इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन क्या है?
शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर का कम या ज्यादा होने की स्थिति को इलेक्ट्रोलाइट विकार (electrolyte disorder) कहा जाता है। इलेक्ट्रोलाइट्स शरीर में प्राकृतिक तत्व होते हैं। यह कई शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
इलेक्ट्रोलाइट के उदाहरणों में शामिल हैं -
- कैल्शियम
- क्लोराइड
- मैग्नीशियम
- फॉस्फेट
- पोटैशियम
- सोडियम
ये पदार्थ आपके खून, शारीरिक तरल पदार्थ और मूत्र में मौजूद होते हैं। इसके अलावा आप इनको भोजन, पेय और पूरक आहार के साथ भी खाए जाते हैं।
आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए इलेक्ट्रॉलाइट्स को एक समान संतुलन में बनाए रखने की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रॉलाइट्स दिल और तंत्रिका तंत्र, द्रव संतुलन, ऑक्सीजन और अन्य एसिड के संतुलन आदि को नियमित करने में सहायता करते हैं। अत्यधिक खाने, इलेक्ट्रॉलाइट्स का स्तर कम होने, कम खाने से इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकता है।
सोडियम, पोटेशियम और कैल्शियम के स्तर में असामान्यताएं इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन की गंभीर स्थिति होती हैं। अन्य प्रकार के इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन कम देखने को मिलते हैं। रेचक (laxative) का अत्यधिक उपयोग, गंभीर दस्त और उल्टी (गैस्ट्रोएन्टेरिटिसिस) तीनो ही इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकते हैं, और इसके निर्जलीकरण होना भी साम्य है। बुलिमिया (Bulimia) या एनोरेक्सिया नर्वोजा (anorexia nervosa) नामक रोग से पीड़ित लोग में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का ज्यादा जोखिम होता है।
गंभीर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण कोमा, दौरा पड़ना और कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
(और पढ़ें - दिल का दौरा पड़ना)
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