पाइल्स में गुदा के अंदर और गुदा के आसपास की जगह पर सूजन होती है। गुदा नलिका बड़ी आंत का अंतिम भाग है और लगभग 4 सेमी लंबा होता है जो गुदा नलिका के निचले सिरे पर बाहर की ओर खुलता है जिसके माध्यम से मल पास होता है। बवासीर एक बहुत ही दुख और तकलीफ देने वाला रोग होता है जिसमें अत्यधिक दर्द होने के कारण रोगी बहुत अधिक परेशान और दुखी हो जाता है। मुख्य रूप से बवासीर 2 प्रकार की होती है - आंतरिक और बाहरी।
आंतरिक बवासीर वो होती है जो गुदा नलिका के अंदर 2-3 सेंटीमीटर ऊपर होती है। आंतरिक बवासीर आम तौर पर पीड़ारहित होती है क्योंकि ऊपरी गुदा नलिका में कोई दर्द तंत्रिका फाइबर नहीं होता है। बाहरी बवासीर वो है जो गुदा नलिका के 2-3 सेंटीमीटर नीचे होती है। इसमें छोटे छोटे मस्से होते हैं जो गुदा की बाहरी परत पर होते हैं। बाहरी बवासीर दर्दनाक होती है क्योंकि गुदा नलिका के निचले हिस्से में दर्द तंत्रिका फाइबर होते हैं।
आंतरिक बवासीर को उनकी गंभीरता और आकार के अनुसार ग्रेड 1 से 4 में वर्गीकृत किया जा सकता है -
ग्रेड 1 आंतरिक बवासीर में गुदा नलिका की अंदरूनी परत पर हल्की सी सूजन होती है। इसमें दर्द नहीं होता है। ग्रेड 1 बवासीर आम है।
ग्रेड 2 में सूजन थोड़ी अधिक होती है। मल त्याग करते समय ज़ोर लगाने पर खून के साथ मस्से भी बाहर आ जाते हैं। लेकिन मल त्याग के बाद ये मस्से अंदर चले जाते हैं।
ग्रेड 3 में जब आप शौचालय में जाते हैं तो मस्सों के साथ साथ खून भी आता है। मल्त्यग करने के बाद उंगली से अंदर करने पर ये अंदर चलते जाते हानी।
ग्रेड 4 आंतरिक बवासीर में बहुत अधिक दर्द होता है। मल त्याग करते समय ज़ोर लगाने पर खून के साथ साथ मस्से भी बाहर आ जाते है लेकिन ये उंगली से अंदर करने पर भी अंदर नहीं जाते हैं। ये मस्से कभी-कभी बहुत बड़े हो जाते हैं।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
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