। (और पढ़ें: अधो मुख श्वानासन करने का तरीका और फायदे)
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via http://www.myupchar.com/tips/yoga-after-delivery-or-pregnancy-in-hindi/
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