Thursday, July 27, 2017

पीसीओएस

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome, PCOS) एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं के सेक्स हॉर्मोन्स एस्ट्रोजेन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) का संतुलन बिगड़ जाता है। इससे अण्डाशयी सिस्ट (Ovarian Cyst)* बन जाती है। पीसीओएस एक महिला के मासिक धर्म चक्र, प्रजनन क्षमता, हृदय की कार्यवाही और रूप-आकार को प्रभावित कर सकता है।

पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम महिलाओं में होने वाला एक प्रचलित अंत: स्रावी विकार है और आजकल प्रजनन क्षमता में कमी होने के मुख्य कारणों में से एक है। 

यह परेशानी मुख्य रूप से 15 से 30 वर्ष की उम्र की महिलाओं में ज़्यादा पाई जा रही है। भारत में लगभग 10% महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित हैं। फिर भी इस परेशानी के बारे में जागरूकता न के बराबर है और महिलाएं कई वर्षों तक इसका निदान नहीं करवातीं।

* ये सिस्ट नहीं होतीं बल्कि कई छोटे अंडे होते हैं जो अभी तक परिपक्व (Mature) नहीं हुए और अल्ट्रासाउंड में अंडाशय पर नज़र आते हैं। यदि मरीज़ के शरीर में पर्याप्त हॉर्मोन्स नहीं बनते, तो अंडे परिपक्व नहीं हो पाते। जब तक अंडे विकसित और परिपक्व नहीं होते, तब तक ओव्यूलेशन (Ovulation; अंडाशय में अंडे बनना) और गर्भधारण नहीं हो सकता।

PCOS In India



from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via http://www.myupchar.com/disease/polycystic-ovary-syndrome-pcos

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