क्या आपने कभी सोचा है कि किसी डॉक्टर या मेडिकल परामर्श के बिना बॉडी बनाने के लिए जो टॉनिक लेते हैं, वे आपको किस हद तक प्रभावित कर सकते हैं? रोहित नाम के एक युवा के साथ हुई यह घटना आपकी आंखे खोल देगी कि कैसे हम लोग अपनी बॉडी बनाने के मकसद से बिना किसी चिकित्स्कीय मार्गदर्शन के लंबे समय तक लगातार सप्लीमेंट लेने के कारण अपने स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
एक वयस्क व्यक्ति का सामान्य ब्लड प्रेशर 120/80 mm/hg और 140/90 mm/hg (mm Hg: मिलीमीटर ऑफ मर्क्युरी, ब्लड प्रेशर नापने की यूनिट है) के बीच माना जाता है। जब रोहित को अस्पताल ले जाया गया, तब उनका बीपी 220/140 mm/hg था। इसके अलावा परीक्षणों से पता चला कि उनका क्रिएटिनिन स्तर भी सामान्य से छह गुना अधिक था। डॉक्टर स्वयं एक स्वस्थ, युवा व्यक्ति की ऐसी स्थिति देख कर चकित रह गए।
(और पढ़ें - क्रिएटिनिन स्तर का टेस्ट कैसा होता है)
पूछताछ पर, डॉक्टर को पता चला कि पश्चिमी दिल्ली के व्यवसायी, रोहित, बॉडी बनाने की चाहत रखते थे और अपने जिम ट्रेनर की सलाह पर चार साल से वर्कआउट से पहले लिए जाने वाले सप्लीमेंट ले रहे थे। इनमें मांसपेशियों की ताकत, ऊर्जा और क्षमता बढ़ाने के लिए कैफीन, एमीनो एसिड और क्रिएटिन जैसे तत्व शामिल थे।
(और पढ़ें - वर्कआउट से पहले क्या खाएं)
वे बताते हैं, "चार साल पहले, मेरे ट्रेनर ने सुझाव दिया कि मुझे अभ्यास से पहले प्री वर्कआउट फॉर्मूला अपनाना चाहिए। इसने मेरे ऊर्जा के स्तर में अचानक वृद्धि कर दी और मैं लंबे समय तक भारी वजन उठा सकता था।"
2003 से जिम जाने वाले 32 वर्षीय रोहित ने कहा कि जब तक किडनी प्रभावित नहीं हुई तब तक उन्होंने चार साल तक हर दिन सप्लीमेंट लिए। वे कहते हैं, "मुझे बाद में पता चला कि आम तौर पर इस तरह की खुराक कम अवधि के लिए या एक समय अंतराल पर ली जाती है।"
जिस हॉस्पिटल में रोहित को एडमिट किया गया वहां के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में नेफ्रोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांट विभाग के निदेशक और प्रमुख के मुताबिक, अगर उनके बीपी को समय रहते दवाओं से कम नहीं किया गया तो रोहित की ब्रेन हैमरेज के कारण मौत हो सकती है। वे बताते हैं, "जब रोहित को अस्पताल में लाया गया तब उनका क्रिएटिनिन का स्तर 6.7 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर की सामान्य सीमा के मुकाबले 0.84-1.21mg था। वे किडनी फेल होने से केवल एक कदम दूर थे, अगर ऐसा हो जाता तो उनको जीवन भर डायलिसिस की आवश्यकता होती।"
(और पढ़ें - बीपी कम करने के लिए योग)
सौभाग्य से, रोहित के मामले में, सप्लीमेंट का सेवन तत्काल बंद करने, बीपी को नियंत्रित करने के लिए दवा लेने और सही आहार लेने के चलते वे खतरे से बाहर निकल गए। लेकिन अब उन्हें इस बात पर प्रतिबंध के साथ रहना होगा कि वह क्या खा सकता है और कितना व्यायाम कर सकते हैं। डॉक्टर कहते हैं, "किडनी की कार्य क्षमता को पूरी तरह से बहाल नहीं किया जा सकता है। इसलिए, इसे अधिक खराब होने से रोकने के लिए, रोहित को स्ट्रीट फूड से बचने की सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि ज्यादा कठिन एक्सरसाइज भी नहीं करना चाहिए, केवल नियमित सैर करें।"
(और पढ़ें - सुबह सैर करने के फायदे)
डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल में सभी किडनी रोगियों में से 10% ऐसा युवा हैं जो सप्लीमेंट के अत्यधिक प्रयोग के शिकार हैं। वे बताते हैं, "हेल्थ सप्लीमेंट के लंबे समय तक उपयोग के कारण मेरे कम से कम तीन रोगियों की किडनी पूरी तरह खराब हो चुकी हैं और अब वे डायलिसिस पर हैं।"
दिल्ली के प्रसिद्ध लिवर एंड बायलरी साइंस इंस्टिट्यूट में नेफ्रोलॉजी के प्रमुख ने बिना चिकित्सकीय देखरेख के अक्सर सप्लीमेंट का उपयोग करने वाले युवाओं की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि के बारे में चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "कभी भी किसी डॉक्टर या योग्य पेशेवर की सलाह के बिना प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट या प्रोटीन सप्लीमेंट नहीं लेना चाहिए। लेकिन जागरूकता की कमी के कारण, इस तरह की प्रथा चल रही है और जो आमतौर पर पूरी तरह स्वस्थ व्यक्तियों का भी स्वास्थ्य संकट में डाल रही है।"
एक बड़े फिटनेस सेंटर के प्रबंध निदेशक ने कहा, जिम जाने वाले लगभग 20% पुरुष ऐसे सप्लीमेंट लेते हैं। वे कहते हैं, "अधिक प्रोटीन वाली ड्रिंक्स लेना भी आम हैं। डॉक्टर की देखरेख में या चिकित्सा पेशेवर के मार्गदर्शन में इनका सेवन किया जाए तो अच्छा रहता है।"
(और पढ़ें - प्रोटीन पाउडर कितनी मात्रा में लेना चाहिए)
नोट: यह लेख एक सच्ची घटना पर आधारित है, लेकिन रोगी की पहचान गुप्त रखने के उद्देश्य से उनका नाम और अन्य निजी जानकारियां बदली गयी है। यह लेख लिखने के पीछे हमारा मुख्य उदेश्य केवल हमारे पाठकों को जागरूक करना है।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
via https://www.myupchar.com/disease/kidney-disease/muscle-supplements-turns-poison-for-kidneys
A very good article please go to best hair oil for men
ReplyDeleteApple Benefits In Hindi | सेब खाने के फायदे | सेब खाने का सही समय सेब ऐसा एक फल हैं जिसे बच्चे और बढ़े हर कोई पसंद करता हैं। हर रोज एक सेब खाने से डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ता है। बचपन से ही हम सभी ये बात सुनते आ रहे हैं की “An apple a day keeps the doctor away” पर क्या आप इस बात पर यकीन भी करते हैं? पर ये वाकई सच है कि हर रोज एक सेब खाने के फायदे (Apple Benefits In Hindi) से कई तरह की बीमारियों के होने की डर कम हो जाती है।
ReplyDeleteIt is good article about health
ReplyDelete