मनुष्य की त्वचा शरीर की सबसे अनोखी और जटिल संरचना है। इसकी सबसे बाहरी पर्त मृत कोशिका हैं, जो लगातार शरीर से निकलती रहती हैं। फिर भी इस बाहरी पर्त के माध्यम से ही किसी की जीवन शक्ति और अच्छे स्वास्थ्य का प्रमाण मिलता है। हम सभी अपनी त्वचा को स्वस्थ और सुंदर रखने के बहुत जतन करते हैं, लेकिन यह अक्सर भूल जाते हैं की स्वस्थ त्वचा केवल स्वस्थ टन और मान का प्रतीक है। अगर आप अंदर से स्वस्थ नहीं होंगे, तो आपकी त्वचा भी स्वस्थ नहीं होगी। इस लिए योग से ज़्यादा असरदार कोई तरीका नहीं है स्वस्थ त्वचा पाने का और उसके विकारों को मिटाने का क्योंकि योग आपको संदर से संपूर्ण रूप से सेहतमंद बनाता है।
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