आपने देखा होगा आपके कई दोस्त या भाई बंधू जब उनका दिल करे, वे कुछ भी खा लेते हैं। चाहे पिज़्ज़ा हो या बर्गर या फ़ास्ट फ़ूड आदि, फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है। कभी कभी हम सोचते हैं ऐसा क्यों है कि वे सब कुछ खाते हैं फिर भी वे मोटे नहीं होते हैं? इसका कारण है उनका बसल मेटाबोलिक रेट या बीएमआर (BMR) जो बहुत अधिक होता है। (और पढ़ें – वजन बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए?) मनुष्य के आराम करते समय जिस दर पर ऊर्जा शरीर से नष्ट होती है, उस न्यूनतम दर को बीएमआर कहा जाता है। जब हम आराम कर रहे हैं और किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि नहीं कर रहे हैं, तब भी हमारा शरीर बेसिक गतिविधियों जैसे सांस लेने, ह्रदय के धड़कने, मस्तिष्क के कामकाज के समय कुछ ऊर्जा खर्च करता है और जिस दर पर यह ऊर्जा खर्च होती है, वह हमारे शरीर के लिए महत्वपूर्ण है। उच्च बीएमआर वाले लोग कम बीएमआर वाले लोगों की तुलना में कैलोरी को अधिक जलाते हैं जिसके परिणामस्वरूप ये व्यक्ति कितना भी खा लें, उनका वजन नहीं बढ़ता है। बीएमआर उम्र के साथ घट जाता है और मांसपेशियों में वृद्धि होने के साथ बढ़ जाता है। (और पढ़ें – मानव शरीर के बारे में 35 आश्चर्यजनक बातें) जिन लोगों का वजन नहीं बढ़ता, उन्हें भी नियमित रूप से वर्कआउट करना चाहिए क्योंकि यह ज़रूरी नहीं की पतले लोग स्वस्थ है। आमतौर से भारतीयों में एक उम्र और बीएमआई पर ज़्यादा शरीर और कमर में फैट होने की प्रवृत्ति होती है। सरल शब्दों में कहा जाए तो अगर हम भारतीय और यूरोपियन की तुलना करें तो एक ही उम्र के भारतीय और यूरोपियन जिनकी लम्बाई, वजन सामान है और जो एक ही तरह का खाना खा रहे हैं, उनमें यूरोपीय व्यक्ति की तुलना में भारतीय व्यक्ति के शरीर में अधिक फैट जमा होता है। इससे भारतीयों में हृदय रोगों और अन्य प्रकार के रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए अगली अगली बार जब आप अपने ऐसे दोस्तों या भाई बंधुओं से मिलें जिनके अधिक खाने और व्यायाम ना करने के बावजूद भी उनका वजन नहीं बढ़ता है तो उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और बीमारियों से बचने के लिए प्रतिदिन व्यायाम करने को कहें। (और पढ़ें – कही आप भी तो नहीं कर रहे हैं वजन कम करने के लिए ये डाइट मिस्टेक)
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via http://www.myupchar.com/tips/why-do-people-eat-alot-but-dont-gain-weight-in-hindi/
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