मासिक धर्म महिलाओं के शरीर की एक सामान्य प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया उनकी प्रजनन क्षमता से संबंध रखती है। हर महिला को अपने पीरियड्स से जुड़ी सभी बातों के बारे में बारीकि से ध्यान रखना चाहिए। हर महिला में मासिक धर्म चक्र अलग-अलग हो सकता है। इसके अलावा उनके मासिक धर्म में रक्त का स्त्राव भी कम या ज्यादा हो सकता है। आमतौर में हर 21 से 35 दिनों की अवधि के पश्चात महिलाओं को मासिक धर्म (पीरियड्स) होते हैं। सामान्यतः माहवारी में रक्त स्त्राव दो से सात दिनों तक हो सकता है। हालांकि यह अवधि शारीरिक बदलाव के कारण बदल सकती है। महिलाओं के नियमित मासिक धर्म चक्र में जब रक्त स्त्राव कम हो या रक्तस्त्राव कम दिनों के लिए हो तो इसको मासिक धर्म कम आना कहा जाता है। मासिक धर्म में होने वाली अनियमितताएं महिलाओं के लिए समस्या का कारण बन जाती हैं। समाज में इस बारे में खुलकर बात नहीं की जाती है, इसी कारण महिलाओं के मन में मासिक धर्म को लेकर कई तरह के सवाल कभी सुलझ नहीं पाते हैं। महिलाओं की इसी परेशानी को देखते हुए आपको मासिक धर्म का कम आना, मासिक धर्म में कम आने के लक्षण, कारण, इलाज और जटिलताओं के बारे में बताया जा रहा है।
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