मसूड़ों की बीमारी का एक बहुत ही सामान्य रूप है मसूड़ों की सूजन। यह मूलतः मसूड़ों का एक हल्का संक्रमण होता है। किसी को भी मसूड़ों के सूजन की समस्या हो सकती है लेकिन कई लोगो को इसका अनुभव नहीं हो पाता। इसके आम लक्षण जैसे जलन, लालिमा और मसूड़ों की सूजन आदि शामिल हैं। अन्य लक्षण जैसे सांस से गंध आना, दांत ढीले पड़ना, मसूड़ों में से खून निकलना खासकर तब जब ब्रशिंग या फ्लॉसिंग करते हैं आदि शामिल हैं। मसूड़ों की सूजन का सबसे आम कारण है खराब मौखिक स्वच्छता, दांतों में मैल जमना। प्लाक एक अदृश्य, चिपचिपा पदार्थ होता है जो बैक्टीरिया से बना होता है जो मसूड़ों के साथ-साथ दाँतों में भी असहजता पैदा करता है।
कुछ कारक मसूड़ों की सूजन के खतरे को और भी ज़्यादा बढ़ा सकते हैं जैसे अत्यधिक धूम्रपान, तम्बाकू, बढ़ती उम्र, शुगर (मधुमेह), कुछ दवाएं, टूटे दांत, गर्भावस्था, आनुवंशिकी, शुष्क मुंह और खराब आहार आदि शामिल हैं। अगर इलाज अधूरा छोड़ दिया जाये तो मसूड़ों की सूजन गंभीर हो सकती है और एक बेहद गंभीर संक्रमण हो सकता है जिसे पेरियोडोंटिटिस के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा करने से आपके दांतों का भी नुकसान हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार मसूड़ों की सूजन इन कारणों से भी बढ़ सकती है जैसे मधुमेह, हृदय रोग और फेफड़ों की बीमारी। यह गर्भवती महिलाओं में समय से पहले प्रसव के जोखिम को भी बढ़ाता है।
मौखिक स्वास्थ्य से सम्बंधित अच्छी आदतें - दिन में कम से कम दो बार ब्रश करें, रोज़ाना फ्लॉसिंग करें, रोज़ाना डेंटिस्ट से जांच करवाएं इससे मसूड़ों की समस्या से आप दूर रहेंगे। आपके डेंटिस्ट आपकी ज़रूरतों के हिसाब से और भी कई मौखिक स्वास्थ्य से सम्बंधित आदते बताएंगे।
अच्छी मौखिक स्वच्छता के अलावा आप कुछ घरेलू उपायों का भी प्रयोग कर सकते हैं जिसके इस्तेमाल से आप मसूड़ों का इलाज और बचाव दोनों कर पाएंगे।
from myUpchar.com के स्वास्थ्य संबंधी लेख
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