अवसाद एक मनोदैहिक विकार है जो पूरे शारीरिक और मानसिक संरचना पर निर्भर करता है। तंत्रिका तंत्र, अंतःस्रावी ग्रंथियों का नेटवर्क, शरीर की मांसपेशियों की प्रणाली, नींद के पैटर्न और भूख सभी पर डिप्रेशन का असर पड़ता है। एक हाल ही में किए गए अध्ययन से पता चला है कि 2 से 4% अमेरिकियों को हर साल अवसाद के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है, और 8 में से 1 को जीवन में कभी ना कभी गंभीर अवसाद होता है। यूरोपीय देशों और ऑस्ट्रेलिया में किए गये अध्ययन से इसी तरह के परिणाम मिले हैं।
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जाहिर है, अवसाद सबसे आम बीमारियों में से एक है, और फिर भी अक्सर कई सालों तक इस से पीड़ित व्यक्ति को इसका ग्यात नहीं होता। कई डॉक्टरों के मुताबिक डिप्रेशन चिकित्सा पद्धति में सबसे आम समस्या है। और इसके अलावा, न केवल पीड़ित व्यक्ति पर इस बीमारी का बुरा प्रभाव पड़ता है, बल्कि इसका असर पीड़ित व्यक्ति के पारिवारिक सदस्यों, मित्रों और सहकर्मियों पर भी होता है।
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